विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - Novels
by सीमा बी.
in
Hindi Human Science
मेरी ये कहानी आप सब के समक्ष प्रस्तुत है।ये कहानी दो दोस्तों की अटूट दोस्ती की कहानी है। हमारा समाज आज भी एक लड़के और एक लड़की की दोस्ती को खुले दिल से स्वीकार नहीं कर पाता। ये कहानी ...Read Moreदोस्तों के साथ साथ उनके परिवारों के बीच में एक प्यारे से रिश्ते की कहानी है। अभी तक जितनी कहानियाँ मैंने इस प्लेटफॉर्म पर लिखी हैॆ उनको आपसे प्यार मिला है जिससे मैं अभिभूत हूँ। आशा है कि आप सबको मेरी ये कहानी भी पसंद आएगी। प्लीज अपनी राय कमेंट के जरिए जरूर दीजिएगा। आपका लाइक और कमेंट हमें लिखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
मेरी ये कहानी आप सब के समक्ष प्रस्तुत है।ये कहानी दो दोस्तों की अटूट दोस्ती की कहानी है। हमारा समाज आज भी एक लड़के और एक लड़की की दोस्ती को खुले दिल से स्वीकार नहीं कर पाता। ये कहानी ...Read Moreदोस्तों के साथ साथ उनके परिवारों के बीच में एक प्यारे से रिश्ते की कहानी है। अभी तक जितनी कहानियाँ मैंने इस प्लेटफॉर्म पर लिखी हैॆ उनको आपसे प्यार मिला है जिससे मैं अभिभूत हूँ। आशा है कि आप सबको मेरी ये कहानी भी पसंद आएगी। प्लीज अपनी राय कमेंट के जरिए जरूर दीजिएगा। आपका लाइक और कमेंट हमें लिखने
विश्वास (भाग -3)उमा जी के अंदर आते ही टीना की आँखों में सवाल थे जिन्हें पढ़ कर उनको जितना पता चला था, कह सुनाया। पोती के चेहरे पर दुख की लकीरें दादी देख पा रही थी।रात भर साथ वाले ...Read Moreसे कराहने की आवाज़े आती रहीं। सुबह नर्स टीना का चेकअप करने आयी तो टीना ने साथ वाले कमरे के पेशेंट के बारे में अपनी डायरी में लिख पूछा। "उनके पैर की हडडी टूट गयी है इसलिए वो दर्द में हैं, उनका ऑपरेशन हो रहा है"। नर्स बता कर और उसको सुबह की दवाई खिला कर चली गयी।नर्स के जाने
विश्वास (भाग --4)अब जब से टीना का एक्सीडेंट हुआ है वो बस टीना के पास ही रहती हैं। उमेश और मीनल सुबह उनका नाश्ता और दोपहर का खाना ले आते हैं। डॉक्टर के राउंड पर आने के बाद उनसे ...Read Moreकरके ऑफिस चले जाते हैं और मीनल बच्चों के स्कूल से वापिस आने तक घर फिर शाम को टीना के चाचा चाची दोनो से मिलने और उमा जी के लिए खाना लेकर। परिवार में सभी कह कह कर थक गये कि, "माँ हम सब हैं, टीना के पास बारी बारी रूक सकते हैं"। उनका बस यही कहना कि "मैं घर
विश्वास (भाग -6)"जी जरूर माँजी", कह मीनल ने उनके हाथ से मोबाइल ले कर चार्जिंग पर लगा दिया।धन्यवाद, मैं थोड़ी देर में आ कर ले जाऊँगीं।"बहन जी आपने कुछ खाया"? उमा जी ने पूछा तो वो बोली," एक बार ...Read Moreहोश आ जाए तभी कुछ खा पाऊँगीं"।"आपके पति बिल्कुल ठीक हो जाँएगे, चिंता मत कीजिए"। उमा जी ने दिलासा दी, तब तक मीनल ने एक प्लेट में सेब काट उनकी ओर बढाया, "माँजी आप थोड़ी बहुत खा लीजिए"। "धन्यवाद बेटा", कह सेब की एक फाँक प्लेट से ली।उमा जी--- "बहन जी आप के साथ जो आए थे, भाई साहब को
विश्वास (भाग --8)सरला जी के जाने के बाद दादी पोती की खामोशी से एक दूसरे से बातें करने लगी।अक्सर ऐसा ही होता था, जब टीना दुखी होती तो दादी चुप हो जाती थी क्योंकि वो जानती थी, अभी उसको ...Read Moreकहना मतलब दुखी करना है।रोज की तरह ठीक समय पर नर्स टीना को सैशन के लिए लेने आ गयी। 45 मिनट का सैशन होता है पर आज टाइम ज्यादा लग रहा था। आज डॉ. साहब ने टीना को कुछ कसरत करने का तरीका बताया जो उसको अपने आप बैठे -बैठे करने की कोशिश करनी है, दिन में 2-3 बार।उसके बाद
विश्वास (भाग -9)"सरला जी, एक प्लेट में खाना लगा कर भुवन बेटे को भी वहीं दे देते हैं ,वो भी खा लेगा"। उमा जी ने कहा तो सरला ने भी कहा "हाँ ये ठीक रहेगा, मैं दे आती हुँ"। ...Read Moreभुवन को खाना दे कर आयी तो उन लोगों ने भी खाना खा लिया।"बहन जी खाना बहुत अच्छा था, धन्यवाद आपने इस अनजान शहर में इतना अपनापन और सम्मान दिया, शुक्रिया बहुत छोटा शब्द है पर बहुत बहुत आभार आपका"। सरला के ऐसा कहने पर उमा जी ने उन्हें अपने गले लगा लिया। "सरला तुम मुझे अपनी बड़ी बहन समझो।
विश्वास (भाग --10)टीना को रात की खामोशी कई बार इतना बेचैन करती है कि दवा खाने के बाद भी नींद आँखों से कोसों दूर भाग जाती है। हम सबके साथ कभी न कभी ऐसा ही तो होता है , ...Read Moreदिनभर बहुत बिजी रहने के बाद भी रात को कुछ बातें या यादें हमें घेर कर नींद को पास ही नहीं फटकने देती। मेरे साथ तो अक्सर होता रहता है। टीना को स्कूल कॉलेज की यादें और दोस्त बहुत याद आते हैंं। एक्सिडेंट से पहले वाली टीना उसको जागने पर मजबूर कर देती है उसके ऊपर ये निराशा कि वो
विश्वास (भाग - 11)"क्या सीक्रेट बातें हो रही हैं दादी पोती में"? उमेश ने दोनो से हँसते हुए पूछा। "हाँ भई हम को भी बताओ कुछ", अपने साथ लाया सामान टेबल पर रखते हुए मीनल ने कहा।"कुछ सीक्रेट नहीं ...Read Moreइसको सिर में दर्द हो रहा है तो दबा रही थी"।"अब कैसा है बेटा? कुछ आराम मिला"? टीना ने "हाँ" में सिर हिला कर जवाब दिया।"मेरी गुडिया बहुत ब्रेव है", सब प्रॉब्लम्स को भगा देती है,"। पापा ने बेटी की तारीफ करते हुए कहा। "अच्छा माँ अब चलता हूँ, आज एक मीटिंग है तो देर हो रही है, मीनल तुम
विश्वास (भाग --12)मीनल के घर जाने का टाइम हो रहा था, "माँ मैं चलती हूँ, किसी चीज की जरूरत हो तो आप फोन कर देना"। "ठीक है", कर दूँगी। "कल सुबह वीरेश को भेज देना, कल तुम थोड़ा आराम ...Read More"ठीक है माँ, आप लोग लंच टाइम पर कर लेना, सरला जी को बोल दिया है वो आ जाँएगीं और आप अपना भी ध्यान रखो",कह मीनल वहाँ से चल दी। "सरला मेरा खाना तो यहीं से आता है, मैं खा लूँगा तुम अपनी दीदी के साथ वहीं खा कर आओ, थोड़ा मन भी बहल जाऐगा तुम्हारा"। "ठीक है चली जाऊँगी
विश्वास (भाग--13)डॉ. से मिल कर उमा जी को तसल्ली हुई। कमरे में आकर उन्होंने मीनल को फोन करके सब बताया। "हाँ माँ अब उसको घर ही ले आएगें बाकी सब तो घर से ही हम मैनेज कर लेंगे"। मीनल ...Read Moreकहा तो उन्होंने भी "ठीक कह रही हो बहु", अच्छा अब फोन रखती हूँ।सब कुछ रोज जैसा ही चल रहा था। टीना और दादी लूडो खेल कर हटी तो उसने दादी को सरला जी के कमरे से हो कर आने को कहा। "ठीक है मेरी दादी माँ देख आती हूँ, तू इतनी समझदार क्यों है मेरी परी"। दादी की बात
विश्वास (भाग --14)टीना का एक दो शब्दो में जवाब देने से भुवन को लगा कि शायद टीना को उससे बात करना पसंद नही है, मन में शक रखना उसे आता ही नही था तो उसने सीधा ही पूछ लिया, ...Read Moreमुझसे बात करना पसंद नही है तो आप बता सकती हो मुुझे, हम बात नहीं करेंगे"! "नहीं ऐसा नही है, मैं लिख कर जवाब देती हुँ तो सोचती हूँ कि कम लिखूँ, नहीं तो आप मेरा जवाब लिखने तक बोर हो जाओगे", टीना की बात सुन कर मुस्कराए बिना वो नहीं रह पाया ।"आप इतना मत सोचो, मुझे बोरियत नहीं
विश्वास (भाग --15)भुवन ने नं सेव करके उसे फोन दिखाया, टीना ने देखी उसका नं भुवन ने शेरनी(tigeress) के नाम से सेव किया था। उसने इशारे से इसका कारण पूछा तो बिना जवाब दिए मुस्करा कर चला गया। एक ...Read Moreबाद दुबारा आकर उमा जी को बोल कर गया," दादी जिस दिन आपकी ये पोती मुझे फोन करके बुलाएगी उस दिन मैं आऊँगा, अब ये इस पर है कि कितने दिन लगाती है बोलने में, पर मुझे पता है बोलेगी तो जरूर"। भुवन की बात सुन कर टीना को हाँ में सिर हिलाते देख उमा जी बहुत खुश हुई।मन ही
विश्वास (भाग 16)"गेट वेल सून टीना", कह कर नर्स डॉली ने उससे हाथ मिलाया। टीना मुस्करा दी। 2 महीने से ज्यादा वक्त टीना यहाँ बिता कर दादी के साथ हॉस्पिटल से बाहर निकल रही थी। दोनो ही खुले आसमान ...Read Moreदेख कर मुस्करा दी, ऐसा लग रहा है कि आधी से ज्यादा लड़ाई वो जीत चुके हैं जो थोडी सी बाकी है, वो जीतने के लिए कमर कस कर तैयार हैं।कुछ दिन पहले की टीना और इस पल की टीना में काफी फर्क है। उमेश ने भी इस बदलाव को महसूस किया और खुश भी हैं कि उनकी टीना अब
विश्वास (भाग -17)"टीना बेटा अब उठ जा, नही तो रात को नींद नही आएगी", दादी के उठाने पर वो उठी तो उसके पैरों की तरफ आकाश खड़ा था। आकाश टीना से 5 साल छोटा है। 11वीं में पढ़ता है, ...Read Moreवो आदतों से छोटा है। मम्मी के बिना वो बस स्कूल ही जाता है। घर आने के बाद तो जो माँ कहेगी बस वही करेगा। पापा से वो बहुत डरता है, और टीना को अपनी मम्मी से डर लगता है।टीना हमेशा आकाश को परेशान करती और मम्मा बॉय कहकर चिढ़ाती। आकाश माँ को उसकी शिकायत करता तो मीनल टीना को
विश्वास (भाग--18)टीना बहुत दिनों के बाद अपने आप को हल्का महसूस किया। परिस्थितयाँ कैसी भी हों सबसे पहले हमारी नींद गायब हो जाती है। चाहे दुख हो या सुख!!! टीना बहुत देर तक भुवन की बातों पर सोचती रही ...Read Moreन जाने कब उसको नींद आ गयी। बहुत दिनों के बाद टीना की घर में पहली सुबह भी शानदार रही। सबसे पहले वो गैलरी में चिडियों को देखने गई, चिड़ियों की चहचहाहट उसे अच्छी लग रही थी। उनके लिए दाना पानी सब रखा हुआ था, फिर भी एक चिडिया पिंजरे में चुप सी लगी। टीना को पिजंरा हॉस्पिटल लगा और
विश्वास (भाग-19)टीना मैसेज पढ़ कर उदास हो गयी। जब से भुवन से दोस्ती हुई थी तब से उसकी सोच पॉजीटिव हो रही थी। अब वो भी जल्द से जल्द ठीक होने के लिए अपना ध्यान रखने लगी। भुवन को ...Read Moreकर रही थी, पर उसका तो फोन ही बंद था। अब उसको भुवन की तरफ से ही इंतजार था। जब हमें किसी का इंतजार होता है तो अपनी रफ्तार से चलता वक्त भी रुका हुआ लगता है। ऐसा ही टीना के साथ हो रहा था। वो भुवन से अपनी बातें शेयर करना चाह रही थी। 2 हफ्ते फिर दो महीने
विश्वास (भाग--20)भुवन को टीना के परिवार में सब बहुत सरल स्वभाव के लगे। बच्चे वही करते हैं जो घर के बड़ो को करते हुए देखते हैं, इसलिए टीना के भाई और कंजस सब उसको समझदार लगे पर साथ ही ...Read Moreभी।यही सब सोचता हुआ भुवन घर पहुँच गया।भुवन के अपने ही दोस्त बस नाम मात्र के थे। अब टीना उसकी पक्की और अच्छी वाली दोस्त बन गयी है तो वो भी दोस्ती को अच्छे से निभाएगा सोच कर सो गया। आज उसको पता चला कि जिस टीना से वो हॉस्पिटल में मिला था वो तो उससे बिल्कुल ही अलग है।