Antara book and story is written by Aastha Rawat in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Antara is also popular in Thriller in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अंतरा - Novels
by Aastha Rawat
in
Hindi Thriller
दोस्ती भी कितनी अजीब चीज है न, कब, कहां, और किससे हो जाए कुछ पता नही।
मेरी और अंतरा की दोस्ती भी कुछ ऐसे ही हुई थी।
जानते है कहां
एक सिंगिंग ऐप पर…
गाते गाते पता नहीं हम दोनो कब दोस्त बन गए।
गाने का मुझे बहुत शौक था।
समय निकाल कर
गाने बजाने में ही लगी रहती।
लता दीदी, आशा भोसले , श्रेया घोषाल के गानों से तो मेरी पूरी प्लेलिस्ट भरी पड़ी थी।
कभी शमशाद बेगम के कुछ नगमों का भी लुत्फ उठाती और उन्हें भी इत्मीनान से गाती।
कभी “मेरे पिया गए रंगून”
तो कभी
"कभी आर कभी पार लगा तीर ऐ नज़र”
दोस्ती भी कितनी अजीब चीज है न, कब, कहां, और किससे हो जाए कुछ पता नही।
मेरी और अंतरा की दोस्ती भी कुछ ऐसे ही हुई थी।
जानते है कहां
एक सिंगिंग ऐप पर…
गाते गाते पता ...Read Moreहम दोनो कब दोस्त बन गए।
जैसे ही गाना खत्म हुआ हम घर के दरवाजे पर थे। ये लीजिए आप का घर आ गया अंतरा। डॉक्टर ने ब्रेक लगाया। और वो दोनों कार से निकले। जैसे ही को बाहर आए एक तेज गड़गड़ाहट के साथ ...Read Moreबरसात शुरू हो गई। अंतरा तेजी से भागकर घर के दरवाजे का लॉक खोलने लगी। दरवाजा खोलकर अंतरा ने में डॉक्टर मृदुल को अंदर आने का इशारा किया। अरे आ जाइए डॉक्टर साहब। डॉक्टर कुछ हिचकिचाट से बोले। नहीं नही नो प्रोब्लम मैं चलता हूं। अंतरा मुस्कुराई और बोली अरे कम से कम मौसम की पहली बारिश की पहली चाय