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अंतरा - भाग 2

जैसे ही गाना खत्म हुआ हम घर के दरवाजे पर थे।
ये लीजिए आप का घर आ गया अंतरा।


डॉक्टर ने ब्रेक लगाया।
और वो दोनों कार से निकले।


जैसे ही को बाहर आए एक तेज गड़गड़ाहट के साथ तेज बरसात शुरू हो गई।

अंतरा तेजी से भागकर घर के दरवाजे का लॉक खोलने लगी।

दरवाजा खोलकर अंतरा ने में डॉक्टर मृदुल को अंदर आने का इशारा किया।

अरे आ जाइए डॉक्टर साहब।

डॉक्टर कुछ हिचकिचाट से बोले।

नहीं नही नो प्रोब्लम मैं चलता हूं।

अंतरा मुस्कुराई और बोली
अरे कम से कम मौसम की पहली बारिश की पहली चाय तो पीते जाइए।


डॉक्टर साहब हंसने लगे।
आता हूं। डॉक्टर एक हाथ सर के ऊपर रख के तेजी से दरवाजे तक भागे।



दोनो ने घर में प्रवेश किया।


घर बिल्कुल साफ सुधरा और रोशनी से भरा था
लग नही रहा था की बंद पड़ा घर हो


हॉल के एक कोने में बड़ी सी विंडो के पास वुडन के सोफे थे जिनमें प्लेन व्हाइट कलर की गद्दीयां थी।
डॉक्टर और अंतरा वहां जाकर बैठ गए।


डॉक्टर साहब ने बड़ी विंडो से उसके हल्के से व्हाइट पर्दे हटाए और बाहर सड़क पर पड़ने वाली बूंदों को ध्यान से देखने लगे।


आप बैठिए मैं चाय लाती हूं।
अंतरा बोली और किचन की तरफ़ चली गई।
अंतरा थोड़ी देर बाद किचन से बाहर आई
उसके हाथ में एक चाय की ट्रे और एक ट्रे में करारे पकोड़े थे।

अंतरा ने उसे मेज पर रखा और डॉक्टर को आवाज दी।

डॉक्टर साहब जो खुशी के साथ उन बरसात की बूंदों को देख रहे थे
अब उनके चेहरे पर मायूसी झलक रही थी।


क्या हुआ।
अंतरा ने धीमे से पूछा।

ओह कुछ नही।

डॉक्टर झटके से बोले।

खोए खोए लग रहे थे अंतरा ने पूछा।

नही खोया तो नही बस बारिश की बूंदों को देखकर पुरानी यादें फिर ताजा हो गई।

अच्छा यादें भी ताजा कीजिए और ये लीजिए गरमा गरम चाय और पकोड़े का भी लुत्फ उठाइए।


अरे वाह इतनी जल्दी पकोड़े कैसे तैयार हो गये।


बस हो गए आप टेस्ट तो कीजिए।


वाह ये बहुत स्वादिष्ट है।
वेरी डिलीशियस।

आप भी लीजिए।


थैंक यू डॉक्टर।

अंतरा और डॉक्टर दोनो चाय पीते पीते बातों में लगे रहे।

तभी अचानक डॉक्टर का फोन बजा।
डॉक्टर हड़बड़ी में फोन उठाया और खड़े होकर विंडो के पास चले गए।
हेलो हां हां ठीक है
वो ठीक है।
तुम चिन्ता मत करो।
में तुमसे मिलता हूं।


अंतरा डॉक्टर को फूफुसाहट ध्यान से सुन रही थी।
क्या हुआ किसका कॉल था डॉक्टर।


अरे कुछ नहीं एक पसेंट था कोई।
ओके अंतरा अभी में। चलता हूं।
कोई भी प्रोब्लम हो कॉल करना।
ठीक है डॉक्टर


थैंक यू सो मच आप न होते तो नजाने मेरा क्या होता।

आप ही मुझे राइट टाइम पे हॉस्पिटल ले गए।
मेरा इतना ध्यान रखा थैंक यू..

थैंक यू की कोई बात नहीं अंतरा ये तो मेरा काम है।
डॉक्टर अंतरा से विदा लेकर निकल जाते है।

अंतरा
ने टेली फोन उठाया और उसे लेकर अपने कमरे में चली गई।
उसने एक नंबर डायल किया और उस पर कॉल लगाई।



मैं उस टाइम बालकनी में टहलते हुए सुहावने मौसम का आनंद ले रही थी।

तभी मेरा फोन बजा अंतरा की कॉल देखकर मैंने झट से कॉल पिक अप किया।

अंतरा मिल गया अस्पताल से डिस्चार्ज ?


हां हां डिस्चार्ज भी मिल गया और एक चाय पकोड़ा डेट भी।


चाय पकोड़ा डेट ये क्या है भई।



एक स्पेशल डेट है।
बिलकुल पहली बारिश की तरह
पहली बारिश की पहली डेट।


ओहो स्पेशल हां।


जानती हो आज कितना प्यारा दिन था।
पहले तो लॉन्ग ड्राइव एंड फिर पकोड़ा डेट।


कहीं डॉक्टर साहब ने प्रपोज भी तो नही कर दिया।


टेंशन मत ले वो कर देंगे।
अंतरा हंसते हुए बोले।


मैने सोचा तुझे बता ही देती हूं।


हां यार आई एम वैरी हैपी फॉर यू।
अब तू टेंशन मत ले सब ठीक होगा।


हां हां बेस्ट फ्रेंड कोई टेंशन नहीं है चल ठीक है अभी मैं रखती हूं।

अंतरा ने कॉल रख दी।


अंतरा को आज इतना खुश देख मुझे बहुत अच्छा लगा ।



अंतरा ने फोन साइड टेबल पर रखा और
रेडियो बजा कर आईने के आगे अपने बाल संवारने लगी
और साथ साथ गुनगुनाने भी लगी.
ये है रेशमी ज़ुल्फों का अँधेरा न घबराइए
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की चले आइये
सुनिए तो ज़रा जो हकीक़त है कहते हैं हम
खुलते रुकते इन रंगीं लबों की कसम
जल उठेंगे दिये जुगनुओं की तरह
जल उठेंगे दिये जुगनुओं की तरह
जी तबस्सुम तो फरमाइए
अंतरा मधुर संगीत की धुन में खोई हुई थी।
तभी अचानक उसे आईने में एक शाया दिखा।
ये क्या था,?

कौन है।
कमरे के दरवाजे से कोई गुजरा
अचानक से ….
कौन है वहां
अंतरा दौड के दरवाजे के पास गई
उसने चारो तरफ देखा
कोई भी था।
वो घबरा गई दो पल वही दरवाजे के पास खड़ी रही फिर

उसने अपने हाथ में मेज़ पर पड़ा फूल
उठाया और वो स्टोररूम की तरफ चली गई।


उसने धीरे से स्टोर रूम का दरवाजा खोला।
अंधेरे स्टोर रूम में अंतरा अंदर न जा सकीं

वो डर कर दरवाजे के पास ही खड़ी रही।
अचानक से उसे एक आवाज सुनाई दी।

पुराने सोफे के पीछे से कोई धीमी धीमी आवाज।
अंतरा ने जोर से चीखी और फ्लावर पॉट जोर से सोफे के पीछे पटक दिया।


अब कोई आवाज नहीं थी।


अंतरा धीमे कदमों से सोफे के पास गई।
तभी अचानक एक मोटा चूहा तेज रफ़्तार के साथ अंतरा के पैरों के पास से गुजरा


वो कूद पड़ी और बाहर भाग आई
यहां तो कोई नहीं था।
दरवाजा भी बंद है
कोई तो था यहां
या कहीं मेरा भ्रम


उसने पूरा घर छान मारा कोई नही था।
इतना बड़ा घर भी तो नही है को कोई कही छुपा हो और मिले ही ना


शायद मेरा भ्रम था डॉक्टर ने वैसे भी कहा था कमजोरी है ये सब हो सकता है।
आराम करती हूं क्या पता फिर ठीक महसूस हो ।


अंतरा ने सारे खिड़की दरवाजे बंद किए।

और अपने कमरे का दरवाजा बंद कर के सो गई।



अगली सुबह जैसे मेरी आंख खुली
तो फोन में नोटिफिकेशन साउंड बजा।
मैने चेक किया तो अंतरा का मैसेज
वो भी जानते हैं क्या ..


उसने लिखा था।
• में जानती हूं तुम्हे तो पता नही होगा में ही बता देती हूं आज मेरा बर्थडे है।
तुम्हारी गुड विशेज का इंतजार रहेगा।


ये अंतरा भी अपना बर्थडे भी खुद ही बता रही है और विश करने को भी खुद ही बोल रही है।


मैने तुरंत अंतरा को कॉल।
उसने झट से कॉल पिक किया
हे मैं जानती थी जैसे ही मैसेज सीन करोगी झट से कॉल करोगी।
हैपी बर्थडे डियर
थैंक यू सो मच तू आ रही है न।
नही यार अंतरा इतनी दूर कैसे आऊं मैं सॉरी यार।
लेकिन जल्दी मिलते है मेरे बर्थडे पे तब तू जरूर आना।


हां हां तेरे जैसी नहीं में आऊंगी भी और तेरा बर्थडे भी सेलिब्रेट करूंगी और कुछ टाइम तेरे साथ रहूंगी भी

पक्का


चल अभी रखती हूं बहुत तैयारी करनी है बहुत सारे फ्रेंड आएंगे।
बहुत काम है
में तुझे शाम को कॉल करती हूं
ओके हैपी बर्थडे अगेन डियर अंतरा..