Pauranik Kathaye book and story is written by Devaki Ďěvjěěţ Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pauranik Kathaye is also popular in Mythological Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
पौराणिक कथाये - Novels
by Devaki Ďěvjěěţ Singh
in
Hindi Mythological Stories
कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजन किया जाता है। खासतौर पर यह त्यौहार मनुष्यों के द्वारा प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए गोवर्धन का ये पर्व मनाया जाता है। इस दिन गिरिराज यानी गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन अन्नकूट का भोग लगाने की परंपरा है। इस दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और पशुधन की आकृति बनाई जाती है और विधि-विधान से पूजा की जाती हैं। कहा जाता है कि गोवर
कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजन किया जाता है। खासतौर पर यह त्यौहार मनुष्यों के द्वारा प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए गोवर्धन का ये पर्व मनाया जाता है। इस दिन गिरिराज ...Read Moreगोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन अन्नकूट का भोग लगाने की परंपरा है। इस दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और पशुधन की आकृति बनाई जाती है और विधि-विधान से पूजा की जाती हैं। कहा जाता है
भाई दूज का त्योहार बहन और भाई के अटूट रिश्ते को समर्पित है। हिन्दू पंचांग के अनुसार ये पर्व हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें रोली एवं अक्षत से अपने ...Read Moreका तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं। इस त्यौहार को भैया दूज, यम द्वितीया और भाई टीका के नाम से भी जाना जाता है।भैया दूज त्यौहार का मुख्य उद्देश्य, भाई-बहन के मध्य सद्भावना, तथा एक-दूसरे के प्रति निष्कपट प्रेम को प्रोत्साहित करना है। भैया दूज के दिन ही पांच दीनो तक चलने वाले दीपावली उत्सव का
छठ बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। लगभग सभी सभ्यताओं में 'सूर्य देवता' की पूजा का एक पर्व है, लेकिन बिहार में इसका एक अनूठा रूप है। छठ पर्व एकमात्र ऐसा ...Read Moreहै जहां उगते सूर्य के साथ-साथ अस्त होते हुए सूर्य की भी पूजा की जाती है। छठ पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व पर भगवान सूर्य की उपासना करते हैं और उन्हें अर्ध्य देते हैं। इस पर्व को डाला छठ भी कहा जाता है क्योंकि डलिया में प्रसाद सजाकर, पानी में
तुलसी विवाह की पौराणिक कथा एक बार शिव ने अपने तेज को समुद्र में फैंक दिया था। उससे एक महातेजस्वी बालक ने जन्म लिया। यह बालक आगे चलकर जालंधर के नाम से पराक्रमी दैत्य राजा बना। इसकी राजधानी का ...Read Moreजालंधर नगरी था। दैत्यराज कालनेमी की कन्या वृंदा का विवाह जालंधर से हुआ। जालंधर महाराक्षस था। अपनी सत्ता के मद में चूर उसने माता लक्ष्मी को पाने की कामना से युद्ध किया, परंतु समुद्र से ही उत्पन्न होने के कारण माता लक्ष्मी ने उसे अपने भाई के रूप में स्वीकार किया। वहाँ से पराजित होकर वह देवी पार्वती को पाने
दीपावली के ठीक 15 दिन बाद और कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली या देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है lहिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के दिन को सबसे शुभ दिन माना जाता है l इस दिन स्नान, ...Read Moreव्रत और दीपदान का विशेष महत्व होता है l साथ ही कार्तिक पूर्णिमा पर सुख-समृद्धि के लिए लक्ष्मी पूजन भी किया जाता है l धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था lदेव दीपावली को त्रिपुरोत्सव और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस