Chooti Galiya book and story is written by Kavita Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Chooti Galiya is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
छूटी गलियाँ - Novels
by Kavita Verma
in
Hindi Fiction Stories
शाम होते ही मुझे घर में अकेलापन खाने को दौड़ता है इसलिए कॉलोनी के पार्क की ओर चल देता हूँ। आज भी शाम से ही पार्क में आ गया दो तीन चक्कर लगाये थक गया तो एक बेंच पर बैठ गया। काफी देर चहलकदमी करते युवा जोड़ों, महिलाओं और बुजुर्गों को देखता रहा। झूला झूलते और अपनी बारी आने का इंतज़ार करते बच्चों की उद्विग्नता और धैर्य को तौलता रहा। आसपास कुछ छोटे बच्चे फिसल पट्टी पर खेल रहे थे, उन की मम्मियाँ घास पर बैठी गपशप कर रही थीं और बीच बीच में अपने बच्चों को आवाज़ लगा कर आगाह भी करते जा रही थीं।
शाम होते ही मुझे घर में अकेलापन खाने को दौड़ता है इसलिए कॉलोनी के पार्क की ओर चल देता हूँ। आज भी शाम से ही पार्क में आ गया दो तीन चक्कर लगाये थक गया तो एक बेंच पर ...Read Moreगया। काफी देर चहलकदमी करते युवा जोड़ों, महिलाओं और बुजुर्गों को देखता रहा। झूला झूलते और अपनी बारी आने का इंतज़ार करते बच्चों की उद्विग्नता और धैर्य को तौलता रहा। आसपास कुछ छोटे बच्चे फिसल पट्टी पर खेल रहे थे, उन की मम्मियाँ घास पर बैठी गपशप कर रही थीं और बीच बीच में अपने बच्चों को आवाज़ लगा कर आगाह भी करते जा रही थीं।
अरे कितना अँधेरा हो गया है बातों में कुछ पता ही नहीं चला, राहुल अकेला होगा ट्यूशन से आ गया होगा। तू कैसे जायेगी? नेहा ने अपनी सहेली से पूछा। .
मैं ऑटो ले लूँगी।
तभी दोनों का ...Read Moreमेरी ओर गया। मुझे अपनी ओर देखता पाकर वे दोनों घबरा गयीं। बगीचे का सन्नाटा और अँधेरे में उनकी ओर घूरते हुए पकड़ा जाने पर मैं भी सकपका गया। अपनी जगह से उठा और तेज़ी से बाहर की ओर चलने लगा।
शॉपिंग घूमना फिरना मिलना जुलना सब से फुर्सत होकर सनी और सोना की पढ़ाई लिखाई के बारे में बात की तो दोनों के मुँह ऐसे बने मानों कुनेन की गोली दे दी हो। पता चला अर्ध वार्षिक परीक्षा में ...Read Moreके रिजल्ट ठीक नहीं आये। उन्हें ठीक से पढ़ाई करने की और उनके पिछले परफोर्मेंस की बात करनी चाही तो सनी ने बड़ी चालाकी से बात मोड़ दी।
साब बंद करने का टाइम हो गया है पार्क के चौकीदार की आवाज़ ने तन्द्रा भंग की। रात के सन्नाटे में खुद को पार्क में अकेला पाकर अकेलेपन और रिक्तता का एहसास और गहरा गया थके कदमों से ...Read Moreके बाहर आया एक सिगरेट ली और धीरे धीरे घर की और चल पड़ा।
मेरी वापसी का दिन आ गया, मैं सनी को खींच कर अपने सीने से लगाना चाहता था पर हमारे बीच की दूरी ने मेरे हाथ उसके कंधे तक पहुँचने ही नहीं दिए। वापस आकर मैं रोज़ गीता से बात ...Read Moreरहा। सनी पर केस दर्ज़ हो गया था, लेकिन उसकी जमानत हो गयी थी। उसकी शराब पीने की आदत लत बन चुकी थी कम उम्र में हुए इस आघात, दोस्तों की बेरुखी और मेरे और उसके बीच की दूरी ने उसे बहुत अकेला कर दिया था और उसने शराब को अपना साथी बना लिया। अब तो वह अपने कमरे में अकेले बैठा शराब पीता रहता। गीता के मना करने या समझाने पर चिल्लाने लगता, तो और क्या करूँ? मेरी जिंदगी में अब रखा ही क्या है? कोई मुझे नहीं चाहता मैं कहीं चला जाऊँगा या कहो तो जहर खा लूँ।