Deep Shikha book and story is written by S Bhagyam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Deep Shikha is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
दीप शिखा - Novels
by S Bhagyam Sharma
in
Hindi Love Stories
जो अपने ख्यालों को ही जीवन समझ लेता है उसका जीवन भी एकविचार ही बन कर रह जाता है उसमें कोई स्वाद या पूर्णता कहाँ से आएगी? संसार में आकर भी इस संसार को अपने से अलग समझें तो पूर्णता कैसेआयेगी ? इस लड़की के मन में आने वाले कुछ विचारों के भावी संकेत इसपत्र में है। एक अजीब ख्याली जिंदगी के लिए ही फड़फड़ा रही है क्या ?
संसार को पीठ दिखाना क्या एक नव यौवना के विषय में एक बिना अर्थवाला ख्याल नहीं? भला ये भी कोई सारगर्भित बात हो सकती है ?
जो अपने ख्यालों को ही जीवन समझ लेता है उसका जीवन भी एकविचार ही बन कर रह जाता है उसमें कोई स्वाद या पूर्णता कहाँ से आएगी? संसार में आकर भी इस संसार को अपने से अलग समझें तो ...Read Moreकैसेआयेगी ? इस लड़की के मन में आने वाले कुछ विचारों के भावी संकेत इसपत्र में है। एक अजीब ख्याली जिंदगी के लिए ही फड़फड़ा रही है क्या ?
संसार को पीठ दिखाना क्या एक नव यौवना के विषय में एक बिना अर्थवाला ख्याल नहीं? भला ये भी कोई सारगर्भित बात हो सकती है ?
बहुत साल पहले कहीं पढ़ी एक कविता उसके मरने के बाद उनको याद आई। वह उनके अन्दर आत्मध्वनि बन गूंजने लगी
नीले आकाश की रात
मन की याद
फूल जैसे खिली है कौन
मेरे मन के अन्दर बसी हुई जाने कौन?
गीता आ गई। पूरा घर एक ही क्षण में प्रसन्नता व खुशियों से भर गया।
घर के अन्दर घुसते ही उत्साह से उछलते हुए अम्मा! चिल्लाते हुए भागकर आकर उसके गले मिली तो बुढ़िया का हृदय खुशियों से भर ...Read Moreहे भगवान चलो मेरी बच्ची पहले जैसी ही है! मेरा डर बेकार था। बड़े शान्ति से दीर्घ श्वास छोड़ते हुए स्नेह प्यार से अपने कठोर अंगुलियों से उसके कोमल चेहरे को सहलाने लगी। एक महीना ही हुआ था उससे अलग होकर कई युग बीत गए ऐसा लग रहा था!
‘‘आजा मेरी रानी बिटिया! तेरे बिना मेरा घर सूना हो गया था।
“मैं शादी नहीं करूंगी !” यामिनी चिल्लाई कौन सी लड़की ऐसा नहीं कहती ? यह तो एक प्राकृतिक विरोध है, मन पर पर्दा डालने वाला, एक झूठ है, इसके लिए इतना सोचने की जरूरत नहीं ...Read Moreसे इसके जीवन की दिशा बदल जाएगी नए-नए रिश्तों से जुड़ना पड़ेगा ऐसे में इसका यह सोच नए परिवेश में कैसे रहेगा ? मन हमेशा स्थिर नहीं होता डर दूर होते ही रिश्ते की मिठास, उसकी पूर्णता को वह महसूस करेगी ऐसा ही सोच पेरुंदेवी पति से कहने लगी “अभी ऐसे ही बोलेगी कल ही शादी के बाद दो दिन आकर अपने साथ रहने को कहेंगे तो बोलेगी ‘वे ऐसा, वो वैसा बहाने बनाकर वहाँ से नहीं आएगी आप देखना ”
उसके बाद जो भी हुआ सब विपरीत ही हुआ शहर के दूसरे कोने में रहने वाले उसके पति के घर एक अच्छा दिन देखकर उसे छोड़ आए
“बच्ची वहां पता नहीं कैसे रहेगी !” ऐसे बोलते ...Read Moreसारनाथन हॉल में बने झूले पर बैठे उस समय झूला वहीं लगा था हॉल की दीवार पर कुछ चित्र लगे थे उसमें से कुछ पेरुंदेवी ने कपड़े व चमकीली पन्नियों से बनाऐ थे और रवि वर्मा के बनाए चित्र भी टंगे थे