दर्द ए इश्क

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विकी यानी विक्रम ठाकुर अपने रहीस बाप की बिगडी हुयी ओलाद और दूसरी ओर स्तुति एक शांत लडकी पर वक्त आने पर अच्छे अच्छो को नानी याद दिला दे दोनो मे कुछ अच्छाईया हैं तो कुछ बुराईया भी है कहानी की शुरुआत होती है दोनों के अंत से पता है कन्फ़्युजन हो रहा है पर जब आप कहानी पठेगे तो पता चल जायेगा तो कहानी की शुरुआत करते हैं विकी फ़ार्म हाउस में चैर मे बैठे बैठे अपनी डायरी मे कुछ लिख रहा था तभी एक लड़की के चिल्लाने कि आवाज आती है विकी फ़िर भी डायरी मे लिख ही

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दर्द ए इश्क

विकी यानी विक्रम ठाकुर अपने रहीस बाप की बिगडी हुयी ओलाद और दूसरी ओर स्तुति एक शांत लडकी पर आने पर अच्छे अच्छो को नानी याद दिला दे दोनो मे कुछ अच्छाईया हैं तो कुछ बुराईया भी है कहानी की शुरुआत होती है दोनों के अंत से पता है कन्फ़्युजन हो रहा है पर जब आप कहानी पठेगे तो पता चल जायेगा तो कहानी की शुरुआत करते हैं विकी फ़ार्म हाउस में चैर मे बैठे बैठे अपनी डायरी मे कुछ लिख रहा था तभी एक लड़की के चिल्लाने कि आवाज आती है विकी फ़िर भी डायरी मे लिख ही ...Read More

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दर्द ए इश्क - 2

दो साल तक का वक्त बित जाता हैं विकी के फ़ाधर आज एयरपोर्ट पर किसीको पीक अप करने के जा रहे हैं उस हादसे के बाद स्तुति के परीवार का कही भी पता नहीं चला आज तक किसी को भी नहीं पता की वे लोग अचानक बिना बताये कहाँ गायब हो गये विकी के पिताजी एयरपोर्ट पर पहुंचते है तभी वहा मीडीया की लाईन लगी हुयी थी सभी धर्मानद जी धर्मानद जी चिल्ला रहे थे विक्रम के पापा सब को ईग्नोर करते हुये देखते है तो विकी उनकी ओर आ रहा होता हैं जिससे उनके चेहरे पर बडी मुस्कान ...Read More

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दर्द ए इश्क - 3

विक्रम के पिता घर अकेले जाते है जिस वजह से विक्रम की माँ उसके पिताजी से पुछ्ती है की घर क्यों नहीं आया तो उनके पिताजी कहते हैं की उसे काम था इसीलिए वह बाद मे आयेगा एसा कोन-सा काम है जो घरवालो से भी बढ़कर है तभी विक्रम के पिताजी कहते हैं की जवान लडका खेलने की उम्र है तो खेलने दो उस पर विक्रम की माँ कहती हैं प्रेमा: सब जानती हूँ मैं आपका क्या मतलब है एक ही बैटा उसे भी जानवर बना दिया है आपने धर्मानद: तुम चुप ही रहो इस दुनिया मे शरीफ़ रहकर ...Read More

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दर्द ए इश्क - 4

विकी रूम में नाश्ता कर रहा था तभी एयरहोस्टेस फ्रेश होकर आती हैं जिस पर विकी उसे कॉम्प्लीमेंटस देता तो वह थैक्यू कहकर नाश्ता करने विकी साथ ही सोफे पे बैठती है और दोनों कुछ बाते करते हैं तभी एयरहोस्टेस कहती है एयहोस्टेस : सो तुमने मुझसे यह क्यों नहीं पूछा कि मेरा नाम क्या है? विकी : नाम में क्या रखा है मुझे तो काम से मतलब है फिर चाहे तुम्हारा नाम पता हो या ना हो एयहोस्टेस : वेल धेटस स्ट्रेंज तुम पहले इंसान हो जो नाम नहीं जानना चाहता पर फिर भी माय नेम इज स्मृति ...Read More

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दर्द ए इश्क - 5

विक्रम घर पहूंचते ही अपनी मॉम को ढूंढ़ता है जब वह उन्हे कही नही मिली तो वह किचेन में है वह बरतन साफ कर रही थी जिससे विक्रम को पता चल जाता है की वह किसी बात से नाराज़ है वह पीछे से अपनी मोम के कंधे पे सर रखते हुए मुस्कुरा रहा होता है जिससे उसकी मॉम उसकी ओर देखते हुए कहती हैं प्रेमा : (गुस्से में )आ गया तू अब याद आया कि घर पे तुम्हारी कोई मां भी है विकी : हमम.. क्या हुआ है प्रेमा : मतलब .. विकी : मतलब की आप बरतन साफ ...Read More

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दर्द ए इश्क - 6

विक्रम फ्रेश होने के बाद जैसे ही अपनी मॉम के पास जाता है तभी विक्रम की मॉम विकी को पर बैठने के लिए कहती है वह टेबल पर बैठे हुए ऐसे ही मोबाइल चेक कर रहा होता है तभी उसकी मां उसके लिए खाना परोसती है विकी जैस ही खाने की ओर देखता है वह खुश हो जाता है वह खाना स्टार्ट करता है तभी विकी को उसकी मॉम कहती है प्रेमा: एक और तुम्हारी पसंदीदा डीश है लेकिन वो तुम्हे खाना फीनिश करने के बाद मिलेगा विकी: अब कौन सा सरप्राइस है मा प्रेमा: पहले खाना तो फिनिश ...Read More

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दर्द ए इश्क - 7

वीकी खाई के पास ऐसे ही बैठा था। की तभी किसी लड़की के चिलाने की आवाज आती हैं । विकी इधर उधर देखता है । पर फिर वह सोचता है कि इस सुनसान जंगल में कोई कैसे आ सकता है । लेकिन फिर से किसी लड़की के आवाज आती है। जिससे वह जिस दिशा से आवाज आ रही है । उस दिशा में आगे बढ़ता है । जब वह उस आवाज के करीब पहुंचता है तो देखता कि कुछ लड़के एक लड़की के साथ जबरदस्ती कर रहे थे। यह देखकर विकी का खून खोल उठता है। क्योंकि उसने चाहे ...Read More

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दर्द ए इश्क - 8

विकी मुस्कुराते हुए अपनी कार गेरेज में पार्क करता है । वह ऐसे ही सोचते सोचते घर के अंदर चला जाता है उसे पता ही नहीं चलता। वह बस अपने रूम की ओर जा ही रहा होता है की विकी मां उसे किचेन में से आवाज देती है। जिससे विकी जहां था वहीं खड़ा रह जाता है । विकी की मां उसे कहती हैं की - प्रेमा: विक्रम...? विकी: जी मां!! प्रेमा: इतनी देर तक कहां गए थे । तुमने थोडी देर के लिए कहां था । विकी: मां वो!! एक पुराना दोस्त मिल गया था । प्रेमा: ( ...Read More

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दर्द ए इश्क - 9

विकी जल्दी से रेड्डी होकर अपने घर से निकल जाता है । वह बस किसी भी तरह तान्या को में से निकालना चाहता है। तान्या के बारे में सोचते सोचते मानो जैसे वह स्तुति के बारे में तो भूल ही गया था । वह बस थोडी देर में ही सूझी के घर पहुंच ही गया था । जिस तरह सूझी दरवाजे पे तैयार खड़ी थी उससे तो विकी के चहेरे पे शैतानी मुस्कुराहट आ जाती हैं। करीब दो या तीन घंटे बाद विकी जब अपनी घड़ी की ओर देखता है तो उसे पता चलता है कि पार्टी में उसे ...Read More

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दर्द ए इश्क - 10

विकी अपने रूम में जाते हुए फिर से रेडी हो रहा था । तभी अचानक से उसकी नज़र सफेद के साथ बलू शूट पे जाती हैं । जिस वजह से ना चाहते हुए भी उसे स्तुति की सारी यादें दिमाग में घूम रही थी । वह कब उन यादों में खो गया उसे पता ही नहीं चला। फ्लैशबैक विकी यूंही देख रहा था कि कोन सा शूट पहने तभी स्तुति उसके रूम के अंदर आते हुए कहती हैं । स्तुति: ओहोहो.... भई क्या बात आज तो बड़ी बॉडी दिखा रहे हो। लेकिन यहां तो लड़कियां है ही नहीं। तो ...Read More

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दर्द ए इश्क - 11

विकी तैयार होकर पार्टी मै हॉल की तरफ बढ़ रहा था। जब वह हॉल में देखता है तो लगभग महेमान आ चुके थे । वह मुस्कुराते हुए अपने मोम डेड की ओर बढ़ता है । तभी विकी डेड उसका मुस्कुराते हुए स्वागत करते है । और बाकी गेस्ट से भी मिलवाते है । विकी सभी इंपॉर्टेंट लोगो से मिलकर ड्रिंक लेने के लिए बार पर जाता है । वह टेबल पर बैठे बैठे ऐसे ही सभी को देख रहा था । तभी उसकी नजर दरवाजे पर पड़ती है । जिस वजह से उसका खून खोल उठता है । दरवाजे ...Read More

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दर्द ए इश्क - 12

पार्टी जैसे ही पूरी हो गई थी । की तुरंत विकी अपनी कार लेके बिना बताए चला गया । पिता उसे आवाज दे रहे थे पर उससे तो कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था । बस उसके सामने तो रेहान ऑर तान्या ही नजर आ रहे थे । दिमाग तो जैसे उसी नजारे के आगे थम गया था । ओर दिल की रफ्तार कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी । वह कार की गति बढ़ाए ही जा रहा था कि तभी अचानक कोई इंसान कार के सामने आता है जिससे वह कार को रोकता है ...Read More

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दर्द ए इश्क - 13

विकी बैचेन होकर इधर उधर घूम रहा था । वह बालकनी में से बाहर देख रहा था । हवाओ लहरे मानो उसकी बैचैनी समझ रही थी । आधी रात हो चुकी थी लेकिन विकी के मन तो शांति नहीं थी । उसके दिल में अजीब सी बैचैनी हो रही थी। बीयर पीते हुए इसके मन में लाखो सवाल उथल पुथल कर रहे थे । वह चाह कर भी उससे रोक नही सकता था । दसवां बीयर का कैन साइड में रखते हुए । वह एक और कैन ढूंढता है लेकिन वह खाली था । विकी फिर जो भी नशीला ...Read More

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दर्द ए इश्क - 14

विकी ... विकी... दरवाजा खोलो...। विकी के कानो में किसी चीज के खटखटाने की आवाज आ रही थी लेकिन अपनी आंखे नही खोल पा रहा था । उसका सिर तो दर्द के मारे फटा जा रहा था । और उसका पूरा बदन दर्द कर रहा था । वह खुद को संभालते हुए खड़े होने की कोशिश करते हुए आंखे खोलने का प्रयास कर रहा था । लेकिन रोशनी की वजह से वह फिर से आंखे बंद कर देता है । फिर से शोर की आवाज आ रही थी । जिससे वह आंखे खोलते हुए देखता है तो कोई दरवाजा ...Read More

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दर्द ए इश्क - 15

तान्या मानो आग में जल रही थी। उसने कार का हैंडल कसकर पकड़ा था। और गुस्से से तिलमिला रही तभी रेहान एक बार उसकी ओर नजर करते हुए देखता हैं। तान्या बुरी तरह गुस्से से कांप रही थी । रेहान कहता है।रेहान: तुम ठीक हो!?। तुम कहो तो मैं कार कहीं रोकू!?फ्रेश हवा के लिए!।तान्या: ( सिर को ना में हिलाते हुए ) नो! मैं इसे सहन करना चाहती हूं! क्योंकि यही गुस्सा,दर्द मैं उसे दो गुना लोटाऊंगी! ।रेहान: ( चिंता भरे लहजे में ) पर... स्तु... ।तान्या: ( रेहान की बात काटते हुए ) इट्स तान्या रेहान तान्या.... ...Read More

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दर्द ए इश्क - 16

रेहान और तान्या खुद को मिले धोखे के गम में व्यस्त थे। तो इधर सूझी और विक्रम अपने गम व्यस्त थे। सूझी को आज तक पता नहीं चला की उसकी क्या गलती थी जो रेहान ने बिना कुछ कहे रीश्ता तोड़ दिया। माना की मुझमें लाखों कमियां है लेकिन मेरा प्यार तो उसके लिए सच्चा था फिर क्यों...!?। उसने बिना कुछ कहे मुझसे मुंह मोड़ लिया। क्यों उसने मुझ पर उंगली उठाई जब की मैने उसके बाद किसी लड़के की ओर उंगली उठाकर भी नहीं देखा। शायद वह सिर्फ बाकियों की तरह जिस्म से मोहब्बत करता था और जब ...Read More

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दर्द ए इश्क - 17

सूझी पार्टी में जाने के लिए तैयार हो ही रही थी। हद से ज्यादा छोटी ड्रेस! मेक अप से हुआ पूरा चेहरा! रेड कलर की लिपस्टिक! । हिल्स वाली सेंडल मानो यह वह सूझी है ही नहीं जो थोड़ी देर पहले विक्रम के साथ थी। विकी सोफे पर बैठे बैठे उसका ये बदलता रूप देख रहा था । उसे समझ में नहीं आ रहा था की यह इंसान उस घटिया आदमी के लिए क्यों खुद को इतना टॉर्चर कर रही है। पहले स्तुति अब सूझी! वह हर इंसान को चौंट पहुंचा रहा है जो मेरे दिल के करीब है। ...Read More

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दर्द ए इश्क - 18

विक्रम अभी भी सूझी की कहीं हुई बातों के बारे में सोच रहा था। मानों जैसे वह बातें उसे हद तक सहीं भी लग रही थी!। जिससे ना वह जुटला सकता था और ना ही स्वीकार कर पा रहा था। लेकिन वह जानता था जो भी सवाल सूझी ने उठाए है। वह फिजूल भी नहीं है। तभी सूझी उसे कहती है।सूझी: हाहाहाहाहा.... क्या हुआ विकी... देखा कहां था ना मैने!? तुम कभी दुनिया को फिर से नॉर्मल इंसान की तरह देख नहीं पाओगे। यह तो सिर्फ मैंने बाते कहीं है! अगर सच्चाई आंखो के सामने देखोगे तो दिल दहल ...Read More

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दर्द ए इश्क - 19

विकी और सूझी को पार्टी में पहुंचे हुए थोड़ी देर ही हुई थी की सूझी डांस फ्लोर पर चली है। विकी सोफे पर बैठे हुए बीयर पीते हुए यह सारी महफिल देख रहा था। एक वक्त हुआ करता था जब विकी के लिए ये नाच गाना , पार्टी करना जिंदगी का अहम हिस्सा हुआ करता था। वह इस पार्टी की जान हुआ करता था। पर यह शोर शराबा मानो उसे बेजान लग रहा था। या फिर उसे खालीपन का अहसास करवा रहा था क्योंकि आज तक ना तो पूरी तरह से आगे बढ़ पा रहा है और ना ही ...Read More

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दर्द ए इश्क - 20

तान्या और रेहान मानो अभी भी शोक में जहां थे वहीं खड़े थे। तान्या के हाथ तो मानो ठंडे गए थे। उसे अभी भी यकीन नहीं आ रहा था की विकी ऐसा कर सकता है। अभी भी उसके दिमाग में विकी की बातें दोहरा रही थी। तभी रेहान कहता है ।रेहान: स.... ( खुद को संभालते हुए ) तान्या... तुमने वहीं सुना जो मैने अभी सुना... ।तान्या: ( सिर को हां में हिलाते हुए सोफे पर बैठ जाती हैं। ) सारी मेहनत बरबाद होते हुए दिख रही है मुझे । ( सिर को पकड़ते हुए ) ।रेहान: ( सोफे ...Read More

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दर्द ए इश्क - 21

करीब एक हफ्ते तक का वक्त बीत जाता है। इन लोगों के बीच कोई भी बात नहीं होती....। चारो अपनी जिंदगी में व्यस्त थे.. । विकी अपने डेड के आगे आने वाले चुनाव को लेकर तो.... सूझी... अपने डेड के बिजनेस को लेकर। दूसरी ओर रेहान भी अपने डेड के बिजनेस को लेकर शहर से बाहर गया हुआ था। तान्या भी अपने काम में व्यस्त थी। सभी इस घटना को भूल से गए थे । लेकिन... विकी इस घटना के कुछ दिन बाद ही अपने डेड से इस बारे में बात कर चुका था... । पहले तो विकी के ...Read More

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दर्द ए इश्क - 22

विकी और सूझी ऐसे ही बात कर रहे थे तभी विकी के डेड कहते है... ।धर्मानंद: विक्रम...! !? ।विकी: डेड की ओर देखते हुए ) जी!? ।धर्मानंद: ( अंगूठी देते हुए ) अंगूठी...! ( उसकी ओर सुजेन की रिंग का बॉक्स देते हुए ) ।विकी: जी! । सूझी: ( धीरे से ) क्या बात है भाई शादी से पहले ही बिल्ली इतनी शांत हो गई ।विकी: ( मजाकिया लहजे में ) अच्छा! और तुमने ये गलतफहमी कब से पालनी शुरू कर दी... और तुम अपना सोचो... क्या हाल करूंगा तुम्हारा बच्चू...।सूझी: ( चुनौती देते हुए ) देखते है.... । ...Read More

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दर्द ए इश्क - 23

विकी और सूझी शॉपिंग करके घर आए ही थे..... ये इस हफ्ते में तीसरी बार है जब वह दोनो पर गए है। पिछले पंद्रह दिन से विकी और सूझी किसी ना किसी वजह से बाहर एक साथ जाना पड़ता था। जब विकी हॉल में देखता है तो विकी के पिता चाय पीते हुए किसी से बात कर रहे थे । जब उनकी नजर इन दोनो पर पड़ी तो वह फोन काटते हुए कहते है ।धर्मानंद: अरे! आ गए तुम दोनों! थोड़ा घूम के आ जाते अभी तो शाम के चार ही बजे है!। विकी: ( थक कर सोफे पर ...Read More

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दर्द ए इश्क - 24

विकी और उसके डेड के बीच में काफी दिनों से बहस चल रही थी। ना धर्मानद शादी की बात पीछे हटने को तैयार थे ना विकी शादी के लिए तैयार था। उसे ऐसा नहीं था को कोई दिलचस्पी थी इस शादी में लेकिन वह यह शादी सूझी और खुद को आगे मुसीबत से बचाने के लिए करना चाह रहा था। लेकिन इतनी जल्दी वह खुद को तैयार नहीं कर पा रहा था। उसके डेड ने मानो उसका जीना हराम कर दिया था। ना तो उसे शांति से सांस लेने देते ना खुद लेते मानो जैसे विकी ने शादी कि ...Read More

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दर्द ए इश्क - 25

विकी जल्दी से कार लेकर एम जी रॉड की ओर पहुंचा ही था की तभी उसे रॉड के साइड सूझी खड़ी दिखाई दी!। जिस वजह से वह कार को साइड में पार्क करते हुए जल्दी से उसके पास जाता है। सूझी अपने हाथ में रूमाल में बांध कर खड़ी थी। विकी तेज कदमों से उसके पास खड़े जाते हुए कहता है ।विकी: सूझी व्हाट द हेल! ये कैसे हुआ और तुम्हारे गार्ड्स कहां है!? । ( सूझी का हाथ चेक करते हुए ) ।सूझी: अरे! यार मैं बाल बाल उन लोगों से बचकर घर से निकली थी.... लेकिन जैसे ...Read More

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दर्द ए इश्क - 26

सूझी बस बैठे हुए शराब पी ही रही थी की विकी नाश्ता लेकर टेबल पर रखता है। वह सामने पर बैठते हुए खुद के लिए भी ग्लास भरता हैं। और शराब पीते हुए कहता है। विकी: क्या किस सोच में फिर से डूब गई !? ।सूझी: बालकनी से बाहर देखते हुए! बस ऐसे ही... कुछ नहीं! ।विकी: ( सिर को हां में हिलाते हुए सूझी का शराब का ग्लास भरते हुए ) ठीक है! फिर! सूझी तो तुमने शादी के बारे में सोचा!? ।सूझी: ( चिढ़ते हुए शराब को पीते हुए ) आई एम सीरियस विकी! अभी में मजाक ...Read More

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दर्द ए इश्क - 27

विक्रम गार्डन में टहलते हुए सिगारेट पी रहा था। अभी थोड़ी देर पहले जो भी शब्द उसने कमरे में वह उसके दिल में उथल पुथल मचा रहे थे। मानो जैसे उसका दिल बैचेन सा हो गया था । पर वह जानता था की अगर आगे बढ़ना है तो अतीत तो भूलना ही होगा। विकी का मन मानो इस बात से साफ इंकार कर रहा था। जैसे मानो उसका दिल इस बात पे बगावत कर रहा था की वह ऐसा सोच भी कैसे सकता है.... स्तुति को भुलाने के बारे में.! । जैसे उसका दिल खुद के शरीर का अंग ...Read More

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दर्द ए इश्क - 28

विकी अपने रूम में सीधा चला जाता है। वहां सूझी बैठी थी। अभी भी ख्यालों में डूबी हुई....! । देखकर बिकी आंखे बंद करते हुए गुस्सा काबू में करने की कोशिश करता है। वह गहरी सांस लेते हुए कहता है.... ।विकी: नीचे डिनर रेडी है! तुम जाना चाहोगी या मैं ऊपर मंगवा लू!? ।सूझी: ( ख्यालों में से बाहर आते हुए ) नहीं अभी भूख नहीं है!। (इतना कहते ही वह बेड पे सोने चली जाती है।)।विकी: ( सीधा बालकनी में चला जाता है! मानो जैसे उसका दम घुट रहा हो। आसमान की ओर देखते हुए! वह तारो को ...Read More

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दर्द ए इश्क - 29

विकी सोफे पे जाके सो जाता है। अभी उसकी आंख लगे थोड़ी देर ही हुई थी कि तभी दरवाजा की आवाज आती है। जिसे वह गहरी नींद में जाग कर देखता है तो दरवाजे पर कोई था । वह जल्दी से तकिए को बेड पर फेकते हुए दरवाजे की ओर आगे बढ़ता है। जब दरवाजा खोलकर देखता है तो तान्या थी! घबराई हुई सी! हड़बड़ी में खड़ी थी। विकी उसको देखकर चौंक गया था की ये अभी तक यहां क्या कर रही है। विकी: तुम इतनी रात को यहां क्या कर रही हो!? ।तान्या: ( घबराते हुए ) वो! ...Read More

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दर्द ए इश्क - 30

बंटी इधर गोली चलाता है उधर दूसरी और से भी गोली चलने की आवाज आती है । जिस वजह गोली विकी के सीने के बजाय दांए हाथ में लगती है। विकी और बाकी सब दूसरी और देखते है तो विकी का दोस्त सुलतान खड़ा था । और बंटी जमीन पर पड़ा हुआ था। पांव में गोली लगने की वजह से वह जब गोली वाली दिशा में देखता है! तो सुलतान को देखकर उसके पसीने छूट जाते है। सुलतान: ( विकी की ओर देखते हुए ) तुम ठीक हो! ? ।विकी: ( सिर को हां में हिलाते हुए ) बिल्कुल ...Read More

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दर्द ए इश्क - 31

विकी अपने डेड को कुछ कहे बिना ही अपने कमरे की और चला जाता है। जब वह दरवाजे की खोलता है! तो देखता है तान्या सामने चेयर पर बैठे बैठे ही सो गई थी। और सुजैन भी गहरी नींद में थी। वह धीमे कदमों से बालकनी की ओर चला जाता है! । वह चेयर पर बैठते हुए... अपनी जेब में से सिगरेट निकलते हुए जलाता है लेकिन फिर भी उसके हाथ कांप रहे थे! जिस वजह से वह सिगाटेट जला नहीं पा रहा था। वह फिर भी जैसे तैसे कर के सिगरेट जला लेता है! बालकनी से जब कमरे ...Read More

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दर्द ए इश्क - 32

विकी जब सुबह उठा तो सूझी बेड पे नहीं थी! वह अपने कमरे में चारों और देखता है! लेकिन कहीं पर नहीं थी। इसलिए जल्दी से वह अपने कमरे का दरवाजा खोलते हुए जब वह नीचे हॉल में देखता है तो चैन की सांस आती है। सूझी वहां सब के साथ बैठके नाश्ता कर रही थी। कल रात की घटना के बाद तो विकी रात में कई बार उठकर देख रहा था की कही कुछ हुआ तो नहीं!.। विकी चैन की सांस लेते हुए! नीचे! जाता है। वह सीढियां उतरते हुए! डाइनिंग टेबल के नजदीक पहुंचता है तभी सब ...Read More

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दर्द ए इश्क - 33

सुलतान काम निपटा के विकी के घर पहुंचा ही था! की देखता है विकी दरवाजे पर उसका इंतजार कर था! और टहल रहा था। वह सिर को हिलाते हुए! विकी के नजदीक जाता है और कहता है! ।सुलतान: विक्रम ठाकुर अब तो मुझे तुम्हारी नियत पर शक हो रहा है! कही गलत इरादे तो नहीं तुम्हारे!? ।विकी: ( सुलतान की ओर देखते हुए ) ये क्या बके जा रहे हो!? और मुझे तो लगा तुम्हारा आने का प्लान कैंसल हो गया।सुलतान: अरे! भाई तुमने बुलाया हो और सुलतान मल्लिक ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता! ।विकी: खैर! चलो ...Read More

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दर्द ए इश्क - 34

विकी बस अपने ही ख्यालों में गुम था! उसे समझ ही! नहीं आ रहा था कि! कैसे बीहेव करे! सारी भावनाएं एक साथ उमड़ रही थी!..। वह समझ ही नहीं पा रहा था की खुशी से हंसे!? इतने सालो के गम में रोए!? या फिर गुस्सा हो की स्तुति जिंदा होते हुए भी एक बार विकी से मिलने की कोशिश नहीं की! या फिर खुद पर गुस्सा हो! की वह जिंदा होते हुए भी उसे ढूंढ नहीं पाया! कैसी मोहब्बत है उसकी! जो वह उस लड़की को नहीं ढूंढ पाया जिससे वह इस दुनिया में सबसे ज्यादा चाहता है! ...Read More

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दर्द ए इश्क - 35

विकी नहा-धोकर तैयार हो रहा था! । वह अपने बाल सवार रहा था! की तभी उसके मोबाइल की रिंग है!..... देखता है तो सुलतान का कॉल था। वह बिना उठाए स्प्रे छिड़क कर तैयार हो रहा था। उसने सोचा की जब वह नीचे जाएगा तभी पूछ लेगा की क्या काम था। वह आखिरी बार खुद को शीशे में देखता है और फिर पर्स चाबी और मोबाइल को लेते हुए कमरे से निकल जाता है। वह मोबाइल को ऑन करके देखता है तो ७:३० बज चुके थे! । ९ बजे तक उसके मॉम डैड पार्टी से आ जाएंगे! । उनके ...Read More

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दर्द ए इश्क - 36

तान्या गुस्से में बैठी हुई थी.... । तभी रेहान उसे पानी का ग्लास देते हुए कहता है । रेहान: हुआ वह आया क्यों नहीं!? ।तान्या: वो आया था! पर अंदर आए बिना ही चला गया! ।रेहान: लेकिन तुम बाहर खड़ी थी! फिर!? ।तान्या: ( गुस्से में ) मैं उससे कुछ बात करती उससे पहले ही वह चला गया ।स्मृति: गायस! कुल डाउन! कोई बात नहीं! आज नहीं तो कल आएगा तो यहीं! ।तान्या: बात आने की नहीं है स्मृति बात है! प्लान! की आज अगर वह आ जाता तो! हमें आगे तुम्हे इन्वॉल्व नहीं करना पड़ता! ।रेहान: कहीं उसे ...Read More

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दर्द ए इश्क - 37

विकी कार को ड्राइव वे में लेकर खड़ा था। वह सुलतान का इंतजार कर रहा था । थोड़ी देर सुलतान आया फिर वह कार स्टार्ट करके दोनो चाय पानी पीने पास के किसी कैफे में जाते है । पूरी राइड के दौरान सुलतान किसी के साथ बात कर रहा था । विकी पूछना तो चाहता था पर वह सुलतान को भी अच्छे से जानता था । उसे बिलकुल पसंद नहीं आता जब कोई उसे हर बात पे रोक टोक करे या ज्यादा सवाल पूछा करे। और बदले में सुलतान भी किसी के मामले में टांग नहीं अड़ाता। विकी कार ...Read More

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दर्द ए इश्क - 38

विक्रम सुबह गाना गुनगुनाते हुए बाल सवार रहा था । वह परफ्यूम को छिड़कते हुए आखिरी बार खुद को है! और रुम से बाहर जाते हुए दरवाजा बंद करता है। वह जैसे ही हॉल से गुजरता है तो सुलतान सोफे पर बैठे हुए कुछ पेपर पढ़ रहा था... । वह सुलतान के पास जाते हुए कहता हैं । विकी: कैसा लग रहा हूं मैं!? । सुलतान: ( अजीब तरह से विकी की ओर देखते हुए ) क्या!? । विकी: बताओ ना यार कैसा लग रहा हूं!? । सुलतान: ( अजीब हावभाव के साथ ) जैसे रोज दिखते हो वैसे! ...Read More

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दर्द ए इश्क - 39

विकी कार को ड्राइव करते हुए घर की ओर जा ही रहा था। तभी उसका फॉन बजता है। वह को पहनते हुए कॉल उठाता है ।विकी: हैलो!? ।सूझी: ( चिल्लाते हुए ) फ***** इडियट किधर हो! दो दिन हो गए है! और ना ही तुम्हारा कोई पता है ना कोई फोन!। मैं तुम्हारे घर दो दिन से गधों की तरह चक्कर लगा रही हूं! और तुम्हारे मॉम डैड वह लोग तो बुकिंग एंड डिजाइन फंक्शन सब की तैयारी कर रहे है। विकी: शांत सूझी शांत! इसमें इतना हायपर होने वाली क्या बात है!? ।सूझी: ( गुस्से मे) गुस्से वाली ...Read More

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दर्द ए इश्क - 40

विक्रम कार को पार्क करते हुए घर की ओर आगे बढ़ता है। तभी गार्ड दरवाजा खोलते हैं। विकी अपने हॉल की ओर बढ़ाता है । देखता है तो उसके डैड मॉम और सूझी हॉल में बैठे हुए कुछ बात कर रहे थे । विकी उनकी ओर कदम बढ़ाते हुए सूझी के पास वाले सोफा पर बैठ जाता है। विकी अपने पिता की ओर देखते हुए कहता है ।विकी: हेय डैड! ।धर्मानंद: क्या कर रहे थे तुम दो दिन! कितनी बार मैने तुम्हे कॉल किए!? । एक भी जवाब नहीं और ना ही कोई अता पता! ।विकी: अरे! बताया तो ...Read More

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दर्द ए इश्क - 41

विकी शाम को डिजाइनर के साथ शादी के लिए ड्रेस और बाकी सारी तैयारियां को बारे में बात कर था । सूझी भी कई ड्रेस देख चुकी थी लेकिन उसे अभी तक समझ नहीं आ रहा था की कौन सी डिजाइन को पसंद करें। विकी कुछ बातो में व्यस्त था की तभी विकी के डेड चिंतित होते हुए! घर में दाखिल होते है । विकी उनके डेड को देखकर कुछ बोलने ही वाला था की धर्मानंद उसकी बात काटते हुए कहता है। धर्मानंद: विक्रम मेरे साथ आओ! कुछ बात करनी है! ।विकी: ( सिर को हां में हिलाते हुए ...Read More

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दर्द ए इश्क - 42

रेहान सुजैन को किस कर रहा था । शुरुआत तो उसने हड़बड़ी में की थी लेकिन फिर उसके दिल दबे सभी भाव उमड़ रहे थे । गुस्सा,प्यार,नफरत,धोखा,दर्द और पता नहीं अनगिनत भाव एक साथ उमड़ रहे थे। वह सुजैन को इस तरह से किस कर रहा था जैसे मानो किसी प्रेमी की आखिरी मुलाकात हो । सुजैन उसकी पकड़ में से छुड़वाने की पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन रेहान ने उसके हाथ कसकर पकड़ा हुआ था और ना चाहते हुए भी खुद को बेबस महसूस कर रही थी । लेकिन फिर उसका दिल जोरो से धड़क भी रहा ...Read More

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दर्द ए इश्क - 43

सुजैन जब जवाब नहीं देती तो विकी जल्दी से हॉल की ओर जाते हुए! कबर्ट में रखे बॉक्स को हुए उसमे से सूझी जिस रूम में ठहरी थी उस रुम की चाबी ढूंढ रहा था। जैसे ही उसे चाबी की कॉपी मिल गई वह जल्दी से भागते हुए सूझी के कमरे की और जाता है और दरवाजा खोलता है। वह जब दरवाजा खोलते हुए! देखता है! तो सूझी बेड के पास सिर झुकाए है पांव को मोड़कर सिकुड़ कर बैठी हुई थी । विकी भागते हुए! उसके नजदीक जाता है और सूझी को हड़बड़ाते हुए पूछता है । विकी: ...Read More

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दर्द ए इश्क - 44

रेहान यह नजारा बालकनी के पीछे छुपकर देख रहा था । और जैसे ही विकी सूझी के आंसू पोंछने लिए सूझी के करीब गया रेहान को लगा विकी किस करने के लिए सूझी के करीब गया है। वह गुस्से में हाथ को मुट्ठी में बंद करते हुए बालकनी से कूद कर चला जाता है। जैसे ही वह आसपास देखता है तो तान्या दोनो गार्ड का ध्यान भटकाते हुए! पाव में मोच आने का ड्रामा कर रही थी। रेहान आसानी से मेइन गेट की ओर चला जाता है। वह तान्या का इंतजार कर ही रहा था की तभी तान्या लंगड़ाते ...Read More

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दर्द ए इश्क - 45

रेहान और तान्या स्मृति की दादी जिस अस्पताल में थी वहां पहुंचते है। जैसे वह दोनो वार्ड की ओर बढ़ते है तो देखते है स्मृति बेंच पर बैठे हुए रो रही थी। तान्या जल्दी से स्मृति के पास जाते हुए उसके कंधो पर हाथ रखते हुए उसे हौंसला देती है। स्मृति तान्या के कंधे पर सिर रख कर कहती है ।स्मृति: पता नहीं क्या होगा!? एक नानी ही है यार जिसे मैं अपना परिवार कह सकती हूं! अगर वो भी चली गई तो...! ।तान्या: ऐसा कुछ नहीं होगा डोंट वरी सब कुछ ठीक हो जाएगा ।रेहान: डोंट वरी मैंने ...Read More