Dard e ishq - 19 books and stories free download online pdf in Hindi

दर्द ए इश्क - 19

विकी और सूझी को पार्टी में पहुंचे हुए थोड़ी देर ही हुई थी की सूझी डांस फ्लोर पर चली जाती है। विकी सोफे पर बैठे हुए बीयर पीते हुए यह सारी महफिल देख रहा था। एक वक्त हुआ करता था जब विकी के लिए ये नाच गाना , पार्टी करना जिंदगी का अहम हिस्सा हुआ करता था। वह इस पार्टी की जान हुआ करता था। पर यह शोर शराबा मानो उसे बेजान लग रहा था। या फिर उसे खालीपन का अहसास करवा रहा था क्योंकि आज तक ना तो पूरी तरह से आगे बढ़ पा रहा है और ना ही पीछे मुड़कर देख पा रहा है। मानो जैसे इन सारी बातों के बीच में पीस रहा है। विकी बियर की एक और घूंट पीते हुए... फिर से डांस फ्लोर की ओर देखता है की सूझी वहीं है ना। क्योंकि इतने लोगो में उसे ढूंढना मुश्किल हो जाएगा। तभी सूझी डांस फ्लोर से उतरकर विकी के साथ आकर बैठती है। विकी एक और बीयर का ऑडर करता है।

सूझी: ( हांफते हुए ) सो... तुम.. यहां क्या... बुत बने बैठे ... हो.. डांस... डांस फ्लोर पे चलो... मजा आयेगा...। (गहरी सांस लेते हुए ) जरा देखो तो सही कब से घूरे जा रही है और तुम हो की भाव ही नहीं दे रहे ।
विक्रम: सूझी तुम्हारे इस अहसान का शुक्रिया पर नो थैंक्स... मुझे हुक अप की जरूरत नहीं है। तुम एंजॉय करो! ।
सूझी: आए! हाए! विक्रम ठाकुर अब तो मेरा दिल भी तुम पे आने लगा है... तुम दिन ब दिन शरीफों का चौला पहनते जा रहे हो।
विक्रम: ( सूझी के मुंह को धक्का देते हुए खुद से दूर करता है। ) दूर ही रहना..... मुझे किसी और का वायरस नहीं चाहिए ।
सूझी: टेक ए चील पील... ब्रो... तुम तो अब बिल्कुल बोरिंग हो रहे हो! पहले तो मुझसे ज्यादा तुम फ्लर्टी थे और अब देखो सिवाय तुम्हारे बाहरी दिखाव के बुड्ढे होते जा रहे हो ।
विक्रम: ( मुस्कुराते हुए सूझी की बात का जवाब नहीं देता । ) ।
सूझी: अच्छा लिस्टन! ( विकी को अचानक गले लगाते हुए ) ।
विक्रम: सूझी व्हाट द... ।
सूझी: अरे! लिस्टन! अपनी दाई ओर देखो! तान्या और रेहान आ रहे है! और हम आज इसीलिए आए है ।
विक्रम: क्या मतलब मैं कुछ समझा नहीं!? ।
सूझी: मतलब ये की मुझे इन्फॉर्मेशन मिली थी की वह लोग यहां किसी से मिलने आ रहे है। अब पूरा नहीं पता क्या.. क्यों... किस लिए... उन लोगो ने यह इन्फॉर्मेशन काफी सिक्योर रखी है। पर... यहां पे आयेगे ये खबर पक्की थी ।
विक्रम: ( उन लोगो की ओर देखते हुए सूझी को गले लगाता है। ) ठीक है पर यह बात पहले क्यों नहीं बताई तुमने!? ।
सूझी: अबे! यार पहले बताती तो तुम ऐसे नहीं बैठते! अपना दिमाग लगाते और उन लोगो को बिल्कुल शक हो जाता की हम पार्टी एंजॉय करने नहीं बल्कि कुछ और काम से आए है।
विक्रम: ठीक है! मैं ध्यान रखूंगा इस बात का! ।
सूझी:( विक्रम के गाल पर किस करते हुए अपनी जगह पर वापस बैठ जाती है। ) तो... ।
विक्रम: ( मुस्कुराते हुए ) तुम्हे इतनी हद तक भी जाने की जरूरत नहीं... ।
सूझी: ( आंख मारते हुए ) ओह, कमोन! जब कोयला जल ही रहा है तो हाथ सेकने में क्या हर्ज है।
विक्रम: ( फिर से तान्या और रेहान की ओर देखता है तो दोनो यहीं देख रहे थे। विकी चेहरे पर एक मुस्कुराहट आ जाती है। ) बात तो तुम्हारी ठीक ही है।
सूझी: ये हुई ना विकी वाली बात चलो! शुक्र है थोड़े बहुत तुम अभी भी वैसे हो तो सही ।
विक्रम: ( मुस्कुराते हुए सूझी के नजदीक जाते हुए ) अरे! मेरी ईडियट दोस्त अगर शेर अगर शिकार छोड़ दे इसका मतलब ये नहीं की शेर कमजोर पड़ गया है! इसका मतलब ये है कि वह अभी थोड़ी देर और खेल खेलना चाहता है! फिर जिस गति से वह जपटेगा वह शेर ही जानता है।
सूझी: जो भी है लेकिन थोड़ी बहुत पिछले विकी के गुण देखकर मुझे सच में खुशी हुई यार । ( खुशी में गले मिलते हुए ) ।
विक्रम: ( मुस्कुराते हुए सूझी को गले लगाता है। ) अब! चल ठीक है इतना मेलोड्रामा भी मत कर ! मैने सिर्फ ये सब छोड़ दिया है ! । सन्यास लेकर दुनिया नहीं छोड़ दी।
सूझी: दोनो बाते एक ही जैसी है।
विक्रम: चलो अब! बाते... ( तभी किसी के गला साफ करने की आवाज आती है।)।
विकी और सूझी दोनों देखते है तो तान्या और रेहान थे ।
सूझी: ( विक्रम से थोड़ी दूरी बनाते हुए ) अरे! आप लोग और वो भी यहां!? इस जगह पे!? ।
तान्या: ( मुस्कुराते हुए ) क्यों हमे यहां आना अलाउड नहीं है क्या!? ।
सूझी: अरे! नहीं नहीं मेरा वो मतलब नहीं था ।
तान्या: अगर आप लोगो को आपत्ति ना हो तो हम लोग यहां बैठ सकते है!? क्योंकि सारे टेबल बुक्ड है। और वीआईपी एरिया भी तो!? ।
सूझी: या श्योर! ( अपनी जगह से उठते हद विकी के जिस सोफे पर बैठा था वहां पर बैठ जाती है।... ) प्लीज हेव ए सीट! ।
तान्या मुस्कुराते हुए बैठ जाती है लेकिन रेहान के चेहरे के भाव कुछ अलग थे... मानो जैसे वह खुद को गुस्सा करने से रोके रखा था। वह तान्या के बगल में दांत भीसते हुए बैठ जाता है। सूझी विकी की ओर देखते हुए उसके बालो से खेल रही थी। तभी रेहान एक नजर सूझी को सिर से पांव तक देखता है! जो स्कर्ट उसने पहनी थी वह देखकर मानो वह सूझी को जबरदस्ती उठाके कमरे में बंद करना चाहता था ताकि दुबारा ऐसी घटिया हरकत ना करे । तभी विक्रम का ध्यान रेहान पर जाता है जो की सूझी के पैरो की ओर घूरे ही जा रहा था! । विकी गुस्से में दांत भीसते हुए अपनी जैकेट उतारते हुए विकी... सूझी के पांव को ढक देता है। जिस वजह रेहान नजर उठाकर देखता है तो विकी भी उसे ही घूरे जा रहा था। तभी तान्या को समझ आता है.. की क्या चल रहा है वह धीरे से रेहान की बांह पकड़ते हुए... उसके कंधे पर सिर रख कर कहती है।

तान्या: कंट्रोल... कंट्रोल करो! अपने इमोशंस को! ।
रेहान: क्या करूं! सॉरी! ( वह आंखे बंद करके एक गहरी सांस लेता है। ) तो... ( मुस्कुराते हुए ) आप लोग तो काफी दफा.. आते जाते होंगे इस क्लब में नही!? ( ऐसा लग रहा था जैसे वह सवाल ना पूछते हुए... सूझी को ताना मार रहा हो! ) ।
विक्रम: बिलकुल.... अब जब सूझी जैसी क्राइम पार्टनर हो! तो ना चाहते हुए भी यह घसीट कर ले ही आती है। ( हंसते हुए )
सूझी: ( विकी को मुक्का मारते हुए ) हेय! मैं घसीट कर नहीं लाई सिर्फ जबरदस्ती बाथरूम में तैयार होने के लिए भेजा बस बाकी तुम अपनी मर्जी से आए हो मेरे साथ! ।
तान्या: ( यह सुनकर मानो! वह अंदर गुस्से में जल रही थी पर फिर भी उसने खुद को किसी तरह संभाला हुआ था। मुस्कुराते हुए ) लगता है आप दोनो काफी क्लोज है।
सूझी: क्लोज... अरे! ऐसा कोई शब्द ही नहीं बना जो हम दोनों के रीश्ते को एक हर्फ में बयान कर सके। हम दोनो बचपन से साथ में है, ऐसी कोई बात नहीं हैं जो हमने एक दूसरे से छुपाई हो! चाहे फिर अच्छी हो या बुरी! ये इडियट तो मेरा सपोर्टिंग सिस्टम है।
रेहान: ( अब गुस्सा उसके कंट्रोल के बाहर हो रहा था । ) वैसे सुजेन!? ।
सूझी: ( आश्चर्य में रेहान की ओर देखती है! उसके मुंह से अपना नाम सुनकर मानो! सूझी का दिल धड़क उठा था। सूझी खुद अपनी हार्ट बीट सुन पा रही थी। जवाब देते हुए उसकी आवाज में एक अलग भाव उमड़ रहा था।) जी!?।
रेहान: ( गुस्से में ) जिस रिश्ते के नाम नहीं होते आप अच्छी तरह जानते है उन्हे किस नाम से पुकारा जाता है। तान्या: ( रेहान का हाथ दबाते हुए उसे बात को बिगाड़ने से मना करती है। पर वह उसकी नहीं सुन रहा था । ) ।
विक्रम: मिस्टर. रेहान अब! हमे तो नहीं पता की आप किस बारे में बात कर रहे है! लेकिन हां अगर आप सूझी के लिए... ।
रेहान: ( हंसते हुए ) हाहाहाहाहा... क्या बात है विक्रम ठाकुर तुम ऐसी बात कहोगे! वह इंसान जो लड़की को कपड़े की तरह बदलता था.... वैसे अच्छा ही है... जैसे तुम वैसी ये.... ( वह अपनी बात पूरी करता उससे पहले ही विकी... उसके चेहरे पर एक मुक्का मारता है। )
विक्रम: ( रेहान का कॉलर पकड़ते हुए ) जबान संभाल कर आई बात समझ में... वो जैसी भी... जो भी हो.... तुम्हे उससे कोई लेना देना नहीं है! तो जिंदा रहना चाहते हो तो एक और गलत हर्फ मत निकालना ।
रेहान: ( विकी से अपना कॉलर छुड़वाते हुए.. ) हाहाहाहाहा... क्या बात है विक्रम ठाकुर को गुस्सा भी आता है.... । वो भी किस के लिए... सुजेन मल्होत्रा के लिए... ।
तान्या: रेहान चलो यहां से!? ।
रेहान: अरे! एक मिनिट यार! बात तो पूरी करने दो! । हां तो मिस्टर ठाकुर... किस हक से आप मिस... मल्होत्रा का पक्ष ले रहे है। क्योंकि आप अच्छी तरह से जानते है की इनके हर रात नए आशिक बदलते रहते हैं कही आप भी तो उन में से एक नहीं क्योंकि ऐसी लड़की के साथ कोई बेमतलब दोस्ती तो..... ( तभी रेहान के गाल पर थप्पड़ पड़ता है। )
सूझी: यू आर ए सच डिस्गस्टिंग पर्सन.... तुम मेरे और विकी के बारे में.... ।
विक्रम: ( सूझी की बात काटते हुए ) यू आर राइट रेहान!। सूझी और मेरा रीश्ता दोस्ती तक नहीं है। बल्कि उससे कहीं बढ़कर है । जो शायद तुम लोगो की सोच के परे है। और सबसे अहम बात सुजेन मेरी होने वाली फिआंसे और जल्द ही हम दोनो शादी करने वाले है। तो में यहीं एक्सपेक्ट करूंगा... की तुम विक्रम ठाकुर की होने वाली बीवी को रिस्पेक्ट के साथ बात करो क्योंकि अगर आइंदा ऐसी गलती हुई तो मै खुद नही जानता मैं क्या करूंगा । और हां कुछ ही दिनों में कार्ड घर पर मिल जाएगा... जरूर आना तुम दोनों।


इतना कहते ही विक्रम सूझी का हाथ पकड़कर... कल्ब में से निकल जाता है। विक्रम के अलावा तान्या,रेहान, और सूझी मानो अभी भी शोक में थे की विकी ने अभी अभी क्या बोल दिया।