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दर्द ए इश्क - 8

विकी मुस्कुराते हुए अपनी कार गेरेज में पार्क करता है । वह ऐसे ही सोचते सोचते घर के अंदर कब चला जाता है उसे पता ही नहीं चलता। वह बस अपने रूम की ओर जा ही रहा होता है की विकी मां उसे किचेन में से आवाज देती है। जिससे विकी जहां था वहीं खड़ा रह जाता है । विकी की मां उसे कहती हैं की -

प्रेमा: विक्रम...?
विकी: जी मां!!
प्रेमा: इतनी देर तक कहां गए थे । तुमने थोडी देर के लिए कहां था ।
विकी: मां वो!! एक पुराना दोस्त मिल गया था ।
प्रेमा: ( विकी जहां है वहा जाते हुए) अच्छा!!! ( विकी की ओर देखती है तो बस उसके चहेरे पे चोट के निशान दिखाई दे रहे थे ।) ( चिल्लाते हुए ) विकी.... ये क्या हो गया तुम्हे? इतनी सारी चोट कैसे लगी ? ।
विकी: ( विकी चोट लगी है उस बारे में भूल ही गया था । अपनी मां को संभालते हुए । ) मां!!! रिलेक्स मामूली खरोच है एक दो दिन में ठीक हो जाएगी ।
प्रेमा: मामूली!!! तुम्हारा दिमाग तो ठिकाने पे है । तुम्हारे चहेरे पे नीले निशान पड़ गए हैं । और तुम मुझे शांत रहने के लिए कह रहे हो ।
विकी: मां!! अगर मुझे ज्यादा चोट लगी होती तो मै ऐसे अपने पैरो पे चलके आ पाता नहीं ना । तो आप चिंता करना छोड़े और आप शांत रखे खुद को ।
प्रेमा: है भगवान!! क्या करू में इस लड़के का ? बेटा है कि खुद को मारने पे तुला है और बाप है कि उसे और बिगाड़ रहा है ।
विकी: मां!! तुम कहां की बात कहां ले जा रही हो? इतनी चोट में मरने वाली बात कहां आई? और इसमें पापा की गलती कैसे हुई । वो तो वहां पर थे भी नहीं ।
प्रेमा: हां बस यही तो करते हो तुम बाप बेटे। गलती भी तुम दोनों करो और फिर गलत मुझे ठहराओ । पता नहीं क्या गलती मैंने की थी । जो भगवान मुझे ऐसी सजा दे रहे है ।
विकी: बस भी करो यार मां!! मैंने जानबूझ कर तो खुद को नुकसान नहीं पहुंचाया।
प्रेमा: हां बस अब तो इस घर में बोलना भी जुर्म है । गलती करो ऊपर से कुछ कहो भी नहीं इन शहाबजादे को !!
विकी: ( मां को पीछे से गले लगाते हुए ) बस भी करो मां! जानता हूं में मुझे चोट लगी है इस लिए आप चिंता में ये सब बोल रही है । पर मैं सच में ठीक हूं और आइंदा एसा कुछ नहीं होगा । ( मुस्कुराते हुए अपनी मां के गाल पर किस करता है )।
प्रेमा: हां बस हर ऐसे ही कहकर मुझे मना लेते हो । विकी तुम समझते क्यों नहीं की अगर तुम्हे कुछ हो जाएगा तो मै कैसे जी पाऊंगी । ( विकी के सिर पर हाथ फेरते हुए )
विकी: मां वादा करता हूं की आगे ऐसे कभी नहीं होगा । अब आप बताए कि किस वजह से आपने मुझे रोका था ।
प्रेमा: अरे! तुम्हारी इस हरकत की वजह से तो में भूल ही गई । आज पापा ने तुम्हारे लिए वेलकम पार्टी रखी है । तो तुम्हे रेड्डी हो जाओ यह कहने के लिए रोका था ।
विकी: ठीक है । मै समय पर हो जाऊंगा । आप चिंता ना करे । ( यह कहते हुए अपने रूम की ओर जा ही रहा होता है की उसकी मां उसे कहती हैं ।)
प्रेमा: विकी बाकी सब तो ठीक है पर तुम्हारी पट्टी किसने की ?
विकी: ( मुस्कुराते हुए अपने हाथ में लगी पट्टी देखते हुए ) बस एक फ्रेंड है उसने । क्यों?
प्रेमा: ( मुस्कुराते हुए ) बस ऐसे ही पूछ रही हूं। वैसे तुम मुस्कुरा क्यों रहे हो?
विकी: क्या? मै कहां मुस्कुरा रहा हूं ?
प्रेमा: अच्छा देखो खुद को कब से बिना बात के मुस्कुरा रहे हो?
विकी: मां एसा कुछ नहीं है । आपको कुछ गलतफहमी हुई है ।
प्रेमा: मां हूं तुम्हारी विकी सारी दुनिया को बेवकूफ बना सकते हो मुझे नहीं ।
विकी: लेकिन मां कुछ है ही नहीं तो मै क्या बताऊं। और रही बात मुस्कुराने कि तो क्या मुस्कुरा नहीं सकता ।
प्रेमा: हां बिल्कुल मुस्कुरा सकते हो । लेकिन अगर कोई आम इंसान हो तो । और तुम विक्रम ठाकुर हो समझे । बेवजह तुम कुछ भी नहीं करते । तो अब बताओ ।
विकी: ( मुस्कुराते हुए ) फाईन!! वजह से मुस्कुराने कि लेकिन उस तरह नहीं जिस तरह से आप समझ रहे हो ।
प्रेमा: तुम्हे कैसे पता मै किस तरह सोच रही हूं ।
विकी: ( चिल्लाते हुए ) मां!!! आप मुझे परेशान करने पे क्यों तुले हैं ।
प्रेमा: ( हंसते हुए ) ठीक है फिर जब मन करे तब बता देना ।
विकी: ठीक है फिर में रेड्डी होने जा रहा हूं।
प्रेमा: ठीक है ।

विकी अपने रूम में चला जाता है । वह रूम में अलमारी में से कपड़े निकाल रहा होता है । की तभी उसका ध्यान आइने पर पड़ता है । वह उसके होठ के पास लगी पट्टी को देखता है । तो तान्या जिस तरह से उसको बैंडेज लगा रही थी वह सारा दृश्य उसकी आंखो के सामने एक एक करके आ रहा था । ना चाहते हुए भी उसके चहेरे पे एक मुस्कान आ जाती हैं । वह खुद सोच ही रहा होता की "क्या हो रहा है तुझे विकी ये पागलों जैसी हरकतें क्यों कर रहा है । एसा क्या है उस लड़की में जो तू गधे जैसी हरकतें कर रहा है । संभाल खुद को ।" यह कहते हुए वह अपनी शर्ट उतरता है तो अपने कंधे पर उसकी नज़र पड़ती हैं । फिर से उसकी यादें विकी के सामने चित्र बनके दिखाई दे रही थी । जिस वजह से वह अपने शर्ट को ज़मीन पर फेकता हैं । तभी कुछ आवाज आती है । वह शर्ट उठाकर देखता है तो उसके शर्ट पर एक झुमका फसा हुआ था । जिससे वह उठता है । झुमके को हाथ में लेते हुए वह उसे देख रहा होता है कि तान्या का चहेरा उसके सामने आता है । जिस वजह से वह अपने मुंह को हाथो से ढकते हुए । गुस्से में खुद को तान्या को याद करने से रोकता है। जिस वजह से वह सोचता है कि उसे हो क्या गया है । तभी विकी सोचता है ये सिर्फ वह किसी लड़की से मिला नहीं इस वजह से हो रहा है । इसलिए वह अपना फोन उठाता है और एक नम्बर लगाता है । विकी शैतानी मुस्कुराहट के साथ कहता है " सूझी कहां हो? बस याद आ रही थी तुम्हारी । बी रेड्डी में बीस मिनिट में वहा आ जाउगा । ठीक है बाय ।" यह कहते हुए वह कॉल काट देता है । और नहाने चले जाता है ।