Dard e ishq - 16 books and stories free download online pdf in Hindi

दर्द ए इश्क - 16

रेहान और तान्या खुद को मिले धोखे के गम में व्यस्त थे। तो इधर सूझी और विक्रम अपने गम में व्यस्त थे। सूझी को आज तक पता नहीं चला की उसकी क्या गलती थी जो रेहान ने बिना कुछ कहे रीश्ता तोड़ दिया। माना की मुझमें लाखों कमियां है लेकिन मेरा प्यार तो उसके लिए सच्चा था फिर क्यों...!?। उसने बिना कुछ कहे मुझसे मुंह मोड़ लिया। क्यों उसने मुझ पर उंगली उठाई जब की मैने उसके बाद किसी लड़के की ओर उंगली उठाकर भी नहीं देखा। शायद वह सिर्फ बाकियों की तरह जिस्म से मोहब्बत करता था और जब मन भर गया तो अब कुछ ना कुछ तो बहाना चाहिए ही था। सुजेन तू ही पागल थी जो चंद घड़ी की दिल्लगी को मोहब्बत समझ बैठी। रेहान भी बैठे बैठे उस दिन को याद कर रहा था जब उसे! सूझी और विक्रम की तस्वीरे मिली थी। दोनो एक दूसरे के इतने करीब देखकर मानो रेहान का दिल टूट गया था। क्योंकि शायद सूझी के लिए यह रीश्ता उतना मायने नहीं रखता था जितना! रेहान के लिए जरूरी था। उसका दिल आज भी! उसे भुला नहीं पाया। यह बात अलग है की! वह अपने भाव को कभी चेहरे पर नहीं आने देता लेकिन वह आज भी उसकी यादों को मिटा नहीं पाया था। वह आज भी जब कब सूझी सामने आती तो कभी कभी नजरे चुरा कर एक नजर देख लेता। दिन ब दिन सूझी का बदला हुआ रूप उसे और भी खल रहा था। मानो जैसे रेहान को धोखा नहीं बल्कि सूझी को धोखा मिला हो। जबकि रेहान को धोखा मिला है। वह आज भी समझ नहीं पाया की वाह ऐसे क्यों व्यवहार कर रही है। रोज पार्टी में जाना हररोज एक नए लड़के के साथ तस्वीरें अपलोड करना! नशे करना। क्या मिलता है उसे!? वह रेहान का टूटा हुआ दिल और भी तोड़ मरोड़ के चूर चूर कर रही थी। क्योंकि जिस तरह की हरकते वह कर रही थी उससे रेहान के दिल पर काफी असर पड़ रहा था। विक्रम भी स्तुति की याद में खोया हुआ था। जब उसने आखिरी सांस ली थी तब उसका जला हुआ शरीर देखकर मानो जैसे विकी की समझ नहीं पा रहा था की कैसे रिएक्ट करे! एक पल के लिए तो उसे लगा कि यह सब सबसे भयंकर सपना है! क्योंकि वह स्तुति को सपने में भी ऐसी हालत में नहीं देखना चाहता था। लेकिन जब स्तुति अपनी आखिरी सांसो के लिए जंग लड़ रही थी तब विकी का दिल मानो कोई खंजर से चीर रहा हो! ऐसा लग रहा था। उससे भी बड़ा जख्म उसके दिल पर तब लगा जब स्तुति ने आखिरी सांस लेते वक्त उसकी मोहब्बत पर सवाल उठाए! उसकी हालत का जिम्मेदार विकी को ठहराया और अपने आखिरी शब्द में जब उसने यह कहां की वह विकी से बेइंतहा नफरत करती है। मानो विकी के पांव के नीचे से जमीन खिसक गई थी। वह समझ नहीं पा रहा था की क्या करे क्योंकि गुस्सा तो उसे होना चाहिए क्योंकि वह स्तुति से उसकी और रेहान की बढ़ती नजदीकियों के बारे में बात करने आ रहा था । भले ही तस्वीर में साफ साफ दिख रहा था लेकिन उसे यकीन था कि स्तुति कभी भी ऐसा नहीं करेगी। जब तक वह स्तुति के मुंह से ना सुन ले वह इस बात पर यकीन नही। करेगा। लेकिन हालात ही कुछ ऐसे हो गए की वह दोनों मिल ही नहीं पाए। और जब अब मिले तो! सब कुछ तबाह हो चुका था। तान्या मानो अपना दिल संभालने की कोशिश में थी क्योंकि आज ना जाने उसे! कुछ ज्यादा ही अतीत की यादें सता रही थी। खास करके विकी का धोखा! । जब आखिरी सांस लेते वक्त उसने विकी से नफरत की बात कहीं थी तब विकी के चेहरे पर जो भाव थे वह किसी के दिल टूटने के भाव थे। वह अभी तक नहीं समझ पाई की क्यों उसके चेहरे पर ऐसे भाव क्यों थे!?। जब की दिल तो स्तुति का टूटा था। जब उसने सूजी और विकी की करीबी वाली तस्वीर देखी थी मानो! जैसे वह खुद यकीन नहीं कर पाई थी की विकी कभी ऐसा कर सकता है। और जब वह बात करने गई थी तो उल्टा विकी रेहान और उसके रीश्ते पर सवाल उठा रहा था। और बदले में इतना अंधा हो जाएगा की वह अपनी स्तुति को जो उसकी सबसे खास इंसान में से एक है उसे अपने हाथ से मारेगा!? । कैसे! कैसे कर सकता है ऐसा वो! और जब आखिरी वक्त पर उसे गलती मानने की बजाय ऐसे दिखा रहा था जैसे की वह टूट चुका है। कोई इतना नाटक कैसे कर सकता है।


चारो मानो इतने उलझ गए थे की मानो उन्हें अभी तक समझ ही नहीं आया की यह चारों निर्दोष है। इन में से किसीको भी नहीं पता की किसकी गलती है। सब यहीं सोच रहे है की वह एक दूसरे के गुनहगार है। जब की कोई था जो इन सबका जिम्मेदार था । जिसकी वजह से इन सबकी ये हालत हुई है। बिलकुल अनजान थे की कोई हैं जो इन लोगों की जिंदगी के साथ खेल रहा है। लेकिन शायद ही वह लोग जान पाएंगे। जिस तरह से उनकी जिंदगी उलझी हुई है। उसके सुलझने के किसी भी तरह के आसार नहीं दिख रहे थे। क्योंकि वक्त के साथ साथ उनकी दूरियां और भी बढ़ रही थी। और बढ़ती दूरियों के साथ गलतफहमियां भी। वो गलतफहमियां जो नफरत का रूप ले चुकी है। शायद इतनी नफरत जो इन लोगो के प्यार भी मिटा ना सके। या फिर यूं कहे प्यार बचा ही नहीं। बस एक दूसरे को चौंट पहुंचाना! एक दूसरे को नीचा दिखाना! खेल खेलना! इन सबमें शायद वे लोग अपनी दिल की बात सुनना भूल ही गए है। वह दिल जो अभी भी एक दूसरे को देखने के लिए तड़प रहा है। जो सच नहीं जानता लेकिन सच्चाई जानता है की जो प्यार था वो सच्चा था। शायद इसीलिए इन लोगो के दिल में बैचेनी है। जो चाह कर भी उसे दूर नहीं कर पा रहे । शायद यह बैचेनी प्यार से ही दूर होगी! या नफरत से यह तो आगे इन लोगो पर ही निर्भर करता है। या फिर उस इंसान पर जो इन सभी की दुर्गति का जिम्मेदार है। देखते है अब आगे क्या मोड़ लेता ये दर्द जो इन्हें इश्क में मिला है।