Dard e Ishq - 42 books and stories free download online pdf in Hindi

दर्द ए इश्क - 42

रेहान सुजैन को किस कर रहा था । शुरुआत तो उसने हड़बड़ी में की थी लेकिन फिर उसके दिल में दबे सभी भाव उमड़ रहे थे । गुस्सा,प्यार,नफरत,धोखा,दर्द और पता नहीं अनगिनत भाव एक साथ उमड़ रहे थे। वह सुजैन को इस तरह से किस कर रहा था जैसे मानो किसी प्रेमी की आखिरी मुलाकात हो । सुजैन उसकी पकड़ में से छुड़वाने की पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन रेहान ने उसके हाथ कसकर पकड़ा हुआ था और ना चाहते हुए भी खुद को बेबस महसूस कर रही थी । लेकिन फिर उसका दिल जोरो से धड़क भी रहा था। शायद डर की वजह से या फिर कोई और भाव भी उमड़ रहा था जो उसे समझ नहीं आ रहा था । कुछ क्षण बाद जब रेहान और सुजैन को सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो रेहान ना चाहते हुए भी सुजैन से थोड़ी दूरी बनाते हुए कहता है।

रेहान: एक और गलती करो! और यहां पर क्या क्या होगा यह तुम सपने में भी नहीं सोच सकती ( कमर से खींचकर अपने नजदीक लाता हैं । ) ।
सूझी: ( गुस्से में ) ब***** म***** हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी मुझे छूने की!? जानते भी हो क्या हाल करुंगी तुम्हारा!? एक बार मेरे हाथ को छोड़ो! फिर बताती हूं! किसका हाल क्या होगा!? ।
रेहान: ( मुस्कुराते हुए सुजैन के चेहरे पर हाथ फेरते हुए उसके होठ तक ले जाता है । फिर उसके होठ को छूते हुए कहता हैं । ) तुम्हे पता भी है! अभी मैं खुद को कितना रोककर रखा हूं! पर ( होठ पर उंगली फेरते हुए ) अगर तुम ऐसे ही करती रही तो! आई डोंट थिंग सो! ( सुजैन के कान में धीरे से कहते हुए ) बात इतनी जल्दी खत्म होगी! वो सबकुछ होगा जिसके बारे में तुम अभी सोचकर डर रही हो! । तो बेहतर ही होगा अपने तेवर बदल लो ।
सूझी: ( रेहान की पकड़ में झटपटाते हुए ) आई फ्किंग डोंट केयर.....! तुम्हे लगता है तुम्हारी इन धमकियों से डर जाऊंगी! तुम्हारे जैसे ह*** को ठीक करना आता है मुझे! । बस एक बार हाथ छोड़ कर देखो!? बराबरी का मुकाबला करो! तब मानू की तुम मर्द हो बाकी तो हरकते बुजदिल वाली है।
रेहान: ( मुस्कुराकर हाथ को सुजेन के होठ पर से हटाते हुए धीरे धीरे उसकी गर्दन तक ले जाता है। ) यू नो वोट .. मैं जानता हूं! तुम यह सब उकसाने के लिए कह रही हो! ताकि तुम्हारा सो कॉल्ड फियांसे आ जाए! और तुम ( सूझी की ओर देखता है तो उसके रंग उड़ गया था! ) हाहाहाहाहा... और रही बात मर्द होने की तो ( सूझी को गर्दन से पकड़कर करीब लाता है। धीरे से ) अभी साबित कर देते है! क्या कहना है तुम्हारा!? ।
सूझी: ( डर को छुपाते हुए! मन में: विकी कहां रह गए यार जल्दी से आओ! प्लीज! प्लीज जल्दी आओ । ) ।
रेहान: क्या! हुआ!? अब तुम्हारी जबान को क्या लकवा मार गया!? अभी थोड़ी देर पहले तो कैंची की तरह चल रही थी । या फिर लेट मी गेस! तुम अपने उस फियानसे का इंतजार कर रही थी । पर वेरी बेड! वो जल्दी नहीं आने वाला क्योंकि मेरा साथी उसे व्यस्त रखने वाला है।
सूझी: ( रेहान की देखते हुए ) क्या मतलब है तुम्हारा!? और हो कौन तुम क्या चाहते हो!? देखो अगर पैसों के लिए यह सब कर रहे हो! तो बेड पर मेरा पर्स पड़ा है उसमे कार्ड केश सबकुछ है।
रेहान: ( हंसते हुए ) नहीं! डार्लिंग! भला पैसे की क्या जरूरत!? ।
सूझी: तो फिर!? ।
रेहान: सोचो!? ( चेहरा बिल्कुल सुजेन के करीब लाते हुए! ) ।
सूझी: ( गले को थूक से तर करते हुए सोचने लगती है! की अचानक वह रेहान की ओर देखती है। ) नो! नो! ।
रेहान: ( श्यातान की तरह हंसते हुए ) यस बेबी यस! ।
सूझी: ( झटपटाते हुए दरवाजे की ओर जाने की कोशिश करती है। लेकिन रेहान उसे अपनी जगह से हिलने नहीं दे रहा था। ) विकी...! विकी.....! ( चिल्ला रही थी । ) ।
रेहान: तुतुतुतु..... सो सेड कोई भी नहीं है तुम्हारी बात सुनने वाला ।
सूझी: ( आंसू को रोकते हुए ) प्लीज! प्लीज डोंट डू घिस! जिसने भी तुम्हें ये करने को कहां है! मैं.. मैं.... उससे दो गुना! ज्यादा पैसे दूंगी ।
रेहान: ( मुस्कुराते हुए ) सॉरी स्वीटहार्ट! पर जान ही चाहिए! हमे! पैसे नहीं।
सूझी: ( सोचते हुए ) अगर.... अगर... जान हीं चाहिए तो फिर.... ।
रेहान: तो फिर! ।
सूझी: तो फिर मेरी ले लो!?।
रेहान: ( सूझी का चेहरा कसकर पकड़ते हुए ) जानती भी हो क्या बॉल रही हो!? ( गुस्से में ) इतना ज्यादा चाहती हो क्या उसे!? ।
सूझी: ( दर्द के मारे कराहते हुए ) प्यार....! तो बहुत छोटा शब्द है! वो मेरे लिए क्या मायने रखता है! सिर्फ मैं ही जानती हूं! ।
रेहान: ( और कसकर पकड़ते हुए ) बिल्कुल घटिया चॉइस है! पर तुमसे और एक्सपेक्ट भी क्या करू! धोखेबाज को धोखेबाज ही पसंद आते है! ।
सूझी: ( दर्द से कराहती है।) दर्द हो रहा है! छोड़ो! मुझे।
रेहान: ( गुस्से में ) कभी भी नहीं! ।
सूझी: ( समझ नहीं आ रहा था यह आदमी क्या बॉल रहा था। पर ऐसा लग रहा था वह कंट्रोल में नहीं था इसलिए जल्दी से पीछे पकड़े हाथ को! अपने मूव्स से छुड़वा लेती है। और एक हाथ मारते हुए! रेहान के हाथ को चेहरे से दूर कर देती है। सीधा एक थप्पड़ रेहान के चेहरे पर मार देती है। जिसकी आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी। ) ।
रेहान: ( सबकुछ एक जटके में हुआ की उसे पता ही नही चला!। )
सूझी: नाऊ! अब खेलते है खेल ( सूझी लहंगे को जल्दी से खोलते हुए जमीन पर गिरा देती है। ) ।
रेहान: ( सटाक से दूसरी ओर मुंह फेर लेता है। उसे समझ नहीं आ रहा था क्या करे!? वह इस तरह की परिस्थिति के लिए तैयार नहीं था। ) ।
सूझी: अरे! वाह तुम जैसे हैवान में भी शर्म लज्जा है! क्या बात है! पर डोंट वरी मैं इतनी गिरी हुई नहीं हू की तुम जैसे आदमी के साथ कुछ करु! मेरे अपने स्टैंडर्ड है।
रेहान: ( गुस्से में सूझी की ओर देखता है! तो वह अब सिर्फ चोली और शॉर्ट्स में थी! उसकी मखमली टांगे बिल्कुल मानो रेहान का काम और भी बिगाड़ रही थी। क्योंकि ज्यादातर सूझी को टॉम बॉय के लुक में ही देखा था। या फिर पार्टी वाले लुक में पर यह लुक में वह बेहद ही आकर्षित लग रही थी या फिर रेहान ने इतने समय से उसे देखा नहीं इसलिए । गला साफ करते हुए ) डोंट वरी! मेरी पसंद भी ( सूझी की ओर सिर से पैर तक देखते हुए ) इतनी बकवास नहीं है।
सूझी: तुम्हारी पसंद बनना भी कौन चाहता है और बहुत हो गई बकवास!। नाऊ ( कराटे की पोजिशन में आते हुए ) फाइट करे!? ।
रेहान: ( मुस्कुराते हुए ) तुम्हे लगता है! मैं यहां ये खेल खेलने आया हूं!? ।
सूझी: ( गुस्से में ) बकवास बंध करो! ।
रेहान: अगर तुम विकी को चोंट पहुंचाना चाहती हो! तो मुझ से लड़ाई कर सकती हो।
सूझी: ( विकी का नाम सुनते ही उसके हाथ पैर ठंडे पड़ गए थे। सूझी को समझ नहीं आ रहा था की सारी दुनिया उसे चोंट पहुंचाने पे क्यों तुली है। वह पहले ही बहुत कुछ देख चुका है। )
रेहान: ( कदम बढ़ाते हुए ) सोचो...! विकी का बेजान शरीर! खून से तरबतर पड़ी हुई लाश! वाह! क्या नजारा होगा वह ।
सूझी: ( कान को बंध कर लेती हैं । ) प्लीज प्लीज! डोंट हर्ट हिम! ( रोते हुए ) उसने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा!? । वो...! वो....! ।
रेहान: हाहाहाहाहा....! क्या बिगाड़ा है मेरा!? ( सूझी की ओर घूरते हुए ) नफरत.... नफरत करता हूं! उससे ।
सूझी: ( चिल्लाते हुए ) पर क्यों!? ना तो उसने किसी को कोई चौंट पहुंचाई है और ना ही उसने ऐसा कोई काम किया है जो किसी को हर्ट करे! फिर क्यों!? तुम सब उसकी जान के पीछे क्यों पड़े हो!? ।
रेहान: काफी अंधेरे में हो! जानती नहीं क्या उसने खुद अपनी लवर को....! ।
सूझी: ( गुस्से में ) शट अप....! जस्ट शट अप एक और शब्द नहीं सुनना चाहती! ।
रेहान: हां वैसे भी सच कड़वा ही होता है! हर किसी के बस की बात नहीं! ( सूझी के सामने खड़े होते हुए ) ।
सूझी: सच माय फुट...! तू....
रेहान: ( सुजेन की बात कांटते हुए! कान में धीरे से ) नाऊ लिस्टन! एक तरीका है तुम उसे बचा सकती हो!? ।
सूझी: ( रेहान की ओर देखते हुए ) क्या!? ।
रेहान: ( कान को किस करते हुए काटता है! जिससे सूझी सहम जाती है। ) शादी!? ।
सूझी: शादी!? ।
रेहान: ( सिर को हां में हिलाते हुए! सूझी की गर्दन पर किस करने लगता है! जिससे सूझी के पूरे बदन में मानो सिरहन सी दौड़ने लगती है। ) ।
सूझी: ( धक्का देते हुए ) शादी.... ( रेहान फिर से उसकी गर्दन पर किस करने लगता है। वह विकी को बचाने के लिए यह हैरेसमेंट को नजरंदाज कर रही थी। ) तो हम वैसे भी करने ..... करने वाले है।
रेहान: ( सूझी की बात सुनकर वह रुक जाता है। और उसकी ओर देखते हुए! ।) मैं तुम्हारी और उस घटिया इंसान की बात नहीं कर रहा!? ।
सूझी: ( रेहान की देखती है तो वह उसकी ओर ही देख रहा था । ) क्या मतलब है तुम्हारा!? ।
रेहान: ( मुस्कुराते हुए ) तुम्हारी और मेरी शादी! ।
सूझी: ( आंखे बड़ी हो जाती है। ) क्या बकवास कर रहे हो!? ( रेहान को धक्का देते हुए दूर करती है। ) दिमाग तो ठिकाने पर है!? ।
रेहान: मेरा तो ठिकाने पर है! पर शायद तुम्हारा नहीं!? मेरे अलावा और कोई भी ऑप्शन नहीं है तुम्हारे पास!।
सूझी: मैं मर जाऊं! लेकिन तुम जैसे लीचड़ आदमी के साथ शादी तो दूर की बात दोस्ती भी ना रखूं! ।
रेहान: ( गुस्से में ) सोच लो! तुम्हारे! सो कॉल्ड मंगेतर की जान का सवाल हैं ।
सूझी: ( विकी के बारे में सोचते ही उसका दिल बैठ जाता है। ) विकी....! ।
रेहान: ( विकी का नाम सुनते ही सुजेन के चेहरे पर जो भाव आ रहे थे! उसे देखकर विकी से और भी नफरत कर रहा था ) तो!? ।

तभी आवाज आती है! सुजैन! तुम अभी तक बाहर नहीं आई!? क्या हुआ सब कुछ ठीक तो है ना!? । दरवाजा खटखटाते हुए! सूझी अगर तुम मजाक कर रही हो तो बस अब! मुझे फिक्र हो रही है! प्लीज दरवाजा खोलो! ।
सूझी का ध्यान दरवाजे पर था और रेहान का सूझी पर । रेहान दांत भींचते हुए कहता है। " सोच लो और मैं वापस आऊंगा! खुद को बचाओगी या इसे! । फैसला तुम्हारा है। सूझी पास खड़े रहते हुए कहता है! इंतजार करुंगा तुम्हारा बड़ी बेसब्री से! और गाल पर किस करके वह खिड़की से कूदते हुए चला जाता है।


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