Dard e ishq - 27 books and stories free download online pdf in Hindi

दर्द ए इश्क - 27

विक्रम गार्डन में टहलते हुए सिगारेट पी रहा था। अभी थोड़ी देर पहले जो भी शब्द उसने कमरे में बोले वह उसके दिल में उथल पुथल मचा रहे थे। मानो जैसे उसका दिल बैचेन सा हो गया था । पर वह जानता था की अगर आगे बढ़ना है तो अतीत तो भूलना ही होगा। विकी का मन मानो इस बात से साफ इंकार कर रहा था। जैसे मानो उसका दिल इस बात पे बगावत कर रहा था की वह ऐसा सोच भी कैसे सकता है.... स्तुति को भुलाने के बारे में.! । जैसे उसका दिल खुद के शरीर का अंग ना होकर मानो स्तुति का हो! । विकी सिगरेट को पैर से कुचलते हुए बस अपनी सोच में ही डूबा था की तभी आवाज आती है ।

तान्या: किस सोच में डूबे हो!? ।
विकी: ( देखता है तो तान्या थी! ) तुम... तुम यहां क्या कर रही हो!? ।
तान्या: ( मुस्कुराते हुए विकी के पास आते हुए ) वो... रेहान और तुम्हारे डेड कही जा रहे है! शायद मीटिंग! और मैं घर पर अकेली थी सो तुम्हारी मॉम ने कहां जब तक रेहान ना आ जाए मैं यहीं रुक जाऊं! ।
विकी: ( गहरी सांस लेते हुए सिर को हां में हिलाते हुए ) बस! शादी के बारे में सोच रहा हूं! । ( तान्या के भाव देखने के लिए उसकी ओर देखते हुए कहता है। )।
तान्या: ( दुःख के भाव को चेहरे पर आने से छुपाते हुए ) शादी!? ।
विकी: मेरी और सूझी की.... ! । ( तान्या के चेहरे को पढ़ने की कोशिश करता है! पर कोई प्रतिभाव नहीं मिलता! सिवाय उसकी आंखो के जो कुछ बयान कर रही थी पर विकी को समझ नहीं आ रहा था क्या!? ।) ।
तान्या: ओहह! वैसे बुरा ना मानो तो एक बात पूछूं!? ।
विकी: हम्म्म! ।
तान्या: तुम दोनों इतने साल से साथ हो तो फिर पहले ही क्यों शादी नहीं की आई मीन इतनी देर क्यों लगा दी!? ।
विकी: ( हंसते हुए ) तुम्हे किसने कहां हम दोनो साथ है!? ।
तान्या: रेहान! ।
विकी: आई एम सॉरी पर तुम्हारा फियांसे एक नंबर का गधा इंसान है! और हम दोनो सिर्फ दोस्त ही थे! दोस्ती के अलावा हम दोनो के बीच कभी कुछ था ही नहीं.... और...! । ( हिचकिचाते हुए ) ।
तान्या: और!? ।
विकी: नथिंग! बस कुछ और वजह थी! जिससे मैं किसी भी लड़की को आंख उठाकर भी नहीं देख पाया ।
तान्या: ( अपने भाव को छुपाते हुए ) मतलब!? ।
विकी: मतलब यहीं की कोई था खास जिस वजह से में किसी को अहमियत नहीं दे पाया! और तुम क्यों ये सीआईडी बन रही हो!? इतने सवाल!? ।
तान्या: ( हंसते हुए ) अरे! ऐसा कुछ भी नहीं है वो तो स्टोरी काफी अच्छी लग रही थी इसलिए! ।
विकी: ये कोई स्टोरी नहीं है माथुर! हकीकत है जो मैं बदल नहीं सकता ।
तान्या: कभी कभी हकीकत कहानी से भी ज्यादा रोमांचक होती है.! ।
विकी: ( मुस्कुराते हुए ) तुम्हे हर बार मेरी बात का उल्टा जवाब देके क्या मिलता है!? ।
तान्या: ऐसा कुछ नहीं है! बस तुम्हारा और मेरा नजरिया अलग है!। ( मन में: और मंजिल भी पर रास्ता एक ही है विक्रम ठाकुर... तुम्हारी बर्बादी ।) ।
विकी: ( गहरी सांसे लेते हुए ) नजरिया नहीं हम दोनो ही अलग है! कहीं भी कोई कनेक्शन नहीं है!। इसीलिए मैं कभी भी लगाव या दोस्ती जैसी भावना महसूस नहीं कर पाया!? पहले पहले लगा की तुम किसी से मिलती जुलती हो पर फिर पता चला कोई भी उसके जैसा नहीं बन सकता ।
तान्या: ( हक्का बक्का रहते हुए विकी की बाते समझने की कोशिश करती है। ) क्या मतलब! ।
विकी: मतलब यहीं जो तुम समझ रही हो!? ।
तान्या: हन!? ।
विकी: ( तान्या के करीब जाते हुए ) पहले मुझे लगा कि शायद मैं तुम्हारी तरफ आकर्षित हुआ हूं! और मुझे लगा कि शायद एक रात की.... ।
तान्या: ( विकी बात पूरी करे उससे पहले ही तान्या उसे थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाती है! । ) हाऊ डेर यू *किंग बास्टार्ड... घटिया इंसान ।
विकी: ( तान्या के हाथ को थामते हुए दोनो हाथ पीछे की ओर कसके पकड़ते हुए अपने करीब लाता है। ) व्हाट.. अब मैं सच ही बोल रहा हूं! और वैसे भी तुम भी यही चाहती थी! अब इतना भी बेवकूफ नहीं हूं मैं माथुर! । तुम्हारा मिलना... हर एक जगह पहले जंगल... फिर पार्टी.... फिर रास्ते पे और क्लब में और पता नहीं क्या क्या किया! तुमने मेरी अटेंशन के लिए! ( तान्या के चेहरे से बाल को हटाते हुए ) मैं इतना भी शरीफ नहीं हूं माथुर की कोई भी मुझे चु*या बना के चला जाए! अब मुझे भी मजा आ रहा था तो सोचा चलो खेलते है ।
तान्या: ( गुस्से में तिलमिलाते हुए ) हाथ! छोड़ कमिने! हिम्मत भी कैसे हुई तुम्हारी मुझे छूने की! घटिया! गंदी नाली के! हाथ छोड़ फिर बताती हूं! ।
विकी: ( मुस्कुराते हुए ) अरे! अरे! अभी तो मैने कुछ किया भी नहीं! ( चेहरा तान्या के करीब ले जाते हुए) और इतना भड़क रही हो!? ( कान के पास धीरे से ) अगर मैं चाहूं तो अभी वो हश्र कर सकता हूं जो तुमने कभी सोचा भी नहीं होगा! तो तुम कमीनेपंती की तो बात ही ना करो।
तान्या: ( गुस्से और डर की वजह से उसका गला सुख रहा था! दिल की धड़कने बढ़ती ही जा रही थी। ) तुम... इतने गल्लीज... निकलोगे ये मैंने सोचा ही नहीं था ।
विकी: अभी तो तुमने देखा ही कहां है की मैं क्या हूं और क्या नहीं! लेकिन अगर तुमने किसी भी तरह से या तुम्हारे उस सो कॉल्ड फियासे ने कुछ भी उल्टा सीधा करने की कोशिश की घेन स्वीटहार्ट.... ( होठ पर अंगूठा फेरते हुए ..... ) तुम वो सबकुछ भी जानोगी मेरे बारे में जो तुम नहीं जानना चाहती! एंड बिलीव मी! मुझे बड़ा मजा आएगा! ।
तान्या: ( घिन्न के साथ विकी की ओर देखे जा रही थी... मानो जैसे ही विकी उसके हाथ छोड़ेगा वह अभी के अभी उसे यही जिंदा गाड़ देना चाहती है। ) तुम दुनिया से सबसे घटिया इंसान हो जिसे मैं जानती हूं... और जिसे मैं नफरत करती हूं ।
विकी: ( गुस्से में दांत को भीसते हुए ) आई एम डार्लिंग! पर तुम चाहो तो मैं अपनी घटियापन एक डेमो दे सकता हूं! देखना चाहोगी!? । ( तान्या के चेहरे के बिलकुल करीब जाते हुए! सिर्फ होठ टच करने की ही देरी थी। ) ।
तान्या: ( चेहरे पे अब डर साफ साफ जलक रहा था! वह जानती थी की विकी किसी भी हद तक जा सकता है अगर वह किसी से दुश्मनी पे अड़ जाए तो। ) ।
विकी: ( स्तुति की गर्म सांसे उसके चेहरे पर महसूस हो रही थी । खुद को कंट्रोल करते हुए ) समझ में आया मैं क्या कह रहा हूं!? मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है! पर तुम्हारे पास तो है ना! अगर मैं चाहूं तो एक फोन और वहां रेहान बूम..... सीधा ऊपर.... हाहाहाहा.... ।
तान्या: ( बौखलाते हुए ) क्या चाहिए तुम्हे!? ।
विकी: ( सीधा तान्या की आंखों में देखते हुए! एक पल के लिए मानो उसका दिल में कुछ हुआ ऐसा लगा हो ऐसा लगा पर फिर उसको इग्नोर करते हुए। ) अब आई ना काम की बात! तो सुनो! मुझे तुम और रेहान मेरे या सुजेन के आसपास तो क्या मिलो दूर तक भी नजर नहीं आने चाहिए! खास कर तुम्हारा रेहान! अगर वह नजर आया आई स्वेर... वो अपनी आंखे फिर नहीं खोल पाएगा! । आई बात समझ में! ।
तान्या: ( सिर को हां में हिलाते हुए ... सिर जुका लेती है क्योंकि वह खुद को कमजोर नहीं दिखाना चाहती थी। ) ।
विकी: ( तान्या से दूर जाते हुए ) ठीक है फिर! आई हॉप दूसरी बार मुझे समझना ना पड़े! बिकोज तब तो खेल और भी बड़ा होगा! और कीमत भी बड़ी होगी! । खैर! गुड नाईट... स्वीट ड्रीम.... ( मुस्कुराते हुए वह चला जाता है! जैसे कुछ हुआ ही नहीं। )।

तान्या वहीं खड़े खड़े दिमाग और दिल को समझाने की कोशिश करती है की अभी क्या हुआ!? और क्यों हुआ! ? । उसे समझ नहीं आ रहा था की अचानक विकी ऐसे नफरत भरे लहजे में क्यों बात कर रहा है। हा वह पसंद नहीं करता लेकिन ये बदलाव कुछ अलग ही है। वह अपने कापते हुए हाथो से ड्रेस को पकड़ लेती है ताकी खुद को संभाल सके ।