मर्डर मिस्ट्री - Novels
by Vismay
in
Hindi Classic Stories
" लगातार बज रहीं टेलीफोन की घंटी की वजह से हवलदार मातरे की नींद खुल गई." ...Read More उसने नींद में ही फोन उठा लिया और अपने कान पर रख दिया ,और उबासी लेते हुए बोला कि हां पुलिस स्टेशन से बोल रहा हूँ बोलो, क्या काम है? सामने से किसी की डरी हुई आवाज आ रही थी . डर उसकी आवाज में साफ झलक रहा था. सामने से आ रही आवाज ने हवलदार को कुछ बताया फिर हवलदार
लगातार बज रहीं टेलीफोन की घंटी की वजह से हवलदार मातरे की नींद खुल गई. ...Read More उसने नींद में ही फोन उठा लिया और अपने कान पर रख दिया ,और उबासी लेते हुए बोला कि हां पुलिस स्टेशन से बोल रहा हूँ बोलो, क्या काम है? सामने से किसी की डरी हुई आवाज आ रही थी . डर उसकी आवाज में साफ झलक रहा था. सामने से आ रही आवाज ने हवलदार को कुछ बताया फिर हवलदार
जैसे की किसका खून हुआ है? किसने किया है ? और न जाने क्या कया.. समीर मिडीया वालो को समीर मीडिया वाले को टालता हुआ क्राइम सीन पर पहुंचा.वहां लाश की सड़ी हुई बदबू और एसिड की मिली ...Read Moreगंध आ रही थी. उसकी आंखों के सामने जो नजारा था वह बड़े बड़े लोगों के दिल दहला सकता था. लाश को देखकर सबसे पहले मिश्रा जी बाहर की तरफ दौड़े , समीरने सब को देखते हुए यह कहा कि अब जिसको भी उल्टी आ रही है वह बाहर जा सकता है और जब उसे अच्छा लगे कि वह ठीक है
सर तिवारी जी का किसी के साथ अफेयर था, दोनो उस दिन रोमांटिक मूड में रहे होंगे. तिवारी जी खुरशी से बंघे थे मतलब वो लोग कुछ नया और गंदा try करने वाले थे .जिससे अफेयर था वो अपने ...Read Moreसे दीवार पर आई लव यू लिख रहा था. दोनों बेहद खुश और हस रहे होंगे तभी तिवारी जी ने एक गलती कर दी अैसी बात बोल दी जो सामने वाला सुनना नहीं चाहता था. बस कयां फिर सामने वाले को तिवारी जी पे बहुत गुस्सा आया और उसी गुस्से में उसने तिवारी जी का कत्ल कर दिया. आइ अधूरा
मातरे जी : में कुछ कहूं सर समीर :हां बोलों मेरे Sherlock मातरे जी : माहौल को थोडा हलका बनाते हुए कहां की सर खूनी ने तिवारी जी की उंगली काटकर.......... (इतना बोलकर मातरे जी बाकी सब की तरफ ...Read Moreलगे ,बाकी सब उनकी बात तवजजो से सुन रहे हैं ये confirm करके फिर आगे बोले) कटी हुइ उंगली उनके पीछवाडे में डाल दी होगी. वैसे भी खूनी सनकी आदमी था कुछ भी कर सकता हैं. बाकी सब मातरे जी की बात पर हस पड़े. सब को पता था मातरे जी किसी की feeling को hurt करना नहीं चाहते बस माहौल को
समीर ने तीनों के बारे में गौर से सोचा। फ़िर अमन और मनोहर शर्मा को पूछताछ के लिए बुलाने का फैसला किया। क्यू की वॉचमेन तो पहेले से ही फरार था। समीर जानता था की पूछताछ के लिए मनोहर ...Read Moreनहीं आएगा, अपने बाप के पावर की वजह से । फ़िर भी एक बार बुलाने की कोशिश करने में कुछ बुरा भी नहीं था ।समीर ने पुलिस स्टेशन से हवलदार को भेजा उन दोनों को लाने के लिए। फ़िर समीर सोचने लगा खूनी के अगले शिकार के बारे में जिसका नाम “H”से शुरू होता हैं।बोपल सोसायटी में “H” से शुरू
समीर ने सिगरेट सुलगा लिया और मनोहर से मिलने के लिए निकल पड़ा रेट्रो नाइट क्लब की तरफ़। रेट्रो नाइट क्लब इस शहर का सबसे महंगा नाइट क्लब था । बड़े बड़े लोग वहां पर आते थे । शहर ...Read Moreइस हिस्से में अभी बहुत चहल पहल थी । आसपास बहोत लोग थे जो क्लब में जाने के लिए बहुत उतावले हो रहे थे। समीर भी बहार ही खड़ा था क्लब के आेर कुछ सोच रहा था । अपने ख़यालो को झटक के वो क्लब के अंदर जाने लगा । दरवाज़े में घुसते ही समीर को बॉडीगार्ड ने रोक लिया और
मातरे जी कंप्यूटर रूम से भागते हुए समीर के पास आए और कहां की कंप्यूटर कीबोर्ड से इस बार मिसिंग लेटर ‘ S ’ है । समीर को अंदाज़ा हो गया था कि मातरे जी को किस बात का ...Read Moreहैं फिर भी उसने पूछा “इतना डर क्यू रहे हैं मातरे जी ”? “ सर आप भी तो बोपल में रहते हो आेर आपका नाम भी s से शुरू होता हैं ” मातरे जी ने जवाब में कहां ।सब की आंखों में समीर के लिए फ़िक्र थी पर समीर के होठों पर हल्की फुल्की मुस्कान तैर रही थी और वो सोच रहा
समीर ने नाश्ता छोड़कर मिश्रा जी को उसके फ़ोन पर आयी आखिरी कॉल की लोकेशन ढूंढने को बोल दिया । सीरियल किलर ने अपना अगला शिकार दबोच लिया था अब उसका शिकार होगा या वो बच जाएगा इसका कुछ ...Read Moreनहीं था । समीर को तो ये भी नहीं पता था वो लड़की कोन है । समीर टेंशन में पूरे कमरे में चहलकदमी करने लगता है । थोड़ी ही देर में मिश्रा जी समीर के फ़ोन पर आए कोल की लोकेशन ढूंढ़ लेते हैं । समीर आेर बाक़ी सब पुलिस थाने के बाहर निकलते हैं । मातरे जी पुलिस ज़िप
मनोहर शर्मा को गिरफ्तार किए हुए हफ्ते से भी ऊपर हो गया था । उससे बहुत बार कड़क पूछताछ की गई पर ना उसने अपना जुर्म कबूला ना उसने ये बताया कि वॉचमेन कहां है । वॉचमेन को ढूंढ़ना ...Read Moreनामुमकिन सा लगने लगा था । पुलिसने पूरा शहर छान मारा पर अभी तक कुछ मिला नहीं था । वॉचमेन के ना मिलने पर मीडिया वालों ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी पुलिस पर कीचड़ उछालने की । वॉचमेन को ढूंढ़ ने कि mystery ऐसी उलझी थी कि सुलझने का नाम ही नहीं ले रही थी ।पुलिस को मिले सबूतों
“ तुम्हें क्या मालूम मुझे कितना मजा आया था उन तीनों की जान लेने में । तड़पा तड़पा कर मारा था । वैसे तो वो मुझे अच्छे से जानते थे इसीलिए किसी के घर में घुसने में कोई दिक्कत ...Read Moreहुई । मौक़ा मिलते ही में उन्हें बेहोश कर देती फ़िर कुर्सी से बांध देती, आेर मुंह में कपड़ा ठूस देती । वो जब होश में आते तो ना थोड़ा भी हिल पाते , ना हीं कुछ बोल पाते । फ़िर मैं धीरे धीरे उनके चेहरे पर एसिड डालती तब तक , जब तक कि उनके चेहरे की हड्डियां नहीं