MURDER MYSTERY - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

मर्डर मिस्ट्री - 2

जैसे की किसका खून हुआ है? किसने किया है ? और न जाने क्या कया.. समीर मिडीया वालो को समीर मीडिया वाले को टालता हुआ क्राइम सीन पर पहुंचा.वहां लाश की सड़ी हुई बदबू और एसिड की मिली जुली गंध आ रही थी. उसकी आंखों के सामने जो नजारा था वह बड़े बड़े लोगों के दिल दहला सकता था. लाश को देखकर सबसे पहले मिश्रा जी बाहर की तरफ दौड़े , समीरने सब को देखते हुए यह कहा कि अब जिसको भी उल्टी आ रही है वह बाहर जा सकता है और जब उसे अच्छा लगे कि वह ठीक है तभी अंदर आना ,वरना नहीं ,is that clear की आवाज पूरे हॉल में गूंजने लगे. सभी हवलदार ने एक साथ हामी भरी. समीर ने मात्तरे जी को कहा कि फॉरेंसिककी टीम को बुलाओ और अमन नाम का लड़का जिसका हम पर फोन आया था उसे बुलाओ. मातरे जी बाहर की तरफ रवाना हुए फॉरेंसिक टीम और अमन को बुलाने के लिए, थोड़ी देर बाद मात्रे जी अमन के साथ हाजिर हुए. समीर ने अपनी पूछताछ अमन से शुरू की. इससे पहले समीर ने इक नजर crime scene की तरफ दौड़ायी, उसने देखा कि लाश का पूरा चेहरा एसिड से जलाया हुआ था , अांखो की जगह आंखों की हड्डियां दिख रही थी, जगह-जगह टॉर्चर करने का निशान था, लाश की एक उंगली का गायब थी. और सबसे अजीब बात यह थी कि दीवार पर खून से आई(I) लिखा हुआ था. यह सब देखकर इतना तो कहा जा सकता था कि यह किसी सनकी आदमी का काम है जिसनें इतनी बेरहमी से कत्ल किया था. लाश खुरशी से बंधी हुई थी. इतना सब कुछ देख कर समीर अमन की तरफ मुखातिब हुआ.
समीर : यह घर किसका है?
अमन: सर यह तिवारी जी का घर है .
समीर : पुरा नाम बताओ
अमन: सर , पुष्कर तिवारी
समीर : आप को कैसे पता चला की यहां कोइ लाश हैं?
अमन :सर तिवारी जी तो 2-3 दिन से दिखाई नहीं दे रहे थे, हमको लगा की होगा उन्हें कोई काम होगा इसीलिए नहीं दिखाई दे रहे पर आज जब उनके घर से बहुत बदबू आने लगी तो हम सब ने दरवाज़ा खोला और ये सबकुछ देखा जो आप अभी देख रहे हो.
समीर : काम कयां करते थे वैसेवो?
अमन :बहुत पहले आमीँ से रिटायडँ हो चुके थे, पेनसन पे हीं जी रहे थे
समीर :उनके रिश्ते कैसे थे लोगो से, उनकी किसी के कोइ दुश्मनी थी?
अमन : सर बडे भले आदमी थे, सब से अच्छे से पेश आते थे पता नहीं कयुं किसीने अैसे भले आदमी को इतनी बुरी तरह से मार डाला.
समीर : अमन जी" भले आदमी हीं सबसे ज्यादा राज छिपाकर रखता हैं". युं हीं कोइ इतनी बेरहमी से नहीं मार देता ,अच्छा ये बताओ उनके घर में और कौन कौन रहता हैं उन्हें बताना तो पडेगा ना की इनके साथ कयां हुआ हैं ?
अमन : तिवारी जी की बीवी तो बहुत पहले ही मर चुकी हैं, इक बेटा हैं जो की विदेश में रहता है, किया था उसे फोन.
समीर :बेटे ने कयां कहा फिर
अमन : वो नहीं आ सकता उसे जरुरी काम हैं ,हम हीं सबकुछ कर दे और अगर पैसे की जरुरत पड़े तो उससे पैसे मांग ले.
समीर : कयां चूतिया बेटा हैं यहां बाप का मडँर हो गया है और उसे जरूरी काम हैं, बाप से ज्यादा जरूरी कयां होता हैं भला .
अमन :वहीं तो सर और वैसै भी उसने किसी गोरी से शादी की है वहां, और उस गोरी मेडम को इंडिया आना बिलकुल पसंद नहीं, ये भी वजह हो सकती हैं
समीर : हममम, वैसै अमन तुम्हें तिवारी जी के बारे में कुछ ज्यादा हीं पता हैं.
अमन :स.... र..... सर आप मुझ पे शक कर रहे हैं?
समीर :मेरा पेशा हीं शक करने का हैं .और कयां पता तुमने हीं बूढउ को मार डाला हो उसकी property और पैसे अपने नाम करवाने के लिए, कयां पता
अमन : जोर से थूक गले के नीचे उतारा, डर भी लग रहा था, कुछ बोलना चाह रहा था पर कुछ बोल नहीं पाया.
समीर :अगर जरुरत पड़ी तो थाने बुलायेगे सवाल जवाब करने के लिए समझे और हां शहर के बाहर मत जाना.
अमन दरवाजे से बहार जाने लगा और समीर ने एक सिगरेट सुलगा लिया और फिर लंबे लंबे कश लगाने लगा. उतनी देर मैं फोरनसिक के डो. शमाँ अपनी टीम के साथ आ पहुंचे थे. वो समीर से मिले और बोडी को pm के लिए ले जाने के बंदोबस्त करने के लिए भी कहां.
समीर कमरे को गौर से देख ने लगा हर एक चीज को इस उम्मीद के साथ की कोइ सुराग मिल जाये.
उसने एक अजीब बात नोटिस की, तिवारी जी के computer ke keyboard में से इक लेटर गायब था और वो "M" था .समीर के दिमाग में बहुत सी चीजे दौडनी लगी, पहले दीवार पर खून से लिखा आई और यहां से गायब एम, पता नहीं कयां होनेवाला था आनेवाले समय में.
समीर ने देखा की मातरे जी बहुत टाइम से दिवार पर खुन से लिखे i को निहार रहे थे.समीर मातरे जी के पास जाकर पूछा कि मातरे जी इतनी गौर से आपने अपनी बीवी को नहीं देखा होगा, तब से इस दीवार पर कयां देख रहे हैं.
मातरे जी ने हसते हुए कहां की सर मैने केस सुलजा दिया है.इतना सुनना था की मिश्रा जी और बाकी सारे हवलदार मातरे जी के इदँ गिइँ जमा होने लगे. सब मातरे जी की explanation सुनने को बेताब थे कयुं की सब को पता था कुछ न कुछ फनी जरूर होगा.
समीर ने मातरे जी के कंघे पर हाथ रखते हुए कहां की तो शुरू हो जाइये हमारे Sherlock Holmes .
मातरे जी ने गंभीर होकर बात शुरू की