Sajna sath nibhana by Saroj Verma | Read Hindi Best Novels and Download PDF Home Novels Hindi Novels सजना साथ निभाना - Novels Novels सजना साथ निभाना - Novels by Saroj Verma in Hindi Love Stories (99) 4.2k 9k 4 फ़रवरी की हल्की ठंड!! सेठ धरमदास का हवेलीनुमा मकान जो उनके दादा जी ने बनवाया था,समय के साथ-साथ मकान में भी आधुनिक परिवर्तन किए गए,नये बाथरूम बनाए गए, सहूलियत के हिसाब से उसमें फेर-बदल होते रहे,बस नहीं बदलीं तो उस ...Read Moreकी परम्पराए।। सामने बहुत बड़ा लोहे का गेट,गेट से अंदर आते हुए अगल-बगल फुलवारी लगी है फिर आंगन है और आंगन में तुलसी चौरा है, जहां सुबह-शाम दिया जलाया जाता है।। सेठ धरमदास अग्रवाल के घर की छत में चहल-पहल मची हुई है,सब देवरानियां-जेठानियां मिलकर छत पर बड़ियां और पापड़ बना रहे हैं,सब जो जिस काम में माहिर बस अपनी-अपनी कला दिखाने में लगा हुआ है,सब एक-दूसरे से हंसी-ठिठोली कर रही है। Read Full Story Download on Mobile Full Novel सजना साथ निभाना--भाग(१) 825 1.6k फ़रवरी की हल्की ठंड!! सेठ धरमदास का हवेलीनुमा मकान जो उनके दादा जी ने बनवाया था,समय के साथ-साथ मकान में भी आधुनिक परिवर्तन किए गए,नये बाथरूम बनाए गए, सहूलियत के हिसाब से उसमें फेर-बदल होते रहे,बस नहीं बदलीं तो ...Read Moreघर की परम्पराए।। सामने बहुत बड़ा लोहे का गेट,गेट से अंदर आते हुए अगल-बगल फुलवारी लगी है फिर आंगन है और आंगन में तुलसी चौरा है, जहां सुबह-शाम दिया जलाया जाता है।। सेठ धरमदास अग्रवाल के घर की छत में चहल-पहल मची हुई है,सब देवरानियां-जेठानियां मिलकर छत पर बड़ियां और पापड़ बना रहे हैं,सब जो जिस काम में माहिर बस Read सजना साथ निभाना--भाग(२) (13) 699 1.3k जब सब खाना खा चुके,तब सभी एक साथ उठे__ नवलकिशोर भी उठा और पूर्णिमा से बोला,अच्छा आंटी जी अब मैं चलता हूं,इतने अच्छे लंच के लिए धन्यवाद।। ठीक है बेटा,आते रहना शादी का घर है कुछ ना कुछ काम ...Read Moreही रहता है आते रहोगे तो कुछ मदद हो जाया करेंगी, पूर्णिमा बोली।। जी आंटी, इतना कहकर नवलकिशोर चला गया।। घर आकर नवलकिशोर के मन में विभावरी की सूरत और उसकी बातें ही चल रही थी, उसने ऐसी चंचल लड़की कभी नहीं देखी थी।। उधर विभावरी भी नवल के बारे में सोच रही थी कि कितना बुद्धू है लेकिन मेरी Read सजना साथ निभाना-- भाग(३) (15) 600 1.4k विभावरी बोली, मां ऐसे कैसे तुम मेरी बलि चढ़ा सकती हो, मैं कैसे दीदी की जगह बैठ जाऊं, कुछ तो सोचों मेरे बारे में, अभी एक मिनट पहले मैं हंसती मुस्कुराती लड़की थी और दूसरे मिनट में मुझे तुमने ...Read Moreकी दुल्हन बनने को कह दिया।। कहां जाएगा मेरा भविष्य,जब लड़के वालों को पता चलेगा कि मैं वो नहीं हूं जिसे वो ब्याहने आए थे, इतना बड़ा धोखा,अगर उनलोगो ने मुझे स्वीकार नहीं किया तो.... ऐसा कुछ नहीं होगा बेटी,मुझ पर भरोसा रख, मैं तेरे साथ अन्याय नहीं होने दूंगी, पूर्णिमा बोली।। अन्याय.....अन्याय की दुहाई मत दो मां,वो तो तुम Read सजना साथ निभाना--भाग(४) (12) 561 1.1k विभावरी बस स्टैण्ड पहुंच तो गई,अब किससे पूछें कि चंदननगर कौन सी बस जाती है, उसने कभी अकेले सफर ही नहीं किया था,ऊपर से अंधेरा भी हो चला था।। उसे अपने ऊपर बहुत अफसोस हो रहा था कि कैसे ...Read Moreअनपढ़ गंवार की तरह व्यवहार कर रही है कि उसे ये समझ नहीं आ रहा कि किस बस में जाना है और पता भी कैसे हो घरवालों ने कभी अकेले बाहर ही नहीं जाने दिया ना ही कालेज भेजा तो आत्मविश्वास कभी पैदा ही नहीं हुआ मन में।। फिर जैसे तैसे उसने हिम्मत करके एक महिला से पूछा,बहनजी चंदननगर जाना Read सजना साथ निभाना--भाग(५) (15) 561 1.5k मोटर से टकराते ही विभावरी बेहोश होकर गिर पड़ी, ड्राइवर ने अचानक से ब्रेक लगाकर मोटर रोक दी तभी मोटर में से एक जनाना आवाज आई___ क्या हुआ रामदीन? मोटर क्यो रोक दी? लगता है मालकिन !कोई ...Read Moreगया है मोटर से, रामदीन बोला।। इतना सुनकर मोटर की मालकिन फ़ौरन मोटर से उतर पड़ी।। और उसने विभावरी को फ़ौरन उठाकर पूछा, ज्यादा चोट तो नहीं लगी आपको,मोटर की मालकिन ने विभावरी को सीधा किया,विभावरी का चेहरा देखकर मोटर की मालकिन बोली ये तो बच्ची है कितनी मासूम है बेचारी।। लेकिन विभावरी उस समय बेहोश थी, उसके Read सजना साथ निभाना--भाग(६) (14) 516 1.1k वो डाक्टर और कोई नहीं मधुसुदन था, मधुसुदन भी एकाएक विभावरी को देखकर मन ही मन बहुत खुश हुआ लेकिन तीनों में से किसी ने भी ये जाहिर नहीं कि वे सब एक-दूसरे को जानते हैं।। मंगला देवी बोली, ...Read Moreडाक्टर साहब,ये हैं मरीज, इनका अच्छी तरह से चेकअप करके अच्छी सी दवा दे दीजिए ताकि ये जल्दी से ठीक हो जाए।। मधुसुदन ने यामिनी को चेक किया और बोले ज्यादा कुछ नहीं है खून की कमी है,खून बढ़ाने वाली चीजें खिलाइए जैसे कि अनार, चुकंदर, आंवले ,ये जल्द ही ठीक हो जाएगीं,मैं कुछ भूख लगने वाले टानिक लिख देता Read सजना साथ निभाना--(अंतिम भाग) (21) 453 1k मधुसुदन,अब एक -दो दिन में यामिनी का चेकअप करने आ ही जाता, यामिनी तो बस बहाना थी,वो तो बस विभावरी को एक नजर देखने आता था, ऐसा नहीं है कि विभावरी भी मधुसुदन के आने का इंतजार नहीं करती ...Read Moreउसे भी लगता था कि मधुसुदन सिर्फ एक बार ये कह दे कि चलो घर लौट चलो क्योंकि उस घर से मैं अपनी मर्जी से नहीं आई थी मुझे तो वहां से निकाला गया था।। मधुसुदन ये खुशखबरी बताने श्रद्धा के पास उसके कालेज पहुचा__ सच!मामाजी, मामी मिल गई,क्या मैं उनसे मिल सकती हूं,श्रद्धा ने पूछा।। हां... हां...क्यो Read More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Novel Episodes Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Humour stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Social Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Saroj Verma Follow