Cleancheet book and story is written by Vijay Raval in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Cleancheet is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
क्लीनचिट - Novels
by Vijay Raval
in
Hindi Fiction Stories
अंक- प्रथमपांच जून सेटरडे की नाईट थी. वक़्त होगा तकरीबन रात के १:३० के करीब.शहर से बारह किलोमीटर दूर बर्थ डे बॉय आलोक अपने जिगरजान दोस्त शेखर के फार्म हाउस पर अपने सब दोस्तों के साथ पार्टी में मशगुल था. धमाकेदार लाइव डी, जे की ताल पर सब अपनी अपनी अनूठी अदा से ज़ूम ज़ूमके पार्टी का मज़ा लुट रहे थे और कल सन्डे था तो पहेले से सर्वसमंती से तय किये हुए फैसले के मुताबिक पार्टी सुबह तक चलने वाली थी. थोड़ी देर बाद अचानक आलोकने शेखर को एक तरफ बुला कर कहा.‘ सुन, मैं घर जा रहा हु.’यु
अंक- प्रथमपांच जून सेटरडे की नाईट थी. वक़्त होगा तकरीबन रात के १:३० के करीब.शहर से बारह किलोमीटर दूर बर्थ डे बॉय आलोक अपने जिगरजान दोस्त शेखर के फार्म हाउस पर अपने सब दोस्तों के साथ पार्टी में मशगुल ...Read Moreधमाकेदार लाइव डी, जे की ताल पर सब अपनी अपनी अनूठी अदा से ज़ूम ज़ूमके पार्टी का मज़ा लुट रहे थे और कल सन्डे था तो पहेले से सर्वसमंती से तय किये हुए फैसले के मुताबिक पार्टी सुबह तक चलने वाली थी. थोड़ी देर बाद अचानक आलोकने शेखर को एक तरफ बुला कर कहा.‘ सुन, मैं घर जा रहा हु.’यु
अंक- दूसरा/२ब्लेक कलर के ऑफ सोल्डर टॉप और नी लेंथ स्कर्ट में ट्रेंडी मीडियम लेंथ खुल्ले हुए हेयर स्टाइल में अदिती बेहद ही खुबसूरत लग रही थी।ग्रे कलर के ट्राउज़र पर डार्क ब्ल्यू कलर के हाफ स्लीव, राउंड नेक ...Read Moreशर्ट में आलोक का नज़ारा आसानी से एक बार किसी का भी ध्यान एक खींचने के लिए काफी था।अदिती-आलोक बूके के लिए शुक्रिया।आलोक-आशा करता हूँ आपको अच्छा लगा होगा।अदिती-अरे हाँ, बहोत ही खुबसुरत है।आलोक- मैंने आपको ज्यादा इंतज़ार तो नहीं करवाया ना ?अदिती- जी नहीं, मैं भी अभी अभी आई हूँ. पांच मिनिट पहेले ही, सब से पहेले रिसेप्शन काउंटर
अंक- तीसरा /३ अदिती- आलोक, दो दिन बाद डेल्ही में मेरे एन.जी.ओ. की एक जरुरी मुलाकात है, पापा के एक अज़ीज़ दोस्त और फॅमिली सदस्य जैसे अंकल और उनके कुछ दोस्त इस एन.जी.ओ. के नयी परियोजना की वितीय योजना ...Read Moreलिए ऑस्ट्रेलिया से आ रहे है, बहोत ही कम वक़्त में मुझे ढेर सारी तैयारिया करनी है, और मैं इस परियोजना की मुख्य प्रभारी हूँ , सिर्फ तिन दिन में पुरे परियोजना की डिजिटल मिडिया मंच से ले कर प्रिंट मिडिया तक की ब्ल्यूप्रिंट मुझे ही तैयार करनी है।अदिती को लगा की आलोक कुछ पूछना चाहता है, पर चुप है, इसलिए
अंक-४/ चौथाआलोक को ये अहेसास हुआ की उनकी दिमागी अस्वस्था उनके पर हावी हो जाए उस से पहेले उसे इस माहोल से निकल जाना चाहिए।गोपाल से किसी काम का बहना बना के आलोक ऑफिस से निकल के सीधा अपने ...Read Moreपर आ गया। लंच का वक्त होते हुए भी उसे भोजन करने की कोई रूचि नहीं थी। कोल्ड कोफ़ी का कप लेकर बाल्कनी में जुले पर बैठ कर उदास और परेशान मन के आरोह अवरोह को शांत करने की कोशिष करने लगा।अदिती से जुदा हुए आलोक को आज तीन हफ्ते का वक़्त गुजर चूका था फिर भी एक दिन भी
अंक- पांचवा /५शेखर- आलोक, ये हालात मेरे लिए अपनी दोस्ती के मायने के इम्तिहान के नतीजे का वक्त है। मैं पिछले काफी वक्त से इस बात पर गौर कर रहा हूं कि, तू बात करते करते अपनी ...Read Moreकी मुख्य धारा से भटक जाता है। तेरे शब्द और तेरे बर्ताव के बीच में संतुनल नहीं रहता। और तेरी आँखे इस बात की चुगली कर देती है। तेरी जो व्यथा की कथा है उस में किसी स्त्री पात्र होने की सम्भावना का संदेह इसलिए उठता है, क्योंकि, जहाँ तक मुझे जानकारी है, वहां तक तुझे कोई आर्थिक या पारिवारिक या अन्य