चेहरे पर चेहरा - Novels
by Kishanlal Sharma
in
Hindi Moral Stories
"कल मौसाजी के बेटे के एट होम में गए थे।वहां डॉक्टर ईश्वर भी सपरिवार आये थे।हमने उनका लड़का देख लिया था।"जगदीश मेरे से बोला,"लड़का सेल्सटैक्स इंस्पेक्टर है।सूंदर है।गुड़िया के साथ अच्छी जोड़ी रहेगी।"
"चलो तो एक दिन डॉक्टर साहिब से ...Read Moreके रिश्ते की बात कर आते है।"मैं जगदीश की बात सुनकर बोला था।
"मैने डॉक्टर साहिब से तुम्हारा जिक्र कर दिया था।रिश्तेवाली बात भी बता दी थी,"जगदीश बोला,"मैं कल कोटा जा रहा हूँ।तुम डॉक्टर साहिब से मिल आना।"
"कल मौसाजी के बेटे के एट होम में गए थे।वहां डॉक्टर ईश्वर भी सपरिवार आये थे।हमने उनका लड़का देख लिया था।"जगदीश मेरे से बोला,"लड़का सेल्सटैक्स इंस्पेक्टर है।सूंदर है।गुड़िया के साथ अच्छी जोड़ी रहेगी।""चलो तो एक दिन डॉक्टर साहिब से ...Read Moreके रिश्ते की बात कर आते है।"मैं जगदीश की बात सुनकर बोला था।"मैने डॉक्टर साहिब से तुम्हारा जिक्र कर दिया था।रिश्तेवाली बात भी बता दी थी,"जगदीश बोला,"मैं कल कोटा जा रहा हूँ।तुम डॉक्टर साहिब से मिल आना।"जगदीश मेरा मित्र और सहकर्मी था।हम दोनों ही रेलवे में थे।दोनो को ही पढ़ाई अधूरी छोड़कर सर्विस में आना पड़ा था।सर्विस लगने के बाद
घर पर आकर मैने सारी बात अपनी पत्नी को बताई थी।वो सब बातें मेरी बेटी के कानों में भी पड़ी थी।लड़का अच्छा था।अच्छी नौजरी करता था और रिश्ता होने की पूरी उम्मीद थी।अगले दिन मैने अपने बेटे के साथ ...Read Moreबेटी का फोटो डॉक्टर साहिब के पास भिजवा दिया था।जगदीश कोटा से लौटा तब मेरे से बोला,"डॉक्टर साहिब से मिल आये?""हां"मैं उसे सब बात बताते हुए बोला,"और बात तुम कर लेना।"डॉक्टर साहिब विधुर हो चुके थे।वे अपने अविवाहित पुत्र के साथ होस्टल में रहते थे।उनका पुश्तेनी मकान पथवारी में था।डॉक्टर साहिब अपने पुश्तेनी घर भी जाते रहते थे।वहां उनके दूसरे
"रात को ही आया हूँ।डॉॉॉक्ट साहिब हमे अंदर ले गए।जगदीश बोला,"क्या हुआ रिशते का? कीसन परेशान है।""घर पर फ़ोटो दिखाया था।सबको लड़की पसंद आ गयी।""तो फिर देर किस बात की है?""हां।मैं ...Read Moreबात को जल्दी फाइनल करता हूँ।,"आपकी कोई मांग हो तो वो भी बता देना।""कुछ नही।मेरी कोई मांग नही है।मैने बताया न जो आपका संकल्प हो वैसे ही करना शादी।बस हम बताये खर्च वैसे ही कर देना।""आप जैसा कहेंगे।वैसा ही कर देंगे।"मैं और जगदीश लौट आये थे।रास्ते मे जगदीश बोला।जैसा तुम चाह रहे हो उतने मे ही काम हो जाएगा।"मैने घर आकर पत्नी को सब बातें बताई थी।पत्नी