Galatfahmi book and story is written by Ratna Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Galatfahmi is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
ग़लतफ़हमी - Novels
by Ratna Pandey
in
Hindi Moral Stories
अजय अत्यंत ही आकर्षक व्यक्तित्व का धनी था तो उसकी पत्नी माया भी कम सुंदर नहीं थी, बहुत ही सुंदर जोड़ी थी दोनों की। वह दोनों ही सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते थे और उनका ऑफिस एक ही दिशा में था इसलिए दोनों साथ ही आते जाते थे। माया का ऑफिस थोड़ा आगे था इसलिए अजय को छोड़ कर वह आगे निकल जाती थी और लौटते वक़्त अजय को साथ लेते हुए घर जाती थी।
अजय अपनी कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर कार्यरत था। उसकी टीम में एक लड़की थी दीपा, अपना सारा काम समय पर करना उसे बहुत पसंद था इसीलिए अजय की टीम में वह टॉप पर थी। अजय उसके काम पर बहुत विश्वास करता था, दीपा भी अजय की ही तरह देर तक बैठ कर काम करती थी।
अजय अत्यंत ही आकर्षक व्यक्तित्व का धनी था तो उसकी पत्नी माया भी कम सुंदर नहीं थी, बहुत ही सुंदर जोड़ी थी दोनों की। वह दोनों ही सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते थे और उनका ऑफिस एक ही दिशा ...Read Moreथा इसलिए दोनों साथ ही आते जाते थे। माया का ऑफिस थोड़ा आगे था इसलिए अजय को छोड़ कर वह आगे निकल जाती थी और लौटते वक़्त अजय को साथ लेते हुए घर जाती थी। अजय अपनी कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर कार्यरत था। उसकी टीम में एक लड़की थी दीपा, अपना सारा काम समय पर करना उसे
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि माया के दिलो दिमाग में अजय को लेकर शक़ का बीज रोपित हो गया है। इस बात से अजय अंजान है। क्या माया का शक़ सही है, पढ़िए आगे - एक दिन शाम ...Read Moreऑफिस से निकलने के बाद अजय दीपा से बातें कर रहा था और माया उसका गाड़ी में इंतज़ार कर रही थी। वह बैठे-बैठे काफी बोर हो रही थी। तब उसने अजय को फ़ोन लगाया। अजय ने फ़ोन काट दिया क्योंकि वह किसी बहुत ज़रूरी डिस्कशन में व्यस्त था। फ़ोन काटने से माया नाराज़ हो गई। कुछ समय बाद जब अजय
अभी तक आपने पढ़ा माया पढ़ी-लिखी होने के बाद भी स्त्री और पुरुष की दोस्ती को शक़ की नज़रों से ही देखती थी और यही शक़ उसने अपने पति पर भी किया। अजय और दीपा को एक ही गाड़ी ...Read Moreजाता देख माया आग बबूला हो गई। क्या आज अजय को माया के गुस्से का सामना करना पड़ा, पढ़िए आगे - तभी अजय का घर में प्रवेश हुआ, अजय को देखते ही माया का पहला प्रश्न था, "बहुत देर लगा दी अजय, टीम के साथ डिनर पर गए थे क्या?" "अरे माया ऐसा क्यों बोल रही हो, तुम्हें छोड़ कर
अभी तक आपने पढ़ा दीपा अजय से कुछ छुपा रही थी, आख़िर क्या छुपा रही थी वह? माया ने अंततः क्या फ़ैसला लिया होगा। वह होटल के अंदर गई या नहीं, पढ़िए आगे - उधर अजय के बार-बार पूछने ...Read Moreभी दीपा ने अजय को कुछ भी नहीं बताया और चुपचाप केक काटने के लिए चाकू उठा कर कहने लगी, "चलो अजय मैं केक काट लेती हूं शायद कोई भी नहीं आएगा।" अजय भी कुछ और ना पूछ सका, बे मन से दीपा ने केक काटा। दोनों ने एक दूसरे को केक खिलाया और खाना खाकर बाहर निकल गए। बाहर
अभी तक आपने पढ़ा दीपा ने अपने जीवन के विषय में अजय को बहुत कुछ बता दिया था लेकिन क्या सब कुछ बता दिया था पढ़िए आगे: - दीपा, अजय से कह रही थी, "अजय मेरी बात तब पूरी ...Read Moreहुई थी, मुझे तुम्हें और भी कुछ बताना है।" "हां बताओ ना दीपा क्या बात है?" "अजय मैं प्रेग्नेंट हूं, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई। अजय अब मैं क्या करूं? मैं यहां अकेली ही रहती हूं किसी और को बता भी नहीं सकती। डॉक्टर के पास जाने की हिम्मत नहीं है मुझमें" दीपा अजय को यह बता रही थी,