Tere Ishq me Pagal book and story is written by Sabreen FA in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tere Ishq me Pagal is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तेरे इश्क़ में पागल - Novels
by Sabreen FA
in
Hindi Love Stories
मुम्बई के एक पब में जैन शराब के नशे ने धुत हो कर अपने सामने नाचती हुई लड़कियों को देख रहा था, तभी नैना उसके पास आ कर बोली। "हये ज़ैन।" ज़ैन जो ब्लैक पैंट और शर्ट और बिखरे हुए बालों और अपने हाथ मे कीमती घड़ी पहने लड़कियों को देखने में मगन था, एक दम से उसकी आँखों के गुस्सा भर गया। वोह गुस्से से बोला। "क्या हुआ है?" नैना उसके गुस्से को इग्नोर करते हुए बोली। "ऑफकोर्स ज़ैन जानी मैं तुमसे ही मिलने आए हु।" ज़ैन ने जो शराब का गिलास पकड़ा था अचानक से टेबल पर फेंक
मुम्बई के एक पब में जैन शराब के नशे ने धुत हो कर अपने सामने नाचती हुई लड़कियों को देख रहा था, तभी नैना उसके पास आ कर बोली। "हये ज़ैन।" ज़ैन जो ब्लैक पैंट और शर्ट और बिखरे ...Read Moreबालों और अपने हाथ मे कीमती घड़ी पहने लड़कियों को देखने में मगन था, एक दम से उसकी आँखों के गुस्सा भर गया। वोह गुस्से से बोला। "क्या हुआ है?" नैना उसके गुस्से को इग्नोर करते हुए बोली। "ऑफकोर्स ज़ैन जानी मैं तुमसे ही मिलने आए हु।" ज़ैन ने जो शराब का गिलास पकड़ा था अचानक से टेबल पर फेंक
जैसे ही अहमद की नज़र ज़ैन के कपड़ो पर पड़ी वोह हैरान हो कर बोला, "यह कैसे हुआ?" इससे पहले की ज़ैन कुछ जवाब देता, ज़ैनब बीच मे बोल पड़ी, "यह मुझ से गलती से होगया, आयी एम सॉरी।" ...Read Moreओके।" ज़ैन ने मुस्कुराते हुए कहा। अहमद समझ रहा था अब तो इस लड़की की खैर नही, अब इसे ज़ैन के गुस्से से कैसे बचाये, लेकिन ज़ैन के मुंह से "इट्स ओके" सुनकर वोह हैरान हो गया। ज़ैनब उसे थैंक्स बोल कर वहां से चली गयी, ज़ैन उसे तब तक देखता रहा जब तक वोह उसकी नज़रों से ओझल न
अगली सुबह जब ज़ैन ने आंख खोली तो देखा यह उसका कमरा नही था। उसने बाएँ तरफ देखा तो अहमद बैठा बैठा ही सो चुका था। वो उठ कर अहमद के पास गया और मुस्कुराते हुए अहमद के कंधे ...Read Moreअपना सिर रख दिया क्योंकि वोह जनता था अहमद की नींद बहोत कच्ची है। और ऐसा ही हुआ जैसे ही अहमद को अपने कंधे पर कुछ अहसास हुआ उस ने अपनी नींद भारी आंखे खोली और मुस्कुराते हुए ज़ैन को देखा। ज़ैन ने भी बदले में स्माइल पास करदी। "उठ गया तू ज़ैनु।" अहमद ने अपनी आंखें मसलते हुए उससे
अहमद अभी भी चेयर पर बैठा सिगरेट पी रहा था। सिगरेट पीने की वजह से उसकी आंखें लाल हो गयी थी। अशिएल टरे भर चुका था। एक तो वो इस गम में पी रहा था कि इतने सालों की ...Read Moreहुई इसकी मेहनत पर पनी फिर चुका था। इतने सालों से उसने ज़ैन के अंदर के उस दरिंदे को कितनी मुश्किल से सुलाया था। जो अब फिर से जाग चुका था। और दूसरा वोह ज़ैन के ऊपर हाथ उठाने की वजह से पी रहा था। उसे बहोत दुख हो रहा था ज़ैन के ऊपर हाथ उठाने पर फिर उसने सोचा
"उफ्फ्फ यार जैनी तू अभी तक तैयार नही हुई।" सानिया ने हैरान हो कर ज़ैनब से कहा। "यह टोकरियां आउंटी को देदु फिर मैं तैयार हो जाउंगी।" ज़ैनब ने कहा और अगे बढने लगी। "तू यह मुझे दे मैं ...Read Moreको देदूँगी, तू जा कर तैयार हो जा।" सैनिया ने टोकरियां उसके हाथ से ली और रूम से बाहर चली गयी। तो ज़ैनब भी ड्रेस उठा कर वाशरूम में चली गयी। सानिया और ज़ैनब का ड्रेस भी बिल्कुल एक जैसा था। थोड़ी देर बाद ज़ैनब आईने के सामने बैठी अपने बाल बना रही थी कि तभी सानिया उसके पास आ