कभी कभी ख्वाब देखना एक जुर्म बन जाता है, अवनि और सौरभ के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.. उन्हें अपने ख़्वाबों की क्या क़ीमत चुकानी पड़ी, पढ़िए ख़्वाबों की क़ीमत - Khushi Saifi
“मेरा सामान.. मेरा कमरा” ये लफ्ज़ बार बार अवनि के दिल पर घूंसा बन कर लग रहे थे, क्या उसका कुछ भी नही.. उसे यूँ महसूस हुआ कि सौरभ भी उसका नही, अचानक सब पराया सा लगने लगा.. ये ...Read Moreये सामान, ये मोहब्बत, खुद उसका पति सौरभ भी... Khushi Saifi
सौरभ उसे एयरपोर्ट तक छोड़ने आया और miss you dear कह कर विदा किया। अवनि जवाब में miss you too भी नही कह पायी बस उसे देखते रही। दिल अजीब कशमाकश में था, अकेले पहली बार इतना लंबा सफर ...Read Moreदिल में एक मज़बूत इरादा लिए वो प्लेन में बैठ गयी... Khushi Saifi
अवनि कमरे की खिड़की पर बैठी अपनी ही सोचो में गुम थी, शुरू दिसम्बर की ठण्ड उसके जिस्म में घुस रही थी पर उसे कुछ एहसास नही था.. बस बाहर खड़ी कार और सड़कों पर जमी बर्फ को एक ...Read Moreघूर रही थी, बर्फ के छोटे छोटे तिनके उसके जिस्म में लग कर गिर रहे थे, कुछ बर्फ खिड़की की चोखट पर जमा हो गयी थी... Khushi Saifi
पढ़िए कहानी का आखरी हिस्सा..
क्या सौरभ अवनि की जान ले लेगा या अवनि का प्यार और विश्वास जीत जायगा..
ख़्वाबों की क़ीमत Khushi Saifi