मनचाहा - Novels
by V Dhruva
in
Hindi Novel Episodes
जब से होश संभाला पापा को संघर्ष करते हुए देखा है मैंने। फिर भी मम्मी बिना किसी शिकायत के जिंदगी में साथ दें रहीं हैं। हम नोर्थ दिल्ली में रहते हैं। मेरे दो बड़े भाई है रवि और कवि ...Read Moreमैं उनकी एक लौती बहन पाखि। छोटे थे तब तीनों बहुत लड़ते झगड़ते, साथ खेलते, साथ स्कूल जाते। तब पापा का बिजनेस अच्छा चलता था। एक बार मंदी के मार ने सब छीन लिया। पापा के बड़े भाई-बहन थे पर सब दूरी बनाए रखें थे, शायद उनको डर था कि पापा उनसे मदद न मांगे। पर हम स्वमानी थे, जीतना कमाते
जब से होश संभाला पापा को संघर्ष करते हुए देखा है मैंने। फिर भी मम्मी बिना किसी शिकायत के जिंदगी में साथ दें रहीं हैं। हम नोर्थ दिल्ली में रहते हैं। मेरे दो बड़े भाई है रवि और कवि ...Read Moreमैं उनकी एक लौती बहन पाखि। छोटे थे तब तीनों बहुत लड़ते झगड़ते, साथ खेलते, साथ स्कूल जाते। तब पापा का बिजनेस अच्छा चलता था। एक बार मंदी के मार ने सब छीन लिया। पापा के बड़े भाई-बहन थे पर सब दूरी बनाए रखें थे, शायद उनको डर था कि पापा उनसे मदद न मांगे। पर हम स्वमानी थे, जीतना कमाते
शाम के 5:30 बज चुके थे। वैसे कोलेज मेरे घर से आधा घंटा ही दुर है। जेसे जेसे स्टोप आते गए वेसे वेसे बस की भीड़ भी कम होती गई और हमें बैठने की जगह मिल गई। मैं और ...Read Moreएक सीट पर बैठ गए। बातों बातों में पता चला वो मेरी सोसायटी से तीन सोसायटी आगे एक महिना पहले ही रहने आई है। दोनो में काफी बातें हुई और एक-दूसरे के मोबाइल नंबर भी एक्सचेंज कीए। वेसे में किसी से जल्दी घुल-मिल नहीं जाती परन्तु दिशा का नेचर मुझे अच्छा लगा। हमारा बस स्टोप आ गया, हम दोनो साथ
(आगे की कहानी जानने के लिए मनचाहा और मनचाहा 2 पढ़ें) बसस्टेंड पहुंच कर दिशा से हायहल्लो किया उतने में बस आ गईं। ईधर उधर की बातें करते करते मेरा ध्यान खिड़की से बाहर गया तो मैंने वहीं लड़की ...Read Moreकल वालीं हीं कार में जातें हुएं देखा। १५ मीनट बाद हम कोलेज पहुंच गए। कोलेज लाइफ का एक अपना हीं मजा है सब कितना फ्री लगता है,कोई भी कपड़े पहने, किसी से भी बात करें। - यहां पर तो हम एकदम ढिंचाक स्टाइल में रह सकते हैं क्यो दिशा? - हा यार! बोरींग स्कूल ड्रेस से छुटकारा तों मिला।
शादी में पहुंच गए फाइनली। शादी हमारे दूर के चाचा की बेटी की थी। बारात की खातिरदारी चल रही थी अभी। वैसे जिंदगी की भाग-दौड में हमें टाइम नहीं मिलता रिश्तेदारों से मिलने का पर शादीयों में सब मिल ...Read Moreहैं। एक चाची है हमारे रिश्ते में जो हमेशा शादी के रिश्ते बतातीं रहतीं सबको। वो हमारे पास आए और भाभी से मेरे बारे में पूछने लगे। चाची- कितनी बड़ी हो गई पाखि! बहुत समय बाद देखा तुम्हें। अरे सेतु-मिता लड़का देखा के नहीं इसके लिए? सेतु भाभी- चाचीजी अभी तों यह छोटी है, अभी-अभी
पिछे मुडकर देखा तो चोंक गई। पिछे वहीं लड़का था जिसे मैंने निशा के साथ कार में देखा था। ? उसने फिर से कहा, - में आई हेल्प यू? मैं बाजू पर हट गई, और उन्हें ...Read Moreस्टार्ट करने दिया। उन्होने बताया कि मैंने आपको कोलेज केंटीन में देखा था। मैं कुछ बोली नही पाई। पर हमारी दिशा महारानी तपाक से बोल पड़ी- जी हमने भी आपको देखा था। मैंने उसका हाथ पकड़ा और चुप रहने का इशारा किया। थोड़ी देर ट्राइ करने के बाद स्कूटी स्टार्ट हो गई। हम थेंक्यु कहकर वहां से निकल गए। मैं दिशा को
lab खत्म होने के बाद मैं और दिशा केंटीन चल दिए। देर होने के कारण आज सुबह नाश्ता नहीं किया था। वैसे मैं रोज घर से भरपेट नाश्ता करती हुं तो कोलेज लंचबॉक्स नहीं लाती। दिशा हमेशा लंचबॉक्स लाती ...Read Moreलंचबॉक्स क्या उसे तो दो तीन लोगों का टिफिन बोल सकते हैं। उसकी मम्मी हमेशा मेरे लिए ज्यादा ही खाना रखतीं है। तभी तो मुझे लंचबॉक्स लाना नहीं पड़ता। मीना, रीधीमा और काव्या भी हमारे साथ आए। समोसे का ओर्डर देकर सब एक टेबल पर जम गए और मेरे अलावा सबने अपना अपना लंचबॉक्स टेबल पर रख दिया, तब तक
अभी औफिस से छूटने का टाईम नहीं हुआ था तो रास्ते में ट्राफिक ज्यादा नहीं था। छः बजे तक हम कोलेज पहुंच गए। वहां पार्किंग में ही रीधीमा और काव्या मिल गई। दोनों ही खुबसूरत लग रही थी। उन्होंने ...Read Moreहमें compliments दिए। फिर सभी ओडीटोरीयम की ओर चल दिए। काफी सारे लोग आ चुके थे पर निशा अभी तक नहीं आई थी। कोलेज के सभी प्रोफेसर्स आ चुके थे। हम सब एक जगह ग्रुप बनाकर बैठ गए। फ्रेशर्स पार्टी में हमारे सभी सिनीयर्स आने वाले थे। कुछेक क्षण के बाद निशा और उनके भाई का ग्रुप भी आ गया।
अविनाश और रवि की बातें चल रही थी तभी श्रुति वहां पर आई। श्रुति- क्या बातें हो रही है जरा हमें भी बताएं। रवि- कुछ नहीं बस तुम्हें कभी भी हेल्प चाहिए तो अवि से मांग लेना, बंदा हेल्प ...Read Moreमें माहिर हो गया है।? श्रुति- मुझे तो हेल्प करता हीं है, क्यो तुझे नहीं करता? अविनाश- तुझे क्या हेल्प की मैंने?? श्रुति- क्यो अपनी नोट्स नहीं देता मुझे? अविनाश- अच्छा वो... रवि- और क्या, कुछ दूसरा भी था? अविनाश- तुझे पिटना है अभी? चलो अब यहां से, कुछ खाते हैं। तीनों खाने के काउंटर पर चले गए। इधर हमने
अविनाश सर ने रवि सर को देखकर अपनी बाइक रोकी। आज वो भी बाइक से आए थे। हमारे पास आकर हंसके कहा- फिर से बंद? रवि सर- फिर से मतलब? पहले कब बंद हुई थी? मैं- जी ...Read Moreदिन पहले। तब अविनाश सर ने ही हमारी मदद की थी। रवि सर- (अविनाश सर के सामने देखते हुए) ओ... अच्छा... तो कैसे शुरू हुई थी यह? मैं- सर ने ही शुरू कर दी थी। रवि सर- good! चल आजा अवि अब तू भी देखले, शायद तुझसे ही शुरू हो। स्कूटी शुरू करने की काफी कोशिश की पर वो शुरू ही नहीं
बिस्तर पर लेटते ही नींद आ गई। रात को कोलेज नहीं जाउंगी सोच के ही सो गई थी। रात को थकान की वजह से मुझे रात में मेरे ही खर्राटे सुनाई दे रहे थे।? सुबह के नौ बज रहे ...Read Moreअपनी हथेलियों को देख भगवान को याद किया।आह... क्या सुहानी सुबह है! बिस्तर से उठने का मन ही नहीं हो रहा है। भगवान ने दुनिया में सबसे अच्छी चीज बनाई है तो वो है नींद ?। इसके लिए तो आपको थेंक्यू कहना ही पड़ेगा, थेंक्यू गोड जी? । नहा-धोकर फ्री हुई तब तक दस बजने आए थे। मेरी थकान की
निशा के घर पहुंचने में थोड़ी देर हो गई थी। वैसे तो हमारा घर सिविल लाइन मे है और निशा का घर मोडल टाउन में तो पहुंच ने मे ज्यादा टाइम नहीं लगता। पर रास्ते में एक एक्सिडेंट हुआ ...Read Moreकिसी कार और एक्टिवा का, तो दोनों के मालिक बिच रास्ते ट्राफिक जाम करके झगड़ा कर रहे थे। बाद में पुलिस आइ और दोनों के वेहिकल्स हटवाकर पुलिसथाने ले गए। निशा का बंगला बहुत बड़ा था। और क्यों न हो एक बिल्डर का घर जो है। एंट्रेंस फर्स्ट क्लास, एलिवेशन फर्स्ट क्लास, गार्डन फर्स्ट क्लास। बाहरी हिस्से से पता चलता
निशा अंकल और आंटी के साथ हमारे पास आई। भरत अंकल (निशा के पापा)- कैसे हो सब बेटा? दिशा- सब एकदम अच्छे हैं मेरे सिवा। गायत्री आंटी (निशा की मम्मी)- क्यो क्या हुआं बेटा? तबियत तो ठीक है ना? ...Read Moreकुछ नहीं मम्मा, इससे भूख बर्दाश्त नहीं होती। अंकलजी- अरे, में अभी डिनर स्टार्ट करवाता हुं। बच्चे भूखे हो गए हैं भई। वैसे भूख तो मुझे भी लगी है। काव्या- अंकल, हम में से भूखी सिर्फ ये है। हमने तो सत्यनारायण का प्रसाद खाया है। वैसे खाया तो इसने भी है पर साइज के हिसाब से कम प्रसाद मिला है
निशा- ओह..! थेंक्यू चन्टु.. love u beta...♥️ दीदी कहने के लिए वरना आजकल के बच्चे सीधा आंटी बोल देते है। सेतुभाभी- अच्छा ये बताओ क्या लेंगे? ठंडा, गरम या कुछ नमकीन? निशा- कुछ नहीं भाभी। हम कोलेज से कोफि ...Read Moreआए हैं। सेतुभाभी- एसा नहीं चलेगा, कुछ तो लेना ही पड़ेगा। पाखि तु बोल कुछ। मैं- भाभी आप पौहे बना दिजिए। निशा- अरे नहीं पाखि रहने दो ना। मैं- तू एक बार भाभी के हाथ के पौहे खाले फिर बार-बार स्पेशियली खाने आएगी। भाभी आप वही बना दिजिए हम उपर कमरे में फ्रेश होने जाते हैं। उपर कमरे में आकर
निशा- ओह..! थेंक्यू चन्टु.. love u beta...♥️ दीदी कहने के लिए वरना आजकल के बच्चे सीधा आंटी बोल देते है। सेतुभाभी- अच्छा ये बताओ क्या लेंगे? ठंडा, गरम या कुछ नमकीन? निशा- कुछ नहीं भाभी। हम कोलेज से कोफि ...Read Moreआए हैं। सेतुभाभी- एसा नहीं चलेगा, कुछ तो लेना ही पड़ेगा। पाखि तु बोल कुछ। मैं- भाभी आप पौहे बना दिजिए। निशा- अरे नहीं पाखि रहने दो ना। मैं- तू एक बार भाभी के हाथ के पौहे खाले फिर बार-बार स्पेशियली खाने आएगी। भाभी आप वही बना दिजिए हम उपर कमरे में फ्रेश होने जाते हैं। उपर कमरे में आकर
मिताभाभी ने कविभाई को उनकी थाली बहुत मनाने के बाद दी। डिनर करके सब ड्राइंग रूम में आकर बैठे। कुछ देर में सेतुभाभी डार्क चॉकलेट आइसक्रीम लेकर किचन से आ रहे थे। चन्टु बन्टु यह देख दौड़कर आईसक्रीम लेने ...Read Moreऔर जिसमें ज्यादा आईसक्रीम दिखे वो कप उठा लिया। डार्क चॉकलेट आइसक्रीम देखकर तो मेरे मुंह में पानी आ गया। मैं- येएएए...मेरा फेवरेट डार्क चॉकलेट। u r great bhabhi, love u. सेतुभाभी- इसे मैं नहीं मिता लेकर आई है। मैं- भाभी u r also great ? आप मेरा और बच्चों का कितना ख्याल रखती है। कविभाई- (धीरे से) कभी इस
नैनीताल जाने का दिन आ गया है। हम सब कार से जाने वाले है। हमने तेरह सीटर टाटा विंगर कार एक हफ्ते के लिए बुक करवाई थी। बडी कार इस लिए लीं के पिछे की सीट पर कोई आराम ...Read Moreचाहे तो लंबे होकर सो सके। हमारे साथ रविभाई और अवि भी थे। मेरे नसीब में दो जासूस (मिताभाभी और काव्या)? कम थे जो तिसरा भी उसमें शामिल हो गया। मेरि स्थिति तो वो सिरियल है न "जीजाजी छत पर है" कि एक्ट्रेस "करू" उसकी तरह हो गई। जिसमें उसका तकिया कलाम है "मेरे तो भाग ही फूट गए"?। हम
रिधिमा- पाखि तुम्हें देखने के लिए आंखें तरस गई थी मेरी। कैसी है तेरी तबियत? ज्यादा ठीक न लगे तो मेरे अंकल डाक्टर है उन्हें बुला लेती हुं। मैं- हे भगवान, जरा सांस तो ले-ले और मुझे भी लेने ...Read Moreइतनी जोर से गले लगेगी तो बेहोश हो जाउंगी। कुछ खाना वाना मंगवा, मुझसे अब भूख बर्दाश्त नहीं हो रही है। रिधिमा- एसा करते हैं पहले डिनर के लिए घर चलते हैं। तब तक रोकी और मौनी आपका डांस सोंग सिलेक्ट कर लेंगे। मैं- है... डांस?? कौन करने वाला है? रिधिमा- आप सब लोग। स्टेज पर डांस परफोर्म आपको भी
सब अपनी अपनी जगह पर खड़े रह गए। रोकी- आज सिर्फ पहली दो लाइन के डांस स्टेप सीखेंगे। हम सब रेडी हो गए स्टेप्स सिखने के लिए। रोकी और मौनी हमें पहले स्टेप्स दिखाते और बाद में हम सब ...Read Morecopy करते हैं। मुझे और रविभाई को जब लाइन स्टार्ट होगी "छु लिया तुने, लब से आंखों को" तब गोल गोल घुमके बीच में आना है"। उसके आगे बाकी सब परफोर्म करेंगे। मौनी- आज आप लोग थके हुए लग रहे हैं तो बाकी प्रेक्टिस कल करेंगे। यह सुनकर काव्या पहले ही नीचे आराम से बैठ गई। शायद बाकी सब भी
अवि- हम जब से यहा आएं हैं मैं देख रहा हूं ये मनोज पाखि के इर्द-गिर्द कुछ ज्यादा ही घुम रहा है। पहले मुझे लगा सिर्फ मेरा वहम है इस लिए कंफर्म करने के लिए आज उसे साथ रक्खा। ...Read Moreआज भी पाखि के साथ-साथ ही चल रहा था और हंस-हंस के बातें भी कर रहा था। रवि- हां मैंने देखा था पर इसका मतलब यह नहीं कि वो पाखि के पिछे पड़ा है। अवि- में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। क्या पता पाखि को उससे... नहीं नहीं मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। रवि- (जोर से हंसते हुए) तु क्या
काव्या- थोड़ा ब्रेक लेते हैं। प्यास भी लगी है कोई पानी पिला दो भाई। पाखि- हां यार, प्यास के साथ साथ मुझे तो भूख भी लगी है। रिद्धि- वैसे भी सात बज गए हैं। बाकी की प्रेक्टिस डिनर के ...Read Moreकरते हैं। हम सब रिसोर्ट के waiting lounge में आए। वहां पर local TV में न्यूज आ रहे थे कि अभी अभी एक बस खाई में गिरी है। तीन लोगों की मौत हो चुकी है और पैंतिस लोग घायल हुए हैं। सब दुर्घटना ग्रस्त लोगों को नैनीताल की सिविल अस्पताल में ले जाया जा रहा है। मीना- हमें अस्पताल जाना चाहिए।
अवि ने मुझे एक कुर्सी पर बिठाया और पानी पिलाया। मेरा रोना बंद नहीं हो रह था। अवि- पाखि, अब रोना बंद करो सब नीचे राह देख रहे हैं हमारी। हमें रिसोर्ट भी जाना है, plz चुप हो जा। ...Read Moreहमारे प्रोफेशन का सच है और तुम्हे इसे स्वीकारना ही होगा। तुम ऐसे रो नहीं सकती। पेशंट के साथ इमोशनल अटेचमेंट रखोगी तो एक अच्छी डाक्टर नहीं बन पाऐगी। किसीके साथ इमोशनल रहे तों उसका इलाज नहीं कर पाते हम, यह बात याद रखना। मैं रोना बंद करके नीचे जाने लगी। अवि मेरे पीछे पीछे आने लगे। सब फ्रेंड्स नीचे खड़े
सूनसान माहौल में एक जोरदार आवाज गूंज उठी। हां सही सोचा आपने। और वह गूंज थी थप्पड़ की। थप्पड़ पड़ा था अवि के गाल पर और ofcourse मारा था पाखि ने। उसने अवि को धक्का देकर नीचे गिरा दिया। ...Read Moreआह...! पाखि... तु लगती तो पतली है पर तुझमें ताकत बाहुबली जीतनी है। मैं- how dare you,? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे... छीइइइ..। अवि ने उठकर पाखि के दोनों कंधों को पकड़ा और कह ही दिया I love u पाखि। ♥️ मैं- what?? आप मुझसे...? अवि- हां, तुम्हीं से। आज से नहीं पिछले दो सालों से। वैसे तुम्हारे कोलेज के
पाखि जोर से बोलती है- यह क्या कर रहे हैं आप? सब मुडकर पिछे देखते है। निशा पाखि से पुछती है कि क्या हुआ? मैं- वो..वो अवि का पैर मेरे पैर के पीछे लग गया तो मेरा जूता निकल ...Read Moreअवि ने देखा सब की निगाहें पाखि पर थी। जब पाखि की नजर अवि पर पड़ी तो अवि ने उसे आंख मारी फिर मुडकर गीत गाने लगा,"आंख मारे, ओ लडका आंख मारे" यह सुन पाखि की आंखों से अंगारे बरसने लगे। मैं अब रवि भाई के साथ चल रही हुं। मैंने उनसे अवि और श्रुति दी के बारे में पूछा
मैं दरवाजा लोक करके मुडी तो साकेत मेरे सामने खड़ा था। मैं- साकेत तुम यहां? साकेत- हां वो तुमसे कुछ बात करनी थी। बुरा न मानो तो तुम्हारे रूम में चले। मैं- अर्जेंट है? साकेत- हां। मैंने रूम का ...Read Moreखोला और हम अंदर चले गए। मैंने साकेत से पूछा,- अब बताओ क्या बात है? साकेत- मैं कुछ दिनों से तुम्हें एक बात कहना चाहता था। पर पता नहीं कैसे कहूं? मैं- ज्यादा मत सोचो,बोलो अभी। साकेत- वो मैं तुमसे कहना चाहता था कि मैं तुमसे प्यार करता हूं। मैं - क्या?? (यह भी)ये कब हुआ? साकेत- पता नहीं कब
सब शोपिंग में मस्त थे। निशु, अवि और रवि भाई एक केंडल शोप में थे। मीना, काव्या और दिशा एक handicraft की शोप में थी और मैं, साकेत और राजा सामने नैनीताल की रेलिंग के पास साइड में खड़े ...Read Moreतभी सामने से मनोज अपने दोस्तों के साथ आ रहा था। हमें देख वह हमारे पास आएं। मनोज- आप लोग यहां? पहले बताया होता मैं भी आ जाता अपके साथ। साकेत- तुम यहां कैसे? मनोज- वो मेरे फूफाजी ने कुछ सामान मंगवाया था, वही लेने आए हैं। बाकी सब कहां है? साकेत- सब अपनी अपनी शोपिंग में व्यस्त हैं। तुमने
सुबह अलार्म बजा छः बजे का। यार यह सुबह जल्दी क्यों हो जाती है। मैं रवि भाई को ना बोल देती हुं के मुझे नहीं आना। निंद में ही इंटरकॉम से रवि भाई को कोल किया। मैं- हल्लो रविभाई, ...Read Moreसब जाइए मुझे नहीं आना है। सामने से आवाज आती है,- good morning जानेमन। आना तो तुम्हें पड़ेगा ही। मैं- आप?? (सामने अवि था) आप भैया के रूम में क्या कर रहे हैं? भैया को फ़ोन दीजिए। अवि- तुम्हारा भाई कबका नहाने चला गया। और तुम अभी सो रही हो? जल्दी तैयार हो जाओ कहीं देर न हो जाए। उगते
मैं और रवि भाई मेरे रुम में बैठकर TV देखते-देखते इधर उधर की बातें करने लगे। कुछ देर बाद रवि भाई अपने कमरे में जाने को उठें हीं थे कि मैंने रवि भाई से कहा कि,- भैया मैं आपसे ...Read Moreबात करना चाहती हुं। रवि भाई- हां, बोलना बच्चा। मैं- भैया वो... मैं.. कहना चाहती थी कि.. रवि भाई- क्या हुआ? हकला क्यों रही है? मैंने तपाक से रवि भाई को कहा कि- अवि ने मुझे प्रपोज किया और जबरदस्ती कीस भी। रवि भाई- क्या? उसने तुझे कीस किया?? उसकी हिम्मत कैसे..कब हुआ यह सब? मैं- जब बस का एक्सिडेंट
जब हमारा डांस शुरू होता है सब तालियां और सिटीया बजाने लगे। डांस करते वक्त अवि कहते हैं तुमने छूने से मना किया था पर माफ करना इस वक्त तो छूना ही पड़ेगा।? मैं- आप चुपचाप डांस करते रहे ...Read Moreमुड़ की बेंड मत बजाए। फिर पता नहीं क्या हुआ उसके बाद एक शब्द भी नहीं बोले। हमारा डांस परफॉर्मेंस इतना अच्छा हुआ कि तालियों की गूंज रुक ही नहीं रही थी। हम सब बहुत खुश हुए और हां दिशा ने वाकई में कोई गलती नहीं की और आग? लगा दी ?। हम सब ने स्टेज से नीचे उतरकर ढेर
तैयार होकर बाहर आती हुं तो अवि रुम के बाहर ही खड़े हैं। अवि- मैंने रवि को फोन कर दिया है। वह हमें रिद्धि के एक्टिवा की चाबी दे जाएगा, बाद में हम चलते हैं। मैं- एक्टिवा पर? बहुत ...Read Moreलगेगी। अवि- गर्म कपड़े पहने तो है। एसा करो अपनी शौल भी लेलों। मैं अपनी शौल लेकर आती हुं। रूम लॉक करके नीचे आए तो रवि भाई चाबी लेकर नीचे खड़े थे। रवि- बहुत दूर मत जाना। अवि रवि को साईड में ले जाता है। अवि- अबे बेवकूफ मेरी प्यार की नैया क्यों डुबो रहा है। कुछ वक्त साथ में
सुबह जल्दी तैयार होके सबने ब्रेकफास्ट किया और अपना सामान कार में रखवाया। रवि भाई मेरे पास आकर कहते है कि में निशु को अपना फैसला सुनाने वाला हुं। मै- उम्मीद करती हूं जवाब हा ही होगा। रवि भाई- ...Read Moreहुकुम सर आंखो पर। मैं congrats कहती हुई उनके गले लग जाती हु। सब रिद्धि और अंकल आन्टी को बाय बोलकर कार में बैठने जाते है। अंकल आंटी ने बहुत सारी मिठाईयां साथ में सबको दी और वापस आते रहने को कहा। मैंने घर पर कॉल करके हमारे निकलने के बारे में बता दिया। मै जब लास्ट में कार मै
कार रुकी थी निशु के घर के सामने। मै- यह तो हम निशु के घर आ गए। वो भी हमारे साथ ही आने वाली है? पहले क्यो नहीं बताया? रवि भाई- नहीं रे, हमें उसके घर ही आना है ...Read Moreके लिए। मै- पर घर पर तो अंकल आंटी होंगे ना? रवि भाई- नहीं है, वह आज दोपहर से ही दो दिन के लिए आउट ऑफ स्टेशन गए है। तो निशु ने डिनर यही करने का सोचा और घर पर शांति से हम अवि को सब बता सकते है। मै- वाह! मेरे साथ रह रहकर होशियार हो गई है निशु
अगली सुबह जब उठी तो अपने आप को तरोताजा महसूस किया। अंगड़ाई लेकर जब उठी और पास में नजर गई तो अवि मेरे साथ बेड पर ही सोए हुए थे। वो भी एक ही ब्लैंकेट में ?। उन्होंने अपने ...Read Moreड्रेस की टीशर्ट भी नहीं पहनी थी। मेरा दिल जोर से धड़कने लगा। कहीं रात में कुछ... नहीं नहीं एसा नहीं हो सकता?। में गुस्से से बेड पर बैठे बैठे ही अवि को पीट ने लगी। वो उठकर अपना बचाव करने लगे। अवि- क्या हुआ? अरे रुको, मार क्यो रही हो? मै- आप मेरे साथ बेड पर क्या कर रहे
घूमते घूमते हम थिएटर पौने तीन बजे पहुंचे। मेरा प्लास्टर वाला पैर देखकर सब मुझे ही देखे जा रहे थे। मैंने निशु से कहा- यार ये सब लोग मुझे ही देख रहे है। निशु- देखने दे, हमें यहां मूवी ...Read Moreहै ना के सब के चेहरे। तु बिंदास घूम ना।? मै- तु भी सही है पर मुझे कहीं बिठा ले अब पैर में दर्द हो रहा है। रवि भाई- अब शो का टाइम हो ही गया है तो अंदर ही चलते है। जैसे तैसे में ऊपर चढ रही थी तो अवि ने आगे आकर मुझे अपने हाथों से उठा लिया
आइस क्रीम खाने के बाद मैने रवि भाई से कहा कि मेरे दवाई लेने का टाइम हो गया है तो हमें अब चलना चाहिए। रवि भाई- वो तो तु सोते वक्त भी खा सकती है। मै आर्थोपेडिक का डॉक्टर ...Read Moreवाला हु बहना, मुझे इतना तो पता चलता है, तु दवाई किस वक्त खा सकती है। चल अब नाटक मत कर। मै- आपको भी कल हॉस्पिटल जाना है, तो चलते है न? निशु- हमें कोई जल्दी नहीं है, तु बस एन्जॉय करते जा। अवि- बोरिंग पर्सन हो गई है उम्र के साथ साथ ?। मै- और आप कैसे है ये
अवि की मल्टी स्पेशियली हॉस्पिटल ने कुछ ही वक्त में अपना नाम कमा लिया है। साथ में कुछ और डॉक्टर्स ने भी हॉस्पिटल ज्वॉइन किया है। पर ऑथोरिटी अवि के पास ही है। पर अवि ने एक नियम अच्छा ...Read Moreथा हॉस्पिटल में। सब डॉक्टर्स lunch time में साथ ही lunch करने बैठेंगे। ताकि सब को टाइम मिले साथ में बैठने का और अपने cases डिस्कस करने का। दिशा और राजा की शादी धूमधाम से हो गई है और रिद्धि ओर रजत की भी शादी हो चुकी है। दोनों की शादी में सबने बहुत एन्जॉय किया था। काव्या अब भी
रात को हम दिल्ली पहुंचे। अवि और निशु को लेने ड्राईवर आया था कार लेकर। रवि भाई अपनी कार हॉस्पिटल में ही छोड़ गए थे तो रवि भाई और मै साथ में ही घर चले गए। घर पर सब ...Read Moreकरते ही बैठे थे। जैसे ही घर पहुंची चंटू-बंटू दोनों आकर लिपट गए। सब के साथ कुछ देर बैठकर सोने चली गई। सुबह उठी तब भी थकान नहीं गई थी। पर कब तक थककर बैठी रहूंगी। वहा साकेत भी अकेला पड़ जाएगा। चलो जाती ही हुं। सुबह नहा धोकर तैयार होकर नीचे जा रही थी अपना वॉट्सऐप चैक करते हुए।
सुबह उठकर ही मैंने अवि को कॉल किया के मुझे अभी मिलना है। अवि- अभी तो सोया हुआ हुं जान। क्या बात है? मै- आप रेडी हो जाइए, हम मिलते है कॉफी शॉप पर। मिलकर बताती हुं। मै नहा ...Read Moreरेडी होकर नीचे अाई तो सेतु भाभी ने पूछा- इतनी सुबह सुबह कहा जा रही है? मै- एक इमरजेंसी में MRI करना है। सेतु भाभी- नाश्ता तो करती जा..। मै- वहीं कुछ मंगवा लूंगी। बाय... मै कॉफी शॉप समय से पहले पहुंच गई थी। कुछ देर बैठी पर अवि अभी तक नहीं आए थे। सोचा घर पर कोई बहाना ना
रात को रवि भाई मुझे निशु के घर से ले जाने आए थे। मै जब नीचे अाई तब आंटी जी वहा नहीं थे। यह देखकर मुझे थोड़ा अच्छा लगा। मै उनसे नज़रे नहीं मिला पा रही हूं। अवि को ...Read Moreजाने का मन तो नहीं करता पर क्या करूं? मै रवि भाई के साथ उनके घर चली जाती हुं। मै अब रवि भाई के मम्मी पापा को मेरे मम्मी पापा ही मानती थी और कहती भी थी। वे दोनों हमारे आने तक सो गए थे। मै अपने रूम में चली जाती हुं। हर प्रेगनेंट लेडी की तरह मुझे भी वॉमोटिंग