Kaidi book and story is written by Singh Pams in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kaidi is also popular in Anything in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कैदी - Novels
by Singh Pams
in
Hindi Anything
जेल के रोशनदान से आती सुबह की पहली किरण की छुयन मूक
हो जाया करती थी वो अपनी जिन यादों को दवा कर रखा था वे यादे इस समय जिवंत हो जाया करती थी
पहली बार जब सानवी ने सुना कि उसे जेल हो गयी है तो जेल में कदम रखते ही उसका मन हो रहा था कि अपने गले में फांसी का फंदा डाल कर लटक जाये
क्योंकि उसे कहां मालूम था कि सरकारी जेल में महिला कैदी की कमी नहीं है और कोर्ट मेंअपनी सुनवाईमे इतन बूढी हो गई है स्त्रीयों के बाड़ में आते ही आश्चर्य चकित हो गयी थी अनगिनत महिलाएं बूढी से लेकर बच्चिय तक देख सुन कर सानव नेने फांसी लगान का फैसला तत्याग दिया और बडी़ आदालत से निकलते निकलते कितने साल पार हो जायेगे और हुआ भी वही और देखते देखते चार साल और बीत गये बीच में एक दो जमानत के लिए कोशिश की गई परंतु विफल रहा एन जी ओ की दीदी मधू ने अभी भी कोशिश जारी रखी हुई है परंतु रिहाई की आशा धुमिल हो गयी थी
जेल के रोशनदान से आती सुबह की पहली किरण की छुयन मूक हो जाया करती थी वो अपनी जिन यादों को दवा कर रखा था वे यादे इस समय जिवंत हो जाया करती थी| पहली बार जब सानवी ने ...Read Moreकि उसे जेल हो गयी है तो जेल में कदम रखते ही उसका मन हो रहा था कि अपने गले में फांसी का फंदा डाल कर लटक जाये | क्योंकि उसे कहां मालूम था कि सरकारी जेल में महिला कैदी की कमी नहीं है और कोर्ट मेंअपनी सुनवाई मे इतन बूढी हो गई है स्त्रीयों के बाड़ में आते ही आश्चर्य
और सारे कैदी बाहर निकलने लगे सानवी और सीमा बाहर आ गयी थी आज जिस अपराध की दोषी सानव जेल में सजा काट रही थी उस अपराध की नींव बर्षों पहले रख दी गई थी उसके बंदींगरह का सफर ...Read Moreउसी दिन शूरू हो गया था जब ओडिसा में सब परिवार के साथ शिवपूरी में आई थी और शिवपूरी मध्य प्रदेश का एक शहर है यह एक हिल स्टेशन है यहां का सौदर्य अनुपम है यही एक छोटे से गांव में सानव सूस परिवार के साथ आई थी और ओडिसा के एक छोटे से गांव मलकुपूर से एक गरीब परिवार
और इस गांव की लडकीयां और औरते को जो लोग एस यां दो साल के लिए खरीद कर ले जाते जब उन लडकीयां यां औरतों को जब कोई बच्चा पैदा होता को उस बच्च को कोई गांव का मर्दो ...Read Moreबच्चे को अपनाने को तैयार नही होते क्योंकि उनका मानना है कि ये बच्चा किसका हमें कैसे पता होगा लडकी को कोई दूसरा मर्द खरीदने के लिए आता तो लडकी को अपने नवजात शिशु को अपने माता-पिता के साथ छोड़ कर जाना पड़ता और और कोई एक आध मर्द जो दरियादिली का होता तो वो अगर लडका हैं तो ही अपनाने
और इस मंडी में कुआरी और बेसहारा लडकों के लिए लगाई जाती बैसे तो मनोहरलाल कहने के लिए एक बूढ़ा व्यक्ति और उसके चार बच्चे भी थे लेकिन कहते हैं कि बंदर कभी गुलाटी मारना नही भूलता बस यही ...Read Moreमनोहरलाल का था बैसे जाती से ब्राह्मण व्यपार के बणीया बहुत हबशी और क्रूर किस्म का इंसान हैं और अब मनोहरलाल एस व्यपारी के साथ साथ एक दलाल भी बन चुका था लेकिन जाती वर्चस्व का झूठा अंहकार आज जीवत था और बहुत जल्द तो राजनीति में कदम रखने वाला था और इसी वयवस्था के कारण मनोहरलाल का इस गांव
0 चंदन ने कहा अगर मेरे साथ किसी ने भी चालबाजी करने की कोशिश की तो मैं सबको जान से मार दूंगा और साथ में तेरे भाई को भी तो सानवी ने कहा क्या राजेश का नाम सुनते ही ...Read Moreसानवी के पास दो कदम दूर छिटक कर खडा़ हो सानवी ने कहा क्या हुआ प्यार का भूत उतर गया तो चंदन ने कहा हा तुम अपने भाई की बात मान ले लेकिन तु ऐसा कर राजेश की होने से पहले तुम एक रात के लिए मेरी बन जा तो सानवी ने हैरानी से कहा क्या तुम तु पागल तो नही हो