Kaidi - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

कैदी - 4

और इस मंडी में कुआरी और बेसहारा लडकों के लिए लगाई जाती बैसे तो मनोहरलाल कहने के लिए एक बूढ़ा व्यक्ति और उसके चार बच्चे भी थे लेकिन कहते हैं कि बंदर कभी गुलाटी मारना नही भूलता बस यही हाल मनोहरलाल का था बैसे जाती से ब्राह्मण व्यपार के बणीया बहुत हबशी और क्रूर किस्म का इंसान हैं और अब मनोहरलाल एस व्यपारी के साथ साथ एक दलाल भी बन चुका था लेकिन जाती वर्चस्व का झूठा अंहकार आज जीवत था और बहुत जल्द तो राजनीति में कदम रखने वाला था और इसी वयवस्था के कारण मनोहरलाल का इस गांव में आनाजाना कम हो गया था
और चंदन मनोहरलाल की ओर से निश्चित हो गया था और सानवी को खरीदकर हमेशा के लिए भगा कर ले जाने के चक्कर में था शूरू में सानवी को पता नहीं था की चंदन उसे प्यार करता है और सानव कोको ये बात पता नहीं थी कि चंदन के मन में आखिर हैं क्या और फिर सानव के सासामने अपने माता-पिता की सचाई आ ही गयी थी की मेरे माता-पिता के मुंह धन रूपी खून लग चुका है और जल्दी ही सनावी को अपने माता-पिता की योजना के बारे में सबकुछ पता चल गया था और पहले-पहले तो चंदन सानवी से धन की बचत के बारे में बातें करता रहता था तो सानवी को लगा कि शायद चंदन अपने कारोबार के लिए पैसे जमा कर रहा है लेकिन जल्दी सानव कीकी समझ में बात आ गयी थी की चंदन ने पैसे क्यों इकट्ठा किये हैं लेकिन सानवी के माता-पिता को एक नया दलाल मिल गया था जो सानवी को खरीदने के लिए चंदन से ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार था इस घिनौनी प्रथा के बार में जान कर सानवी को बहुत बूरा लगा लेकिन चंदन के समझाने पर सानवी चुप हो गयी थी और सानवी को ये गलत प्रथा और पैसे कमाने का जरिया है ये समझ में आत् ही सानवी इस गांव से भागने की तैयारी में थी लेकिन तभी भी बीच में चंदने ने रोक लिया लेकिन सानवी ने कहा तुम मुझे खरीदने के लिए रूपये जमा कर रहे हो उसके लिए तो मेरे माता-पिता के पास कोई दूसरा दलाल पहुंच गया है और ये सुन कर चंदन क
बहुत बडा़ झटका लगता है क्यों उसने पायी पायी जमा की थी सानवी को खरीदने के लिए लेकिन चंदन तो सानवी से प्यार करने लगा था तो चंदन को पूरा विश्वास था कि अब वो दिन दूर नहीं जब वो सानवी को खरिद कर अपनी पत्नी बना कर ले कर जायेगा और फिर सानवी ने कहा ये वोली मेरे भाई ने लगाई है और कुछ देर पहले सानवी को चंदन पर बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन अब चंदन के चेहरे को देख कर सानवी को चंदन पर तरस आ रहा था तो चंदन ने कहा तेरा भाई ही आज कल दलाल बना घूम रहा है कोई अपनी ही बहन को कैसे बेच सकता है चंदन ने अपना गुस्सा सानवी पर निकालने की कोशिश की और फिर चंदन ने गुस्से में आकर कहा मैं उन सबको जान से मार दूगां अगर तेरे घर बालों ने मेरे साथ चालाकी करने की कोशिश की तो..
क्रमशः ✍️