फिर बारी सानवी के भाईयों पर कपडा़ डालने की कि जो दोनों ही सानव और चांदनी के दलाल बने घूमते थे और फिर सानवी की भाभी पर चादर डाली गई जो एक बच्चे ना होने पर ना जाने कहां कहां मन्नत पाठ पूजा की कहां कहां नही गई एक बच्च कोको जन्म देने के लिये मगर जब उसने एक लडकी को जन्म दिया तो बहुत खुश थी की चलो बैठे विठाये एक मुफ्त की आमदनी का जरिया मिल गया था सानवी की भाभी तो खुली आंखो से सपने देखन लगी थी और उस नन्ही सी परि की बोली लगान वाला खुद सानव की भाभी का पति जानी की सानवी का भाई ने खुद अपनी हाथों अपनी नन्ही बेटी का दलाल बन गया तभी उसे शरम नही आई और ना ही सानवी की भाभी ने अपने पति को रोकने की कोशिश की क्योंकि भाभी तो घर में आने वाले पैसों की गिनती करने के सपनों में खोई हुई थी और आखरि लाश को देख कर सब आश्चर्य चकित थे क्योंकि वो लाश किसी और की नही बल्कि मनोहरलाल जो जो पेशे से पंडित था जो किसी के जात क घर से पानी तक नहीं पीते और आये दिन जब किस लडकी की जररूत पडतीं तो सबसे पहले वो हर नयी आई लडकी का शुद्धीकरण करवाता फिर अपने बिस्तर पर ले जाता जे भेद की बात पूरी दुनिया के सामने मनोहरलाल की लाश के बाद सब के सामने आई क्योंकि दिखावे के लिए तो मनोहरलाल पंडित जी था मगर अंदर से पूरा का पूरा दरिन्दे था जो पहले किसी को पता ही नहीं था क्योंकि जब किसी नयी लडकी का शुद्धि करण करवाने के बाद मनोहरलाल को लडकी को भोगने से कोई परहेे नहीं था और अब यहां लोग अचंभज में थी इतना बड़ा धर्मिक आदमी यहांा पर कर नीचली जाती के लोगों के घर में क्या करन आया था क्योंकि लोग ये बात नही जानते थे कि ये दूध का धुला सिर्फ दिन में ही दिखाई देता था क्योंकि रात काले धंधे और दलाल का काम बखूबी करता था
चांदनी और उसकी बेटी दोनों घर में नही थी तो सभी लोग चांदनी को हत्यारन मान कर चल रहे थे और शायद चांदनी सभी को जहर खा कर गयी थी
तभी सानवी जो एक कोने में चुपचाप बैठी हुई थी वो बोली की चांदनी ने कुछ नहीं किया है वो तो अपने प्रेमी के साथ चली गई और इन सभी को मैने मारा है सानवी ने बडी़ निडरता से कहा तभी एक पुलिस कर्मी ने कहा ऐ लडकी तुम्ह पपता हैं तुम क्या बोल रही हो क्योंकि यह एक बहुत संगिन जुर्म हैं इससे तुम्हे फांसी की सजा भी हो सकती है
तब सानवी ने कहा मैं अब कौनसा जिंदा हूं और अपना गुनाह कबूल करते ही सानव कोको गिरफ्तार कर लिया
और सानव ने कोकोर्ट में भी वही गबाही दी और पूरी स्पष्टता के साथ सानव ने अपन बाबा जज के सामने रखी सानवी ने जज के सामने हर बात खुल कर बताई अपने माता-पिता और भाईयों की करतूत और चांदनी के घर से चले जाने से ले कर सानवी ने अपने ही हाथों म से अपनों को जहर देने की बात