Ishq Junoon book and story is written by PARESH MAKWANA in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ishq Junoon is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
इश्क़ जुनून - Novels
by PARESH MAKWANA
in
Hindi Horror Stories
ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है। किसी भी घटनाओ का वास्तविकता से कोई सबंध नहीं है। प्रस्तावना, हेल्लो, मेरा नाम है परेश मकवाना। मेरी ये कहानी 'इश्क़ जुनून' एक गाने के ऊपर आधारित है। सन १९७६ में आई 'नागिन' फिल्म का वही लोकप्रिय गाना 'तेरे संग प्यार में..' मुझे ये गाना बहुत पसंद है। अक्षर खाली बैठे में यही गाना गुनगुनाता हु। वैसे तो ये गाना इस कहानी का केंद्रबिंदु है। या यु कहु तो ए गाना ही इस कहानी को जीवंत बनाता है। वैसे तो मेरी ये कहानी भी मेरी बाकी
ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है। किसी भी घटनाओ का वास्तविकता से कोई सबंध नहीं है। प्रस्तावना, हेल्लो, मेरा नाम है परेश मकवाना। मेरी ये कहानी 'इश्क़ जुनून' एक ...Read Moreके ऊपर आधारित है। सन १९७६ में आई 'नागिन' फिल्म का वही लोकप्रिय गाना 'तेरे संग प्यार में..' मुझे ये गाना बहुत पसंद है। अक्षर खाली बैठे में यही गाना गुनगुनाता हु। वैसे तो ये गाना इस कहानी का केंद्रबिंदु है। या यु कहु तो ए गाना ही इस कहानी को जीवंत बनाता है। वैसे तो मेरी ये कहानी भी मेरी बाकी
रात को तकरीबन ग्यारह बजे तक मेने अपने मोबाइल में साउथ की एक मूवी देखी ये मेरा रोज का था। उसे पहले में अपना इंट्रोडक्शन देदु हेल्लो मेरा नाम है ...Read Moreइस कहानी का एक लोता हीरो। अब कहानी में आते है। मूवी चल ही रही थी की बीच मे माया की वॉट्सऐप नोटिफिकेशन आई.. फिर मूवी को वही स्टॉप करके में माया से चेट करने लगा.. कुछ घण्टे बाद नींद से मेरी आँखें भी कहने लगी की भाई अब तो आराम करने दे और मोबाइल भी मानो बोल
ये गाना सुनकर मानो मेरा सर घूमने लगा। कुछ धुंधले धुंधले से दर्शय मानो मेरी आँखों के सामने दिखाई देने लगे। उन दृश्यों में मुजे किसके चहरे तो साफ नही ...Read Moreबस आवाजे साफ सुनाई दी। एक लड़की लाल रंग के शादी के जोड़े में किसी बंध कमरे के अंदर एक कोने में बैठी अपनी दर्दभरी सुरीली आवजो में मानो यही गाना गा रही थी। उसकी वो दर्दभरी आवाज, मानो मेरे कानों में गूंज रही। मांग मेरी शबनम ने मोती भरे
''में सच बोल रहा हु, में तुमसे प्यार नही करता..'' इतना सुनते ही वो रोते हुवे वहां से उठकर चली गई.. ...Read More इधर क्लास में मेरा मन बिल्कुल नही लग रहा था। मेने माया के साथ बहुत गलत किया वो बिचारी तो.. * * * आज मेरा जन्मदिन था मेरा इक्कीसवा जन्म दिन बाबाजी ने बताया था की जब में इक्कीस साल का हो जाऊंगा तब वो आएगी, वो वापस आएंगी। मेरे जन्मदिन की पार्टी
शामको में ओर माया इस्कॉन मोल के कॉफे एरिया में एक टेबल पर आमने सामने बैठे थे। अपनी सवालभरी निगाहों से वो मुजे ही देखे जा रही थी। ...Read More मैने वहाँ की खामोशी को तोड़ते हुवे उसका हाथ पकड़ते हुवे धीरे से कहा ''में भी तुमसे प्यार करता हु माया..'' ओर मानो मेरा जवाब सुनकर उसके चहेरे की वो खोई हुई हँसी वापस आ गई.. उसने मुजे हैरानी से देखा और कहा ''सच, सच मे तुमभी