Deh ki Dahleez par by Kavita Verma | Read Hindi Best Novels and Download PDF Home Novels Hindi Novels देह की दहलीज पर - Novels Novels देह की दहलीज पर - Novels by Kavita Verma in Hindi Social Stories (1.1k) 307.1k 456.1k 349 सुबह की पहली किरण के साथ कामिनी की नींद खुल गई उसने आंखें मिचमिचाकर उन्हें श्यामल उजाले में देखने को अभ्यस्त किया। बाहों को सिर के ऊपर तानकर पैरों को लंबा खींच शरीर की जकड़न को दूर किया और ...Read Moreकरवट लेकर बगल में सो रहे मुकुल को निहारा। गहरी नींद में दोनों बाजुओं को सीने पर बाँधे होठों को थोड़ा सा खोले सोता हुआ मुकुल बेहद मासूम लग रहा था। उसे देख कामिनी के शरीर में एक झुरझुरी सी दौड़ गई। उसका शरीर कसमसाने लगा उसका तन और मन खुद को मुकुल की बलिष्ट बाहों में कैद होने को मचलने लगा। उसके होठों की तपिश अचानक कई गुना बढ़ गई। वह उन अधखुले होंठों से एकाकार होने को मचल उठे। उसने हौले से अपने होंठ उसके होंठों से छुआए साथ ही उसके बालों की खुली लटें मुकुल के चेहरे को चूमने लगीं। एक सरसरी तो उसके चेहरे पर भी पैदा हुई होगी वह कुनमुनाया और उसने करवट बदल ली। कामिनी के तप्त खुले होंठ उपेक्षित से ठिठके रह गए। यह ठिठकन उसे पिछली रात में ले गई। Read Full Story Download on Mobile Full Novel देह की दहलीज पर - 1 (118) 78.3k 91.4k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथा कड़ी1 सुबह की पहली किरण के साथ कामिनी की नींद खुल गई उसने आंखें मिचमिचाकरउन्हें श्यामल उजाले में ...Read Moreको अभ्यस्त किया। बाहों को सिर के ऊपर तानकर पैरों को लंबा खींच शरीर की जकड़न को दूर किया और बाएं करवट लेकर बगल में सो रहे मुकुल को निहारा। गहरी नींद में दोनों बाजुओं को सीने पर बाँधेहोठों को थोड़ा सा खोले सोता हुआ मुकुल बेहद मासूम लग रहा था। उसे देख कामिनी के शरीर में एक झुरझुरी सी दौड़ गई। उसका Listen Read देह की दहलीज पर - 2 (67) 36.9k 49.7k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथा कड़ी 2 कामिनी की सोच की रफ्तार कार की स्पीड के साथ बढ़ती जा रही थी। अन्तस में ...Read Moreकी रेलमपेल से सड़क की भीड़ अदृश्य सी हो गई। विचारों में गुम उसे पता ही नहीं चला कि चौराहे पर सिग्नल रेड लाइट शो कर रहा था। क्रॉस करते समय लेफ्ट साइड से आती गाड़ी के ड्राइवर ने उसे भद्दी सी गाली दी, तब उसकी तन्द्रा टूटी। उसने गाड़ी रिवर्स की और शर्मिंदगी और असहाय वाले भाव से इधर उधर देखकर चुपचाप Listen Read देह की दहलीज पर - 3 (95) 30.3k 43.4k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथा कड़ी 3 उस दिन कामिनी अन्य दिनों की अपेक्षा शाम से पहले ही घर आ गई थी, सासू ...Read Moreअपनी फेवरिट जगह टीवी के सामने नहीं दिखाई दी तो उनके कमरे में झांका तो देखा कि वे अपनी दोपहरिया की नींद पूरी कर रहीं हैं। घर में अभी कोई और नहीं था। कामिनी को अपने बेडरूम में झाँकने भी मन नहीं किया। कपड़े भी नहीं बदले पर्स को एक तरफ फेंक उसने किचन में जाकर एक कप चाय बना लिया और बालकनी Listen Read देह की दहलीज पर - 4 (59) 26.5k 41.6k अब तक आपने पढ़ा :- मुकुल की उपेक्षा से कामिनी समझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है ? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया उसके मन ने किसी तीसरे के होने ...Read Moreसंशय जताया लेकिन उसे अभी भी किसी बात का समाधान नहीं मिला है। बैचेन कामिनी सोसाइटी में घूमते टहलते अपना मन बहलाती है वहीं उसकी मुलाकात अरोरा अंकल आंटी से होती है जो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं। वहीं कामिनी की परेशानी नीलम को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है? Listen Read देह की दहलीज पर - 5 (65) 21.8k 42.2k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा अब तक आपने पढ़ा :- मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों कर ...Read Moreहै ? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया उसके मन ने किसी तीसरे के होने का संशय जताया लेकिन उसे अभी भी किसी बात का समाधान नहीं मिला है। बैचेन कामिनीसोसाइटी में घूमते टहलते अपना मन बहलाती है वहींउसकी मुलाकात अरोराअंकल आंटी से होती है जो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं। कामिनी Listen Read देह की दहलीज पर - 6 (56) 13.9k 22.9k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा ...Read More? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया उसके मन ने किसी तीसरे के होने का संशय जताया लेकिन उसे अभी भी किसी बात का समाधान नहीं मिला है। बैचेन कामिनीसोसाइटी में घूमते टहलते अपना मन बहलाती है वहीं उसकी मुलाकात अरोराअंकल आंटी से होती है जो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं। कामिनी Listen Read देह की दहलीज पर - 7 (50) 11k 17.3k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथा कड़ी7 अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों ...Read Moreरहा है ? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया उसके मन ने किसी तीसरे के होने का संशय जताया लेकिन उसे अभी भी किसी बात का समाधान नहीं मिला है। बैचेन कामिनीसोसाइटी में घूमते टहलते अपना मन बहलाती है वहीं अरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं।कामिनी की परेशानी नीलम को सोचने Listen Read देह की दहलीज पर - 8 (45) 9.3k 14.9k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथाकड़ी8 अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों कर ...Read Moreहै ? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया। कामिनी की परेशानी नीलम को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है।वहीँ अरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं। रविवार के दिन राकेश सुबह से मूड में था और नीलम उससे बचने की कोशिश में। एक सितारके दो Listen Read देह की दहलीज पर - 9 (53) 8.6k 14.7k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथाकड़ी 9 अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों ...Read Moreरहा है ? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया। कामिनी की परेशानी नीलम को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है।वहीँ अरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं। रविवार के दिन राकेश सुबह से मूड में था और नीलम उससे बचने की कोशिश में। एक सितारके Listen Read देह की दहलीज पर - 10 (43) 7.7k 12.6k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथाकड़ी 10 अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों ...Read Moreरहा है ? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया। कामिनी की परेशानी नीलम को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है।वहीँ अरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं। रविवार के दिन राकेश सुबह से मूड में था और नीलम उससे बचने की कोशिश में। एक सितारके Listen Read देह की दहलीज पर - 11 (41) 8.6k 15k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथाकड़ी 11 अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों ...Read Moreरहा है ? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया। कामिनी की परेशानी नीलम को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है।वहीँ अरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं।मुकुलअपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है वह समझ नहीं पा रहा है कि उसके साथ ऐसा क्या हो रहा Listen Read देह की दहलीज पर - 12 (44) 7.9k 11.3k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथा कड़ी 12 अब तक आपने पढ़ा :- मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा ...Read Moreक्यों कर रहा है ? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया। कामिनी की परेशानी नीलम को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है।वहीँ अरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं।मुकुलअपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है वह समझ नहीं पा रहा है कि उसके साथ ऐसा क्या Listen Read देह की दहलीज पर - 13 (43) 7.1k 10k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथाकड़ी 13 अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों ...Read Moreरहा है ? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया। कामिनी की परेशानी नीलम को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है।वहीँ अरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं।मुकुलअपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है वह समझ नहीं पा रहा है कि उसके साथ ऐसा क्या हो रहा Listen Read देह की दहलीज पर - 14 (44) 6.3k 10.7k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथा कड़ी 14 अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार ...Read Moreकर रहा है ? वहींनीलम मीनोपॉज के लक्षणों से परेशान है। एकअरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं।मुकुलअपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है वह समझ नहीं पा रहा है कि उसके साथ ऐसा क्या हो रहा है ?सुयोगअपनी पत्नी प्रिया से दूर रहता है एक शाम उसकी मुलाकात शालिनी से होती है जो सामने Listen Read देह की दहलीज पर - 15 (46) 6.1k 9.8k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथाकड़ी 15 अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों ...Read Moreरहा है ? वहींनीलम मीनोपॉज के लक्षणों से परेशान है। एकअरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं।मुकुलअपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है वह समझ नहीं पा रहा है कि उसके साथ ऐसा क्या हो रहा है ?सुयोगअपनी पत्नी प्रिया से दूर रहता है एक शाम उसकी मुलाकात शालिनी से होती है जो सामने वाले Listen Read देह की दहलीज पर - 16 (42) 5.4k 8.3k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथा कड़ी 16 अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार ...Read Moreकर रहा है ? वहींनीलम मीनोपॉज के लक्षणों से परेशान है। एकअरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं।मुकुलअपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है वह समझ नहीं पा रहा है कि उसके साथ ऐसा क्या हो रहा है ?सुयोगअपनी पत्नी प्रिया से दूर रहता है एक शाम उसकी मुलाकात शालिनी से होती है जो सामने Listen Read देह की दहलीज पर - 17 (51) 5.2k 8.3k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथाकड़ी -17 कथाकड़ी 17अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार ...Read Moreकर रहा है ? वहींनीलम मीनोपॉज के लक्षणों से परेशान है। एकअरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं।मुकुलअपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है वह समझ नहीं पा रहा है कि उसके साथ ऐसा क्या हो रहा है ?सुयोगअपनी पत्नी प्रिया से दूर रहता है एक शाम उसकी मुलाकात शालिनी से होती है जो सामने Listen Read देह की दहलीज पर - 18 (47) 5k 8.7k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथाकड़ी 18 कथाकड़ी 18अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार ...Read Moreकर रहा है ? वह फैंटसी में किसी के साथ अपने मन की बैचेनी दूर करने की कोशिश करती है। उस फैंटसी में वह सुयोगको पाती है।मुकुलअपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है।एकअरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं।सुयोगअपनी पत्नी प्रिया से दूर रहता है एक शाम उसकी मुलाकात शालिनी से होती है जो सामने Listen Read देह की दहलीज पर - 19 (49) 5k 9.5k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथाकड़ी 19 कथाकड़ी 19अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार ...Read Moreकर रहा है ? वह फैंटसी में किसी के साथ अपने मन की बैचेनी दूर करने की कोशिश करती है। उस फैंटसी में वह सुयोगको पाती है।मुकुलअपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है।एकअरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं।सुयोगअपनी पत्नी प्रिया से दूर रहता है एक शाम उसकी मुलाकात शालिनी से होती है जो सामने Listen Read देह की दहलीज पर - 20 - अंतिम भाग (80) 6.3k 13.8k साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसीवर्मा कथा कड़ी 20 अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनीसमझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार ...Read Moreकर रहा है ? वह फैंटसी में किसी के साथ अपने मन की बैचेनी दूर करने की कोशिश करती है। उस फैंटसी में वह सुयोगको पाती है।मुकुलअपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है।एकअरोराअंकल आंटीहैंजो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं।सुयोगअपनी पत्नी प्रिया से दूर रहता है एक शाम उसकी मुलाकात शालिनी से होती है जो सामने Listen Read More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Novel Episodes Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Humour stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Social Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Kavita Verma Follow