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Purn-Viram se pahle by Pragati Gupta | Read Hindi Best Novels and Download PDF

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! by Pragati Gupta in Hindi
Novels

पूर्ण-विराम से पहले....!!! - Novels

by Pragati Gupta Matrubharti Verified in Hindi Social Stories

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 1 "सुभोर प्रखर! कल रात तुमने मेरे व्हाट्सप्प मैसेज को देखा.. पर तुमने कोई जवाब लिखकर नहीं भेजा| तुम मेरे किसी भी मैसेज को बगैर पढ़े-लिखे सो जाओगे यह मैं मान ही नहीं सकती…..काफ़ी देर तक ...Read Moreजवाब का इंतजार करती रही| फिर सोचा तुमसे फोन करके वजह ही पूछ लूँ| जब तुम चुप्पी साध लेते हो.. बहुत जी घबराता है मेरा.. और एक तुम हो सब कुछ जानते-बूझते हुए भी जवाब नहीं देते हो|" सवेरे-सवेरे शिखा की फोन पर आवाज़ सुनकर प्रखर के चेहरे पर आई मुस्कुराहट उसके चाय के स्वाद को और बढ़ा देती थी|

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 1

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 1 "सुभोर प्रखर! कल रात तुमने मेरे व्हाट्सप्प मैसेज को देखा.. पर तुमने कोई जवाब लिखकर नहीं भेजा| तुम मेरे किसी भी मैसेज को बगैर पढ़े-लिखे सो जाओगे यह मैं मान ही नहीं सकती…..काफ़ी देर तक ...Read Moreजवाब का इंतजार करती रही| फिर सोचा तुमसे फोन करके वजह ही पूछ लूँ| जब तुम चुप्पी साध लेते हो.. बहुत जी घबराता है मेरा.. और एक तुम हो सब कुछ जानते-बूझते हुए भी जवाब नहीं देते हो|" सवेरे-सवेरे शिखा की फोन पर आवाज़ सुनकर प्रखर के चेहरे पर आई मुस्कुराहट उसके चाय के स्वाद को और बढ़ा देती थी|

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 2

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 2. शिखा ने अपनी बातों को कुछ सेकंड के लिए विराम दिया| फिर उसने प्रखर को बताया कि कल रात जब उसे नींद नहीं आ रही थी तब उसने समीर की किताबों वाली अलमारी संभाली| जिस ...Read Moreको अक्सर समीर ही संभालते थे| वहाँ उसे समीर की दो डायरियाँ मिली| समीर अपनी युवावस्था से ही डायरी लिखते थे| शिखा ने प्रखर को संक्षिप्त में दोनों डायरियों के बारे में बताया कि पहली डायरी समीर के बचपन और युवावस्था की बहुत सारी घटनाओं को सँजोये हुए है| दूसरी डायरी को पढ़कर लगता है कि समीर ने शादी के

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 3

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 3. शिखा सोचने बैठी तो एक के बाद एक अतीत का पृष्ठ उलटता ही चला गया| स्कूल,कॉलेज, प्रखर का मिलना, फिर समीर से विवाह और समीर के विदा लेने के बाद उसकी डायरियों का मिलना..रिश्तों से ...Read Moreसमीकरण.. कितनी बातें कितनी यादें.. अथाह समंदर के जैसी.. जितना गहरे उतरते जाओ.. कितनी रंग-बिरंगी सीपियाँ आस-पास बिखरी हुई दिख रही थी| कुछ बदरंग सीपियाँ भी जीवन के यथार्थ को सहेजे हुई थी| माँ-बाऊजी के जाने के बाद घर के बड़े बेटे-बहु होने के नाते समीर और शिखा ने मिलकर पैत्रक घर के सभी निर्णय लिए थे। यह घर आगरा

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 4

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 4. घर में सामान सेट होने के बाद समीर और शिखा ने आस-पास रहने वाले पड़ोसियों से मिलने का सोचा सबसे पहले समीर और शिखा ने घर के पास वाले घर में मिलने का विचार ...Read More घर की नेम प्लेट पर ‘प्रणय’ लिखा हुआ था समीर और शिखा ने गेट को खोल कर ज्यों ही गार्डन के पास बनी हुई सीढ़ियों से ऊपर चढ़ना शुरू किया, शिखा का तो मन बगीचे में लगे खूब सारे फूलों में अटक कर रह गया वो तो सीढ़ियों पर खड़ी-खड़ी फूलों को निहारने लगी तब समीर ने आगे बढ़कर डोर-बेल बजाई..और

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 5

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 5. अपने बेटे की बातों को साझा करते-करते प्रखर के चेहरे पर आने वाला उत्साह उसे ढेरों खुशी दे रहा था| प्रखर ने बहुत सारी बातें प्रणय की साझा की| कैसे प्रणय पहले शादी करने के ...Read Moreतैयार ही नहीं था| उसको लगता था माँ को गए हुए अभी बहुत कम दिन हुए हैं .. बात-बात पर प्रीति को याद करके रोता था|.....उसको बहुत समझाया| मेरे बहुत दबाब डालने पर शादी के लिए तैयार हुआ|.. उसने प्रिया को कॉलेज समय से ही पसंद किया हुआ था| पिछले साल ही प्रणय और प्रिया की शादी की| प्रिया भी

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 6

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 6. घर आकर समीर शिखा से बोले.. “बहुत सरल और सहज व्यक्ति है प्रखर| बहुत दिल से जुड़ी बातें करता है| इतने बड़े पद पर रहने के बाद भी कोई अहम नहीं| मुझे तो प्रखर बहुत ...Read Moreऔर मिलनसार व्यक्ति लगा| मुझे ऐसे ही लोग अच्छे लगते है| प्रखर का नेचर बिल्कुल हमारे जैसा ही है| शायद इसलिए मिलकर बहुत अच्छा लगा| अच्छा शिखा अब मेरी दवाई निकाल दो .....मैं भी दवाई लेकर सोऊँगा|” शिखा ने समीर को दवाइयाँ दी और वो दवाई लेकर लेटते ही सो गया| पर शिखा की आँखों में नींद नहीं थी| उसने

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 7

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 7. खैर प्रखर ने जैसे ही अपनी बातें बताना शुरू की.....शिखा प्रखर की बातों को सुनने लगी.. “तुम दोनों को प्रीति के बारे में बताऊँगा तो मुझे भी बहुत अच्छा लगेगा|”.. जब हम लखनऊ से कानपुर ...Read Moreरहे थे तब प्रीति ने कराहते हुए मुझे बताया ......कि उसकी पीठ में बहुत तीव्र दर्द है| वो बैठ भी नहीं पा रही|.. एक दिन पहले भी उसके इसी पैटर्न का दर्द था.. तब उसने जो पैन किलर ली थी आराम आ गया था| जिस रोज हम निकालने वाले थे उसने फिर से पैन किलर ली थी क्यों कि उसको

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 8

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 8. न जाने कितनी देर तक मैं प्रीति के कमरे के बाहर खड़ा रहा| उस समय डॉक्टर द्वारा बताया हुआ मृत्यु का अनिश्चित समय मुझे अंदर ही अंदर कंपन दे रहा था| जीवन के किसी भी ...Read Moreमें हम अपने प्रिय को खो सकते हैं यह डर कितना भयावह हो सकता है मैंने उसका अनुभव किया| जब मेरे अर्दली ने मुझे कमरे में आकर बैठने को कहा तब मैं अंदर घुसा| अर्दली ने मुझे पानी पिलाया और थोड़ा आराम करने को कहा| कमरे में पहुंचकर जैसे ही मैंने प्रीति पर अपनी दृष्टि डाली उसकी निगाहों में मुझे

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 9

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 9. लखनऊ से लौटने के चार दिन बाद प्रणय भी कानपुर पहुंच गया। उसने मुझे स्टेशन लेने आने को मना कर दिया था| स्टेशन से उसने कैब ले ली थी| जैसे ही वो घर में दाखिल ...Read Moreउसने अपना सामान काका से कहकर अपने कमरे में रखवा दिया….और वो सीधे हम

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 10

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 10. प्रणय का अक्सर ही फोन आता रहता था| जब उसको पता लगा कि मां को सांस लेने और चलने-फिरने में दिक्कत होने लगी है| उसने वापस बीस दिन का प्रोग्राम बनाया| जिस कंपनी में वह ...Read Moreकरता था जब उन्होंने छुट्टियां देने के लिए मना कर दिया| प्रणय ने अपनी नौकरी छोड़कर हिंदुस्तान आने का फैसला कर लिया| प्रीति की तबीयत दिनों-दिन खराब हो रही थी| यह तो बहुत अच्छा हुआ कि प्रणय भी उस समय कानपुर में ही था| उस काली रात को मैं कभी भी नहीं भूल पाता हूँ| जब हम दोनों रात भर

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 11

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 11. उस रोज प्रखर ने जब कविता लिखा हुआ कागज़ शिखा को दिया था तो अनायास ही उसके हाथ ने शिखा के हाथों को पहली बार स्पर्श किया| शिखा के हाथों के कंपन से मानो कागज़ ...Read Moreलिखी कविता भी तरंगित हो उठी....दोनों को एक साथ महसूस हुआ| शिखा को बारिश की पहली बूंदों-सा प्रखर का स्पर्श महसूस हुआ था| जिसकी छुअन आज भी उसके साथ थी| उस पल में शिखा का दिल सिर्फ बहे जा रहा था और दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था| शायद ऐसा ही कुछ प्रखर के साथ भी हुआ था|

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 12

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 12. यादों की लड़ियों ने उसे कॉलेज के प्रांगण में लाकर खड़ा कर दिया था। प्रखर से जब भी शिखा मिलती.....साथ में गुज़रे अतीत में चुपचाप ही पहुँच जाती| समय-समय पर अतीत को ओढ़कर उसकी गर्माहट ...Read Moreमहसूस करना शिखा की बहुत पुरानी आदत थी| जिसे प्रेम में इतना कुछ मिला हो.....वो इन सुखद एहसासों को क्यों छोड़ना चाहेगा| उस रोज कॉलेज का पहला दिन था| जब प्रोफेसर गुप्ता ने तीन पीरियड लगातार एक साथ लिए थे| प्रखर का तीनों पीरियड में शिखा को लगातार दो घंटे तक देखते रहना, शिखा के अंदर आज भी कहीं ठहरा

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 13

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 13. उस रोज प्रखर ने भी बहुत कुछ साझा किया था| कैसे स्कूल खत्म होने के बाद जब रिजल्ट आया ....सारे शहर में उसकी सेकंड पोजीशन थी। उसको शिखा का नाम पता था| सो उसने न ...Read Moreकितनी बार पूरी रिजल्ट लिस्ट में शिखा के नाम को कई-कई बार खोजा..कहीं शिखा का नाम भी मेरिट में हो| बार-बार भगवान को याद करता और लिस्ट देखता। उसका नाम न पाकर बहुत उदास हो गया था उस रोज वो| उसकी खुद के मेरिट में आने की खुशी भी काफूर हो गई थी। जबकि वो जानता था कि शिखा से

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 14

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 14. गुजरते वक़्त के साथ एक रोज अचानक शिखा के फोन पर प्रखर का कॉल आया| शिखा की आवाज़ सुनते ही प्रखर ने कहा.. “शिखा! बोल रही हो| प्रखर बोल रहा हूँ| तुम्हारा नंबर एक कॉमन ...Read Moreसे लिया था| कल रात को ही तुम्हारे शहर में आया था....मेरी एक मीटिंग थी। आज दोपहर में फ्री हूँ| मिलना चाहता हूं तुमसे। क्या तुम मिलने आ पाओगी|”.. शादी के इतने दिनों बाद प्रखर की आवाज सुनकर शिखा बहुत बैचेन हो गई थी| प्रखर अपना नाम बताता नहीं तब भी वो पहचान जाती| जैसे ही उसने प्रखर कहा उसकी

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 15

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 15. एक लंबे अरसे बाद दोनो फिर से रिटायर होने के बाद मिले थे|....वो भी उम्र के उस पड़ाव पर.....जहां हर आता दिन कभी भी ज़िंदगी में पूर्ण-विराम के लगने की ओर इशारा कर रहा था ...Read Moreदूसरी ओर ज़िंदगी शेष समय को जितना भी संग-साथ मिले उसमें बहुत जीए-सा महसूस करना चाहती थी| दोनों ने जो धैर्य एक दूसरे से बिछड़ने के बाद सारी उम्र रखा था| शायद उसी के उपहारस्वरूप दोनों एक दूसरे के पड़ोसी बने थे| अब इसकी भी मर्यादा रखना दोनों की ही ज़िम्मेदारी थी| आज एक बार फिर अतीत ने दोनो को

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 16

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 16. प्रखर जब इस तरह की बातें करता तो शिखा को समीर और उसके शादी के बाद के दिन बहुत बार याद आते| जब दोनों का विवाह हुआ समीर बहुत कम बोलते थे| शिखा बहुत कोशिश ...Read Moreदोनों के बीच संवाद बना रहे पर समीर की कम बोलने की आदत उसकी कोशिशों को नाकाम कर देती| समीर जब भी बोलते बहुत सीधा-सपाट बोलते। उनकी बातों में लेप-लपाट नही था। तभी तो उनका प्यार भी रूखा मगर साफ़ था। पर उनकी बातें और विचार बहुत अच्छे थे| उन्होंने कभी भी शिखा से कोई शिकायत नहीं की| जीवन में

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 17

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 17. हालांकि समीर और शिखा को ऐसी कोई मेजर हेल्थ प्रॉब्लम नही थी कि उनको किसी भी इमरजेंसी में अपने बेटे की जरूरत होती| पर और मां-बाप की तरह ही समीर और शिखा ने भी सार्थक ...Read Moreछोटी-छोटी उम्मीदें पाल ली थी। अगले दिन शाम को चार बजे दोनो की लखनऊ के लिए ट्रेन थी। शिखा ने सार्थक के जाने की सभी तैयारियों में उसकी व मीता की मदद की। उसका बहुत मन था कि अपनी बहू से कुछ बातें करें। शिखा ने अपने बेटे सार्थक की शादी के लिए भी बहुत सारे ख्वाब देखे थे। सभी

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 18

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 18. गुज़रते समय के साथ समीर और प्रखर की खूब जमने लगी| दोनों कभी उसके यहाँ तो कभी शिखा के यहाँ बैठकर घंटों चैस खेलते या गपियाते| अक्सर शिखा भी उन दोनों के साथ बैठकर उनकी ...Read Moreका आनंद लेने लगी थी| किस्से तो प्रखर के पास बहुत होते थे| उसका महकमा भी ऐसा था कि हर तरह के इंसान के साथ वास्ता पड़ता था| अब प्रखर को भी समीर-शिखा के जीवन से जुड़ी काफ़ी बातों का अंदाजा हो चुका था| काफ़ी बार ऐसा हुआ जब तीनों साथ बैठे हुए थे....तभी सार्थक या प्रणय का फोन आया|

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 19

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 19. प्रखर तेज-तेज बड़े-बड़े कदम रखकर वहां पहुंचा और शिखा की मदद को झुका ही था कि नर्सिंग स्टाफ स्ट्रेचर ले कर आ गया। स्टाफ ने समीर को लिटाया और उसे डॉक्टर के इमरजेंसी रूम में ...Read Moreजाने लगा। तभी समीर ने दोनो की तरफ देखा और कहा "मिलता हूँ जल्द ही..." बोलकर समीर ने आंखें मूंद ली और चुपचाप स्टाफ के साथ चला गया। प्रखर और शिखा उनको जाते हुए देख रहे थे कि शिखा को बहुत जोर से रोना आ गया। प्रखर ने शिखा को आराम से बैठने को कहा और घर से लाई हुई

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 20

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 20. समीर की सभी टेस्ट रेपोर्ट्स आने पर डॉक्टर सुबोध ने प्रखर और शिखा को अपने चैम्बर में बुलाया और उनको बताया कि उसका ई.सी.जी. काफ़ी ऐब्नॉर्मल आया है| हार्ट की पंपिंग भी बहुत इररेगुलर है| ...Read Moreकरके जल्द ही हमको किसी निर्णय पर पहुंचना होगा| जिसके लिए आप सहमति दें| प्रखर के साथ सलाह करके शिखा ने डॉक्टरर्स को अपना काम करने के लिए सहमति दे दी| पिछले दो सालों से समीर रोज प्रखर के साथ सैर को जाता ही था| उसका खान-पीन भी बहुत संतुलित था| कोई दूसरे शौक भी नहीं थे जिनकी वजह से

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 21

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 21. रिश्तेदारों व मेहमानों का बारह दिनों तक घर में आना-जाना लगा रहा| समीर और शिखा का लोगों के संग बहुत अच्छा सामाजिक व्यवहार रहा था| सो गमी के इस मौके पर काफ़ी लोग शिखा से ...Read Moreआए| दूर से आए लोगों के खाने और ठहरने का इंतजाम प्रखर की मदद से बहुत सहूलियत से हो गया| काफ़ी रिश्तेदारों को सार्थक जानता था तो उसके आने से उनको अटेन्ड करने में सुविधा रही| अब प्रखर भी आए हुए रिश्तेदारों के लिए अपरिचित नहीं था| प्रखर की मिलनसारिता से आने वाले सभी अभिभूत थे| कुछ ने अपने दिमाग

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 22

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 22. शिखा यथार्थ को कुछ-कुछ महसूस कर रही थी....तभी खुद को भविष्य के लिए मानसिक रूप से तैयार कर रही थी| बहुत अपेक्षाएं करना समीर और शिखा की आदतों में नहीं था| पहले समीर और शिखा ...Read Moreघर में एक-दूसरे के लिए हुआ करते थे| अब समीर की यादें सारे घर में उसके इर्द-गिर्द घूमती थी| कभी इस कमरे से तो कभी उस कमरे से शिखा को समीर की आहटें और बातें सुनाई देती थी| शिखा ने खुद को दूसरे कामों में व्यस्त रखना भी प्रारंभ कर दिया था ताकि जीवन सरल होने लगे| इतने सालों का

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 23

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 23. समीर के होने पर शिखा से प्रखर की बातें व्हाटसप्प पर ही ज़्यादा हुआ करती थी| जब भी समय मिलता दोनों अपने दिल की बातें एक दूसरे से कह-सुन लेते| कोई भी फॉरवर्ड आता या ...Read Moreमें से कोई भी कुछ भी नया लिखता सबसे पहले एक दूसरे के साथ साझा करता| समीर के होने पर भी दोनों की ज़िंदगी एक दूसरे के आस-पास घूमती रहती थी| उम्र के इस मोड़ पर मिलने पर भी दोनों को हमेशा ही लगता था कि उनके बीच प्रेम कभी खत्म हुआ ही नहीं था..तभी तो सारे संजोग जुटे| समीर

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 24

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 24. अब शिखा को समीर के जुड़े हुए सभी काम पूरे करने थे| सबसे पहले उसने समीर के अलमारियों में लगे हुए कपड़ों को जगह-जगह पर जाकर दान में दिया| उनके घर में कोई भी नहीं ...Read Moreजो उसके कपड़ों को खुशी-खुशी पहनता| वैसे भी सबके साइज़ बहुत अलग होते हैं| जब उसकी इस टॉपिक पर प्रखर से फोन पर बात हुई तो उसी ने कहा.. “शिखा! समीर हो या मैं हूँ या तुम भी हो.....हमारे जाने के बाद कोई भी हमारी चीजों को पहनना चाहेगा बहुत मुश्किल है| हर पीढ़ी की अपने पसंद है| सच तो

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 25 - अंतिम भाग

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 25. प्रखर और शिखा को एक दूसरे के लिए जो भी करना अच्छा लगता वही करने की कोशिश करते| शिखा अभी घर से बाहर बहुत कम निकलती थी| दोनों फोन पर ही आपस में छोटी-बड़ी सभी ...Read Moreको साझा कर लेते थे| दूसरे शहरों में रहने वाले प्रेमियों को जैसे फोन का सहारा रहता है पड़ोसी होने के बाबजूद वही हाल प्रखर और शिखा का था| दोनों का आपस में बात कर लेने से, न सिर्फ़ मन बदली होता था बल्कि दोनों को ही अकेलापन नहीं सताता था| अब किसी भी कीमत पर वो एक-दूजे को खोना

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