OR

The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.

Matrubharti Loading...

Your daily story limit is finished please upgrade your plan
Yes
Matrubharti
  • English
    • English
    • हिंदी
    • ગુજરાતી
    • मराठी
    • தமிழ்
    • తెలుగు
    • বাংলা
    • മലയാളം
    • ಕನ್ನಡ
    • اُردُو
  • About Us
  • Books
      • Best Novels
      • New Released
      • Top Author
  • Videos
      • Motivational
      • Natak
      • Sangeet
      • Mushayra
      • Web Series
      • Short Film
  • Contest
  • Advertise
  • Subscription
  • Contact Us
Publish Free
  • Log In
Artboard

To read all the chapters,
Please Sign In

Mout Ka Khel by Kumar Rahman | Read Hindi Best Novels and Download PDF

  1. Home
  2. Novels
  3. Hindi Novels
  4. मौत का खेल - Novels
मौत का खेल by Kumar Rahman in Hindi
Novels

मौत का खेल - Novels

by Kumar Rahman Matrubharti Verified in Hindi Detective stories

(700)
  • 151.6k

  • 364.5k

  • 82

जासूसी उपन्यास मौत का खेल कुमार रहमान कॉपी राइट एक्ट के तहत जासूसी उपन्यास ‘मौत का खेल’ के सभी सार्वाधिकार लेखक के पास सुरक्षित हैं। किसी भी तरह के उपयोग से पूर्व लेखक से लिखित अनुमति लेना जरूरी है। ...Read Moreउपन्यास ‘मौत का खेल’ के सभी पात्र, घटनाएं और स्थान झूठे हैं... और यह झूठ बोलने के लिए मैं शर्मिंदा नहीं हूं। फार्म हाउस दिसंबर महीने की आखिरी रात थी, यानी 31 दिसंबर की तारीख थी। आज गजब की सर्दी थी। कोहरा भी इस कदर था कि कुछ फिट की दूरी पर भी चीजें नजर नहीं आ रही थीं। 31

Read Full Story
Download on Mobile

मौत का खेल - Novels

मौत का खेल - भाग-1
जासूसी उपन्यास मौत का खेल कुमार रहमान कॉपी राइट एक्ट के तहत जासूसी उपन्यास ‘मौत का खेल’ के सभी सार्वाधिकार लेखक के पास सुरक्षित हैं। किसी भी तरह के उपयोग से पूर्व लेखक से लिखित अनुमति लेना जरूरी है। ...Read Moreउपन्यास ‘मौत का खेल’ के सभी पात्र, घटनाएं और स्थान झूठे हैं... और यह झूठ बोलने के लिए मैं शर्मिंदा नहीं हूं। फार्म हाउस दिसंबर महीने की आखिरी रात थी, यानी 31 दिसंबर की तारीख थी। आज गजब की सर्दी थी। कोहरा भी इस कदर था कि कुछ फिट की दूरी पर भी चीजें नजर नहीं आ रही थीं। 31
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-2
अकेलापनथर्टी फर्स्ट नाइट का इंतजार तो सार्जेंट सलीम को भी था। 31 दिसंबर को दोपहर का खाना खाकर वह कमरा बंद करके सो गया। सोने से पहले उसने फोन स्विच ऑफ कर लिया था। कानों में रुई ठूंस ली। ...Read Moreथी कि किसी तरह की आवाज उसके कानों में न जाने पाए, जिससे नींद में खलल पड़े। दोपहर का खाना सार्जेंट सलीम ने खुद बनाया था। वह जाने कहां से चौलाई का साग ले आया। उसने साग को मक्खन से बघार कर खुद बनाया था। इसके साथ ही उसने मक्के की रोटियां सेंकी थीं। रोटियां गोल तो नहीं बन सकी थीं,
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-3
फ्लर्ट होटल का डायनिंग हॉल धीरे-धीरे भरता जा रहा था। नहीं आ रहा था तो उस लड़की का कोई अपना, जिसके लिए वह इस कदर बेचैन थी। उसने एक बार फिर गेट की तरफ देखा और अपनी कलाई घड़ी ...Read Moreभी तुरंत ही नजर डाली। फोन करने के लिए उसने अपना मोबाइल उठाया फिर झुंझला कर उसे रख दिया। सलीम उठ कर लड़की के पास से गुजरा और फिर लौटकर मेज के पास आकर खड़ा हो गया। लड़की ने तुरंत ही चौंक कर उसकी तरफ देखा। शायद उसे लगा था कि जिसका उसे इंतजार है, वह शख्स आ गया है।
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-4
रक्स शरकी और ठरकीरक्स शर्की अपने दूने टाइम तक चला था। दरअसल उसे दस बजे शुरू हो जाने के बाद साढ़े ग्यारह बजे तक खत्म हो जाना था। उसके बाद न्यू इयर सेलिब्रेशन का प्रोग्राम था। रक्स शरकी साढ़े ...Read Moreबजे खत्म भी हो गया। इसके बाद न्यू इयर सेलिब्रेशन के तौर पर कई छोटे-छोटे प्रोग्राम हुए और ठीक 12 बजे एक बहुत बड़ा सा केक काटा गया। कुछ लोगों ने शैंपेन भी खोली थी। न्यू इयर सेलिब्रेशन के बाद लोगों की मांग पर रक्स शरकी को दोबारा शुरू किया गया। यह सवा बारह बजे शुरू हुआ तो रात दो बजे
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-5
दो अजनबीकमरे में मौजूद उस आदमी ने आराम कुर्सी की पुश्त से टेक लगा रखी थी। अब उस ने आंखें बंद कर ली थीं। अलबत्ता वह अभी भी जाग रहा था। वह किसी गहरी सोच गुम था। दूसरी ...Read Moreबेड पर से सोने की आवाज आने लगी थी। अजीब बात यह थी कि उस कमरे में दो लोग मौजूद थे। दोनों को ही एक-दूसरे से कोई मतलब नहीं था। इस के बावजूद कमरे में मौजूद थे। एक बीमारी का बहाना बना कर यहां आ गया था। दूसरा कातिल से बचने की फिराक में। कुछ देर बाद बेड से खरखराहट भरी
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-6
खेल में मौतरायना भी यही समझ रही थी कि डॉ. वरुण वीरानी मरने की एक्टिंग कर रहा है। जब वह इस तरह से गिर गया तो उस के मुंह से भयानक चीख निकल पड़ी। रायना की चीखने की आवाज ...Read Moreकर मेहमानों में शामिल एक डॉक्टर ने तेजी से आगे आते हुए कहा, “यह एक्टिंग नहीं हो सकती है। मुझे मामला कुछ गड़बड़ लग रहा है। आप लोग किनारे हटिए... मुझे चेक करने दीजिए।” इस के बाद वह आदमी जमीन पर बैठ कर डॉ. वीरानी की नब्ज चेक करने लगा। उसने अपने कान डॉ. वीरानी के दाहिने सीने पर टिका
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-7
खून के धब्बे कार के चले जाने के बाद राजेश शरबतिया ने नाइट गाउन उतार दिया और ओवरकोट पहन लिया। उस की पत्नी बेड पर बेखबर सो रही थी। वह चुपचाप बेडरूम से बाहर निकल आया। उस ने बहुत ...Read Moreसे कोठी का दरवाजा खोला। दरअसल जब कुछ राज रखना होता है तो आप का पूरा व्यवहार ही बदल जाता है। ऐसा ही शरबतिया के साथ हुआ था। उस ने इस आहिस्ता से कोठी का दरवाजा खोला था, मानों आवाज होते ही सब को डॉ. वीरानी मौत के बारे में पता चल जाने वाला था। उस ने दरवाजे को बहुत
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-8
शीर्ष आसन सार्जेंट सलीम न्यू इयर पार्टी से लौटने के बाद जम कर सोना चाहता था, लेकिन लगातार बजते फोन ने उसकी नींद में खलल डाल दिया था। उसने नींद में ही फोन उठाया और तेज आवाज में ...Read More“रांग नंबर!” इसके बाद उसने फोन काट दिया और फिर सो गया। अभी वह नींद की वादी में उतरा ही था कि फिर से फोन की घंटी बज उठी। उसकी फिर से आंख खुल गई। उसने फोन रिसीव किया और गुस्से में चिल्लाने जा ही रहा था कि दूसरी तरफ की आवाज सुनकर मुंह खुला का खुला ही रह गया। चिल्लाने
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-9
कब्र खोदी गई डॉ. वीरानी की कब्र सभी लोगों के सामने थी। गड्ढा मिट्टी से भरा हुआ था। रायना और शरबतिया ने लोगों को बताया था कि उन्होंने कुछ घंटे पहले गड्ढा खुला हुआ देखा था और उसमें लाश ...Read Moreथी। “गड्ढा खोल कर देख लो, लाश है भी या नहीं?” दिनांक ठुकराल ने मशवरा दिया। उसकी बात सभी को ठीक लगी। कुछ दूर पर पड़े फावड़े से गड्डे की मिट्टी हटाई जाने लगी। कुछ मिट्टी हटने के बाद लाश का कफन नजर आ गया। सब को यकीन हो गया कि लाश गड्ढे में मौजूद है। मिट्टी फिर से भरी
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-10
इश्क की दास्तान अबीर कुछ देर पहले एक लड़की के साथ था और अब यह दूसरी लड़की। अबीर आखिर किसे धोखा दे रहा है? यह सलीम की समझ में नहीं आया। सलीम कुछ देर खड़ा अपनी गुद्दी सहलाता रहा। ...Read Moreसीढ़ियों से नीचे उतर आया। वह होटल मैनजेर के ऑफिस की तरफ चल दिया। सार्जेंट सलीम बिना रोकटोक अंदर धड़धड़ाता हुआ घुस गया। अंदर पहुंचते ही अफरातफरी मच गई। होटल की रिसेप्शनिस्ट तेजी से बाहर निकल गई। मैनेजर विशेश्वर कातिल भी हड़बड़ा कर खड़ा हो गया। उसने खिसयानी हंसी हंसते हुए कहा, “हुजूर बुरा न मानें तो एक बात अर्ज
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-11
कौन था वह सलीम ने आज जम कर मेहनत की थी। उसे यकीन था कि उस की जानकारी सोहराब को खुश कर देगी। जब वह कोठी पर पहुंचा तो दोपहर ढल चुकी थी। पूरी कोठी में तलाशने के बाद ...Read Moreसोहराब उसे लाइब्रेरी में मिल गया। वह चांद के बारे में कोई किताब पढ़ रहा था। सोहराब अभी भी किताबों पर ही भरोसा करता था। उस का मानना था कि नेट पर दी गई ज्यादातर जानकारी अधकचरी है। किताब अब भी रिसर्च के बाद और उस विषय के जानकार ही लिखते हैं। सोहराब ने सार्जेंट सलीम के खिले-खिले चेहरे को
  • Read Free
मौत का खेल - भाग -12
तफ्तीश इंस्पेक्टर कुमार सोहराब और सार्जेंट सलीम के बीच अभी बातें हो ही रही थीं कि तभी सोहराब के फोन की घंटी बजी। दूसरी तरफ से राजेश शरबतिया की घबराई हुई आवाज आई, “सोहराब साहब... मैं एक मुसीबत में ...Read Moreगया हूं। आप जितनी जल्दी हो सके शरबतिया हाउस आ जाइए।” “क्या हुआ... सब खैरियत तो है न?” सोहराब ने पूछा। “बस आप जल्दी पहुंच जाइए।” यह कहते हुए शरबतिया ने फोन काट दिया। सोहराब ने फोन रखते हुए सलीम से कहा, “घोस्ट ले आइए... शरबतिया हाउस चलना है अभी तुरंत।” “कोई खास बात?” सलीम ने पूछा। “रास्ते में बात
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-13
गुमशुदगी की रिपोर्ट सिगार सुलगाने के बाद सोहराब ने दो-तीन कश लिए। उस के बाद उस ने किसी का फोन मिला दिया। दूसरी तरफ से फोन रिसीव होने पर सोहराब ने कहा, “शरबतिया हाउस में एक कब्र के पास ...Read Moreदीवार तक गए तीन जूतों के निशान उठाने हैं। वह जगह आप को राजेश शरबतिया दिखा देंगे।” इस के बाद सोहराब ने फोन काट दिया। सलीम ने अपना सवाल फिर से दोहरा दिया, “डॉ. वरुण वीरानी की लाश कहां गायब हो गई?” इंस्पेक्टर कुमार सोहराब ने बताया, “डॉ. वीरानी की लाश को कुछ लोग कब्र से उठा ले गए हैं।
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-14
दलाल रायना ने मेजर विश्वजीत को निराश नहीं किया। वह पलट कर शरबतिया के पास गई और वाइन की बोतल को गले से सटा कर शराब गिराने लगी। शराब उसके बदन से गुजरते हुए नीचे गिर रही थी। राजेश ...Read Moreबहुत ध्यान से रायना को देखे जा रहा था। रायना मंद-मंद मुस्कुरा रही थी। शराब धीरे-धीरे उसके बदन से गुजरते हुए बहती जा रही थी। मेजर विश्वजीत भी यह मंजर देख कर मुस्कुरा रहा था। आखिरकार उसने आगे बढ़कर जाम रायना की नाभि के पास लगा दिया और वह धीरे-धीरे भर गया। उसके बाद उसने जाम को राजेश शरबतिया के
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-15
पुतला मेजर विश्वजीत की पार्टी में खलल पड़ गया था। उसका मूड बुरी तरह से ऑफ था। राजेश शरबतिया उसे शांत करने की कोशिश कर रहा था। उसने मेजर विश्वजीत को गले से लगा रखा था और धीरे-धीरे ...Read Moreकी पीठ थपथपा रहा था। इस थैरेपी ने अपना असर दिखाया और मेजर विश्वजीत कुछ देर में ही शांत हो गया। विश्वजीत ने पार्टी खत्म करने का एलान कर दिया। नतीजे मे धीरे-धीरे लोग चले गए। उस हाल में सिर्फ मेजर विश्वजीत, रायना और राजेश शरबतिया ही बच गए थे। शरबतिया ने आगे बढ़ कर उलटे पड़े पुतले को सीधा
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-16
लाश का डीएनए इंस्पेक्टर सोहराब लाश को बड़े ध्यान से देख रहा था। लाश के चेहरे की हालत देख कर उसने यह अंदाजा तो लगा ही लिया था कि चेहरे पर तेजाब अभी नहीं डाला गया है। उसने लाश ...Read Moreके इंचार्ज को तलब कर लिया। सोहराब ने उससे लाश की डिटेल बताने को कहा। इंचार्ज ने पहले लाश को देखा उस के बाद उसकी डिटेल निकालने लगा। उसने बताया कि लाश आज ही पुलिस यहां लेकर आई है। लाश जंगलाती इलाके में लावारिस हालत में मिली थी। लाश की शिनाख्त मिटाने के लिए चेहरे पर तेजाब डाल दिया गया
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-17
रूमाल होटल सिनेरियो के सुइट में अबीर सोफे पर बैठा हुआ था और रायना उस पर बुरी तरह से बिफरी हुई थी। वह उसके सामने खड़ी कह रही थी, “तुम्हें क्या जरूरत थी यह सब करने की। अगर तुम ...Read Moreजाते तो जानते हो तुम्हारा क्या हस्र होता। मेजर विश्वजीत बेहिचक तुम्हें गोली मार देता। साथ ही रिपोर्ट लिखवा देता कि तुम उसके यहां उसका कत्ल करने आए थे।” “कत्ल तो मैं करूंगा एक दिन उस हरामजादे का।” अबीर ने गुस्से में कहा। “इतना तैश में आने की जरूरत नहीं है। तुम्हारा और उसका रास्ता अलग अलग है।” रायना ने
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-18
क्रिमनल साइकोलॉजी घोस्ट बहुत तेजी से भागी चली जा रही थी। शहर काफी पीछे छूट गया था। सड़क पर इस वक्त ज्यादा गाड़ियां नहीं थीं। वन वे होने की वजह से घोस्ट की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा के ...Read Moreथी। यहां रोड लाइट नहीं थी। इस की वजह से जहां तक घोस्ट की हेडलाइट्स जा पा रही थी। उतना ही हिस्सा नजर आ रहा था। बाकी दूर दूर तक अंधेरे का राज था। सड़क पर टायरों की रगड़ से अजीब सी आवाज हो रही थी। ऐसा लगता था जैसे बहुत सारी बदरूहें कहकहा लगा रही हैं। सलीम अभी तक
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-19
लाश की वापसी शरबतिया हाउस में लाश वैसे ही रखी हुई थी और रायना शव को लेने के लिए तैयार नहीं थी। कोतवाली इंचार्ज मनीष ने रायना को समझाते हुए कहा, “मैडम यह लाश डॉ. वीरानी साहब की ही ...Read Moreहम ने तस्दीक कर ली है।” “इंस्पेक्टर तुम मुझे मत समझाओ। मैं बिना सबूत के कैसे मान लूं कि यह डॉ. वीरानी की ही लाश है। मैंने उनके साथ कई साल बिताए हैं। तुम मुझे मत बताओ कि यह वही हैं।” रायना ने खुश्क लहजे में कहा। “मैडम डॉ. वीरानी के कान की तरह ही लाश का एक कान कटा
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-20
वापसी राजेश शरबतिया की वाइफ नाइट गाउन में उन दोनों की तरफ चली आ रही थी। उसे देखते ही रायना ने पूछा, “आप अभी तक यहीं रह रही हैं। लगता है आपको फार्महाउस की लाइफ रास आ रही है।” ...Read Moreमें ही थी। कल ही तो आई हूं।” शरबतिया की बीवी ने कहा। फिर पूछने लगी, “तुम कब आईं? और यहां क्या कर रही हो! आओ अंदर आओ। बाहर तो बहुत सर्दी है।” राजेश शरबतिया की शहर में कई कोठियां और हवेलियां थीं। इन में से सबसे आलीशान कोठी ‘मिनाका हाउस’ में वह रहता था। बीच-बीच में वह फार्म हाउस
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-21
ड्रोन सदर अस्पताल दस मंजिला था और लाशघर पांचवी मंजिल पर था। लिफ्ट तेजी से ऊपर चली जा रही थी। न वह छठे फ्लोर पर रुकी थी और न सातवें और आठवें पर ही। सोहराब लिफ्ट का जायजा ...Read Moreहुए तेजी से सीढ़ियों पर दौड़ रहा था। लिफ्ट दसवें फ्लोर पर भी नहीं रुकी तो सोहराब आश्चर्य में पड़ गया। यानी लिफ्ट ओपेन फ्लोर पर गई थी। सोहराब भी सीढ़ियां नापते हुए आखिरी मंजिल की छत की तरफ पहुंच गया। जहां पर सीढ़ियां खत्म हुई थीं। वहां पर एक दरवाजा था और उसमें ताला लगा हुआ था। सोहराब ने जेब
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-22
फन टू सन क्लब यह एक विदेशी ओपेन कार थी। इसे एक मिस्री लड़की ड्राइव कर रही थी। उसका नाम शीना था। शक्लो सूरत में बहुत खूबसूरत थी। लंबे कद की और बहुत गोरी-चिट्टी। स्किन का कलर दूध सा ...Read Moreथा। यह मेजर विश्वजीत की खास ड्राइवर थी। इस लड़की को उसके एक दोस्त ने तोहफे में दिया था। यह बात अजीब थी कि किसी लड़की को तोहफे में दिया जाए, लेकिन बिजनेस वर्ल्ड में यह सब बहुत आम है। जैसे वाइफ स्वैपिंग। शीना भी बहुत खुशी-खुशी मेजर विश्वजीत के साथ रह रही थी। मेजर विश्वजीत उसका खास ख्याल रखता
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-23
सिंड्रेला इंस्पेक्टर कुमार सोहराब ने जब बूढ़े को मोबाइल पर कपड़े की तस्वीर दिखाई तो उसने उस पर एक नजर डालते हुए कहा, “हमारे लिए यह बता पाना बहुत मुश्किल है। यहां हर दिन सैकड़ों कपड़े सिलने के लिए ...Read Moreहैं। कपड़ों के कोई चेहरे तो होते नहीं कि याद रह जाएं!” बूढ़े मैनेजर की बात सुनने के बाद सोहराब ने उसे टैग का फोटो दिखाते हुए कहा, “यह टैग तो आपके यहां का ही है न....?” बूढ़े ने टैग को ध्यान से देखते हुए कहा, “जी हां! इस टैग की डिजाइन हमने दो साल पहले तब्दील की थी। उसके
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-24
अहम सुराग सोहराब और सलीम पर पीछे की कार से किए गए दोनों ही फायर बेकार साबित हुए थे। दोनों गाड़ियों के बीच की दूरी पचास मीटर से ज्यादा थी। फायरिंग के बाद सोहराब ने घोस्ट की स्पीड को ...Read Moreदिया। इसके साथ ही सोहराब ने माउजर और सलीम ने अपनी पिस्टल निकाल ली और पीछे की तरफ फायर कर दिया। दोनों का ही निशाना अचूक था। नतीजे में पीछे वाली कार के दोनों अगले टायर तेज आवाज के साथ ब्लास्ट हो गए। इसके साथ ही पीछे वाली कार का संतुलन बुरी तरह से बिगड़ गया और वह कई बार
  • Read Free
मौत का खेल - भाग-25
मेंबरशिप अबीर फंटूश रोड पर कार में बैठे-बैठे उकता गया था। उसने मेजर विश्वजीत को एक भद्दी सी गाली दी और कार को स्टार्ट कर दिया। वह यहां तक मेजर विश्वजीत और रायना का पीछा करते हुए आया था। ...Read Moreगेट पर ही रोक दिया गया था। उसका मूड इस वक्त बहुत खराब था। वह यहां से सीधे अपने ऑफिस गया। अपने चैंबर में पहुंचते ही वह कुर्सी पर बैठ गया और ग्लास उठा कर पानी पीने लगा। यह एक बड़ा सा हाल था, जिसमें उस का ऑफिस था। इसे ऑफिस की जगह दीवानखाना कहना ज्यादा मुनासिब होगा। इसमें आराइश
  • Read Free
मौत का खेल - भाग- 26
गंजू धमकी का तुरंत असर हुआ और घबराहट में कार के एक्सीलेटर पर पांव का दबाव बढ़ गया और नतीजे में कार की स्पीड अचानक तेज हो गई। “आराम से आराम से।” पीछे से गंभीर आवाज में कहा गया। ...Read Moreकी रफ्तार सामान्य हो गई थी। चिकनी खोपड़ी वाले ने डरी हुई सी आवाज में पूछा, “क्कक्या चाहते हो?” “कुछ सवालों के जवाब!” पीछे से कहा गया, “मैं जिधर कहता हूं... उधर चलते रहो।” इसके बाद पीछे वाले आदमी ने उसकी जेबों की तलाशी ली। कोट की दाहिनी जेब से एक रिवाल्वर बरामद हुआ। उसने रिवाल्वर निकाल कर अपनी बाईं
  • Read Free
मौत का खेल - भाग- 27
प्रिंस ऑफ बंबेबो टेबल क्लॉक का अलार्म कई बार बजकर शांत हो चुका था। सार्जेंट सलीम अभी तक सोया हुआ था। सोहराब कोठी पर नहीं था, वरना अब तक ब्रेक फास्ट के लिए उसका फोन आ गया होता। दस ...Read Moreके करीब उसने एक आंख खोल कर दीवार पर लगी घड़ी की तरफ देखा। उसमें सवा दस बज रहे थे। सवा दस का टाइम देखते ही उसकी दूसरी आंख भी खुल गई और वह उठ कर बैठ गया। उसने लेमन टी के लिए रिसीवर उठाया, लेकिन फिर उसे क्रेडिल पर रख दिया। कोठी पर इंटरनल बातचीत के लिए अभी भी
  • Read Free
मौत का खेल - भाग- 28
स्विमिंग सिंड्रेला और सलीम आपस में पीठ जोड़े हुए बैठे थे। सिंड्रेला हाथों में फूल लिए उन की पंखुड़ियों को एक-एक कर के तोड़ रही थी। मानो कोई विश का फैसला कर रही हो कि पूरी होगी या नहीं। ...Read Moreसारी पंखुड़ियां टूट गईं तो वह अचानक सार्जेंट सलीम उर्फ प्रिंस ऑफ बंबेबो के सामने आ कर बैठ गई। उसने दो-तीन बार पलकें झपकाईं और उसके बाद सलीम से पूछा, “तुम सचमुच प्रिंस हो?” “बिल्कुल! तुम्हें शक क्यों है?” सार्जेंट सलीम ने उसकी आंखों में देखते हुए पूछा। “प्रिंस जैसे लगते नहीं हो न!” सिंड्रेला ने मुंह बनाते हुए कहा।
  • Read Free
मौत का खेल - भाग- 29
वनिता “मैं उस लड़की की बात कर रहा हूं, जिसने थर्टी फर्स्ट की पार्टी में डॉ. वरुण वीरानी के कपड़ों पर वाइन गिरा दी थी।” सोहराब ने कहा। “ओह अच्छा! मैं उस वक्त वहां मौजूद नहीं था, लेकिन बाद ...Read Moreमैंने सुना था इस बारे में। हां, वह वनिता है... संदीप सिंघानिया की वाइफ।” राजेश शरबतिया ने कहा। “वह मशहूर इंडस्ट्रलिस्ट संदीप सिंघानिया?” इंस्पेक्टर सोहराब ने पूछा। “हां वही।” राजेश शरबतिया ने जवाब दिया। प्रिया नाश्ता ले आई थी। राजेश ने सोहराब से पूछा, “तुम तो एस्प्रेसो लोगे न!” “पीता तो एस्प्रेसो ही हूं, लेकिन आप तकल्लुफ न कीजिए।” सोहराब
  • Read Free
मौत का खेल - भाग- 30
कातिल ऑरेंज कलर की इस छोटी सी पर्ची पर कातिल लिखा हुआ था। सार्जेंट सलीम को कुछ समझ में नहीं आया कि आखिर इस का मतलब क्या है? उसने सोहराब से पूछा, “ये कैसी पर्ची है और आप को ...Read Moreसे मिली? इस पर कातिल लिखे होने का क्या मतलब है?” “शरबतिया हाउस में थर्टी फर्स्ट की नाइट एक खेल हुआ था... ‘मौत का खेल’। उस खेल में दो किरदार थे... कातिल और जासूस। यह पर्ची उसी खेल की है। यानी यह कातिल के नाम वाली पर्ची है।” सोहराब ने बताया। झाना कॉफी ले आया था। सलीम ने सोहराब को
  • Read Free
मौत का खेल - भाग- 31
सरप्राइज गिफ्ट अबीर की कुर्सी को ऊपर जाते हुए राजेश शरबतिया ने देख लिया था। उसने भी यही समझा था कि ये खेल का हिस्सा है। म्यूजिक फिर शुरू हो गया और लोग चेयर के इर्द-गिर्द घूमने लगे। रायना ...Read Moreअबीर को राउंड में नहीं पाया तो उसे ताज्जुब हुआ। उसने दाएं-बाएं देखा लेकिन उसे वह कहीं नजर नहीं आया। उसने सोचा कि शायद वह खेल से बाहर हो गया है और आसपास ही कहीं होगा। खेल में अब सिर्फ पांच लोग बचे थे और उनमें रायना अकेली महिला थी। जाहिर बात है कि रायना को चेयर मिलनी ही थी।
  • Read Free
मौत का खेल - भाग- 32
रिपोर्ट और शक सुबह के सवा दस बजे थे। खुफिया विभाग के दफ्तर में बैठा सोहराब डॉ. वरुण वीरानी की फाइल को बड़े ध्यान से देख रहा था। सार्जेंट सलीम उसके सामने बैठा बोर होता रहा। जब उसकी कुछ ...Read Moreमें नहीं आया तो उसने मोबाइल से अपनी सेल्फी लेनी शुरू कर दी। वह कभी बत्तख की तरह से चोंच निकालता तो कभी अपनी एक ऐब्रो ऊपर करता और कभी दूसरी। कभी मुंह को लेफ्ट करके सेल्फी लेता तो कभी राइट करके। सोहराब ने एक बार उसकी तरफ देखा। तब सलीम होठों को गोल करके सेल्फी ले रहा था। सोहराब
  • Read Free
मौत का खेल - भाग- 33
मौत का राज सार्जेंट सलीम ने टैक्सी ड्राइवर को मेजर विश्वजीत की कोठी का एड्रेस बता दिया और टैक्सी उसी तरफ चल पड़ी। विश्वजीत की मौत की खबर सुन कर सलीम उलझन में पड़ गया। अभी कल ही तो ...Read Moreमेजर विश्वजीत से मिला था। 12 घंटे के भीतर ही उस की मौत की खबर आ गई। क्या कातिल का अगला शिकार बन गया मेजर विश्वजीत? या उसने सोहराब की पूछताछ के बाद डर कर खुदकुशी कर ली? ऐसे कई सारे सवाल सलीम के जेहन में गूंज रहे थे। फिलहाल इन सब सवालों के जवाब मेजर की कोठी पर पहुंचने
  • Read Free
मौत का खेल - भाग- 34
सलाम-नमस्ते, स्वास्थ्य थोड़ा खराब है.... मगर आप लोगों का स्नेह खींच लाया लैपटॉप तक.... 34वां भाग आपके सामने है..... मेजर विश्वजीत की मौत पर दुखी हूं..... विक्रम के खान की तरह यह किरदार भी आपको लंबे वक्त तक याद ...Read Moreयकीनन वह आसमां था और सर झुकाए बैठा था... श्रद्धांजलि मेजर विश्वजीत...! *** * *** वह आसमां था “एक जासूस की तरह सोचा करो। पुलिस वालों की तरह नहीं।” सोहराब ने सवीम को टोकते हुए कहा, “अबीर को अगर उसे मारना होता तो वह यह काम उसके घर की जगह कहीं बाहर करता। बाहर उसके लिए मेजर आसाना टार्गेट होता।
  • Read Free
मौत का खेल - अंतिम भाग
डॉ. वीरानी की वापसी रात के नौ बजे थे। शहर से दूर शरबतिया हाउस में इस वक्त काफी रौनक थी। आज राजेश शरबतिया की शादी की सालगिरह थी। मैरेज एनिवर्सरी की पार्टी हाल की जगह बाहर लॉन में हो ...Read Moreथी। जगह-जगह कैंप फायर का इतंजाम था। शरबतिया की शादी की सालगिरह का सभी को इंतजार रहता था। यह पार्टी बहुत भव्य होती थी। इसमें दुनिया भर की मंहगी वाइन परोसी जाती थी। कुछ स्कॉच तो इतनी मंहगी होती थीं कि उसकी एक बोतल की कीमत में एक आम इनसान की जिदंगी भर की कमाई खर्च हो जाए। लोगों के
  • Read Free

Best Hindi Stories | Hindi Books PDF | Hindi Detective stories | Kumar Rahman Books PDF Matrubharti Verified

More Interesting Options

  • Hindi Short Stories
  • Hindi Spiritual Stories
  • Hindi Fiction Stories
  • Hindi Motivational Stories
  • Hindi Classic Stories
  • Hindi Children Stories
  • Hindi Comedy stories
  • Hindi Magazine
  • Hindi Poems
  • Hindi Travel stories
  • Hindi Women Focused
  • Hindi Drama
  • Hindi Love Stories
  • Hindi Detective stories
  • Hindi Moral Stories
  • Hindi Adventure Stories
  • Hindi Human Science
  • Hindi Philosophy
  • Hindi Health
  • Hindi Biography
  • Hindi Cooking Recipe
  • Hindi Letter
  • Hindi Horror Stories
  • Hindi Film Reviews
  • Hindi Mythological Stories
  • Hindi Book Reviews
  • Hindi Thriller
  • Hindi Science-Fiction
  • Hindi Business
  • Hindi Sports
  • Hindi Animals
  • Hindi Astrology
  • Hindi Science
  • Hindi Anything

Best Novels of 2023

  • Best Novels of 2023
  • Best Novels of January 2023
  • Best Novels of February 2023
  • Best Novels of March 2023
  • Best Novels of April 2023

Best Novels of 2022

  • Best Novels of 2022
  • Best Novels of January 2022
  • Best Novels of February 2022
  • Best Novels of March 2022
  • Best Novels of April 2022
  • Best Novels of May 2022
  • Best Novels of June 2022
  • Best Novels of July 2022
  • Best Novels of August 2022
  • Best Novels of September 2022
  • Best Novels of October 2022
  • Best Novels of November 2022
  • Best Novels of December 2022

Best Novels of 2021

  • Best Novels of 2021
  • Best Novels of January 2021
  • Best Novels of February 2021
  • Best Novels of March 2021
  • Best Novels of April 2021
  • Best Novels of May 2021
  • Best Novels of June 2021
  • Best Novels of July 2021
  • Best Novels of August 2021
  • Best Novels of September 2021
  • Best Novels of October 2021
  • Best Novels of November 2021
  • Best Novels of December 2021
Kumar Rahman

Kumar Rahman Matrubharti Verified

Follow

Welcome

OR

Continue log in with

By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"

Verification


Download App

Get a link to download app

  • About Us
  • Team
  • Gallery
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Refund Policy
  • FAQ
  • Stories
  • Novels
  • Videos
  • Quotes
  • Authors
  • Short Videos
  • Free Poll Votes
  • Hindi
  • Gujarati
  • Marathi
  • English
  • Bengali
  • Malayalam
  • Tamil
  • Telugu

    Follow Us On:

    Download Our App :

Copyright © 2023,  Matrubharti Technologies Pvt. Ltd.   All Rights Reserved.