Ashwtthama ho sakta hai book and story is written by Vipul Patel in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ashwtthama ho sakta hai is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अस्वत्थामा (हो सकता है) - Novels
by Vipul Patel
in
Hindi Fiction Stories
अंतिमसंस्कार के बाद डी.सी.पि. प्रताप चौहाण ने अपने ड्राइवर को अपनी गाडी लेकर पुलिस स्टेशन पहोचने को कहा और अपने दोस्त जगदीशभाई से कहा मैं तेरे साथ तेरी कार मैं चलता हू , तू मुजे पुलिस कमिश्नर ओफिश ड्रॉप कर देना , इसी बहाने तेरे साथ कुछ बाते भी हो जायेगि । फिर दोनो दोस्त चलती कार मैं बाते करने लगे। डी.सी.पि. प्रताप ने जगदीशभाई से कहा की यू.पि. से कपूर का फोन आया था । बता रहा थी की किशन की बॉडी के पास से जो मोबाईल मिला है , उसकी जाँच करने से पता लगा है की
सुबह सुबह , उत्तर प्रदेश के बरेलि जिल्ला पुलिस के हेडक्वार्टर से पुलिस की गाडिया रामनगर कि ओर जाने के लिये ते़जी से निकल चुकी थी । रामनगर बरेलि जिल्ला के आँवला तालुका का छोटा सा गाव है ...Read Moreहाल ही मे बरेली जिल्ला मे ट्रांसफर होकर के आए हुए पुलिस सुप्रि. अश्विन कपूर साहब को खबर मिली है की यूपी के अर्कियोलोजी डिपार्टमेंट के लखनौ सर्कल के सिनियर अधिकारी श्री किशनसिंह चावडा कि रात में हि वहा रहश्यमय रुप से मौत हो गई है। जिल्ला पुलिस वहा पहुँची तब वहा
उसी दिन सुबह किशनसिंहजी के राज्य गुजरात के अहमदाबाद में मनोविग्नान के प्रोफेसर जगदिशभाई सुबह सुबह अपने बंगले में अपने कमरे को अंदर से बंध करके बैठे बैठे भगवद् गीता का पठन कर रहे थे । ...Read Moreबंगले के बाहर दीवार पर उनके नाम की नेम प्लेट लगी हुई थि जिसपे उसका नाम लिखा हुवा था “ जगदिशभाई एम. उपाध्याय “ । और उसके नीचे उसका व्यवसाय लिखा हुवा था “ प्रो. गुजरात युनिवर्सिटी “ । जिससे साफ पता चलता था की वे गुजरात की प्रख्यात युनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे । जगदिशभाइ के कमरे के बाहर उनकि बीबी संध्या नई
अंतिमसंस्कार के बाद डी.सी.पि. प्रताप चौहाण ने अपने ड्राइवर को अपनी गाडी लेकर पुलिस स्टेशन पहोचने को कहा और अपने दोस्त जगदीशभाई से कहा मैं तेरे साथ तेरी कार मैं चलता हू , तू मुजे पुलिस कमिश्नर ओफिश ड्रॉप ...Read Moreदेना , इसी बहाने तेरे साथ कुछ बाते भी हो जायेगि । फिर दोनो दोस्त चलती कार मैं बाते करने लगे। डी.सी.पि. प्रताप ने जगदीशभाई से कहा की यू.पि. से कपूर का फोन आया था । बता रहा थी की किशन की बॉडी के पास से जो मोबाईल मिला है , उसकी जाँच करने से पता लगा है की
फिर थोडे ही दिनो मे मालती अपने मिलनसार स्वभाव और पढाई करवाने की अपनी बहेतरिन और अनोखी रीत से वो यूनिवर्सिटी के स्टाफ और स्टुडण्ट के साथ घुलमिल गई । ईस दौरान जगदीशभाई और मालती की दोस्ती भी काफी ...Read Moreहो चुकी थी । एक दिन मालती अपने क्लासरूम में हिस्ट्री की पाठ ले रही थी। तभी उसने देखा की पहेली बेंच पे बैठी हुई किशनसिंहजी की बहेन अर्चना बैठी बैठी रो रही थी। मालती मेडमने पूछा क्या हुआ अर्चना ? तुम क्यू रो रही हो । क्या बात है ? तभी उसकी बगल मैं बैठी पल्लवी बोली मैडम
किशनसिंहजी के परम मित्र प्रो. ईश्वरभाई पटेल अपने विध्यार्थिओ को बायोलॉजी की लेब मैं ह्युमन बॉडी सेल्स स्ट्रक्चर (मानव शरिर कोष सरंचना ) के बारे में प्रैक्टिकल के साथ पढ़ा रहे थे । जहा वो हरेक स्टूडण्ट को बारी ...Read Moreसे वहा रखे माइक्रोस्कोप में अति सुक्सम कोष दिखाके कोष सरंचना का विश्लेशण कर रहे थे और कहे रहे थे की माइक्रोस्कोप मैं आपको जो कोष दिखाई दे रहे है एसे हर एक कोष मैं गुणसुत्रो (क्रोमोजोम) की २३ जोड़े होकर कूल ४६ गुणसूत्र होते है । और पुरुषो और स्त्रीओ में गुणसूत्रों कि २२ जोड समान होती है ।