प्यार का अनोखा रिश्ता - Novels
by RACHNA ROY
in
Hindi Love Stories
कुछ रिश्ते ऊपर वाले ही तय कर के रखता है और हमारे ऊपर छोड़ देता कि किसी तरह से भी इनको मिलना ही है पर प्यार का दूसरा नाम समर्पण त्याग बलिदान भी होता है।।
इंसान सोचता कुछ है और ...Read Moreकुछ और है।
कहते हैं कि भगवान ने ही ये सब सोचा होगा या फिर नियति कह लिजिए जनाब।
मैं अब कहानी शुरू करने जा रही हुं।
आज पुरा मेहता परिवार खुश हैं घर में सजावट और लाईट लग रही है और पुरा घर दुल्हन की तरह सजा हुआ है।
आज महेता जी की एकलौती बेटी हिना की शादी हो रही थी पर क्या हिना खुश थी इस शादी से।।तो चलिए हिना से पुछ लेते हैं।
कुछ रिश्ते ऊपर वाले ही तय कर के रखता है और हमारे ऊपर छोड़ देता कि किसी तरह से भी इनको मिलना ही है पर प्यार का दूसरा नाम समर्पण त्याग बलिदान भी होता है।।इंसान सोचता कुछ है और ...Read Moreकुछ और है।कहते हैं कि भगवान ने ही ये सब सोचा होगा या फिर नियति कह लिजिए जनाब।मैं अब कहानी शुरू करने जा रही हुं।आज पुरा मेहता परिवार खुश हैं घर में सजावट और लाईट लग रही है और पुरा घर दुल्हन की तरह सजा हुआ है।आज महेता जी की एकलौती बेटी हिना की शादी हो रही थी पर क्या
हिना कमरे में जाकर बैठ गई और फिर बोली ओह माई गॉड, कहां फस गई मैं?फिर बार बार फोन मिलाने लगी और फिर बोली राज तुमने अच्छा नहीं किया, देखना इसलिए तुम बहुत पछताओगे।।फिर फोन की घंटी बजने लगीं ...Read Moreफिर हिना ने फोन उठाया और फिर बोली हां अब क्या है?उधर से आवाज आई, तुम शादी कर ली हो तो मेरा पीछा छोड़ दो? please delete my contact number..हिना ने कहा हां, ठीक है तुम फोन रखो!फिर हिना ने फोन पटक दिया और रोने लगी और फिर बोली आई लव यू।।हमारा रिलेशनशिप तुम युही नहीं तोड़ सकते हो।फिर हिना
फिर सब ने हिना को मुंह दिखाई की रस्म शुरू हो गई।सब कुछ-कुछ गिफ्ट देने के बाद सब लोग खाना खाने लगे।बहुत देर तक गाना बजाना शुरू हुआ। अमर के सारे दोस्त भी आ गए थे।सब हिना की खुबसूरती ...Read Moreतारीफ करते रहे।अमर बस हिना को देखते रहे और मन में सोचें कि उसके दिल में कोई और है।।मैं तो नहीं हुं-----------!फिर इसी तरह एक रात बीत गई।सुबह-सुबह खुली आंखों में हिना राज को अपने करीब पाईं और सपना टूट गया।फिर अतीत में खो गई।।कब वर्तमान में वापस आ गई और फिर रो पड़ी हिना।।हिना उठो बेटी।हिना जल्दी से उठ
हिना ने कहा कि ये क्या कह रहे हैं ऐसे कैसे मैं,मै,अमर तो अभी बात कर के गए हैं और फिर ये सब।मैनेजर ने कहा मैम आप आईए हम आपको लेकर चलते हैं।हिना ने कहा हां ठीक है।फिर हिना ...Read Moreकरके उस मैनेजर के साथ अस्पताल पहुंच गई।नर्स ने कहा कि उनका आपरेशन होने वाला है जल्दी से साइन कर दिजिए।हिना ने कहा कैसा आपरेशन मैं एक बार देखना चाहती हुं।नर्स ने कहा मैम सर को काफी चोटें आई हैं और उनका बचना नामुमकिन है।हिना ने कहा अरे नहीं ऐसा नहीं हो सकता है मैं क्या करूं।फिर हिना ने साइन
फिर वहां से एक एक गाड़ी निकल गई।हिना अमर के साथ एम्बूलैंस में बैंठी थी।शिमला से चंडीगढ़ गाड़ी से ही निकल गए।हिना ये सोच कर परेशान हो रही थी कि अब मम्मी पापा को क्या मुंह दिखाऊंगी।कुछ भी अच्छा ...Read Moreनहीं हुआं अमर क्यों चले गए किसी से बात भी नहीं किया बस मुंह फेर लिया।किस के सहारे छोड़ गए मुझे मेरा तो कोई नहीं अब।डैडी ने कहा था कि अब कभी मत आना वापस वहीं से चली जाना। अपने जीवन का पुरा छण तुम वहां ही रहना।।फिर कुछ घंटे बाद ही हम अपने घर पहुंच गए।वहां पर बहुत भीड़
फिर राजीव धीरे धीरे सीढ़ी चढ़ कर उपर जाता है और फिर अमर के रूम के बाहर से ही दरवाजा खटखटाया और फिर क्या मैं अन्दर आ सकता हूं।अन्दर से आवाज आई हां ज़रूर।राजीव थोड़ा सा संकोच हो कर ...Read Moreप्रवेश करता है तो देखा कि एक सफेद साड़ी में कोई खड़ी है पर धुंधली सी, और फिर राजीव ने कहा भाभी मैं राज, राजीव हुं आपका देवर।ये सुनकर कर हिना तुरंत मुड़ी तो देखा कि उसकी जिंदगी उसके सामने खड़ा है।एक दूसरे को देखते ही दोनों ही चौंक जाते हैं और फिर हिना बेहोश हो कर जमीन पर गिर
हिना को बुखार बहुत ज्यादा था। थर्मामीटर से चेक किया पुरा चहेरा लाल हो गया था।कंचन ने जल्दी से ठंडा पानी बाउल में लेकर आईं।राज जल्दी-जल्दी हिना के सर पर पट्टी रखता गया। उसके हाथ पैर ठंडे पड़ गई ...Read Moreथे राज ने अपने हाथों की गर्मी से हिना के हाथों में और पैर में मालिश किया।।हिना बेहोश थी और फिर जैसे कुछ कहना चाहती थी।राज ने सोचा हे भगवान कुछ बोल न दे वरना सब।।राज ने कहा कंचन दुध लेकर आओ।कंचन दुध लाने चली गई।राज ने हिना के हाथों और पैरों पर मालिश करने लगा ओह मैं क्या करूं
हिना अतीत में कालेज में बैठ कर राज को याद करते हुए कहती हैं अभी तक नहीं आया?आज आने दो उसे मैं छोडुगी नहीं उसे।।राज आकर कहता है अरे बाबा मैं छोड़ने दुंगा तभी तो।।अब नाराजगी छोड़ दो हां, ...Read Moreबताओ आज ये बेरंग क्यों पहनी हो ?मैं मर गया हुं क्या?तभी हिना दौड़ कर राज के मुंह पर हाथ रख देती है और फिर बोलती है कि ऐसा मत बोलो।।राज ने कहा मुझे नहीं देखना है ऐसे अभी के अभी चलो तुम।।हिना ने कहा हां,पर कहां?राज ने हाथ पकड़ कर अपनी बाइक पर बैठ गया और फिर पीछे हिना
हिना ने दरवाजा खटखटाया और फिर बोली अरे देवर जी मैं अन्दर आऊं?अन्दर से कुछ आवाज़ नहीं आया तो हिना अन्दर पहुंच गई। और खाना टेबल पर रख दिया और फिर जैसे ही मुड़ी तो अपने सामने राज को ...Read Moreकर एक दम से घबरा गई और फिर बोली कि अरे आप!राज ने कहा हां मैं क्यों मेरे कमरे में आई हो और मैं।।हिना पीछे हटते हुए बोली ये कौन सी भाषा है?मैं यहां आपको खाना देने आई थी?राज ने कहा हां, खाना देने आई क्यों?किस लिए ये हमदर्दी?.हिना ने कहा क्या बोल रहे हैं आप! ये कहते हुए जाने
फिर सब अन्दर रूम में आ गए।हिना मासी के साथ किचन में चली गई।और दोनों बातें करने लगी।बातों बातों में मासी ने हिना का दिल टटोला और फिर हिना भी अपने मन की बात कहने लगी और जैसे ही ...Read Moreराज के बारे में बताने लगी थी तो वहां राजीव पहुंच गया और फिर बोला अरे मासी एक ब्लैक काफ़ी चाहिए।हिना राजीव को देखते ही जैसे होश में आ गई और फिर अपने दिल पर हाथ रख दिया और फिर उसका दिल जोर जोर से धड़कने लगा।मासी ने कहा अरे हिना क्या हुआ तुझे ठीक है ना।।हिना ने कहा हां,
फिर रात तक सब घर वापस आ गए।सभी बहुत थके हुए थे।राजीव ने कहा मै डिनर आॅ डर कर दिया है।आप लोग फ्रेश होकर आ जाइए।मिनल ने कहा ओह जीता रहे पुतर!फिर सब हंसने लगे और अपने कमरे में ...Read Moreफ्रेश होकर नीचे खाने की टेबल पर बैठ गए।।कुछ देर बाद ही डोर बेल बजा और राज ने जल्दी से दरवाजा खोला और फिर खाना ले लिया।।मिनल ने हिना को कहा बेटा खाना सर्व कर दें।हिना ने कहा जी मासी।फिर हिना और राज ने मिलकर अच्छे से सबका प्लेट लगा दिया क्योंकि ये पहले भी ऐसा किया करते थे।दोनों को
हिना एक हल्के नीले रंग का चिकनकारी की कुरती चुड़ीदार सलवार और एक सफेद मलमल का दुपट्टा लिया था।गीले बालों को खुला छोड़ रखा था और फिर सब एक साथ चाय पीने लगे और फिर मिनल ने कहा अरे ...Read Moreबेटा तुम्हारे बाल तो बहुत घुंघराले है इनको खुला छोड़ दो।हिना एक हल्की सी मुस्कान लिए बोली कि अभी तो गीले है इसलिए वरना।आभा ने कहा अरे संकोच मत कर हिना। अब तुझे तेरी जिंदगी जीना होगा पर हां आसान नहीं होगा सब।कुछ देर बाद ही राजीव आ गया और फिर उसने कहा कि चलिए अब निकलना चाहिए।।राज की नजर