Pyar ek anokha rishta - 11 books and stories free download online pdf in Hindi

प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ११



फिर रात तक सब घर वापस आ गए।
सभी बहुत थके हुए थे।
राजीव ने कहा मै डिनर आॅ डर कर दिया है।
आप लोग फ्रेश होकर आ जाइए।
मिनल ने कहा ओह जीता रहे पुतर!
फिर सब हंसने लगे और अपने कमरे में जाकर फ्रेश होकर नीचे खाने की टेबल पर बैठ गए।।
कुछ देर बाद ही डोर बेल बजा और राज ने जल्दी से दरवाजा खोला और फिर खाना ले लिया।।
मिनल ने हिना को कहा बेटा खाना सर्व कर दें।
हिना ने कहा जी मासी।
फिर हिना और राज ने मिलकर अच्छे से सबका प्लेट लगा दिया क्योंकि ये पहले भी ऐसा किया करते थे।
दोनों को एक-दूसरे के साथ इतना मन से काम करता देख सबको आश्चर्य हुआ कि बिना बातचीत किए ये दोनों कैसे सब कुछ समझ जा रहे थे।
सबके लिए एक पहेली ही थी।।
फिर सब खाना खाने लगे।
रमेश ने कहा खाना बहुत ही लजीज था।
रामदेव ने कहा अरे अब फिर कब जाना होगा बरसों के बाद फिर ऊटी घुमने का मौका मिला।।
आभा ने कहा जीजाजी की यादें ताजा हो गई।।
सब हंसने लगे।। फिर सब खाना खाने के बाद सब सोने चले गए।
राजीव ने अपना गिटार निकाला और फिर बजाने लगा और वही धुन आएं तुम याद मुझे,गाने लगी हर धड़कन।।।
उधर हिना भी गुनगुनाने लगी।। खुशबू लाई पवन महका आंचल।।।

राज गाने लगा जब मैं रातों को तारे गिनता हूं।।।
उधर मिनल भी सुन रही थी और फिर बोली कुछ दर्द है राज में जो छुपा रखा है।।
फिर इस तरह दो दिन बीत गए।
आज सब फिर घुमने जाने के लिए तैयारी करने लगे।
राजीव ने कहा देखिए अब जहां जा रहे हैं वहां पर ही रूम बुक कर दिया।
रामदेव ने कहा हां, ये अच्छा किया।
राजीव ने कहा हां, काफी दूर है इसलिए वापस आने का मतलब ही नहीं है।आप लोग कपड़े भी रख लिजिए।
मिनल ने कहा हां, हिना ने सब कुछ रख दिया है।
फिर सब कार में जाकर बैठ गए।



ड्राईवर ने कहा आज नीलगिरी जा रहें हैं।
एमराल्ड लेक ऊटी में प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है। पर्यटक आमतौर पर झील की सुरम्य प्राकृतिक सुंदरता और इसके चारों ओर हरे-भरे नीलगिरि ढलानों और चाय के बागानों के लिए आते हैं।
मिनल ने कहा अरे वाह चाय क्या है!
वहां पहुंच कर जो नजारा था बस हिना तो खो सी गई थी।


नीलगिरी की चाय
गवर्नमेंट रोज गार्डन तमिलनाडु के ऊटी शहर विजयनगरम में एल्क हिल की ढलान पर 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसे जयललिता रोज गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। सुंदर गुरोज गार्डन की स्थापना 1995 में शताब्दी फ्लावर शो के उपलक्ष्य में की गई थी। जब आप ख़ूबसूरत लैंडस्केप वाले बगीचे में इत्मीनान से टहलते हैं तो आपको ऐसा महसूस होगा कि आप एक अलग दुनिया में आ गए हैं। यह उद्यान तमिलनाडु के बागवानी विभाग द्वारा बनाए गए सबसे प्रसिद्ध वनस्पति उद्यानों में से एक के रूप में भी जाना जाता है।
रमेश ने कहा देखा आभा चाय लेकर जाना होगा।
राजीव ने कहा हां, मैं सब ले लेता हूं।।
इसके बाद रोज गार्डन में चले।
रोज गार्डन में पर्यटकों को विभिन्न प्रकार के गुलाब मिल सकते हैं। संग्रह विशाल है और इसमें गुलाब की स्थानीय, गैर-स्थानीय और संकर किस्में शामिल हैं। इन्हें दुनिया भर से प्राप्त किया जाता है और इसमें रैम्बलर्स, हाइब्रिड टी रोज़, पॉलीथस, ग्रीन रोज़, ब्लैक रोज़ और मिनिएचर रोज़ शामिल हैं।इस समय ठंड है यदि आप मार्च से जून तक फूलों के चरम मौसम के दौरान यात्रा कर रहे हैं, तो ऊटी रोज गार्डन में फूलों का शो देखा जा सकता है। फ्लावर शो वह समय होता है जब देश में रंगीन और सुगंधित गुलाबों का सबसे अधिक उत्पादन होता है।तकरोज गार्डन में पर्यटकों को विभिन्न प्रकार के गुलाब मिल सकते हैं। संग्रह विशाल है और इसमें गुलाब की स्थानीय, गैर-स्थानीय और संकर किस्में शामिल हैं। इन्हें दुनिया भर से प्राप्त किया जाता है और इसमें रैम्बलर्स, हाइब्रिड टी रोज़, पॉलीथस, ग्रीन रोज़, ब्लैक रोज़ और मिनिएचर रोज़ शामिल हैं। यदि आप मार्च से जून तक फूलों के चरम मौसम के दौरान यात्रा कर रहे हैं, तो ऊटी रोज गार्डन में फूलों का शो देखा जा सकता है। फ्लावर शो वह समय होता है जब देश में रंगीन और सुगंधित गुलाबों का सबसे अधिक उत्पादन होता है।
ड्राईवर ने कहा अब टाइगर हिल चलते हैं उसके बाद आप लोग चेकिंग कर लिजिए।
राजीव ने कहा कि हां ठीक है।
फिर सब छ किलोमीटर दूर टाइगर हिल पहुंच गए।


टाइगर हिल ऊटी में शहर के केंद्र से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और डोड्डाबेट्टा चोटी के निचले सिरे की ओर स्थित है। टाइगर हिल शहर के सबसे आकर्षक और सबसे लोकप्रिय सहूलियत बिंदुओं में से एक है। टाइगर हिल की चोटी एक प्राचीन भयानक लेकिन खूबसूरत
ट्रेकर्स और एडवेंचर के शौकीनों के लिए एक स्वर्ग माना जाता है,
राजीव ने कहा मैंने कभी पढ़ा था
इस पहाड़ी में एक मीठे पानी का जलाशय भी है। यह क्षेत्र संगमरमर और ग्रेनाइट से बनी कई ब्रिटिश-युग की कब्रों और कुछ मूर्तियों से युक्त है, जो इस क्षेत्र में बहुत सारे पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। अगर आप लोग प्रकृति की गोद में आराम करना चाहते हैं तो टाइगर हिल भी सबसे अच्छी जगह है, यह स्थान शांति से भरपूर है।

मिनल ने कहा हां, बड़ा सुकून है यहां बैठते हैं।
फिर वहां पर सब एक जगह बैठ गए।
फिर राजीव ने देखा कुछ दूर पर बहुत भीड़ थी राज ने मैं अभी आता हूं।
राजीव ने जाकर देखा तो ---------------------------------------------



"एक दस साल का लड़का वहां सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा था शायद कुछ कहानी सुना रहा था।
राजीव को बहुत ही अच्छा लगा तो वो कहानी सुनने के लिए आगे बढ़ गया।
वो दस साल के बच्चे में इतनी प्रतिभा।काबीले तारीफ थी।
उस बच्चे ने कहा अब एक और बेहतरीन कहानी सुनाता हूं।।



उसने कहानी बोलना शुरू किया।।।
""""उपांशु एक बहादुर लड़का था आफिस में जाता था।

जब वो आता था तो अंधेरा हो जाता था।

जंगल में तीन बदमाश वुलफी रहते थे।

एक था किंग जिसका नाम हाउलर,

और एक था केवन था, """"
और एक था रिप।

वो तीनों रात को आते थे जब मुन निकल आता था।
वो उलफीज सुबह को भी आते थे।
वो चोरी करने आए थे।
रोज।
तभी सन आ गया।
उन उलफी को कुछ नहीं पता था कि उपांशु आफिस गया है
तभी फिर से रात हो गई।
तभी उलफिज ने सबके घर में चोरी करने लगा।
तभी उपांशु सबके घर आ गया।
तभी उलफी जल्दी से भाग निकले।
तभी उलफी ने उपांशु के घर में चोरी करने आए।
तभी टिग टोंग बजा। तभी किसी ने दरवाजा खोला और उपांशु ने उलफी को भगाया।"""""

फिर सब लोग तालियां बजाने लगे और फिर वो लड़का बोला अब मैं घर जा रहा हूं दादी मां राह देख रही होगी।
राजीव ने कहा अरे वाह कुछ तो बात है इस बच्चे में।

फिर राजीव भी उस बच्चे के पीछे गया तो देखा कि एक छोटा सा झोपड़ा है। राजीव ने कहा सुनो क्या नाम है?
उस बच्चे ने मुस्कान लिए कहां भोला।
राजीव ने कहा हां बहुत अच्छा नाम है पर वो कहानी किसकी थी?
भोला ने कहा अरे बाबा मेरी दादी मां मुझे रात को सुनाती है और में यहा सुना देता हूं तो हम दोनों को दो वक्त की रोटी मिल जाती है।
राजीव ने सुनते ही कहा अच्छा तो तुम स्कूल नहीं जाते हो?
भोला ने कहा नहीं तो।
राजीव ने कहा अच्छा क्या तुम्हारी दादी मां से मिल सकता हूं?
भोला ने कहा हां,।
फिर राजीव अन्दर पहुंच गया पता नहीं क्या अनोखा रिश्ता था।
भोला ने कहा अरे दादी मां ये देखो कौन आया है?
दादी मां ने कहा हां, कौन है।।
राज ने कहा हां, मैं राजीव हुं मैं चाहता हूं कि भोला पढ़ लिख कर एक अच्छा इंसान बनें।
मैं यहां के अच्छे स्कूल में भोला का दाखिला करवा देता हूं और हर महीने आपके पास एक मनी आर्डर आएगा जिससे आप दोनों की तकलीफ़ कम हो जाएगी। दादी मां ने सुन कर कहा पर ऐसा क्यों करना चाहते हो ? हम तो ऐसे ही भले है।
राजीव ने कहा हां वो है पर क्या आप नहीं चाहती कि भोला एक अच्छा इंसान बनें।जब आप नहीं रहेगी तब क्या करेगा?
दादी मां रोने लगी और फिर बोली हां ठीक है बेटा तुम तो शायद कोई फरिश्ता हो जो आज हमारे नसीब बदलने आएं हो।
राजीव ने कहा दादी मां अब मैं चलता हूं कल फिर आऊंगा।
राजीव जब बाहर निकाला तो देखा जैसे उसे कोई छुप कर देख रहा है पर वहां कोई नहीं था। फिर राजीव वहां से आगे निकल गया।
पेड़ के पीछे से हिना बाहर आ गई और उसने सब कुछ देखा और सुना और मन ही मन राजीव के लिए प्यार और सम्मान बढ़ गया।

फिर सब वहां से सीधे होटल में पहुंच गए।
राजीव ने अपने लैपटॉप पर स्कूल सर्च करने लगा।
होटल में दो रूम बुक किया था एक में राज उसके पापा और मौसाजी।
दूसरे में हिना,आभा और मिनल मासी।।

राजीव ने वहां के एक अच्छे से स्कूल में सारी जानकारी प्राप्त कर लिया।
हिना को सब कुछ पता होते हुए भी वो अनजान बनी रहीं।
दूसरे दिन सुबह चाय नाश्ता करने के बाद ही राजीव ने कहा, अपनी मां से कहा,मुझे एक जरूरी काम करना है मैं दोपहर तक लौट आऊंगा।
आभा ने कहा अरे बाबा यहां पर क्या काम ?
राज ने कहा अरे वापस आकर बताता हूं।
हिना ने कहा हम लोग क्यों नहीं मार्केट चले।
मिनल ने कहा हां ठीक है चलते हैं।
राजीव वहां से सीधे कार में बैठ कर वहीं पर पहुंच गया।
भोला बाहर खड़ा था।
राज ने कहा अरे भोला तैयार हो? भोला ने कहा हां,सर जी।
दादी मां ने कहा हमें लगा कि आप नहीं आएंगे।
राजीव ने कहा नहीं ऐसी बात नहीं है मुझे अभी आपके भोला को लेकर जाना होगा।
दादी मां ने कहा हां, ठीक है पर आपके साथ जुगनू भी जाएगा।
तभी एक लड़का आया और फिर बोला मैं जुगनू हुं सर, मैं कालेज में पढ़ता हुं।
राज ने कहा हां ठीक है चलो।
फिर तीनों वहां से निकल गए।
राज गाड़ी लेकर आया था।
फिर कुछ देर बाद ही एक बड़े से स्कूल के बाहर गाड़ी रूक गई।
मिशनरी स्कूल था।
भोला को यकीन नहीं हो रहा था कि वह आज एक स्कूल में आया है।
फिर कुछ देर बाद राज ने काउंटर पर जाकर एक फार्म भर दिया और फिर वहां से तीनों एक रूम में पहुंच गए।
वो फादर डिसूजा थे।
राजीव ने जाकर हाथ मिलाया और फिर बोला कि ये भोला है।
भोला ने कहा हेलो सर! भोला में इतना जज्बा देख कर फादर डिसूजा खुश हो गए।
भोला को एक काफी देकर बोले अपना नाम लिखों।।
भोला खुशी से उस कापी पर अपना नाम अंग्रेजी में लिख दिया।
फिर सारी formality पुरी करने के बाद तीनों वहां से वापस भोला के घर पहुंच गए।
भोला घर पहुंच कर अपनी दादी मां के गले लग कर बोला कि दाखिला मिल गया।
दादी मां रोने लगी और फिर बोली भला हो आपका। पता नहीं किस रूप में भगवान आएं हैं।
राज ने कहा भोला कल मैं फिर आऊंगा तुम्हारे युनिफॉर्म और किताबें।
भोला ने कहा अंकल थैंक यू।
फिर राज वहां से वापस होटल आ गया और फिर सबको पुरी बात बताई।
सब सुन कर बहुत ही खुश हुए और बोले कि अरे वाह बेटा शाबाश!
राजीव ने कहा ऐसा कुछ नहीं है।
राजीव अपने कमरे में जाकर डायरी निकाल कर कुछ लाइनें लिखने लगा।

"दिल पर तेरी चाहत है, होंठों पर तेरा नाम, तु मुहब्बत कर या ना कर जिंदगी है तेरे नाम।।"
फिर राजीव भी ख्यालों में खो गया।
क्रमशः
नया एपिसोड हर शुक्रवार।