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बंजारन - Novels
by Ritesh Kushwaha
in
Hindi Thriller
रात के दो(2) बज रहे थे और रितिक अपने दोस्त अमर के साथ कार ड्राइव कर रहा था। कार तेज स्पीड के साथ अपने रास्ते पर भागी जा रही थी। चारो ओर गहरा अंधेरा पसरा हुआ था। आस पास ना तो कोई घर था और ना ही कोई दुकान। अमर विंडो से बाहर देखते हुए रितिक से कहता है," लगता है अमरपुरा के जंगल शुरू होने वाले है, एक काम कर, आगे हनुमान जी का मंदिर पड़ेगा, थोड़ी देर के लिए कार वहीं रोक लेना। हम बिना मंदिर के दर्शन किए आगे नहीं जा सकते।"
रितिक हामी में अपना सिर हिलाते हुए जवाब देता है," हा ठीक है लेकिन मुझे नहीं लगता मंदिर के कपाट अभी भी खुले होंगे।"
" इस मंदिर के कपाट हमेशा खुले रहते है। यहां से आने जाने वाले लोग बिना हनुमान जी के दर्शन किए आगे नहीं जाते। कहते है जो इंसान बिना हनुमान जी का आशीर्वाद लिए आगे जाता है, उसके साथ बहुत सी आजीब चीज़े होती है।"
रात के दो(2) बज रहे थे और रितिक अपने दोस्त अमर के साथ कार ड्राइव कर रहा था। कार तेज स्पीड के साथ अपने रास्ते पर भागी जा रही थी। चारो ओर गहरा अंधेरा पसरा हुआ था। आस पास ...Read Moreतो कोई घर था और ना ही कोई दुकान। अमर विंडो से बाहर देखते हुए रितिक से कहता है," लगता है अमरपुरा के जंगल शुरू होने वाले है, एक काम कर, आगे हनुमान जी का मंदिर पड़ेगा, थोड़ी देर के लिए कार वहीं रोक लेना। हम बिना मंदिर के दर्शन किए आगे नहीं जा सकते।"रितिक हामी में अपना सिर हिलाते
अमर के बार बार मना करने पर भी रितिक उसकी एक नहीं सुनता और जल्दी से उस जगह पर पहुंच जाता है जहां उसने उस लड़की को बेहोश पड़ा देखा था। हाईवे के साइड में ही एक लड़की बेहोश ...Read Moreहुई थी, जिसकी उम्र लगभग चौबीस(24) थी। उसने लाल रंग का लहंगा और काले रंग की चोली पहनी हुई थी। उसने माथे पर लाल बिंदी और हाथ में लाल चूड़ियां पहनी हुई थी, वो किसी दुलहन की तरह सजी हुई थी। चांद की रोशनी उस लड़की के चहरे पर पड़ रही थी जो उसकी सुंदरता में चार चांद लगा रही
रोमियो की बात सुन अमर और रितिक काफी ज्यादा हैरान हो गए थे। उन दोनो को हैरान परेशान देख करन चिड़ते हुए रोमियो से कहता है–" अबे साले तेरा मुंह कभी बंद रहता है या नही, हर समय फालतू ...Read Moreकरता रहता है। वो दोनो अभी अभी यहां आए है और तू पहले ही उन्हें डरा रहा है।" इतना कहकर करन रितिक और अमर से कहता है–" इसकी बात पर ध्यान मत दो, ये तो कुछ भी बोलता रहता है।" " मुझे क्या पता था ये दोनो इतने डरपोक निकलेंगे, मैं तो बस इन्हे वार्न कर रहा था ताकि रात
चांदनी शौक में ही थी कि तभी शालिनी की नजर उस पर पड़ती है और वो भी कंफ्यूज हो जाती है। शालिनी चांदनी से पूछती है–" क्या हुआ?"चांदनी सामने की ओर इशारा करती है, शालिनी चांदनी के इशारे की ...Read Moreदेखती है तो उसे कुछ दिखाई नहीं देता है सिवाय दो लड़कों के जो एक बरगद के पेड़ के नीचे खड़े आपस में बाते कर रहे थे। शालिनी फिर चांदनी से पूछती है–" कुछ भी तो नहीं है वहा।"" वो लड़के देख रही है।" चांदनी की बात सुन शालिनी की नजर भी उन दोनो लडको पर जाती है और वो
मोहन को तलवार लाने का ऑर्डर देते देख रोमियो और करन की तो हालत ही खराब हो गई थी। वो तो बेचारे अपने दोस्तो के साथ यहां आए थे, इस बात से उनका क्या वास्ता कि उसके दोस्त क्या ...Read Moreहै?, रोमियो को तो अपनी दादी की कही बात याद आ रही थी जब वो उससे कहा करती थी कि अपने नालायक दोस्तो का साथ छोड़ दे, किसी दिन ये लोग तुझे भी अपने साथ ले डूबेंगे लेकिन उसने उनकी एक ना सुनी और आज अपनी ही कर्मी का फल था कि ठाकुर साहब की तलवार उसके गले पर अटक