Dastane Ashq by SABIRKHAN | Read Hindi Best Novels and Download PDF Home Novels Hindi Novels दास्तान-ऐ अश्क - Novels Novels दास्तान-ऐ अश्क - Novels by SABIRKHAN in Hindi Classic Stories (1.2k) 48.3k 53k 140 आज से आपके लिए पेश कर रहा हूं एक ऐसी लडकी की कहानी जिसने अपनी जिंदगी में कभी हार नहीं मानी मुश्किले चट्टानों की तरह उसकी जिंदगी में थी , मगर वो अपनी पूरी वफादारी और मजबूत ह्रदय के ...Read Moreजिंदगी से झूझती रही.. बिना किसी मजबूत सहारे के ..!ऐसी औरतें कमजोर लड़कि Read Full Story Listen Download on Mobile Full Novel दास्तान-ऐ अश्क-1 (86) 7.2k 5.3k आज से आपके लिए पेश कर रहा हूं एक ऐसी लडकी की कहानी जिसने अपनी जिंदगी में कभी हार नहीं मानी मुश्किले चट्टानों की तरह उसकी जिंदगी में थी , मगर वो अपनी पूरी वफादारी और मजबूत ह्रदय के ...Read Moreजिंदगी से झूझती रही.. बिना किसी मजबूत सहारे के ..!ऐसी औरतें कमजोर लड़कि Listen Read दास्तान-ए-अश्क-2 (59) 4.1k 3.3k अपने ख्वाबो को जीने की उम्मिद लगाये बैठे थे पता नही था हमे एक झूठी आस सचाये बैठे थे पूरे जोश के साथ नाच गाना चल रहा था वेद प्रकाश जी की खुशी उनके चेहरे से झलक रही ...Read Moreउनके साथ पूरा परिवार मस्ती में डूबा हुआ था बहुत ही धूम धड़ाके और गाजे-बाजे के साथ उनकी बारात रवाना हुई!और वो परे सन्मानमय ढंग से अपनी बीवी को ब्याह कर अपने धर ले आये!जैसे ही बारात घर पर आई तो उनकी मां उमा देवीजीने अपनी बहू के ऊपर से पानी ओवार के पिया और उसकी सारी बलाए ली!अब लाला Listen Read दास्तान-ए-अश्क -3 (54) 3.4k 3.1k : कहानी की नायका का जन्म कुछ एसे हालात मे हुवा! 24 दिसंबर की वो रात !काला स्याह अंधेरा लेकर आई थी!सर्दी अपने पूरे यौवन पर थी! क्रिश्चियन मिशन हॉस्पिटल की सारी नर्से अपना पसंदीदा त्यौहार मनाने को उत्सुक ...Read Moreदिन 25 दिसंबर क्रिसमस का दिन था!पूरा हॉस्पिटल रंग बिरंगी लाइट्स लडियां और क्रिसमस ट्री से सजाया गया थाभगवान ईसु के आगमन की तैयारियां पूरे जोर से चल रही थी!और उस दिन हॉस्पिटल में इतनी भीड़ भी नहीं थी!तकरीबन सारे केसिस समय से पहले निपटा दिए गए थे!मगर एक केस ऐसा था जो बहुत ही उलझा हुआ था मनोरमा देवी Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 4 (50) 2.6k 2.7k (पीछले भाग मे दास्तान-ए-अश्क मे हमने देखा की क्रिसमस के दिन बच्ची का जन्म होता है! पूरा परिवार खुशियां मनाता है.. अब आगे) वह शुरू से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थी.! पढ़ाई में सबसे अव्वल रहना जैसे ...Read Moreजूनून था!पढ़ाई के अलावा उसको कविताएं लिखने में दिलचस्पी थी!छोटी छोटी असरकारक कविताएं..!लेकिन वह थोड़ी शर्मीली थी!अपने आप में रहने वाली लड़की !इसी वजह से जो भी काम करती अच्छा हो या बुरा सब से छुपा कर करती!मासूम बच्ची थी बुरा तो क्या करेगी! मगर उसको भूख बहुत लगती थी तो मम्मी की डांट की वजहसे वह कुछ चीजें चुराकर Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 5 (38) 2.3k 2.8k ( पिछले पार्ट में हमने देखा की नाईका अखबार के लिए लिखे आर्टिकल प्रीति को पोस्ट करने भेजती है...! वो अपने बारे मे प्रीति को बताती है.. अब आगे.. ...Read More 5 जब वह 10th क्लास में आई तब उसकी मां का बर्ताव उसके प्रति और भी रुखा हो गया!उसने अपनी मां से एक वादा किया!मम्मी तुम टेंशन मत लो तुम्हें जैसी बेटी चाहिए वैसी ही मैं बन कर दिखाऊंगी! तब उसकी मां ने मन का दुख जाहिर किया! मुझे ऐसी मोटी बेटी नहीं अच्छी नहीं Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 6 (39) 1.7k 1.8k नरेन्दर ने हिम्मत झुटाकर उसका रास्ता रोका था!वो पसीने से तर थी..! दिल धाडधाड करके पसलीयां से टकरा रहा था! नजरे झुकाकर वो तडप कर बोली थी! नरेन्दर इस तरहा तुम मेरे रास्ते मे क्यो आते हो..? ...Read Moreगहरी गहरी झील सी आंखो से उसको देखते हुये बोला ! तुम मुझे बहोत अच्छी लगती हो और मै तुमसे शादी करना चाहता हुं..!वो हिचकिचाती हुई कहने लगी.! तुम जानते हो हम दोनो की बिरादरी अलग है! हमारे यहां शादीयां ऐसे नही होती.! वो कसमसाकर रह गया. उसके मासूम चहेरे पर उदासी ने घेरा डाला.!आर्जवित स्वरमे वह बोला!मै जानता हुं की तुम हिन्दु Listen Read दास्तान-ए-अश्क -7 (41) 1.7k 2k ( पिछले पार्ट मे हमने देखा की कहानी की नाईका ईस बात से बहोत परेशान है कि नरेंद्र उसको प्रेम करता है.. वो उसके साथ शादी करना चाहता है.. मगर नाईका अपने पेरन्टस का दिल दुखाने वाला काम नही ...Read Moreचाहती... अब आगे...?) वो भारी मन और बोझिल कदमों से चलते हुए घर वापस आई !सारे रास्ते एक ही बात उसके दिमाग को कचोट रही थी !उसने जो किया वह सही था गलत ?मन काफीउदास था!बेचैनी बढ़ रही थी!और वो कर भी क्या सकती थी कुछ भी नहींकर पा रही थी!एक तरफ जहां उसको उम्मीद थी नए जीवन की!वहीं Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 8 (43) 1.9k 2.5k (अगले पार्ट में हमने देखा कि प्रीति रोती हुई उसके पास आती है और कहती है कि मुझे बचा लो !वह लड़का उसके लिए ठीक नहीं था!अब आगे) रोते बिलखते प्रीति उसके सीने से लिपट कर कहती है ...Read Moreमुझे बचा लो...! मुझे यह शादी नहीं करनी है..?घबराकर वह पूछती है ! क्या हुआ प्रीति ?क्या बात है? दीदी वह लड़का अच्छा नहीं है? वह लड़का किन्नरों के संग गाता बजाता है अजीब सी हरकतें करता रहता है..! तुझे यह बात किसने बताई..? संजीदगी से उसने पूछा था!मेरी ताई जी की छोटी बेटी ने यह बात मुझे बताइ है! Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 9 (31) 1.5k 1.5k (अगले पार्ट में हमने देखा कि प्रीति रोती हुई उसके पास आती है और कहती है कि मुझे बचा लो !वह लड़का उसके लिए ठीक नहीं था!अब आगे) रोते बिलखते प्रीति उसके सीने से लिपट कर कहती है ...Read Moreमुझे बचा लो...! मुझे यह शादी नहीं करनी है..?घबराकर वह पूछती है ! क्या हुआ प्रीति ?क्या बात है? दीदी वह लड़का अच्छा नहीं है? वह लड़का किन्नरों के संग गाता बजाता है अजीब सी हरकतें करता रहता है..! तुझे यह बात किसने बताई..? संजीदगी से उसने पूछा था!मेरी ताई जी की छोटी बेटी ने यह बात मुझे बताइ है! Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 10 (50) 1.4k 1.6k 9 (काफी वक्त हो गया जब मैंने कुंदनिका कापड़ियाजी की सात पगलां आकाशमां नोवेल पढी थी...!उनके जैसा तो सात जनम लु तबभी नही लिख सकता.. स्त्रीयां की छोटी बडी सब समस्याओं को बखुबी शब्दो में उतार कर एक ...Read Moreसंदेश दिया था! तबसे धनक लगी थी..! एसी कहानिया लिखने की ! स्त्रीजीवन सामयिक मे बहोत सी प्रकाशित हुई..! लंबे अरसे बाद फिर वही अंदाज दोहराने का मौका मिला.. मेरे सभी पाठको ने मेरी कहानियां को सराहा है..! मेरे आप्तजनो की तरह सबने मेरे उत्साह को बरकरार रखा.. ये दास्तान-ए-अश्क मेरे सभी पाठको को समर्पित करता हुं..! तहे दिल से सबका शुक्र Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 11 (49) 1.5k 2k ( अगले पार्ट में हमने देखा कि सुहागरात के दिन नायिका का पति उसके साथ जानवरों जैसा बर्ताव करता है और उसका शरीर जख्मी कर देता है उस पर चरित्र हीन होने का इल्जाम लगाता है वो रात कयामत ...Read Moreरात बन जाती है उसके लिए अब आगे थैंक यू सो मच फ्रेंड्स दास्तान ए अश्क की तरह आपने वह कौन थी कहानी को भी सराहा है और मुझे खुशी है कि आप लोग मुझे रेटिंग दे रहे हैं मातृभारती पर मुझे जो लोग नजर आए उनके नाम है! दुर्गेश तिवारी, नमीता गुप्ता ,गायत्री गोयल ,भारती माथुर ,निकिता पंचाल, Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 12 (44) 1.1k 1.3k (अगले पार्ट में हमने देखा की नाइका खुद पर हुए अत्याचार को अपने पिता से कहने के लिए मौके की तलाश में है! मगर वह मौका ही नहीं मिल रहा! तभी प्रीति आकर उसे नरेंदर से मिलवा ने ले ...Read Moreहै.. अब आगे..! ) ------------------------ बहुत मशक्कत से उसने खुद को संभाला!अपने आप से ही एक फैसला किया !वादा किया !आज के बाद वो सिर्फ अपने लिए जियेगी! जैसे जैसे समय गुजर रहा था उसके मन का बोझ बढ़ने लगा..! पापा जी से बात करनी थी ,और उसे अब तक मौका ही नहीं मिला था!पापा जी की Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 13 (37) 1.2k 1.4k ' कहीं चोट आई थी मुझे कहीं जुल्मों का मारा था मजमा था दिल की कशिश का कहीं उसका सहारा था' (दास्तान के अगले पार्ट ...Read Moreहमने देखा कि वह नरेंदर से मिलने जाती है तो नरेंदर उसकी बातें सुनकर गुस्सा हो जाता है उसको कस के पकड़ता है.. अब आगे) नरेंद्र का गुस्सा उसके शब्दों में उतर आता है ! मैं तुम्हारे जितना बेवका नहीं हुं! पत्थर दिल भी नहीं हूं! मैने तुमसे प्यार किया है! सपने में मैंने जो तुम्हारी छवि बना रखी है उस स्थान पर ना किसी और के लिए जगह है Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 14 (37) 2k 1.4k आंखों मे कुछ तेरे अरमान छोड जायेंगे.. जिंदगी मे तेરે कुछ निशान छोड जायेंगे ले जायेंगे सिर्फ एक कफन अपने लिये तेरे लिये सारा जहान छोड जायेंगे.. --------- ------ कहते हैं जिंदगी में अगर मन चाहा मिल ...Read Moreतो जिंदगी स्वर्ग बन जाती है..! लेकिन अनसुलझी जिंदगी जीना इतना आसान नहीं होता..! बहुत कठिन है जिंदगी की डगर.. जहां सिर्फ धुंध ही धुंध नजर आ रही हो..! वह इतनी निर्मोही है कि किसी को सुख झोली भर भर के देती है तो.. कोई अपने लिये मूठ्ठी आसमा को भी तरस जाता है..! प्रिय रीडर अापने अपने बेश किमती Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 15 (40) 946 1.2k "चल्ल बुल्लिया.. चल उथ्थे चल्लिये.. जिथ्थे सारे अन्ने.. ना कोई साड्डी जात पहचाने... ना कोई सान्नु मन्ने.. ( पंजाब के एक मशहूर कवि कहते हैं "चल रे बलमा हम ऐसी जगह पर चले जाते हैं जहां सारे लोग अंधे ...Read Moreकोई नात जात को पहचानता ना हो! जिनके लिए सब लोग एक जैसे हो!) जिंदगी ने मायुस कर दीया उसे.. अभी तो उसके सजने संवरने के दिन थे! सपनो की जगह आंखे अश्क से उभरने लगी थी! छोटी सी उम्र थी! इस छोटी सी उम्र में मासूम दिल को कांच की तरह चुभने वाली किरचो से भरा सफर.. जिस पर Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 16 (39) 1.1k 1.3k " खामोश रहने से दम घुटता है ! और बोलने से जुबान छिलती है डर लगता है नंगे पांव चलने से पांव के नीचे कोई कब्र हिलती है!" दास्तान.... आज सुबह से ही उसका सर बहुत भारी था! ...Read Moreजैसे ही उठने की कोशिश की चक्कर आए... उल्टी जैसा हुवा ! बडी मुश्किल से उठकर भारी कदमों से वो अपनी सास के पास आई! गभराहट के साथ डरती डरती बोली..! "मम्मी जी.. पता नही आज मुझे क्या हो रहा है! मेरा सर बहोत भारी हो गया है लगता है जैसे उल्टी हो जायेगी!!" उसकी सासुमा एकटुक उसे देखते हुई Listen Read दास्तान-ए-अश्क -17 (37) 933 1.2k कोई अपना सा होता जो मेरे मन को छुता.. कोई सपना सा था जो सारी रात न रुठा कहा से सिमट आई बरखा आंखो तले जमकर उसने मन के बोझ को है लूंटा 17 जैसे बरसों से बंजर ...Read Moreघर की जमीन को पंख लग गए! परिवार के सारे सदस्य कोई अनछुए श्राप से मुक्त हो गए थे! कई सालों तक काले घने अंधेरे बादलों के नीचे दबी हुई जिंदगी तेजपूंज की किरनो से तरोताजा होकर खिल उठी! कुछ हद तक बोझ कम हुवा था! जैसे जीने का सहारा उसे मिल गया था..! अब वो एक एक दिन बेताबी Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 18 (32) 849 1.1k "अो ईश पलट कर मेरी जिंदगी देख लेता मेरी बर्बादी मे कही कोई कसर तो नही थी" ........... दास्तान-ए-अश्क ( पिछले पार्ट मे हमने देखा की उसकी प्रेग्नन्सी की बात जानने के बाद उसका पति उससे ...Read Moreबनाता है.., आखिर क्या वजह थी.. जानने के लिए पढीये दास्तान-ए-अश्क आगे.. ) एक तूफान जो उसके जीवन में सैलाब लाने को तैयार था! अश्कों का सैलाब ! अश्क जो उसका पर्याय बन चुके थे ! सुबह में उठी और फिर से कोशिश में जुट गई , अपने पति को पाने की कोशिश में! उन्हें समझने की कोशिश है ,पर Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 19 (30) 852 1.2k एक ऐसा एहसास था!मानो उसके जिस्म पर बिच्छू रेग रहे हो..!क्या आज तक वह जूठन खाती रही?!जैसे किसी बदचलन औरत से कोई मर्द संबंध नहीं रखना चाहता और उसे अपनी बीवी बनाने से हिचकिचाता है !"क्या ऐसे ही अगर ...Read Moreमर्द का चाल चलन खराब हो तो औरत को यह हक नहीं कि वह उसे छोड़ सके..?"पश्चिम देशो में शादी करना और तलाक देना बहुत सरल है ,लेकिन हम जिस समाज में रहते हैं वहां शादी को आज भी सात जन्मों का बंधन माना जाता है!शादी करना और उसे निभाना चाहे मन से या बेमन से जरूरी होता है , Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 20 (37) 1.1k 1.4k (पिछले पार्ट में हमने देखा कि प्रेगनेंसी के वक्त उसे सास ससुर सभी बताते हैं कि तुझे अपने मायके जाना पड़ेगा.. यह सुनकर उसका मन काफी उदास हो जाता है वह अपने घर बिल्कुल ही नहीं जाना चाहते थे ...Read Moreमन उठ गया था पर कभी-कभी ना चाहते हुए भी रिश्ते निभाने पड़ते हैं अब आगे) -----अनचाहे मन से वो अपने कमरे में आकर रेडी होने लगती है !आज से गोद भराई के बाद मायके जाना था! प्रसव होने तक वहीं रहना था !ना चाहते हुए भी उसे वहां जाने के लिए मजबूर होना पड़ा !"बहु Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 21 (36) 892 1.2k वह कई दिनों से देख रही थी उसका नंना बहुत रोता था!दूध भी नहीं पीता था जैसे जैसे वह बड़ा होता जा रहा था उसकी फिजिकल ग्रोथ बहुत कम थी! उस दिन उस को बहोत ज्यादा रोता हुवा देखकर ...Read Moreउठी!"चुप हो जा बेटा ... क्यों रो रहा है इतना.?"पर आज वो चुप होने का नाम ही नहीं ले रहा था !हार कर वो अपनी सासू मां के पास गई ! "मम्मी... देखो ना नन्ना कितना रो रहा है..!मम्मी भी उसकी नीली पड रही बोडी को देखकर परेशान हो गई..! कुछ हद तक वो भी घबरा गई!आनन-फानन में उसे डॉक्टर Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 22 (34) 861 993 एक औरत जब कोई भी बात मन में ठान लेती है ,तो कहते हैं भगवान भी उसे उसकी जगह से हिला नहीं सकते!उसने मन ही मन फैसला कर ही लिया था कि वह अपने बच्चे को ठीक करेगी!उस पर ...Read Moreऔर दिमाग से ध्यान देगी! उसे बिल्कुल ठीक कर देगी! लेकिन इस समय उसे अपने पति का साथ चाहिए था! जो उसके बच्चे का पिता था! लेकिन वह निर्मोही अपनी ही दुनिया में लीन रहता था! वो अपने बच्चे के लिए वो मानो एक पत्थर बन चुका था ! लेकिन उसने डॉक्टर के कहे अनुसार अपने बच्चे की परवरिश करनी Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 23 (39) 968 1.4k मौत ही इंसान की दुश्मन नहीं ज़िंदगी भी जान लेकर जाएगी - 'जोश' मलासियानी ................... .... बहुत ही अजीब बात थी उसको धिन्न हो उठी थी पुरुष जात से..! एक कांच के जैसा होता है स्त्री का ह्रदय..! और ...Read Moreदिमाग से सोचने वाला पुरुष उसे ठेस पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ता..! उसके साथ भी वैसा ही हुआ था अपनी नाबालिक उम्र में दूसरे बच्चे के बारे में सोचना भी जानबूझकर जिंदगी को दाव पर लगाने जैसा था..! सब आदमी ही तय करता है ..! औरत को कब मां बनना है ? और कब नहीं..? नफरत थी उसे ऐसे Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 24 (29) 940 1.1k किसी ने मुझे एक बहुत अच्छी बात बताई!"एक औरत वो होती है ,जिसके किचन में खाना बनाने के लिए बहोत सारे व्यंजन- मसाले मौजूद होते हैं! उसके प्रयोग से वह दमदार खाना बना कर परिवार में वाहवाही की हकदार ...Read Moreहै !और एक औरत वह होती है जिसके पास किचन में मसालों की मात्रा कम है, फिर भी उसके खाने में एक अलग ही लज्जत होती है ! इसका कारण आप जानते हो क्योंकि वह अपना काम दिल से करती हैं!थैंक यू सो मच उनकी इतनी अच्छी सोच के लिए..!------ ----------दास्तान-ए-अश्क..दास्तान के पिछले पार्ट में हमने देखा कि इस कहानी Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 25 (31) 974 1.3k श्याम ढल रही थी!एक बेजान श्याम..! जो सुब्हा का उजाला लेकर आने का वादा करके जाती है..! मगर किसको सुब्हा की पहली किरन नसिब थी ये कोई नही जानता था..!जिंदगी अपने रंग बदल रही थी! कहीं कुछ टूटा था..!बस ...Read Moreघर में कोहराम मच गया था..!सडक पर गुजरने वाला एक मस्त मौला मुसाफिर अपनी घुन मे गाये जा रहा था..! जो हमने दास्ता अपनी सूनाई..आप क्यु रोये..!तबाही तो हमारे दिल पे है छाईआप क्यु रोये..! लेकिन उसकी दास्ता कोई सून ने वाला नही था..!क्योंकि अभी तो बहुत कुछ बाकी था! अगर किसी को इस जहां में सुख नहीं मिलता तो अगले Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 26 (35) 905 1.3k मेरे सभी प्यारे दोस्तों.. अश्क' काफी लेट हुई है! उसके लिए क्षमा चाहता हूं कुछ तो मजबूरियां रही है मेरी जानता हूं कि आप सब मुझे समझेंगे! इस कहानी को जितना प्यार आप लोगों ने दिया है तो मैं ...Read Moreअपना फर्ज समझता हूं कि कहानी को अपने आखरी मुकाम तक पहुंचाउ..! मुझे यकीन है आप लोग इस कहानी की नायिका के साथ आखरी मुकाम तक जुड़े रहेंगे...! फिर से आप सब का बहुत बहुत शुक्रिया..! दास्तान-ए-अश्क -26 ------------------------- उस बड़ी कोठी का कलंक थी वह दर्द भरी आहे..! एक एक कोने से उठ रही किसी के Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 27 (32) 806 1.2k "मुझे मेरी उम्मीद से ज्यादा मिला अय जिंदगी अब कभी मुस्कुराने की गुस्ताखी नहीं करनी मुझे..? "मैडम जी आप कहां हो..?" रज्जो की आवाज सुनकर उसका दिल उछल पड़ा! अपनी बेड से वह संभलकर उठी! पास ही बैठी गुड़िया ...Read Moreममा का हाथ पकड़ लिया! अपनी मां के पास बैठा सारंग दरवाजा खोलता उससे पहले तो अपने हाथों से डोर खोलकर रज्जो घर में आ गई! सामने दीवार के सहारे खड़ी अपनी मैडम को देख कर वो अवाक रह गई! यह कैसे हो गया? उसे अपनी आंखों पर यकिन नहीं हुवा! करीब आकर रज्जो ने मैडम जी के बाजुओं को Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 28 (29) 777 1.2k "बस करो रज्जो अब मुझसे और नहीं भागा जा रहा!" पसीने से भीगे कपडों में उसे घबराहट हुई तो वो बोल उठी! -कुछ देर कहीं बैठ जाते हैं!' "नहीं मैडम जी मैं आप को गिरने नहीं दूंगी! मेरा हाथ ...Read Moreकर आप बस तेजी से चलते रहो!" रज्जो मेडिकल से दवाइयां ले कर डॉक्टर लवलीन को दिखाने गई! तब डॉक्टर ने जो कुछ मैडम के लिए हिदायतें दी थी उसको वो स्ट्रिक्टली फॉलो कर रही थी! "डॉक्टर मेम ने सख्त शब्दों में कहां है, आपको मॉर्निंग-इवनिंग डेईली वॉक करवाना है! आज पहला दिन है तो सिर्फ 1 किमी ठीक है! Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 29 (31) 951 1.6k मेम साहब कलयुग के इस काले दौर में लोग इतने स्वार्थी हो गए हैं कि अपने खून के रिश्तो का भी लिहाज नहीं करते जान लेने की नौबत आये तो भी ले लेते हैं।और आपका तो अपना ही सिक्का ...Read Moreनिकला! दिमाग से पैदल है बाबूजी.. वरना आप जैसी औरत को पाकर उनकी जिंदगी जन्नत थी! वाकई मुझे ऐसे लोगों पर तरस आता है जिन्हें अपना बुरा भला नजर नहीं आता।मैं कुछ ज्यादा बोल गई हूं तो माफ करना, पर मुझसे आप की ये हालत देखी न गई।आपने उस वक्त मेरा हाथ थामा था जब मुझे काम की भी सख्त Listen Read दास्तान-ए-अश्क - 30 - लास्ट पार्ट (47) 1.1k 1.9k कहते हैं ना मजबूरी इंसान को बहुत कुछ करवाती है जिंदगी में पहली बार उसने अपने भाइयों से मदद मांगी.. मरने से तो यह रास्ता उचित ही था l अब घर की चिंता नहीं थी मगर एक बात थी ...Read Moreउसको खाए जा रही थी..l कोठी गिरवी पड़ी थी उसका सॉल्यूशन भाइयों से पैसा लेना हरगिज़ नहीं था l क्योंकि अपने ही हाथों से अपनी बर्बादी की वह नीव रखना नहीं चाहती थी..l संपत्ति का बंटवारा होने के बाद मुश्किलें बढ़ गई थी क्योंकि वो तो बिल्कुल नक्कारा था..l गृहस्ती को चलाया जा सके उतना भी घर में लाकर वो Listen Read More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Novel Episodes Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Humour stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Social Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything SABIRKHAN Follow