कहाँ गईं तुम नैना - Novels
by Ashish Kumar Trivedi
in
Hindi Moral Stories
एक गलतफहमी के कारण आदित्य और नैना अलग हो गए। लेकिन यह अलगाव भी उनके प्यार को कम नहीं कर सका। इसीलिए जब आदित्य को नैना के अचानक गायब हो जाने का पता चला तो उससे रहा नहीं गया। ...Read Moreको तलाश करने के लिए अपना काम छोड़ वह पुलिस की मदद के लिए आगे आया।
क्या वह नैना को तलाश कर पाया ?
कहाँ थी नैना ?
आदित्य के द्वारा नैना की तलाश की कहानी है
कहाँ गईं तुम नैना....
कहाँ गईं तुम नैना (1)आदित्य अपने जिम में वर्कआउट कर रहा था। उसका मोबाइल वाइब्रेट करने लगा। ट्रेडमिल पर भागते हुए उसने चेक किया तो कोई अंजान नंबर था। उसने फोन काट दिया।जब वह जिम से निकलने लगा तो ...Read Moreउसी नंबर से कॉल आई। इस बार उसने फोन उठा लिया।"हैलो...""मि. आदित्य...""जी बोल रहा हूँ। आप कौन ?""मैं मिसेज़ चटर्जी...दिल्ली से बोल रही हूँ। नैना आपकी पत्नी का नाम है।""जी...लेकिन दो साल पहले हम अलग हो गए।""ओह....लेकिन मुझे तो यही नंबर दिया गया।""किसने दिया ये नंबर ?""मि. आदित्य मैं नैना की लैंडलेडी हूँ। मखानी अपार्टमेंट्स
कहाँ गईं तुम नैना (2)एमबीए करते समय ही आदित्य ने तय कर लिया था कि वह नौकरी ना करके अपना बिज़नेस करेगा। इसलिए उसने कॉलेज में रहते हुए ही कई तरह के बिज़नेस आइडिया को स्टडी करना शुरू कर ...Read Moreथा। कॉलेज में उसकी दोस्ती शीरीन भरूचा से हुई। उसकी तरह शीरीन भी औरों से हट कर कुछ करना चाहती थी।कॉलेज से निकल कर आदित्य ने शीरीन के साथ ताजमहल की नगरी आगरा में एक ट्रैवलिंग एजेंसी शुरू की। दो सालों के भीतर ही उनका बिज़नेस चमक उठा। एक स्थानीय
कहाँ गईं तुम नैना (3)चित्रा और नैना ने एक ही कॉलेज से मास कॉम का कोर्स किया था। दोनों अच्छी सहेलियां थीं। कॉलेज से निकल कर दोनों ने अलग अलग न्यूज़ चैनल ज्वाइन किए। लेकिन डेढ़ साल पहले चित्रा ...Read Moreदुनिया न्यूज़ चैनल में आ गई। दिल्ली आने के बाद चित्रा एक लड़की के साथ फ्लैट शेयर करने लगी। पर उसके साथ चित्रा की पटरी सही तरह से नहीं बैठ पा रही थी। उसने नैना को अपनी समस्या बताई तो उसने सुझाव दिया कि जब तक उसे सही जगह नहीं मिल जाती वह उसके साथ
कहाँ गईं तुम नैना (4)नैना का केस पुलिस इंस्पेक्टर नासिर अहमद को सौंपा गया था। नासिर ने अब तक इस केस में जो जाँच पड़ताल की थी उससे कोई खास नतीजा नहीं निकला था। आदित्य ने जमुना प्रसाद पर ...Read Moreज़ाहिर किया था। लेकिन वह सत्ताधारी दल का विधायक था। उस पर आसानी से हाथ नहीं डाला जा सकता था। नासिर ने उन गुंडों को गिरफ्तार कर पूँछताछ की थी जिन्होंने नैना को धमकी दी थी। लेकिन उन्होंने भी जमुना प्रसाद का नाम नहीं लिया था। गुंडों का कहना था कि उन्हें एक
कहाँ गईं तुम नैना (5)डिनर के बाद आदित्य जब अपने फ्लैट में लौटा तो बहुत देर तक उसे नींद नहीं आई। वह पुराने दिनों के बारे में सोंचने लगा।पाँच महीने से अधिक हो गए थे। दोनों ही अब एक ...Read Moreको भली प्रकार से समझ चुके थे। आदित्य तो पहले से ही नैना को अपना दिल दे बैठा था। लेकिन अब नैना भी उसे चाहने लगी थी।आदित्य की माँ के जाने के बाद से उसके पिता अपने में ही रहते थे। आदित्य से भी अधिक बात नहीं करते थे। आदित्य ने अपने
कहाँ गईं तुम नैना (6)कहानी बताते हुए बसंत की आवाज़ भर्रा गई। सर दीपा मेरी सगी बहन नहीं थी। लेकिन वह मुझे बहुत चाहती थी। उसकी माँ नहीं थी। खाना वही बनाती थी। मुझे अक्सर दाल या सब्ज़ी दे ...Read Moreथी। कहती थी कि तुम ठीक से खाया करो। अगर मैं कर पाता तो जमुना प्रसाद का गला घोंट देता। लेकिन मैंने सोंचा कि उसके जुर्म के सबूत इकठ्ठे कर लूँ तो नैना मैडम उसे सज़ा दिला ही देंगी। बसंत ने अपनी कहानी आगे बढ़ाई....जमुना प्रसाद की जासूसी करने का मतलब शेर की मांद में
कहाँ गईं तुम नैना (7)जमुना प्रसाद चंडीगढ़ जा रहा था। रास्ते में उसके पास उसके एक विश्वासपात्र आदमी का फोन आया। फोन पर उसने बताया कि धमकी दिलाने के बाद भी नैना बाज़ नहीं आई है। उसने जमुना प्रसाद ...Read Moreजासूसी के लिए बसंत नाम के एक आदमी को लगा रखा है। बसंत को उसके फार्म हाउस के पास वाली बस्ती में देखा गया है। यह खबर सुनते ही जमुना प्रसाद का दिमाग तेजी से चलने लगा। वह समझ गया कि शिवप्रसाद ही बसंत है। उसने फौरन गाड़ी फार्म हाउस की तरफ मोड़ने को
कहाँ गईं तुम नैना (8)उस दिन आदित्य करीब आठ बजे घर पहुँचा तो पाया कि महक बाहर खड़ी उसकी प्रतीक्षा कर रही है। उसे वहाँ देख कर आदित्य को आश्चर्य हुआ। महक हंस कर बोली।"आज मैंने सोंचा कि तुम्हारे ...Read Moreचल कर धावा बोला जाए। पर तुम्हारा चेहरा बयां कर रहा है कि तुम मुझे देख कर खुश नहीं।"उसकी बात सुन कर आदित्य खुद को संभालते हुए बोला।"नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। आओ अंदर आओ।"कह कर वह दरवाज़ा खोलने के लिए आगे बढ़ गया। महक उसके पीछे पीछे अंदर आ गई। चारों
कहाँ गईं तुम नैना (9)फोन की रिंग सुन कर आदित्य वर्तमान में लौट आया। अरुण अंकल का नंबर था। उसने फोन उठाया तो उधर से रमेश की आवाज़ आई।"भइया साहब की तबीयत बहुत खराब हो गई है। अस्पताल ले ...Read Moreपड़ेगा।"आदित्य फौरन अरुण अंकल के घर पहुँच गया। रमेश रो रहा था। आदित्य ने अंकल की हालत देखी तो रमेश से बोला।"फौरन मेरे साथ चलो। अंकल को भर्ती कराना पड़ेगा।"रमेश को साथ लेकर आदित्य अरुण अंकल को अस्पताल ले गया। डॉक्टर ने तुरंत ही उनका इलाज शुरू कर दिया। डॉक्टर का कहना था
कहाँ गईं तुम नैना (10)इंस्पेक्टर नासिर अहमद अभी तक पुलिस स्टेशन नहीं पहुँच पाए थे। बीती रात एक गल्ला व्यापारी की दुकान में चोरी हो गई थी। वह उसी का पंचनामा करने गए थे। आदित्य को करीब दस मिनट ...Read Moreउनकी राह देखनी पड़ी। पुलिस स्टेशन पहुँच कर इंस्पेक्टर नासिर ने उसे नैना के केस में जो भी प्रगति हुई थी उसके बारे में बताया। मि. आदित्य हम नैना के कॉल डीटेल की जाँच कर रहे हैं। इसी बीच मेरी दो ऐसे लोगों से मुलाकात हुई जो जमुना प्रसाद के ज़ुल्मों का शिकार है।
कहाँ गईं तुम नैना (11)जमुना प्रसाद की गिरफ्तारी ने ना सिर्फ खबरों की दुनिया को गर्म कर दिया था बल्कि राजनीति के क्षेत्र में भी बवंडर खड़ा कर दिया था। सत्ताधारी दल सवालों के घेरे में था तो विपक्ष ...Read Moreआक्रामक। न्यूज़ चैनल पर हो रही बहसों में खुल कर आरोप प्रत्यारोप हो रहे थे। पर एक बात साफ थी। इस गिरफ्तारी ने सत्तापक्ष को गहरा आघात पहुँचाया था। वह भी लोकसभा के चुनावों के कुछ ही दिन पहले। जमुना प्रसाद की गिरफ्तारी के साथ ही साथ नैना की गुमशुदगी की खबर भी मीडिया में
कहाँ गईं तुम नैना (12)इंस्पेक्टर नासिर अहमद ने नैना के कॉल रिकॉर्ड को अच्छी तरह से खंगाल कर देखा। एक नंबर था जिससे नैना के गायब होने के चार महीनों के भीतर सबसे अधिक संपर्क रहा था। आरंभ के ...Read Moreमें दोनों तरफ से बराबर कॉल्स की गई थीं। लेकिन नैना के गायब होने के एक महीने पहले से उस नंबर से नैना को इनकमिंग कॉल्स ही आए थे। यह जाँच करने पर की यह नंबर किसका था की यह एक प्राईवेट नंबर है। यह नंबर किसी संजय घोषाल के नाम पर था।इंस्पेक्टर नासिर अहमद
कहाँ गईं तुम नैना (13)इंस्पेक्टर अभिनव कनौजिया से मिलने पर उन्हें कुछ और बातें पता चलीं। इंस्पेक्टर अभिनव ने संजय के फ्लैट में काम करने वाली मेड से बात कर कई बातें निकलवाई थीं।संजय के फ्लैट में मीना नाम ...Read Moreएक मेड ने कुछ ही दिन पहले काम करना शुरू किया था। मीना ने बताया कि फ्लैट में एक बंगाली माता जी और उनकी बहू रहते हैं। माता जी का बेटा कभी कभी आता है। माता जी की बहू को कोई दीमागी बीमारी है जिसके चलते उसे कमरे में ही बंद रखना
कहाँ गईं तुम नैना (14)कहानी सुनाते हुए नैना को प्यास लगने लगी थी। चित्रा ने उसे पानी लाकर दिया। पानी पीने के बाद नैना ने आगे कहना शुरू किया।"एक दिन संजय ने मुझे मिलने के लिए रेस्टोरेंट में बुलाया। ...Read Moreअक्सर ही यहाँ मिलते थे। जब मैं वहाँ पहुँची तो पाया कि उसने सारा रेस्टोरेंट बुक करा रखा था। मेरे और संजय के अलावा वहाँ कोई नहीं था। उसने केक मंगाया तब मुझे याद आया कि उस दिन मेरा बर्थडे था।"केक काटने के बाद नैना ने संजय से कहा कि पूरा रेस्टोरेंट बुक
कहाँ गईं तुम नैना (15)नैना भावुक हो गई। उसकी आँखें नम हो गईं।"मैं नहीं जानती थी कि संजय के फ्लैट में जाना मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती साबित होगी। आने वाले नारकीय दिनों से बेखबर मैं आने वाले ...Read Moreके बारे में सोंचने के लिए वहाँ चली गई।"आदित्य ने उठ कर उसे संभाला। ढांढस पाकर नैना ने आगे कहना शुरू किया....नैना संजय के फ्लैट में पहुँच गई। यहाँ किसी तरह का बंधन नहीं था। वह अपने हिसाब से उठ बैठ सकती थी। अब वह सामान्य महसूस कर रही थी। उसे संजय के फ्लैट
कहाँ गईं तुम नैना (16)संजय नैना को अपने मन की बात नहीं बता सका था। लेकिन औरतों को लेकर मन में जो कड़वाहट थी वह दूर हो चुकी थी। बांग्ला न्यूज़ चैनल में उसके काम की सराहना हो रही ...Read Moreउसकी माँ उस पर शादी के लिए ज़ोर डाल रही थीं। उसने शादी करने का फैसला कर लिया।सागरिका उसके एक कुलीग की बहन थी। बेहद आकर्षक थी। संजय अक्सर उसके घर जाता रहता था। उसे सागरिका अच्छी लगने लगी। किंतु खुद पहल करने की बजाय उसने अपनी माँ से कह कर उसके माता पिता