इंसान

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.रामू घर से बाहर निकल गया।इस बार सरिता ने भी उसे रोका नहीं।बच्चे हताश होकर रामू के जाते हुए परछाई को देख रहे थे।रोज रोज की परेशानी को देखते हुए रामू ने सरिता और बच्चो के सामने यह बात रखी थी की,बारिश इस साल काम हुई है और हमे बैलो की आवश्यकता नहीं है।तो हम इन्हे बेचकर जिन लोगो का हमारे ऊपर कर्ज है उसे चुका देंगे ।और रोज लोगो के ताने भी नही सुनने पड़ेंगे।लेकिन,इस बात को सरिता एवं बच्चो का सक्त विरोध था। अंकित और नवीन जैसे ही स्कूल से आते थे तो सबसे पहले वे बैल जहा बंधे होते थे पहले उनके पास जाते थे।और अगर कही उसके पिताजी काम करने खेत में होंगे तो वे जल्द से जल्द स्कूल का बक्सा घर में डालकर भागे दौड़े खेतो पर पहुंच जाते थे। रामू के पास जमीन कम थी ।किंतु अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए वह दूसरे के खेत में मजदूरी करता था।एक दिन उसे उसके खेत में हल चलाने के बैलों की आवश्यकता थी।जो मोल से करते थे उन्हें बहुत बार कहकर भी कोई आने का राजी नहीं था।और होंगे भी कैसे,एक तो एक ही समय में सबके खेतो पर काम आ गए थे।मोल से करने वाले भी जिसके यहां उन्हें नकद तथा अच्छी खासी आवभगत मिले उन्हें के वहा जाते थे।बेचारे रामू के पास क्या था।

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इंसान... - 1

..........रामू घर से बाहर निकल गया।इस बार सरिता ने भी उसे रोका नहीं।बच्चे हताश होकर रामू के जाते हुए को देख रहे थे।रोज रोज की परेशानी को देखते हुए रामू ने सरिता और बच्चो के सामने यह बात रखी थी की,बारिश इस साल काम हुई है और हमे बैलो की आवश्यकता नहीं है।तो हम इन्हे बेचकर जिन लोगो का हमारे ऊपर कर्ज है उसे चुका देंगे ।और रोज लोगो के ताने भी नही सुनने पड़ेंगे।लेकिन,इस बात को सरिता एवं बच्चो का सक्त विरोध था। अंकित और नवीन जैसे ही स्कूल से आते थे तो सबसे पहले वे बैल जहा ...Read More

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इंसान... - 2

..........गंगादास का घर जहा बाजार भरता था उसके लगभग एक किमी की दूरी पर था।इसीलिए उसे कोई वाहन लाने आवश्यकता नहीं थी।आते समय ही अपने साथ हरिया को ले आया था।आज से कम से कम १० पूर्व हरिया काम मांगने आया था उनके पास।तबसे आज तक वही काम करता है।उसपर गंगादास को बहुत विश्वास है।और हो भी क्यों न..उसे कभी काम करने के कहा जाए तो कभी मना नहीं करता।न उसके आने का कोई समय है न जाने का...अगर उसे शाम में घर जाते हुए कहा जाए की .. हरिया कल सुबह सुबह हमे दूसरे काम से पहले यह ...Read More

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इंसान... - 3

.......हरिया सड़क से बैलों को दौड़ते हुए ले कर आ रहा था।उनके गलें में बंधी हुई घंटियां काफी लय साथ आवाज कर रहे थी।लोग उन आवाज के तरफ आकर्षित हो रहे थे।और हो भी क्यों न.?आखिर वो जानवर बेहद ही शानदार थे।लोगों के विस्मय कारक भाव देखकर तो ,गंगादास खुद की परखी नजर की मन ही मन में तारीफ कर रहा था।वे जानते की काशीनाथ इस बात से खुश नहीं होगा मगर राकेश और नरेश को काफी आनद होगा।काशीनाथ गंगादास का छोटा बेटा है।और वह सरकारी नौकर है।वह अपने पिता की हरसाल बैलों को बदलना नया खरीदना इन बातों ...Read More