Andhera Kona book and story is written by Rahul Narmade ¬ चमकार ¬ in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Andhera Kona is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अंधेरा कोना - Novels
by Rahul Narmade ¬ चमकार ¬
in
Hindi Horror Stories
पिछले डेढ़ साल से मैंने अनंतगढ़ गांव से दूर आलोक और रतिबेन पाटिल कॉलेज ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज से बायो-मेडिकल साइंस में एमएससी कर रहा था, मैं सेमेस्टर 4 मे बायोसेंसर विषय पर डेझर्टेशन रहा था, आज मुझे उस सड़क पर जाना था जहां मैं पहले कभी नहीं गया था । मेरी साइकिल का टायर पंक्चर था, मेरा मिकैनीक जो पिछले तीन दिनों से बंद था, मेरे कॉलेज से आगे एक मोड़ था और वहाँ से दस मिनट की ड्राइव दूर एक अंधेरी सड़क थी, जिसकी दूरी में स्ट्रीट लाइट थी, लगभग पूरी तरह से बंद थी ।"अरे राजन, उस रास्ते
पिछले डेढ़ साल से मैंने अनंतगढ़ गांव से दूर आलोक और रतिबेन पाटिल कॉलेज ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज से बायो-मेडिकल साइंस में एमएससी कर रहा था, मैं सेमेस्टर 4 मे बायोसेंसर विषय पर डेझर्टेशन रहा था, आज मुझे उस सड़क ...Read Moreजाना था जहां मैं पहले कभी नहीं गया था । मेरी साइकिल का टायर पंक्चर था, मेरा मिकैनीक जो पिछले तीन दिनों से बंद था, मेरे कॉलेज से आगे एक मोड़ था और वहाँ से दस मिनट की ड्राइव दूर एक अंधेरी सड़क थी, जिसकी दूरी में स्ट्रीट लाइट थी, लगभग पूरी तरह से बंद थी । अरे राजन, उस रास्ते
मैं लाला भाई की बात सुन रहा था, मुझे यह स्पष्ट हो गया कि यह मेरा एक अजनबी के साथ डरावना अनुभव था, जिससे मैं मिला था। मैं पैसे देकर गैरेज वाले हरमीत सिंह के पास गया, जो पिछले ...Read Moreदिनों से बंद था यह आज खुला। उसके पास जाकर मैंने उसे बताया कि मुझे कैसा अनुभव हुआ। मेरी बात सुनकर वह भी हतप्रभ रह गया। मैं और हरमीत बाते कर रहे थे तब वहा एक तीसरा व्यक्ति भी मौजूद था और वह राजकुमार उर्फ राज था, वह हमारे कॉलेज के बायो केमिस्ट्री का छात्र था, वह बहुत घमंडी था,
आखिरी साहस मैं राजन, कुछ दिन पहले मुजे एक भूतिया अनुभव हुआ था, मेरे अनुभव के बाद मेरे कॉलेज के एक छात्र राज को भी ऐसा ही अनुभव था लेकिन मेरे अनुभव और राज के अनुभव में अंतर था, ...Read Moreमें मुझे इसका अनुभव हुआ जब उसने जान बूझकर ये किया था। उस अनुभव के बाद अभिमानी राज थोड़े नरम हो गया, वह अब सभी से बातें करता था। उस दिन राज हमारी कॉलेज के प्रोफेसर वैशाली गुप्ता मेम जो हमारे कॉलेज की बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी की हेड थीं, उनका लेक्चर पूरा करके मेरी क्लास के बाहर आए, मुझे आश्चर्य
अंकिता और समीर ट्रेन में जा रहे थे, थोड़ी देर बाद ट्रेन अनंतगढ़ स्टेशन पर रुकी वहा पर रेल्वे क्रॉसिंग था इसलिए ट्रेन रुकी हुई थी, समीर और अंकिता दोनों उतर गए।समीर : अब यहीं नई जिंदगी शुरू करेंगे, ...Read Moreवापस जाना ही नहीं है।अंकिता : हाँ एसा ही करेंगे अंकिता और समीर दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे, अंकित B. Tech ( IT) और M. B. A किया हुआ 25 साल का लडका था, वहीं दूसरी ओर अंकिता भी 24 की थी और M. Tech (IT) किया हुआ था, दोनों इंजीनियरिंग के दिनों से एकदूसरे को चाहते थे,
मैं राजन, गलती से मैं हमारे इलाके अंधेरा कोना मे जाकर अपनी जिंदगी खतरे में डाली थी, लेकिन मैं और राज वहा से जिंदा वापस आए थे। उन दिनों हमारा समर वेकेशन चल रहा था, इसलिए हमने ...Read Moreकि हम सभी क्लासमेट घूमने जाते हैं, हमने प्लान बनाया की सभी लोग राजपुर जाए, राजपुर जोकि हमारे अनंतगढ़ से 200 किलोमीटर दूर एक आया एक हिलस्टेशन था, वहां बहुत बड़ी डायवर्सिटी थी जिसमें बहुत सारी प्रजाति के पेड़, पौधे और जानवर थे वहा एक राष्ट्रीय उद्यान था और वाइल्ड- लाइफ सेंचुरी भी थी। हम कुल 15 लोग थे जिसमें शालिनी, प्रीति,