Andhera Kona - 17 in Hindi Horror Stories by Rahul Vyas ¬ चमकार ¬ books and stories PDF | अंधेरा कोना - 17 - अनोखी भेट

अंधेरा कोना - 17 - अनोखी भेट

सुखविंदर को कॉल आया, उसने देखा कि कोई अनजान नंबर से कोल है,

सुखविंदर : हैलो जी l

सामने कोई आदमी की आवाज थी,

आदमी : हैलो, मैं M. G Road पर खड़ा हू, मेरी गाड़ी के इंजन मे ख़राबी है , इसलिए मुजे टोईंग की जरूरत है, तो आप आ सकते हो?

सुखविंदर : हाँ लेकिन जाना कहां है?

आदमी : मुजे, बिल्लोर - वेस्ट, 80 ft. रोड पर आई, सुख निवास कॉलोनी पर मेरी कार ले जानी है, आओगे?

सुखविंदर : जी हाँ, आ जाऊँगा, 500 INR चार्ज रहेगा सर l

आदमी : कोई बात नहीं जल्दी से आ जाए l

सुखविंदर : सर आपका नाम?

आदमी : वीरेन

सरदारनगर शहर में सुखविंदर टोईंग का काम करता था, उसे अचानक वीरेन नाम के एक शख्स का फोन आया उसने सरदारनगर शहर के बिल्लोर नाम के इलाके में टोईंग करके गाड़ी पहुंचाने का ऑर्डर आया था l वो थोड़ी देर बाद अपनी टोईंग वेन लेकर M. G Road पर पहुंच गया, वीरेन वहीं पर गाड़ी के साथ खड़ा था l उसकी कार बहुत ही महंगी लग रही थी और इतनी चमक रही थी मानो आज ही खरीदी हो l

सुखविंदर : सर, ये कार आपने आज ही ली है क्या?

वीरेन : हाँ भाई, आज 2 घंटे पहले ही पेपर वर्क पूरा करके लेकर आया हूं l

सुखविंदर : लेकिन खरीदने के बाद तुरत ही इंजन बिगड गया क्या?

वीरेन : हाँ लग तो एसा ही रहा है l ये कार मुजे मेरी वाइफ को गिफ्ट करनी है l

सुखविंदर ने टोईंग वेन से वीरेन की कार जॉइन की और वेन को धीरे से आगे चलाने लगा,वीरेन कार मे बैठा, उसकी कार एकदम नई थी, उसने आज ही खरीदी थी और उसकी पत्नी सुनीता को गिफ्ट करनी थी l अब बिल्लोर वेस्ट आ गया था, सुखविंदर वीरेन के बते बताए अड्रेस पर पहुंच गया था,सामने वीरेन का घर था, वो वेन से उतरा और घर का दरवाजा खटखटाया l वो एक बड़ा और अच्छा घर था बाहर नेम प्लेट थी जिस पर घर का नाम लिखा था "Blosum" l वहाँ 40 साल की एक महिला जो उसकी पत्नी सुनीता थी उसने दरवाजा खोला, और कहा

सुनीता : जी कहिए?

सुखविंदर : जी आपकी कार लेकर आया हू, वीरेन सर भी बैठे हैं l

सुनीता चौक गई,

सुनीता : कौन हो आप? क्या बोल रहे हो आप!?? कौनसी कार? और वीरेन कैसे आ सकता है इधर?

सुखविंदर : अरे आप गुस्सा क्यु हो रहीं हो? इधर पीछे ही तो बैठे हैं? आइए देखिए l

सुनीता, सुखविंदर के पीछे वेन के पास गई, वो उस गाड़ी को देखकर चौंक गई उसने सुखविंदर से पूछा

सुनीता : तुम कोई चोर तो नहीं हो न?

सुखविंदर : अरे ना ना मेम साब, मैं टोईंग का काम करता हू, ये देखिए मेरा कार्ड, आपके पति वीरेन जी ने मुजे कॉल किया था, M. G Road पर वो खड़े थे और वहीं से ये गाड़ी और उनको यहां लेकर आया हूं, साब बाहर क्यु नहीं आ रहे हैं l

गाड़ी की ओर गया और दरवाजा खोला लेकिन अंदर वीरेन नहीं था l सुनीता के पास आकर वो मेम मेम कहने लगा लेकिन सुनीता जवाब नहीं दिया, उसे झटका लगा था और उसके पैर वहीं पर जमीन से चिपक गए थे उसे आज से एक साल पहले का दिन याद आया जब उसकी और वीरेन की वेडिंग एनीवर्सरी 7th October 2021 को थी, उसके दो दिन पहले का दिन :

सुनीता : वीरेन, तुम्हें हमारी एनीवर्सरी तो याद है न?

वीरेन :हाँ हाँ बाबा याद है मुजे l

सुनीता : मैं कुछ नहीं जानती, मुजे अच्छी सी गिफ्ट चाहिए l

वीरेन(मजाकिया अंदाज मे) : अगर ना दू तो?

सुनीता :मैं तुमसे कभी बात नहीं करूंगी l और हाँ मुजे पैसे दो, मैं ब्यूटी पार्लर जाऊँगी l

वीरेन ( मज़ाक में) : नहीं दूँगा क्या कर लेगी तू?

सुनीता हंसते हुए वीरेन को तकिया मारने लगी, इस तरह दोनों का प्यार बहुत ही पवित्र था, दोनों एक दूसरे के लिए बने थे, वीरेन ने 7th October को सुनीता को कार गिफ्ट करने का सोचा था, पेपर वर्क भी पूरा हो चुका था अब सिर्फ 7th October को गाड़ी की डिलिवरी लेने जाना था l

वीरेन गाड़ी लेने के लिए शो रूम गया था, उसने गाड़ी ली और चला कर घर की ओर बढ़ा, M. G Road पर एक बड़ा सा ट्रक उसके पीछे था, ट्रक की ब्रेक मे एरर आने के कारण ब्रेक नहीं लग पाई और उसने आगे जा रही वीरेन की गाड़ी को टक्कर मार दी और उसकी गाड़ी डिवाइडर मे घुस गई जिसमें नई नवेली गाड़ी का चुरा हो गया और वीरेन की वहीं मृत्यु हो गई!!

उस एक साल बाद आज के दिन सुनीता को वो सब याद आ गया, उसकी आँख से आंसू बहने लगे, वीरेन ने ठान लिया था कि सुनीता को कार गिफ्ट करनी थी तो उसके न होने पर भी उसने कैसे भी करके सुनीता के लिए कार भिजवा दी थी, सुनीता कार के पास गई, उस चमकती कार को छुआ, उसकी आंख का आंसू कार के बोनेट पर गिरा और उस आँसू मे उसे वीरेन की प्यार भरी मुस्कान वाला चहरा दिखा l

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