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सपने - (भाग-49)

सपने......(भाग-49)
18 साल बाद........

"डैड आज मेरा 18Th बर्थडे है मुझे आप क्या गिफ्ट देने वाले हैं?
डैड--- "वो तो सरप्राइज है, शाम को पार्टी में मिलेगा मेरी प्यारी गुल्लो"!
"डैड कितनी बार कहा है कि आप मुझे अब गुल्लो मत बुलाया करो, Now I am a big girl"!
डैड--- "तुम 18साल की हो गयी और टाइम का पता नही चला, तुम 50की हो जाओगी तब भी तुम गुल्लों ही रहोगी मेरे लिए"।
"ओ. के डैड मैं अपनी फ्रैंडस के साथ बाहर लंच पर जा रही हूँ, पार्टी से पहले आ जाऊँगी, आप चिंता मत करना और मॉम को भी बता देना प्लीज"!
डैड-- "तुमने खुद क्यों नहीं बताया मॉम को? कितनी बार कहा है कि अपनी मॉम से पुछा करो बाहर जाने के लिए"!!
"डैड मैंने मॉम को कल ही बता दिया था और अभी मॉम घर पर नहीं हैं, अपने प्ले की तैयारी में होंगी इसलिए उन्होंने फोन भी पिक नहीं किया। रिलैक्स डैड मैं 4-5 बजे तक आ जाऊँगी"।
डैड-" ठीक है जाओ पर टाइम से आना और अपनी लोकेशन शेयर करना मत भूलना"।
"ओ के डैड पर आप को याद नहीं रहता कि आपकी ये गुल्लो अब कॉलेज में आ गयी है, अपना ध्यान रख सकती हूँ"।
डैड- "Do as I say gullo, I know you are big girl now but don't forget that still I am your father"!
"Sorry dad, I was just kidding. Please don't get angry. I will do as you said to do"!
डैड-- "That's like my gullo, now go and enjoy your lunch. Take care and bye".
Bye Dad.....
शााम हो गयी और कुछ गिने चुने लोगो को बर्थडे पार्टी में बुलाया गया था। अनिका यानि गुल्लों के जन्मदिन पर सिर्फ 10-12 लोगो की ही पार्टी होती है। जिसमें उसके मॉम डैड के दोस्त सिर्फ अनिका का बर्थडे मनाने हर साल आते हैं चाहे Formally invitation भेजा जाओ या नहीं। उस दिन भी धीरे धीरे सब इकट्ठा हो रहे थे, पर अनिका के डैड को अपनी गुल्लों के लिए सरप्राइज गिफ्ट का इंतजार था जो अभी पहुँचा नहीं था। अनिका और उसकी मॉम भी तैयार हो चुके थे। पार्टी घर में थी तो सब अरैंजमेंटस भी हो ही चुके थे.....। डैड को परेशान देख अनिका ने पूछा," डैड मैं तो आपके सामने ही हूँ फिर आप इतना परेशान क्यों हैं"?
डैड-- "मैं परेशान नहीं हूँ बच्चा, तुम्हारा सरप्राइज गिफ्ट का वेट कर रहा हूँ"।
अनिका-- "Chill dad,आ जाएगा मेरा गिफ्ट आप और मॉम सभी गेस्टस को अटैंड कीजिए"।
सभी अनिका को बर्थडे विश कर रहे थे कोई उसे परी, कोई डॉल तो कोई क्यूटी पॉय कह कर उसके गाल खींच कर विश कर रहा था। अनिका के Chubby cheeks ने बचपन से ही सबको अपनी तरफ अट्रैक्ट किया है।
अनिका ने केक काटा और सब ने उसे आशीर्वाद दे कर गिफ्टस दिए। मजे की बात ये है कि इनमें से कोई भी अपनी मर्जी से गिफ्ट नहीं लाता सब उसको जन्मदिन से कुछ दिन पहले ही फोन करके पूछ लेते हैं कि उसे क्या चाहिए वही उसे मिल जाता है।
अनिका के डैड जितना हँसमुख हैं मॉम उतनी ही रिजर्व नेचर की। सभी ड्रिंक्स और खाने के साथ साथ बातों में लगे हुए हैं और अनिका की मॉम उतनी ही चुप है और सबकी बातें सुन कर बस कंजूसी से थोड़ा बहुत मुस्कुरा रही है हालंकि दोस्त सभी पुराने हैं, फिर भी वो बस ऐसे ही हैं। वहीं उसके डैड सबको अटैंड कर रहे हैं और खाने पीने का भी सबका ध्यान रख रहे हैं....!
तभी किसी ने हॉल में कदम रखा तो सबका ध्यान आने वाले नए मेहमान पर गया और सब चौंक गए। कोई खुशी से चिल्लाया तुम कह कर तो कोई हैरान था, पर अनिका के डैड के चेहरे पर खुशी थी जो अनिका की मॉम को पसंद नहीं आयी.....!
"हैलो अंकल", अनिका ने सपाट चेहरे से कहा तो उसने भी मुस्कुरा कर"हैलो बेटा" कह दिया। "गुल्लो कैसा लगा मेरा ये सरप्राइज"? अनिका तुनक कर बोली, "अच्छा है, पर गिफ्ट कहाँ है डैड? आप ने चीटिंग की है, मुझे किसी बड़े से गिफ्ट का वेट था ये तो अंकल हैं"।
"अच्छा ठीक है मेरा बच्चा, जो चाहिए मिल जाएगा फिलहाल तो केक खिलाओ"। अनिका से उसके डैड ने कहा तो वो केक लेने चली गयी। अनिका की मॉम के चेहरे को देख कर कोई भी कह सकता था कि आने वाला मेहमान उसे पसंद नहीं आया।
आने वाला मेहमान कोई और नहीं आदित्य था। नवीन, राजशेखर, सोफिया, रश्मि और श्रीकांत सब आदित्य को देख कर खुश थे। अनिका के डैड मतलब नचिकेत दत्ताऔर आस्था जो अनिका की मॉम है ने उस तीसरे प्ले के बाद शादी कर ली थी। प्ले के बाद आस्था ने नचिकेत और उसकी दी को अपने बारे में सब बताया और कहा कि आगे वो काम नहीं कर पाएगी, इसलिए मुझे रिप्लेस कर दीजिए। नचिकेत ने कहा, "ठीक है जब तुम्हारी डिलीवरी हो जाएगी तब हम आगे काम करेंगे पर मैं अपनी सबसे टैलेंटड आर्टिस्ट को नहीं खोना चाहता"। आस्था के लिए इतना ही काफी था कि न तो नचिकेत ने कोई सवाल जवाब किया और न ही अरूणा दी ने....।आस्था परेशान थी कि घर पर क्या और कैसे बताए? उसके मम्मी पापा के लिए ये शर्म की बात होगी कि उनकी बिन ब्याही बेटी माँ बनने वाली है। इन्हीं सब बातों का स्ट्रैस ले कर उसकी तबियत खराब हो गयी। आदित्य के जाने के बाद आस्था और नवीन ही उस फ्लैट में रह गए थे। नवीन ही उसे डॉ. के पास ले गया। उसे कुछ समझ नहीं आया को उसने नचिकेत और अरूणा से पूछा कि क्या करना चाहिए। नचिकेत उसे अरूणा ने घर ले आया। दोनो ने उसका खूब ध्यान रखा। नवीन आदित्य को सब बताता रहता था क्योंकि वो जानता था कि आदित्य ही आस्था को ठीक कर सकता है, पर आदित्य ने कुछ नहीं किया या शायद बिजी था वो काम में। नचिकेत समझ रहा था कि आस्था को अकेले छोड़ना ठीक नहीं, उसने अपनी दीदी के मना लिया और आस्था के सामने नाम के लिए शादी करने का सुझाव रखा जिससे उसकी फैमिली को सच का पता नहीं चलेगा और बात यहीं संभल जाएगी। नचिकेत ने ही आस्था के पैरेंटस को यकीन दिलाया कि वो दोनो एक दूसरे को पसंद करते हैं और शादी करना चाहते हैं। काफी सोच विचार कर उन लोगो ने हाँ कर दी और मुंबई आ कर एक सिंपल से फंक्शन में शादी करा दी। सही समय पर आस्था ने अनिका को जन्म दिया, पर माँ पापा का रोल नचिकेत ने निभाया। उसने बच्चे को सिर्फ अपना नाम ही नहीं दिया बल्कि दिल से अपना भी लिया। आस्था और नचिकेत इतने सालों से दोस्तों की तरह रहते हैं, क्योंकि वो चुलबुली और खूब बोलने वाली आस्था के तो आदित्य अपने साथ ले गया था, जो रह गयी थी वो बस चलती फिरती और रोबोट की तरह सब काम करने वाली मशीन रह गयी है। अरूणा ने भी उसे दिल से अपनाया भी और खूब प्यार भी दिया है। सब की जान अनिका मतलब नचिकेत की गुल्लो है, जिसे नचिकेत ने आस्था के मना करने के बाद भी उसके बायलोजिकल पापा के बारे में सब बता दिया था। अनिका छोटी उम्र से ही काफी समझदार बच्ची रही है। उसने अपने डैड की बात को ध्यान से सुना और बिना कोई बहस या गुस्सा किए उसने उस बात को एकसेप्ट कर लिया पर उसने साफ तौर पर कह दिया कि कोई और आपकी जगह नहीं ले सकते, मेरे लिए आप ही मेरे डैड हो और रहोगे। ये सब बातें नचिकेत और आस्था ने अपने दोस्तों से बिल्कुल नहीं छुपाई थी, शायद इसलिए ये दोस्ती कभी नहीं टूटी उल्टा और मजबूत हो गयी है।
क्रमश: