भक्त और भगवान का संबंध

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एक बार की बात है एक संत जग्गनाथ पूरी से मथुरा की ओर आ रहे थे उनके पास बड़े सुंदर ठाकुर जी थे । वे संत उन ठाकुर जी को हमेशा साथ ही लिए रहते थे और बड़े प्रेम से उनकी पूजा अर्चना कर लाड लड़ाया करते थे ।ट्रेन से यात्रा करते समय बाबा ने ठाकुर जी को अपनें बगल की सीट पर रख दिया और अन्य संतो के साथ हरी चर्चा में मग्न हो गए ।जब ट्रेन रुकी और सब संत उतरे तब वे सत्संग में इतनें मग्न हो चुके थे कि झोला गाङी में ही रह गया उसमें