स्त्री का सृजन

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ईश्वर ने स्त्री का सृजन किया, देवी स्वरूप में पूजे जाने के लिए? ममता का अमृत बरसाने के लिए? नहीं! औरत अस्तित्व में आई उसके पीछे भी ईश्वर रूपी पुरुष का अपना स्वांग था। पुरुष का पौरुष किस काम का अगर स्त्री ना होती उनसे प्रभावित होने के लिए। पुरुष अपनी उपलब्धियों के ढिंढोरे किसके सामने पीटते अगर स्त्री ना होती उनसे विस्मित होने के लिए। पुरुष का अहम इतना विशाल न होता अगर स्त्री ना होती रसूख जताने के लिए। रामायण में राम राजा कहलाए लेकिन सीता मां ही रह गईं। देवी स्वरूप होते हुए भी पुरुष प्रधान समाज