कविता में वक्त की महत्ता और झूठे वादों की चर्चा की गई है। वक्त बीतने पर कुछ लोग अपने वादे नहीं निभाते हैं और बदनाम गलियों में चले जाते हैं। कवि उन लोगों को चुनौती देता है, जो दूसरों की खुशियों को तबाह करते हैं और खुद को शोहरत के लिए प्रस्तुत करते हैं। वह समाज की कठिनाइयों और संघर्षों को उजागर करता है, जहां लोग रोजाना अपनी आबरू खोते हैं। कवि पूछता है कि ऐसे लोग बदनाम गलियों में बार-बार क्यों जाते हैं, जबकि उनकी असली शक्ति उन लोगों में है जो चुपचाप अपनी लड़ाई लड़ते हैं। अंत में, वह इस विचार पर जोर देता है कि असली ताकत उन लोगों में है, जो संघर्ष के बावजूद अपनी गरिमा बनाए रखते हैं। उस - बदनाम गलियों by Apurva Raghuvansh in Odia Poems 2 1.4k Downloads 6.8k Views Writen by Apurva Raghuvansh Category Poems Read Full Story Download on Mobile Description जो वक्त बीतने पर नहीं है आए आज कहते हैं कि हम वक्त पर है उनसे अब क्या उम्मीद रखें जो कसमें खाते हैं रोज आज भी वो झूठे वादे कर कर अपनी बदनाम गलियों में चले गए उन्हें लगता है कि हमें कुछ मालूम नहीं यह उनका नहीं वक्त का दोष है हमने उन्हें कभी बताया ही नहीं तूने बदनाम गलियों से हम वाकिफ बहुत हैं किस तरह रोज बिकती है दो रोटी पर आबरू रोज और कहते हैं कि वह बदनाम गलियां नहीं हमारे जीने का अंदाज है उनसे अब हम क्या कहे आपके जीने के अंदाज में कईयों घर रोज उजड़ जाते हैं कईयों की खुशियां मिट्टी में दफन हो जा More Likes This उस - बदनाम गलियों by Apurva Raghuvansh More Interesting Options Odia Short Stories Odia Spiritual Stories Odia Fiction Stories Odia Motivational Stories Odia Classic Stories Odia Children Stories Odia Comedy stories Odia Magazine Odia Poems Odia Travel stories Odia Women Focused Odia Drama Odia Love Stories Odia Detective stories Odia Moral Stories Odia Adventure Stories Odia Human Science Odia Philosophy Odia Health Odia Biography Odia Cooking Recipe Odia Letter Odia Horror Stories Odia Film Reviews Odia Mythological Stories Odia Book Reviews Odia Thriller Odia Science-Fiction Odia Business Odia Sports Odia Animals Odia Astrology Odia Science Odia Anything Odia Crime Stories