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रोकेन अध्याय - 1

किसी टीवी पर न्यूज़ चैनल में ..

" आज पुरे ३० दिन हो गए है इस वायरस को आधिकारिक रूप से अस्तित्व में दर्ज किये ,लेकिन फिर भी नहीं पता चला है की यह वायरस कैसे फैला ...

और इसी के चलते आज तक "96" लोगो की मृत्यु हो चुकी है और करीब करीब "2943" इस से संक्रमित हो चुके है, इससे आप अंदाजा लगा सकते है की यह वायरस कितना भयानक और जान लेवा है ।
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शौर्य कब से केमिस्ट्री लैब के बाहर मीरा की राह देख रहा था ।
और इतने में ही मीरा बाहर आयी , उसे आते देख कर ही शौर्य ने सड़ा हुवा मुँह बनाया । और दोनों ने हॉस्टल की और चलना शुरू किया .

"अगर इतनी ही तकलीफ होती है तो वेट क्यों करते हो जनाब ??" मीरा ने उसे छेड़ते हुवे कहा ..

मुँह फेर कर शौर्य ने कहा " ऐसा लगा आपको ?, अगर तकलीफ होती तो हम रोज नहीं आते .."

" तो प्रॉब्लम क्या है जनाब को ?? बता भी दो अब " मीरा ने कहा.

" अरे यार रोज का हो गया है अब तुम्हारा रोज रोज बोलकर थक गया हूँ क्यों इतनी देर तक लैब में घुसी रहती हो यार ,अब तो प्रोफेसर ने भी तंग आकर तुम्हे लैब की चाबी दे दी है . इतनी भी क्या पढाई की मुझसे भी न मिल पाओ " फ़्रस्टेशन में शौर्य ने उसे सुनाया .

मीरा ने उसका हाथ पकड़ा और शौर्य को अपनी और खींच कर बीच रस्ते में चुम लिया. और दो तीन मिनट तक दोनों एक दूसरे में खो गए .

किस ख़त्म होते ही शौर्य ने बोलने की कोशिश की लेकिन मीरा ने उसके होठो पर ऊँगली रख कर उसे चुप करा दिया , और उसे के सर से खुद का सर टिका कर कहा

" शौर्य तुम जानते हो यह कितना जरुरी है मेरे लिए , तुम जानते हो की मुझे तुमसे जितना प्यार है इतना ही प्यार इस पढाई से है .और तुम यह भी जानते हो की बस यही रास्ता है की जो हमे एक कर सकता है "

मीरा ने सर हटाया और शौर्य की आँखों में देखा .

कॉलेज का समय ख़त्म हो चूका था और वैसे भी छुट्टियों का माहौल था और आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स अपने घर जा चुके थे .

और पतझड़ के मौसम में चीन के रंगबेरंगी वृक्ष के फूल उस सुमसान रस्ते पर गिर रह थे, जैसे शौर्य और मीरा पर फूलो की बारिश हो रही हो . और फिर दोनों चुप चाप हाथ में हाथ लिए हॉस्टल की और चल दिए .
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चीन वुहान शहर की जिंगसू यूनिवर्सिटी में दोने की पढाई जारी थी . शौर्य MBBS की पढाई कर रहा था तो मीरा Pharmacy की. अब कॉलेज में वेकेशन का समय था पर मीरा ने कॉलेज से दूर चाइना गवर्मेंट की एक फार्मा कंपनी में इंटर्नशिप की तैयारी कर ली थी . और शौर्य भी रुक गया था ताकि वो पढ़ पाए और मीरा से हफ्ते में एक बार मिल पाए .
मीरा को आज निकल ना था इसी लिए शौर्य उसे मेट्रो स्टेशन आया था

मुँह लटका करकर शौर्य ने पूछा " जाना जरुरी है ?"
" हां , क्योंकि ऐसा मौका बार बार नहीं आता , समजे पागल लड़के. "

"सरकारी रिसर्च की इंटर्नशिप एक ही बार खुलती है पुरे साल में और अभी वेकेशन ले लिया तो यह इंटर्नशिप सीधे अगले साल कोर्स ख़तम होने के बाद मिलेगी और मुझे इतना वेट नहीं करना . पढाई ख़त्म होने के बाद मुझे तुम्हारे साथ रहना है हमेंशा " मीरा ने समजाते हुवे कहा .
इतने में मेट्रो आ गई दोनों ने गुड बाई किस किया और मीरा मेट्रो में बैठ कर चली गयी.


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चाइनीस गुप्तचर विभाग की सीक्रेट मीटिंग .

अधिकारी ने प्रोजेक्टर पर रिपोर्ट्स के साथ प्रेजेंटेशन देते हुवे कहा " सर जैसे की आप जानते है की हमारी इकॉनमी की हालत पिछले 25 वर्षो में सबसे बदतर रही है इस साल "

" जैसे की आप जानते है अमेरिका के साथ चल रही ट्रेड वॉर से हमे बहोत नुकसान हो रहा है और इसी की वजह से हमारे देश की इकॉनमी पर बहोत बुरा असर हो रहा है "

"इसके उभरने के लिए इंटेलिजेंस डिपार्टमेन्ट ने इकोनॉमिस्ट ,डिप्लोमैट्स और वैज्ञानिको के साथ मिल कर दो रस्ते तैयार किये है ."
....

"आपने दोनों रस्ते सुन लिए है , और अब हमारा डिपार्टमेंट आप से जानना चाहता है की आप कोनसा रास्ता चुनना चाहते है . आप सोच विचार कीजिये हम सब कल इस पर सब की राय लेंगे और जिस तरीके को बहुमत मिलेगी उसी पर सर्कार अमल करेगी " अफसर ने अपनी बात ख़त्म की और मीटिंग ख़त्म हो गयी .

लेकिन मीटिंग ख़त्म होते ही मीटिंग में बैठे सभी अधिकार , पदाधिकारी , बड़े बड़े मंत्री सब इन रास्तो को सुन कर खामोश हो गए और तंग चेहरे के साथ सभी एक एक कर मीटिंग रूम से निकल गए .

दूसरे दिन

सभी बड़े मंत्री, अधिकारी और पदाधिकारी मीटिंग में उपस्थित हो चुके थे , कुछ बहोत दृढ जवाब के साथ तो कुछ उलझन में थे. मीटिंग में घुसते ही इंटेलिजेंस हेड अफसर ने यह भाप लिया .

" जोशांग हो, आप सबका स्वागत है, आज फैसले का दिन है. फैसले के पहले कुछ लोग उलझन में है और काफी लोगो को सवाल है प्लीज पूछ लीजिये और अपनी उलझन दूर करे ताकि हम सब जल्दी से अपने फैसले की और आगे बढ़ पाए "
तभी एक अधिकारी ने हाथ खड़ा करते कहा " जी ,मुझे लगता है की यह दूसरे रस्ते की वजह से हमारा देश और हमारा परिवार भी खतरे में आ सकते है , इसका क्या जवाब है डिपार्टमेंट के पास ?"

हेड अफसर ने कहा " जी हमने इस लिए भी सारे इंतज़ाम कर लिए है की हम सब के परिवार सुरक्षित रहे , और रही देश की बात तो यह कदम देश के लिए भी जरुरी है , इस दूसरे रस्ते की वजह से देश की दो बड़ी समस्या का हल निकल आएगा और हमारा फिर से महासत्ता बनने की राह पर चल पड़ेगा और आप भूलिए मत हम सब यहाँ देश के लिए ही इकठ्ठा हुवे है "

" मुझे लगता है की अब आप सब की उलझने और सवाल ख़त्म हो गए होंगे , तो अब हम सब वोटिंग कर सकते है की कोनसा रास्ता बेस्ट है "

वोटिंग रिजल्ट्स

हेड अफसर " मुझे गर्व है हम सब पर की हमने अपने देश के लिए इतना बड़ा फैसला लिया है , मुझे भरोसा था की आप यह दूसरा रास्ता चुनेंगे और अपने देश को महान बनाएंगे "

अध्याय - 1 अंत.

जुड़े रहिए अगले अध्याय के लिए...