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LOVE AT FIRST SIGHT - 3

HOSTEL

होस्टेल लाईफ की बात ही कुछ ओर है | यहाँ हम सब कुछ कर सकते है |हां, यहाँ पर बोय्झ तो खुल के ईन्जोय करते ही है, बट लड़कियाँ ईनसेे दो कदम अागे ही रहती है | मैने भी पांच साल गुजारे है | होस्टेल के फ्रेन्डस, वो रोज की मस्ती, लडना-जगडना, वो सब एक याद बन कर रह जाती है |

BOY'S HOSTEL
"Laila main laila, aisi hoon laila
Har koi chahe mujhse milna akela" एक नमूना कानो मै हेडफोन लगाए हुए ओर जोर-जोर से सिन्गीन्ग करता गैलरी में चल रहा था |
"अबे, कोन, कुत्ता भौंक रहा है " रुम नं-2 की खीडकी के पास बुक लेकर बैठा हुआ प्रकाश चील्लाया |
"और कोन हो सकता है, वो अपनी - हम सबकी सनी ली.. " उसके क्लासमेट ने डोर से देखकर कहा |
वही उपर के फ्लोर पर

"क्यु, तेरे बाप की होस्टेल है, वो गंजा लीखवा के गया है "
"मेरे बाप के बारे मै ओर कुछ बोला तो साले, पूरे के पूरे बत्तीस बहार निकाल दूँगा , वो पीछे वोर्डन आया "
वो पीछे मुडा इतने मै वो बाल्टी छीन कर ले गया |पीछे तो कोई नहीं था |
"तेरे बाप को उल्लू बनाता है, तेरे बाप की तो ऐसी की तैसी करु "
"उसके बाप को गाली दे रहा है या खुद को " पीछे से आवाज आई |
" चल बे भो.... के "
ये उन दोनो का रोज का चलता |साले दोनो हर दिन एक टाईम पर नाहने के लिए जाते ओर रोज बाल्टी के लिए जगडते | उनको सब पीपी-पोटली कहते थे |हर बार वो पोटली फेंकता ओर वो पीपी बन जाता भा |
सबसे टोप फ्लोर पर सभी सीनियर रहते थे |उनकी पढाई के साथ नही बनती, वो सब जगडे करने मै, नशा करने मै, रेगींग करने मै, स्पोर्ट्स मै आगे होते थे |
ग्राऊन्ड फ्लोर पर सभी टोपर ओर पढाई वाले रहते थे | ये सब उन लोगों से दूर रहते थे ओर पढाई के अलावा किसी ओर बातों मे ध्यान नही लगाते थे | ईनका काम सिर्फ इतना था कि प्रोफेसर, प्रिन्सीपाल ओर वार्डन मे से कोई आए तो उन लोगों को ईन्फोर्म करना |
अादी ओर राहील बीच के फ्लोर पर रहते थे क्योंकि की उनको इन दोनों मे लगाव था | पढाई मे वो अेवरेज थे ओर ज्यादातक समय घूमने - फिरने ओर मस्ती मे बीताते थे | अादी का रूम नंबर 31 था |होस्टेल के रुल्स के हिसाब से से एक रूम मे दो या तीन से ज्यादा स्टूडन्ट नही रहते थे |

Room no :31
अादी बेड पर बैठे हुए उछल रहा था, वो एक बेड से दूसरे बेड पर गुलाटीयां लगा रहा था ओर राहील बुक्स इधर उधर कर रहा था |

"ओय, सुवर के बच्चे, मेरी बुक्स समेटने मे मदद कर "
"तुने मुझे सुवर का बच्चा कहा, गध्धे के बच्चे, अब तेरी खेर नही " आदी, राहील से मस्ती करने लगता है |
"रुक आदी, बुक्स फट जायेगी "
वो दोनो मस्ती करते-करते बेड पर लेट पडते है |

"अब हम आजाद है, जो चाहे वो करेंगे " उसने राहील की तरफ देखते हुए कहा |
"हा, चल अब खाने का टाईम हो गया " राहील ने चलते हुए कहा |

HOSTEL CONTAIN

"एक दीन मै इन को नंगा कर के मारूंगा "
"क्या हुआ रोनी, क्यु इतना गुस्सा कर रहा है "
" आजकल के कुत्ते मुझसे जबान लगाते है, सालो को खाना बनाना नही तो उसकी माँ फडाने के लिए बनाते हैं "
" मुझे लगता है इस वोर्डन को ही निकाल देना चाहिए, अपना पेट भर-भरके भैसे जैसा हो गया है " शनी ने अपना पोईन्ट रखा |
"अब तक साले को निकाल दिया होता बट इन सब चुतीयो की फटती है कहने मै "राजू हाथ मे डिश लेकर आते हुए बोला |
सभी सुनकर चले जा रहे थे क्योंकि किसी को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता था |
"मै अंडा नही खाता, ये वापस रख लीजिए "
"हां, मुझे भी ये मीठाई से एलर्जी है, ये मुझे नही चाहिए "
"क्यू नही चाहिए, मुझे मिठाई पसंद है मुझे देदे " राहील ने आगे जाकर मिठाई छीन ली |
"हां यार, ए अंडा है ना हर बार मुझे दे देना " अादी मुस्कुराकर अंडा ले लिया |
राहील ओर आदी जोर-जोर से हसने लगे |
"ये खाना थोडी फ्री मै आता है ब्रो, उसे एसे ही मत जाने दो " राहील बोला
"अजीब लोग है ये दोनो " उसने कहा
"ये दो अंडे की किमत तुम क्या जानो रमेश बाबू "अादीने डिश के साथ टर्न लेकर डायलौग चिपका दीया |
होस्टेल मे सब जोरूसे हसने लगे .........continue


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