Aadmi ka shikaar - 14 books and stories free download online pdf in Hindi

आदमी का शिकार - 14


"नुप्पू, सुरंग तो ढे़र लम्बी निकली."मनकी ने नूपर को बताया.
"कितनी लम्बी?"नूपर ने पूँछा.
"बहुत लम्बी. एकदम जंगल में जाकर खुली."
"तुम मुझे वहां ले चलो."
"चलो."
"मैं भी तुम्हारे साथ चलूं?"योका ने नूपर से पूँछा.
"नहीं ,तुम अभी आराम करो.हम दोनों जा रहे हैं."नूपर ने कहा.
"मनकी ध्यान से जाना.'योका ने हिदायत दी.
"तुम बेफिक्र रहो."कहते हुए मनकी नूपर को लेकर चल दी.
"मनकी ,तुमने अपने बापू से सुरंग के बारे में तो नहीं पूँछा."
"नहीं, हां,मानव धड़ के बारे में पूँछा था."
"क्या बताया?"नूपर उसके पास आते हुए बोली.
"यही कि देवता गायब कर देती है."
"मनकी ,तुम्हें विश्वास है कि देवता गायब कर देता है.?"
"सुरंग को देखकर तो नहीं."मनकी सोचते हुए बोली.
मनकी नूपर को लेकर जंगल में पहुंच गई थी.तभी नूपर ने मनकी का हाथ पकड़कर झाड़ी के पीछे खींच लिया. मनकी ने प्रश्न सूचक दृष्टि से नूपर की ओर देखा.
"वहां झाड़ी के पीछे देखों."
"अरे,यह तो बापू है. यही तो सुरंग खुलती है."मनकी बोली.
"साथ में कौन है?"नूपर ने झाड़ी के पीछे छिपते हुए आगे बढ़कर कहा.
"मैं नहीं जानती."मनकी दबे पाँव नूपर के साथ चल रही थी.
"यह बस्ती के लोग तो हैं नहीं."देवता भाई के पास खड़े दो युवकों को देखकर नूपर ने कहा.
"हां,आसपास की बस्तियों के लोग भी नहीं है"मनकी ने बताया.
"बिना आवाज किये जल्दी चलो."कहते हुए नूपर पंजों के बल तेजी से आगे दौड़ गई.
मनकी भी उसी की तरह दौडते हुए नूपर के पास पहुंच गई.
अब देवता भाई इन लोगों से कुछ ही दूरी पर रह गया था. नूपर पेट के बल चलती हुई देवता भाई की ओर बढ़ने लगी.मनकी भी उसका अनुसरण कर रही थी. देवता भाई के पास पहुंच कर नूपर और मनकी झाड़ी के पीछे छिप गईं. यहां से देवता भाई साफ दिखाई दे रहा था. उसकी आवाज भी स्पष्ट सुनी जा सकती थी. देवता भाई के पास खड़े युवकों में एक विदेशी लग रहा था. इसने लाल रंग की शर्ट पहनी थी.
"और मानव धड़ का इंतजाम करो."काले नाटे युवक ने कहा. यह भारतीय लग रहा था.
"अभी तो जश्न हुआ है. और धड़ कहां से मिल जायेंगे."देवता भाई बोला.
"लो,यह दारु पकड़ो.आज से आंठवे दिन मानव धड़ लेने आऊंगा."नाटा आदमी बोला.
"लेकिन, इतनी जल्दी."देवता भाई परेशान होकर बोला.
"अरे,पास के कबीले पर हमला कर वा दो .लाशें गायब कर देना."विदेशी युवक ने सुझाव दिया.
"लेकिन, सरदार इसके लिए तैयार न होगा."देवता भाई ने चिंता व्यक्त की.
"कह देना. देवता ने हुक्म दिया है. काम होने पर तुम्हें और जायदा शराब मिलेगी."काले नाटे युवक ने उकसाया.
"यह ठीक है."देवता भाई प्रसन्न होकर बोला.
"याद रहे, आज से आठवें दिन धड़ लेने आऊंगा."विदेशी युवक बोला.
"ठीक है."देवता भाई ने सिर हिलाकर कहा.
दोनों युवक जंगल के दायीं तरफ चल दिये. नूपर छिपते हुए उन युवकों का पीछा करने लगी.मनकी उसके साथ चल रही थी.
युवक जंगल के बीच एक खुले मैदान में पहुंच गये. नूपर यह देखकर आश्चर्य चकित रह गई. एक हेलीकॉप्टर खड़ा था..नूपर ने आगे तक उनका पीछा करना चाहां. लेकिन यह यह सम्भव न था .खुला मैदान में पकड़े जाने का डर था.
नूपर की आँखों के सामने ही दोनों युवक हेलीकॉप्टर में बैठकर उड़ गये.
"अरे,यह तो आसमान में उड़ गये."मनकी आश्चर्य से चिल्लाई.
"हां,यह हेलीकॉप्टर में बैठकर उड़ गये."नूपर बोली.
मनकी अभी भी आश्चर्य से आसमान में उड़ते हेलीकॉप्टर को देख रही थी.
"चलो,मनकी."नूपर ने मनकी के कंधे पर हाथ रखकर कहा.
वापस जाते हुए दोनों सोच में डूबी हुई थी. मनकी देवता भाई और हेलीकॉप्टर के बारे में सोच रही थी.नूपर उन विदेशी युवकों के बारे में.

क्रमशः