60 Days - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

60 डेज - 2

भाग 2 पिछले अंक में आपने पढ़ा संजय शादी के कुछ वर्षों बाद उसके ऑफिस में उसके साथ पढ़ने वाली लड़की ने ज्वाइन किया , अब आगे पढ़िए। ...


कहानी - 60 डेज

इसके बाद करीब एक साल तक कमला की गृहस्थी ठीक चली पर उसके बाद उसने महसूस किया कि संजय उसके प्रति कुछ उदासीन रहने लगा . पहले की तरह लिखना और साथ बैठ कर गुनगुनाना तो दूर की बात थी . वीकेंड में ऑफिस से लौटते समय अक्सर तृषा भी संजय के साथ आने लगी . दोनों देर तक हंसी मजाक करते और ज्यादातर संजय उसे छोड़ने जाता तो देर रात लौटा करता . कुछ महीने बाद एक दिन संजय बोला “ मुझे अगले सप्ताह टूर पर टोक्यो जाना है . इस बार तृषा भी साथ जा रही है . “


“ उसे क्यों ले जा रहे हो , अपनी ख़ुशी के लिए ? “


“ क्या बकती हो ? मैनेजमेंट भेज रही है , मेरे लिए या क्लाइंट की ख़ुशी लिए , जा कर एम डी से पूछो . वैसे तुम्हें याद होगा , उसने जापानी भाषा सीखा है . इसलिए उसे यह मौका मिला है . “


“ और कौन कौन जा रहे हैं ? “


“ सिर्फ हम दोनों . “


“ समझ गयी . “ व्यंग्यात्मक लहजे में कमला ने कहा


“ तुम्हें जो समझना है समझो , मुझे नौकरी करनी है तो मैनेजमेंट का आर्डर मानना ही होगा . वैसे तुम भी चाहो तो अपने पर्सनल खर्चे पर हम साथ चल सकते हैं . पर मुश्किल लग रहा है , तुम्हें बाद में पीछे से आना होगा क्योंकि इतनी जल्दी शायद वीजा न मिले . मेरा पुराना वीजा अभी वैलिड है . “


“ नहीं मैं नहीं जा सकती हूँ , वर्षा का स्कूल भी खुला है और मेरी तबीयत फिर कुछ ठीक नहीं है . “


“ मैंने कितनी बार तुम्हें स्पेशलिस्ट से दिखाने को कहा है पर तुम अपना नीमहकीम इलाज छोड़ने को तैयार नहीं हो . लौट कर आता हूँ तब मैं भी डॉक्टर के पास साथ चलूँगा . “


इसी बीच संजय जब टूर पर था कमला की तबीयत और बिगड़ने लगी . वह स्पेशलिस्ट के पास गयी .


डॉक्टर ने फिजिकल पेल्विक एग्जाम के बाद पूछा “ ऐसा कितने दिनों से हो रहा है ? “


“ करीब चार साल से . “


“ आपकी फैमिली में इस तरह की बीमारी रही है ?

“ हाँ , मैंने मम्मी को भी ऐसा देखा था . पर मेरी शादी के बाद सुना है कि उनकी कुछ सर्जरी हुई थी और वे ठीक हो गयी थीं .


“ और अब तक आप चुप रहीं , किसी स्पेशलिस्ट के पास नहीं गयीं ? “


“ नहीं , पर जब तकलीफ ज्यादा होती थी तब मैं डॉक्टर से फोन पर बात कर के दवा ले लेती थी . “


“ आपके हस्बैंड को इस बारे में पता है ? “


“ पूरी डिटेल्स तो वे नहीं जानते पर कभी जब तबीयत ख़राब होती थी तब उन्हें कुछ बताती और कुछ छिपा भी लेती थी .वे अपने काम में ही बहुत बीजी रहते हैं और अक्सर टूर में जाते रहते हैं . मैं उन्हें ज्यादा परेशान नहीं करना चाहती हूँ . “


“ आपने ठीक नहीं किया है . आपको भी मम्मी की तरह पहले ही स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करना चाहिए था . “

आपने बहुत बड़ी भूल की है और आने में देर कर दिया है . अभी मैं कुछ नहीं बोल सकती , कुछ दवा लिख रही हूँ . आपका ब्लड टेस्ट और सी टी स्कैन की रिपोर्ट देखने के बाद बात करती हूँ . आप ये टेस्ट्स आज कल में करा लीजिये , चाहें मेरे यहाँ भी करा सकती हैं . “


तीन दिनों बाद कमला डॉक्टर से मिलने गयी तो वह बिगड़ कर बोली “ आपलोग पढ़ी लिखी हो कर गैरजिम्मेदाराना हरकत करती हैं . “


“ क्या हुआ ? “


“ मैं तो पहले दिन ही समझ गयी थी . आपके सारे रिपोर्ट्स देखने के बाद मैं अब कह सकती हूँ कि आपको ओवेरियन कैंसर का लास्ट स्टेज है . शुरू में आप आतीं तो आसानी से इसका उपचार हो जाता . मैंने कैंसर स्पेशलिस्ट को फोन कर दिया है , आप फौरन जा कर उनसे मिल लें . आप अपने हस्बैंड को भी साथ ले लें . “


“ वे बाहर गए हैं , दो दिन बाद लौट रहे हैं . उनके आने के बाद डॉक्टर से मिल लूंगी . “


“ आप अभी तुरंत जा कर उनसे मिलिए , बाद में मिस्टर के साथ भी मिल लेंगी . पर अभी देर न कीजिये . “


कमला वहां से निकल कर सीधे कैंसर स्पेशलिस्ट से मिली . वह भी बिगड़ते हुए बोला “ मैंने भी आपकी रिपोर्ट देखी है . आपको चार साल से तकलीफ है और आप नजरअंदाज करती रहीं हैं . आपको ओवेरियन कैंसर का लास्ट स्टेज है . आपको पता है कि ओवेरियन कैंसर साइलेंट किलर है . “


“ लास्ट स्टेज का मतलब ? अब और कितने साल रहने की उम्मीद है . डॉक्टर प्लीज , आप निःसंकोच बोलें क्योंकि उसी के अनुसार मुझे जिंदगी के कुछ अहम फैसले लेने होंगे . “


“ आई ऍम सॉरी , फ्रैंकली कहूं तो ज्यादा से ज्यादा तीन महीने . “


कमला की आँखें देर तक डॉक्टर पर टिकी थीं . डॉक्टर ने कहा “ देखिये निराश न हों हालांकि अब कुछ ख़ास नहीं किया जा सकता है , मैं टार्गेटेड ड्रग थेरिपी दे रहा हूँ . बाकी खुश रहें . अपने हस्बैंड के साथ आ कर मिलें , उन्हें भी ठीक से समझा दूंगा . “


तीसरे दिन संजय टूर से लौट कर आया तो बहुत खुश था . उसने कमला से कहा “ कंपनी का काम हो गया , तृषा का जाना अच्छा रहा . उससे क्लाइंट भी बहुत खुश थे . “


“ मैं जानती हूँ क्लाइंट की ख़ुशी के लिए उसका जाना जरूरी था , हैं न ? और तुम्हें भी खुशी हुई होगी . “


“ क्यों नहीं डील फाइनल कर लौटा हूँ . “


“ बस , और कोई बात नहीं है ? “

“ तुम्हारा ईशारा मैं समझ रहा हूँ , मेरा मूड अब ख़राब न करो . “


कमला संजय से नाराज थी , उसने बीमारी की बात जान बूझ कर उससे छुपा लिया . पिछले कुछ महीनों से वह संजय की रात की मांग पूरी नहीं कर सकी थी . अब तो यह असंभव हो गया था . संजय और तृषा के बीच अब कोई दूरी नहीं रह गयी थी . सप्ताह में एक दो दिन रात में वह तृषा के यहाँ रुक जाता . जापान से लौटे अभी एक महीना ही हुआ था कि संजय और कमला में तृषा को ले कर रोज झगड़े होने लगे . कुछ ही दिनों के बाद झगड़ा इतना बढ़ गया कि संजय ने कमला पर हाथ उठा दिया , वह गिर पड़ी . वर्षा बेटी भी सब देख रही थी .


कमला ने कहा “ अब बहुत हुआ , अब तुम्हारे साथ मैं नहीं रह सकती हूँ . जब से तृषा यहाँ आयी है , मैं तुम्हारा नाटक देख रही हूँ . मैं वर्षा को ले कर कुछ दिनों के लिए भाई के पास चली जाऊंगीं . गर्मी की छुट्टी भी होने वाली है . “


“ और मैं भी नहीं . मैं कुछ दिनों से सोच ही रहा था तुमसे तलाक लेने के लिए . मैंने पेपर्स भी तैयार करा लिए हैं . “


“ अच्छा तो अब तुम तृषा के साथ रहने जा रहे हो ? क्या यह तुम्हारा आखिरी फैसला है ? “


“ हाँ . “ बोल कर उसने अपने ब्रीफकेस से डिवोर्स पेपर निकाल कर कमला को दिया .


“ एक बार फिर से सोच लो . “


“ बहुत सोचने के बाद मैंने फैसला लिया है . “


“ ओके . मुझे मंजूर है पर तुम्हें मेरी दो शर्तें माननी होंगी . “


“ क्या ? “


कमला ने मन में सोचा कि अब उसके पास मुश्किल से 60 डेज बचे हैं . फिर बोली “ पहली शर्त कि आने वाले 60 दिनों तक तुम ऑफिस से रोज सीधे घर आओगे . तृषा के साथ तुम्हें जैसे भी रहना है ऑफिस में रह लेना , उसके बाद सीधे घर आना . दूसरी शर्त यह है कि वीकेंड में हम तीनों तुम्हारे लिखे गीत गाएंगे . अगर कोई नया गीत लिख सको तो और भी अच्छा है “


“ ये क्या शर्त हुई ? “

क्रमशः