Risky Love - 26 books and stories free download online pdf in Hindi

रिस्की लव - 26



(26)

नफीस सहारा देकर शाहीन को वॉशरूम तक ले गया। उसके बाद बाहर खड़ा होकर इंतज़ार करने लगा। वह शाहीन को हॉस्पिटल से अपने घर ले आया था। उसकी अम्मी ने जो कहा था उसके बाद शाहीन भी यही चाहती थी।‌ नफीस उसकी पूरे मन से देखभाल कर रहा था। शाहीन ने अंदर से आवाज़ दी। नफीस सहारा देकर उसे बाहर ले आया।
शीरीन को हॉल में सोफे पर बैठाने के बाद वह चाय बनाने के लिए किचन में चला गया। चाय बनाते हुए उसका ध्यान विनोद की बताई हुई बात पर था। विनोद ने उसे बताया था कि अंजन भारत लौट आया है। उसने एंथनी से मुलाकात भी की थी। विनोद ने इसी सिलसिले में उसे फोन करके घर के पास वाले रेस्टोरेंट में मिलने की इच्छा जताई थी। वह सोच रहा था कि जब कुक खाना बनाने आएगी तब जाकर मिल लेगा।
नफीस चाय कप में डालकर हॉल में आया तभी कॉलबेल बजी। उसने जाकर दरवाज़ा खोला तो नाज़नीन थी। वह अक्सर हालचाल लेने के लिए आती थी। नाज़नीन ने अंदर आकर शाहीन का हालचाल पूछा। नफीस ने अपनी चाय उसे दे दी। दोनों बहनें बातें कर रही थीं। नफीस को ‌विनोद से मिलने का यही सही मौका लगा। उसने नाज़नीन से कहा,
"मुझे ज़रूरी काम से कुछ देर के लिए बाहर जाना है। क्या तुम कुछ देर रुक सकती हो ? मैं जल्दी ही लौट आऊँगा।"
"आप निश्चिंत रहिए। मैं आपके आने के बाद ही जाऊँगी।"
नाज़नीन से आश्वासन पाकर नफीस ने फौरन विनोद को फोन करके रेस्टोरेंट आने के लिए कहा। कुछ ही देर में तैयार होकर वह भी निकल गया।

कुछ ही देर में विनोद रेस्टोरेंट पहुँच गया। उसने अपने लिए एक कोल्ड ड्रिंक मंगाया। एक सिप लेने के बाद बोला,
"सर...एक बात पता चली है जो हमारे काम की हो सकती है।"
"क्या पता चला है ?"
"सर... दर्शन वशिष्ठ छुट्टी पर कहीं चला गया है। मुझे लगता है कि इसका कारण अंजन का केस है। शायद वह उसके डर से ही कहीं चला गया है।"
यह खबर सुनकर नफीस कुछ सोच में पड़ गया। कुछ पलों के बाद बोला,
"हो सकता है कि दर्शन अंजन पर हमला करने वालों के इशारे पर काम कर रहा हो। इसलिए अंजन ने एंथनी को दोबारा उसके पीछे लगाया होगा।‌ इसी सिलसिले में अंजन एंथनी से मिला होगा। तुम्हें कुछ पता चला कि एंथनी और अंजन के बीच क्या बातें हुई थीं ?"
"नहीं सर..…"
"मैं भी इन दिनों अपनी उलझनों में फंसा हूँ। उसके बाद चैनल का काम। इस केस पर जो भी जानकारी मिल रही है तुम्हारे ज़रिए ही मिल रही है।‌ तुम ‌कोशिश करो कि एंथनी से मुलाकात कर कुछ पता कर सको।"

विनोद ने अपना कोल्ड ड्रिंक समाप्त करते हुए कहा,
"सर पूरी कोशिश करूँगा।"
"हालांकि एंथनी बहुत चालाक है। जल्दी सही बात नहीं बताएगा। तुम उस पर नज़र रखो। अपने हिसाब से बातें पता करने की कोशिश करो।"
"ओके सर। मैं अपने हिसाब से एंथनी पर नज़र रखूँगा। वैसे भाभी जी कैसी हैं ?"
"ठीक है। पैर में प्लास्टर है। अभी उसे उसकी बहन के साथ छोड़कर आया हूँ। अब चलता हूँ। आगे कुछ भी पता चले तो बताना।"
नफीस और विनोद एक साथ ही रेस्टोरेंट से निकल गए।


अंजन अपने कमरे में बैठा शराब पी रहा था। वह बहुत गुस्से में था। दर्शन वशिष्ठ ने उसके साथ धोखा किया था। वह दिखावे के लिए उसकी मदद कर रहा था। पर वास्तव में मानवी और निर्भय के साथ मिलकर उसे बेवकूफ बना रहा था। आज तक किसी की भी हिम्मत अंजन के साथ ऐसा करने की नहीं हुई थी। इसलिए दर्शन की यह हिमाकत उससे बर्दाश्त नहीं हो रही थी। उसने ‌अपने आदमियों को दर्शन की खोज में लगा दिया था।
वह चाहता था कि दर्शन को उसके किए की उसी तरह सज़ा दे जैसे तरुण काला को दी थी।‌ यह बात उसे नश्तर की तरह चुभ रही थी कि दर्शन ने उससे पैसे ऐंठकर उसे धोखा दिया।
दर्शन के अलावा मीरा का कोई पता ना चलना भी उसे परेशान किए हुए था। इतने दिनों से मीरा का कोई पता नहीं चला था।‌ सागर ने उससे बात करते ‌समय मीरा का ज़िक्र आने पर जिस तरह रिएक्ट किया था अंजन को अजीब लगा था।‌ तब‌ उसे लगा था कि सागर की उस प्रतिक्रिया के कुछ मायने हैं।‌ उसने सागर से पूँछा भी था। पर उसने बात टाल दी थी। पर अब उसके अपने दिमाग में मीरा को लेकर बहुत कुछ चल रहा था।
उस दिन उसके शिमरिंग स्टार्स जाने की बात पंकज के अलावा उसे भी ‌मालूम थी। पर उसका दिल ‌इस बात पर यकीन करने को तैयार नहीं था ‌कि मीरा ने उसके दुश्मनों को उसके वहाँ होने की बात बताई होगी। वह अपने दिल को समझाता था कि ऐसा नहीं ‌है। मीरा भी उसे वैसे ही चाहती है जैसे वह उसे चाहता है। वह उसके प्यार को छल नहीं सकती है।‌
वह अपने दिल को तर्क देता था कि अगर मीरा को उस पर हमला करवाना होता तो वह खुद वहाँ क्यों होती। हमला होने पर वह भी घबराई हुई थी। अगर उसे पहले से पता होता तो वह खुद को बचाकर वहाँ से भाग गई होती। पर उस हमले से वह खुद हतप्रभ थी।
वह अपने मन को समझाता तो था पर दूसरी ओर उसका दिल मीरा को गुनहगार बताने के लिए अपने तर्क रख रहा था। पंकज की कैद से जब वह उसे छुड़वा कर लाया था तब मीरा का अचानक उस पर ‌धोखा देने का इल्ज़ाम लगाकर चले जाना उसे समझ नहीं आया था। इस समय वही बात उसके मन में शक पैदा कर रही थी।‌ मीरा की तरह मानवी और ‌निर्भय‌ का लंदन से संबंध होना और उसका लंदन में ना होना भी शक पैदा कर रहा था।
मीरा ही वह लड़की थी जिसे अंजन ने सच्चे दिल से प्यार किया था। इसलिए अपने मन में उठने वाले सारे शकों को वह नकारने की पूरी कोशिश करता था। अपने दिल को समझाता था कि मीरा बिल्कुल भी वैसी नहीं है जैसा उसका दिल कह रहा है।
लेकिन हर बीतते दिन के साथ उसका मन घबरा रहा था कि कहीं उसका शक सच ना हो जाए।


मीरा बाहर बरामदे में हंग चेयर पर बैठी थी।‌ उसका चेहरा मुर्झाया हुआ था।‌ उसके मन में एक डर था। वह जानती थी कि सच्चाई पता चलने पर अंजन को बहुत धक्का लगेगा। पर वह धक्का उसे तोड़ने की जगह उसके गुस्से को और बढ़ा देगा। अंजन के अपने लिए प्यार की गहराई को उसने महसूस किया था। अंजन के स्वभाव से भी वह परिचित थी। जानती थी कि उसे शिद्दत से चाहने वाला अंजन उसके धोखे को बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। पर दूसरे आशिकों की तरह वह खुद को नुकसान नहीं पहुँचाएगा। बल्की हर एक बात का सूद समेत बदला लेगा।
अचानक ही उसका मन घबराने लगा। वह उठकर भीतर अपने कमरे में जाकर लेट गई। उस दिन अंजन से झगड़ा करने के बाद वह लंदन ना जाकर यहाँ आ गई थी। जब पंकज की कैद से छूटने के बाद वह उसके बंगले पर पहुंँची थी तब अंजन ने उसकी सुविधा का जिस तरह खयाल रखा था उसे देखकर वह समझ गई थी कि अंजन उसे कितनी गहराई से चाहता है। उसे बहुत अच्छा लगा था। उस पल उसके मन में आया था कि वह सबकुछ भूलकर अंजन की हो जाए।
पर जिस तरह अंजन ने अपने पुराने साथी पंकज को उसके धोखे के लिए सज़ा दी थी वह घबरा गई थी। धोखा तो उसने भी अंजन को दिया था। उस पर बीच हाउस में हुए हमले का कारण वही थी। यह बात मन में आते ही वह डर गई थी। उसे यही सही लगा कि वह अंजन से दूरी बना ले। वह बातें छिपाने का बहाना करके उसके घर से चली आई। लेकिन वह जानती थी कि असलियत तक पहुँचने में अंजन को अधिक समय नहीं लगेगा। इसलिए वह वापस लंदन नहीं गई।
उसने लालच में मानवी और निर्भय की मदद की थी। तब वह अंजन के अपने लिए प्यार को सही तरह से समझ नहीं पाई थी। अब वह अपने उस फैसले पर पछता रही थी। उसे लगता था कि मानवी और निर्भय का साथ देने की जगह अंजन का साथ देना उसके लिए सही होता।
मानवी और निर्भय के कहने पर उसने अंजन से दोस्ती बढ़ाई। भारत जाकर कुछ दिन उसके घर पर रही। वह मानवी और निर्भय को अंजन की हर बात की खबर देती थी। जब अंजन ने रिज़ॉर्ट की भूमि पूजा के लिए मीरा को भारत बुलाया था तब मानवी और निर्भय भी भारत आए थे। वह चाहते थे कि अंजन से बदला लेने का मौका तलाश रहे थे।‌ अंजन मीरा को पहले भी कई बार अपने बीच हाउस शिमरिंग स्टार्स पर ले जाने की बात कर चुका था।‌
उस शाम जब मीरा बीच हाउस में जाने के लिए तैयार हो रही थी तब मानवी का उसके पास फोन आया था। मीरा ने मानवी को बताया कि वह अंजन के साथ उसके बीच हाउस पर जा रही है।
मीरा को इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि मानवी और निर्भय अपना बदला लेने के लिए बीच हाउस पर हमला कर देंगे।‌ वह तो बड़े इत्मीनान के साथ अंजन के साथ थी। जब अंजन ने उसके सामने अपने प्यार का इज़हार किया तो वह कुछ देर के लिए भावनाओं में बह गई थी। उस समय उसके दिमाग में विचार आया था कि वह अंजन को मानवी और निर्भय के बारे में बता देगी। लेकिन जब अंजन उसे अंगूठी पहना रहा था तब अचानक गोली चली। उस समय उसे खयाल आया कि यह हमला मानवी और निर्भय ने कराया होगा। वह घबरा गई थी। अंजन ने उसे हिफाज़त में लेकर आत्मरक्षा में गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
पंकज के आने पर अंजन ने अपनी परवाह ना करके उससे कहा कि वह मीरा को अपने साथ ले जाए। तब मीरा को अपने लिए उसकी फिक्र का अंदाज़ा लगा था। उसे इस बात का बुरा लगा था कि उसकी वजह से ही अंजन मुश्किल में है। लेकिन तब किसी भी बात के लिए समय नहीं था। पंकज उसे लेकर वहाँ से चला गया। उसने सोचा था कि उसे सुरक्षित कहीं पहुँचाने के बाद पंकज अंजन की मदद के लिए जाएगा। पर उसके इरादे ही अलग थे। वह मीरा को किडनैप करके ले गया।
तब मीरा के मन में आया था कि शायद हमला पंकज ने ही करवाया हो। पंकज की कैद से छूटने के बाद साफ हो गया कि हमला मानवी और निर्भय ने किया था। पंकज का हश्र देखकर वह घबरा गई थी।
अंजन से बचकर यहाँ आ गई थी।