Wo Ankahi Baate - 16 books and stories free download online pdf in Hindi

वो अनकही बातें - 16


तुम्हारी जो जो चाहत है मैं पुरा करूंगा । और अब आगे।।




शालू ने कहा मुझे कुछ नहीं चाहिए सोमू मैं तुम्हारे साथ जीना चाहती हुं।
समीर ने हंस कर कहा अरे बस इतना ही।।
तुम एकदम ठीक हो जाओ फिर हम वापस जाएंगे।
शालू ने कहा हां मुझे अब यहां नहीं रहना है।


समीर ने कहा हां मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं कि तुम्हें जल्दी से छुट्टी मिल जाए।

शालू ने कहा हां कहीं हमेशा के लिए छुट्टी हो गई तो?

समीर ने कहा ऐसा मैं होने नहीं दुंगा हमें अब कोई अलग नहीं कर सकता है।


शालू ने कहा मैं कुछ देर आराम कर लूं। समीर ने कहा हां, जरूर।

फिर समीर बाहर आ गया और रोने लगा।


वहां से कैंटिन जाकर कुछ नाश्ता किया और फिर शालू के डा के पास जाकर मिटिग करने बैठ गया।


तीन घंटे तक मिटिग हुई और समीर वहां से शालू के पास जाकर देखा तो शालू सो रही थी।


असहनीय वेदना से बचने के लिए नींद का इंजेक्शन दिया जाता था शालू को।


समीर ने हंस कर बोला हे भगवान शालू ने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा पर उसको ये सिला दिया।।
उसकी लम्बी उम्र की दूआ करता हूं।दो केमो थेरेपी होने के बाद ही मैं उसे इंडिया ले जाऊंगा।


कुछ देर बाद ही शालू उठ कर अंगराई लेने लगी।


समीर ने कहा मैडम को बहुत दिनों बाद ऐसे अंगराई लेते हुए देखा।


शालू ये सुनकर कर शर्मा गई और फिर बोली जाओ मुझे शरम आती है।


समीर ने कहा चलो थोड़ा बाहर घुमाता हुं।


फिर शालू को वील चेयर पर बैठा कर समीर बाहर घुमाने लगा और फिर शालू बोली सोमू मुझे अपने घर ले चलो।


समीर ने कहा हां मैम बस ही ले जाऊंगा और कुछ दिनों की बात है।


शालू ने कहा नहीं नहीं मुझे और ये दर्द नहीं सहन होता है।ये तकलीफ़ मुझे जीने नहीं देंगे।

समीर ने कहा इतना सा भरोसा नहीं है मेरे ऊपर।


शालू ने कहा खुद से ज्यादा भरोसा है सोमू।
समीर ने कहा हौसला रखो मेरी जान अब दुनिया की कोई भी ताकत हमें अलग नहीं कर सकता है।


शालू ने कहा मुझे ठंडी लग रही है मुझे अपनी बाहों में भर लो सोमू।


समीर हंस कर बोला अरे शालू बोली भी तो कहा बोली, अस्पताल में चलो अन्दर चलते हैं



फिर अन्दर आकर शालू को बेड पर लिटा दिया और फिर उसके हाथों को अपने स्पर्श से सहलाने लगा और फिर धीरे धीरे शालू सो गई।


समीर बाहर आ कर अपने आंसुओं को बहने दिया।

फिर वहां से कैंटिन जाकर चाय और कॉफी साथ में समोसे भी मंगवाया और खाकर कुछ फोन कोल किया और फिर शालू के रूम में जाकर कर बैठ गए।


शालू एक छोटी सी बच्ची की तरह हो रही थी और फिर थोड़ी सी आहट पर वो उठ गई।


शालू ने आंख मलते हुए कहा सोमू तुम गए नहीं?


समीर हंस कर बोला अरे मैं कहां जाऊं तुम्हें छोड़ कर,अब ना कहना कहीं भी जाने को क्योंकि अब कहीं जाऊंगा तो तुमको साथ लेकर ही जाऊंगा।
शालू ने कहा हां मेरा मतलब आराम नहीं करोगे?

समीर ने कहा कि मैं कुछ सोच रहा था।

शालू ने पूछा ऐसा क्या सोच रहे थे?

समीर ने कहा एक वादा दे दो,उसे पुरा करो। शालू ने पूछा क्या?

समीर ने तुम्हें दुल्हन के जोड़े में देखना चाहता हूं।
शालू ने कहा पता है वो जब तुम लखनऊ आए थे और मेरे लिए बहुत कुछ रख कर गए थे वो सब कुछ मैंने आज तक सम्हाल कर रखा है।

समीर ने पूछा अच्छा पर कहा?


शालू ने कहा वो देखो मेरे सिरहाने जो अलमारी है ना वहां पर है।



समीर तुरंत गया और फिर अलमारी खोली तो वहीं बैग दिखा और वो निकला तो देखा उसने एक लाल रेशमी बनारसी साड़ी चुन्नी, गहने,लाल चुडिया, और एक डिब्बी सिन्दूर।
समीर ने देखते ही कहा बस मेरा काम तो हो गया।
शालू ने कहा पता है सोमू जब तुम ये सब दे कर चले गए और मैं रो रही थी तो रानो बुआ ने मुझे कहा कि देख समीर ने आज वो कर दिया है जो कोई ना कर सका,आज से तू उसकी अमानत है भले ही वो तेरी मांग नहीं भर पाया पर उसने ये सिन्दूर की डिब्बी देकर तुझे वो हक दे गया है। जाने अंजाने ही सही उसने सिन्दूर तेरे लिए लेकर आया ना , ये सिर्फ एक पति ही अपने पत्नी के लिए सिन्दूर ला सकता है।


फिर ये कहते हुए शालू रोने लगती है और समीर उसे अपनी बाहों में भर लेता है।


समीर ने कहा हां शायद भगवान भी यही चाहते हैं कि हम दोनों को एक होना चाहिए। अब मैं एक पंडित से बात करता हूं।


फिर रात को अचानक शालू को दर्द शुरू हो जाता है फिर नर्स उसे इंजेक्शन देती है और फिर शालू सो जाती है।

समीर बाहर आ कर एक पंडित से बात करता है और एक अच्छा मुहूर्त देखने को बोलते हैं।


कुछ देर बाद फिर समीर को पंडित जी का फोन आता है तो एक अच्छा मुहूर्त देख कर बोलते हैं महीने की २६ तारीख।


समीर बहुत खुश हो कर फोन रख देता है।
फिर विकास का फोन आता है तो सब बताया कि कैसे क्या हुआ।

फिर समीर कैंटिन में जाकर परांठे, सब्जी खाता है।


उसके बाद वो फिर शालू के कमरे में जाकर बैठ जाता है और शालू को देखते देखते उसकी आंख लग जाती है और फिर सुबह हो चुकी रहती है।


नर्स आकर बोलती है अरे डॉ सहाब आप यही सो गए मैंने बहुत से प्यार करने वाले लोगों को देखा है पर आप जैसा कोई नहीं देखा , आप तो बिना स्वार्थ के लिए यही पुरी जिंदगी बिता सकते हैं, हमारी शालू मैडम बहुत लकी है।


समीर हंस कर बोला मैं अभी फैश होकर आता हूं।


और फिर समीर फैश होकर सीधे कैंटिन जाकर चाय और ग्रिल बेड खा कर शालू के पास पहुंच गए और

फिर देखा शालू अपने उलझे हुए बालों को संवारने की कोशिश कर रही थी।


समीर ने कहा अरे बाबा शालू बाल टूट जाएंगे रूको मैं करता हूं।
समीर ने जाकर शालू के बालों को पकड़ कर धीरे धीरे कंघी करने लगे और शालू हंस पड़ी और बोली मेरा सोमू बाल भी बना देगा।


समीर ने कहा अरे इसमें हंसने वाली क्या बात है

तुम्हारे सोमू को क्या क्या आता है ये मुझे ही नही पता तो तुम्हें कैसे पता होगा।



शालू और समीर दिल खोलकर हंसने लगे। और फिर एक लम्बी वाली चोटी हो गई और समीर ने एक रबड़ बैंड लगा दिया।

शालू ने कहा थैंक यू।

समीर ने कहा ऐनी टाइम मैडम।



फिर समीर ने कहा शालू हमारी अनोखी शादी इस महीने की २६तारिख को होगा।


शालू बोली हां अब मैं भी दुल्हन बन जाऊंगी।
समीर ने कहा हां और ये न्यूज़ चैनल में भी आएगा।
शालू ने कहा क्या मैं तुम्हारे घर जा पाऊंगी?
समीर ने कहा, हां बाबा जाओगी मेरी जान।।

और फिर शालू ने कहा हां, मैं चाहती हूं कि ऐसा हो। कोई सपना ना हो जाए।

और फिर डॉ अन्दर पहुंच गए और बोले कि शालू के कुछ टेस्ट कराना होगा।।
समीर ने कहा हां ठीक है।

शालू ने कहा कि अब और सहन नहीं हो रहा है।

समीर मन में ही बोला हे भगवान शालू को सहने की शक्ति दो, मैं कभी कुछ नहीं मांगता हूं पर आज ये दुआ कर रहा हूं कि मेरी जिंदगी उसे दे दो।
फिर डॉ डिसुजा चले गए। समीर अन्दर पहुंच गए और देखा शालू के आंखो से आंसु बहते जा रहे थे।
समीर ने उसके आंसु को पोंछते हुए कहा कि तुम हिम्मत रखो मैं तुम्हारे साथ हुं।

फिर जैसे -जैसे दिन बितने लगा पर समीर एक पल के लिए भी शालू को अकेला नहीं छोड़ा क्योंकि उसे डर था कि कहीं शालू उसे फिर से रूसवा ना कर जाए। इसलिए वहां से हिला तक नहीं।


शालू ने पूछा डॉ सहाब को सिर्फ मेरी देखभाल करनी चाहिए क्या या फिर दूसरे मरीजों की भी?
समीर ने शायराना अंदाज में कहा "जान से बढ़कर तुम जान हो मेरी, तुम मानो या ना मानो मान हो मेरी, शुकून हो,दिल का करार हो, जुनून हो ,मेरा प्यार हो।।"


फिर समीर सिरियस होकर बोला शालू तुम चिन्ता मत करो मैंने वहां सबको इतनी अच्छी ट्रैनिंग दे रखा है कि कुछ दिक्कत नहीं होगी और फिर हम दोनों जल्दी वापस जा रहे हैं।।


शालू ने कहा इतना सपना मत दिखाओ क्या पता तुम्हें अकेले ही जाना पड़े।
समीर ने कहा कभी तो पोजेटिव सोचा करो।

देखा ना भगवान क्या चाहता है वो हमें मिलाना चाहता है वरना वो नर्स फेसबुक पर शेयर करती और मैं देख पाता।

दिल का रिश्ता है हमारा हम साथ जन्मों तक साथ रहेंगे यार।।



क्रमशः।