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रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 10

शनिवार की सुबह के 11:00 बज रहे थे, निलय अभी सो ही रहा था, कि अचानक उसके फोन बजने से उसकी नींद खुल जाती है।


"निलय फटाफट ऑफिस आ जा, जरूरी काम है", सामने से विकास बोला।


"क्या हुआ?", निलय ने पूछा।


"जरूरी काम हैं,ज्यादा सवाल ना कर", विकास ने जवाब दिया।


"ठीक है", इतना बोलते ही आराम से उठने के ख्वाबों के साथ सोया निलय ऑफिस की तरफ भागता है।


निलय ऑफिस पहुंचता है और अपने सामने अवनी को काम करते देखकर पूछता है, "तुम तो आज नहीं आने वाली थी ना?"


"हाँ, सोचा तो यही था पर फिर घर पर कुछ हो गया तो सोचा यहीं आ जाऊं" अवनी ने सामने से जवाब दिया।


"घर पे सब ठीक है?"


"हाँ, मतलब अगर बिना लाइट वाले घर में रहना ठीक चीजों में आता है तो सब ठीक है…. खैर मेरी छोड़ो तुम यहाँ कैसे?" अवनी ने पूछा।


"वो मैंने बुलाया है", विकास बोला, "आज मुझे कहीं जाना है, तो मैं जल्दी निकल जाऊंगा और अभय को तुमने 8:00 बजे ऑफिस बुला लिया था, तो मुझे नहीं लगता कि वो भी ज्यादा देर तक रुक पाएगा यहाँ, तो तुम्हारे साथ रुकने के लिए यही बकरा परफेक्ट है", विकास ने निलय और अवनी से बोला। "अरे मजाक कर रहा हुँ, बाबा, पर तुम अपना काम कर लो, निलय जब तक तुम्हें चाहिए, तब तक यही रुकेगा",अवनी जब विकास की बात पे नहीं हँसी तो विकास ने सफाई देते हुए बोला।


"हाँ बिल्कुल", निलय ने विकास की हाँ में हाँ मिलते हुए जवाब दिया और अपने काम में लग गया।


"क्या लगता है, निलय कुछ बोल पाएगा?", अभय विकास से बहुत ही धीरे से पूछता है।


"हमको थैंक्यू बोलेगा, इतना बड़ा चांस दिया है ना उसे", विकास भी खुसर पुसर का जवाब खुसर पुसर से देता हुआ बोला।


"मुझे नहीं लगता कि उससे कुछ होगा, खुद उसे भी कुछ पता होगा तो ना, कुछ बोलेगा", अभय अपना पक्ष रखता हैं और यूँ ही खुसर पुसर करते हुए वो दोनों वहाँ से निकल जाते है।


वहीं बहुत देर से कमरे में बैठा हुआ निलय अवनी से बात करने की बेचैनी में बाहर आता है तो देखता है कि वो लैपटॉप को थोड़ा साइड करके, टेबल पर सर रख कर सो रही है,अपने खडूस बॉस वाले अंदाज़ में अवनी को सोता हुआ देखकर भी, निलय को उस पर गुस्सा नहीं आ रहा था, बल्कि कुछ अलग सा सुकून मिल रहा था, ना जाने क्यों वो उसके पास बैठ गया और उसे देखने लगा और पता नहीं क्या सोच कर उसके बालों का क्लचर हटाकर नीचे रख दिया, और वो अपने हाथ शायद उसके चेहरे पर रखने वाला था जब उसे समझ आया, की ये सही नहीं है और वो वापस अपने कमरे की तरफ चल दिया।


अवनी का फोन बज रहा था, जब उसकी नींद खुली, फोन उसके घर से था।


"कब आओगी?" सामने से आवाज़ आई।


"बस थोड़ी देर में निकल रही हुँ", ये बोलकर उसने फोन रखा तो देखा, उसकी टेबल पर एक पेपर में रैअप एक सैंडविच पड़ा था, और उस पेपर पर लिखा था तुम्हारी वो नींद की बाद वाली स्पेशल भूख के लिए।

यह पढ़कर अवनी मुस्कुरा दी और थैंक्यू बोलने के लिए निलय के कमरे की तरफ बड़ी, तो देखा निलय पूरी तरह से अपने काम में लगा हुआ था। वेसे चाहे कितनी भी लड़ाई होती हो इन दोनों की पर अवनी निलय के काम और समझ कि हमेशा से बहुत इज्जत करती थी। पर आज उस कांच के दरवाजे के पार निलय को काम करता हुआ देख, अवनी को कुछ अलग ही महसूस हो रहा था, उसका दिल अचानक से जैसे बहुत तेज़ी से चल रहा रहा हो।


इससे पहले की वो कुछ समझ पाती की क्या हो रहा है, निलय ने इशारा किया और उसे अंदर बुलाया।

"येस सर, गोट योर प्वाइंट, ओके थैंक्स", यह कहकर निलय ने फोन रख दिया।


"यार इन्वेस्टर का फोन था, वो कह रहा था कि इसमें कुछ नया नहीं है, निअव जैसे लर्निंग प्लेटफॉर्म आजकल रोज बनते हैं, मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं मैं??" निलय की इतने बोलने की देर थी, कि दोनों सब थैंक यू वगैरह भूल कर अपने कामों में लग गए, कि वह क्या डिजाइन करें, क्या नहीं और उनकी आइडियाज की डिस्कशन इतनी लंबे चली, की जब तक दोनों एक सहमति पर आए तब तक इतनी देर हो गई थी, की निलय को अवनी को घर छोड़ने जाना पड़ा।