Jindagi ke Pal - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

जिन्दगी के पल - 2

थोड़ी देर पढ़ाई करने के बाद में खिड़की के बाहर का नजारा देख रही थी। श्याम का वक्त था तो सभी पंछी अपने अपने घोसालो की और जा रहे थे । ठंडी हवा के साथ साथ खेतो की मिट्टी की भी खुशबू आ रही थी, उसी वक्त मेरे दिमाग मै आया बाहर घूम आ जाऊं । में निकलने लगीं तभी फोन मै नोटिफिकेशन आया देखा तो कुनाल का मैसेज था । Hi क्या कर रही हो मैंने तुम्हे डिस्टर्ब तो नहीं किया ना ? मैंने कहा नहीं नहीं बोलो क्या काम था जो मेरी याद आ गई । उसने कहा याद तो आई तुम्हारी मुझे पर तुम्हे नहीं आई न मेरी याद एक भी मेसेज नहीं तुम्हारा मुझे। मैंने कहा हां जरा पढ़ाई कर रही थी और सो भी गई थी, और तुम बोलो क्या कर रहे हो। उसने कहा कुछ नहीं अभी अभी मै मेरे फ्लैट मै आया हूं, फ्रेश हो कर तुम्हीं को मैसेज किया । मैंने कहा अच्छा तुम घर नहीं जाते क्या छुट्टी नहीं मिलती होगी तुम्हे, मुंबई से दूर होगा न घर। उसने कहा हा पर मै कभी कभी बीच में ज्याता हूं २-३ तारीख को चला जाऊंगा । मैंने कहा ठीक है तुम कहीं घूमने नहीं जाते क्या । उसने कहा जाता हूं ना सुबह की शिफ्ट होती है जॉब की तो रात को सिनेमा देखने हम सब दोस्त चले जाते है। मैंने कहा मुझे तो श्याम ७ बजे के बाद कहीं घूमने नहीं जाने देते में हॉस्टल में रहती हूं ना इसी कारण । कुनाल ने कुछ दबक्ते हुवे मुझसे पूछा बुरा मत मानना पर एक बात पूछ सकता हूं क्या? मैंने कहा हा पूछो ना । उसने कहा तुम्हारा कोई ब्वॉय्रेंड् हैं क्या ? मैंने उससे कहा जी नहीं मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है, पर क्यों क्या हुआ तुमने ऎसा अचानक से पूछा । उसने कहा बस ऎसेही बाते करने के लिए कुछ न कुछ पूछना जवाब देना जरूरी है ना वरना तुम तो बाय बोल के मुझे भगा दोगी।
मैंने स्माइल वाली इमोजी भेजते हुआ कहा अरे वा तुम तो मुझे बहुत जानने लगे हो । उसने जवाब दिया हा तुम्हारी मासूमियत की वजह से तुम्हे अच्छी तरह जानने लगा हूं। मैंने कहा अच्छा जी मै तुम्हे मासूम दिख रही हूं ये तुम्हे लगता है पर मैं शैतान हूं बहोत। कुनाल ने कहा तुम ऎसिही रहना कभी बदल ना मत। मैंने कहा ठीक है जरा अपने फोन मै कितने बजे है देखी रात के डेढ़ बजे है अब मुझे सोने दो और तुम भी सो जाओ । उसने कहा ठीक है गुड नाईट स्वीट ड्रीम्स डियर। मैंने भी गुड नाईट कहा और फोन का नेट बंद करके कुछ सोचने लगी , खुदसे बाते कर रही थी मैं मन में कुनाल अच्छा लगने लगा था मुझे । पर में उसे मेरे अतीत के वजह से दिल मै नहीं बसना चाहतीं थीं, हा मेरा अतीत मेरा एक बॉयफ्रेंड था मै उसपे अपनी जान छिड़कती थी सर्वती दौर पर वी भी मुजपे जान छिड़कता था । कहते है बा प्यार बस सुरवती दौर मै ही अच्छा रहता हैं बाद में अपना रंग रूप बदलने लगता है।
कुछ दिनों बाद उसके तेवर बदल चुके थे , बिना वजह मूजपे गुस्सा दिखता दर्द पोहोचाता पर में सब सह लेती और उसे प्यार से समझाती । भिर भी वो वैसा ही करता बाद में तो हमारे विचारों में भी अंतर आने लगा , वो बोलता ऎसे कपड़े मत पहनो किसी लड़के से दोस्ती मत रखो मुझे पसंद नहीं। मैंने प्यार मै ये भी मान लिया, पर कई दिनों बाद उसने मुझे न्यूड पिक्स भेजने को कहे मैंने उसे साफ नहीं कहा तो वो बोला मुझसे प्यार करती नहीं तुम इसिए नहीं बोल रही हो। मुझे बहोट घुसा आया उसके इस व्यवहार से फिर मैंने उसे समझाया तभी उसे मेरी एक न सुनी । कुछ दिनों बाद फिरसे वहीं सब चालू कर दिया है पल मुझे दर्द देता रहा , कभी शराब तो कभी सिगरेट। मुझे उसका येसे पेश आना पसंद नहीं आया । मैंने उसे कहा ये सब करना बंद करदे वरना मै तुम्हारी जिन्दगी से हमेश्या केलिए चली जाऊंगी, उस वक्त उसने वादा किया मै येंसा नहीं करूंगा । मैंने उसपे यकीन किया कुछ दिनों बाद उसने वहीं सब करना चालू कर दिया, उसी पल मैंने फैसला ले लिया मै अब इसके साथ नहीं रहुनी। मैंने उसको हमेश्याकेलिए छोड़ दिया।
कहीं दिनों मै उसकी यादों से खुदको आजाद नहीं कर पा रही थी, हमने एकसाथ बिताए प्यार भरे पल हामेश्या याद आते थे। ये सब सोचते कब आख लग गई पता नहीं चला । सुबह हो गई फोन ओपन किया तो कुनाल का मैसेज स्क्रीन पर दिखा, Hi गुड मॉर्निंग डियर । मैंने उसका जवाब दिया वेरी गुड मॉर्निंग कुनाल, मै तुमसे बाद मै बात करती हूं सब कुछ तायरी करके ओके बाय।उसने भी कहा ओके बाय मै इंतजार करूंगा तुम्हारे मैसेज का ।