Wo Ankahi Baate - 31 books and stories free download online pdf in Hindi

वो अनकही बातें - 31

घर पहुंच कर समीर ने कहा देखो अपना ख्याल रखा करो एक बार बेबी आ जाएं तो फिर अपनी रूटिन में आ जाना।
शालू ने कहा सोमू मुझे बहुत डर लग रहा है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। समीर ने कहा अरे बाबा तुम्हें और डर तुम तो डर को भगाया करती थी और फिर तुमसे सब डरते हैं मेरी जान। शालू ने कहा मैं मजाक के मूड में नहीं हुं ओके। समीर ने कहा अच्छा ठीक है कुछ करता हूं सुनो तुम कोई मेडीटेशन क्लास ज्वाइन कर लो। मेरा एक दोस्त है उसकी वाइफ रीना जाती है। शालू ने कहा हां ठीक है पता करके मुझे बताओ।

समीर बाहर निकल आए और फिर वहां से अस्पताल पहुंच कर ही सबसे पहले राहुल को फोन करके सारी बात बताई और कहा कि शालू को भी क्लास करवाना है।सारी बात हो गई और सन्डे से क्लास जाना होगा।
समीर अपने सारे पेशेन्ट्स को देखने के बाद फिर देर से घर पहुंच गए। शालू ने कहा आज एक बार भी फोन नहीं किया। समीर ने कहा कि हां आज दादर में ओटी था।
शालू ने कहा अच्छा ठीक है चलो फेश् होकर आ जाओ खाना खाते हैं। समीर ने कहा हां ठीक है।
फिर दोनों मिलकर खाना खाने लगे। शालू ने पूछा क्या हुआ मेरे क्लास का। समीर ने कहा हां सब बात हो गई है सन्डे से ७बजे जाना होगा। शालू ने कहा ओके सुबह को। समीर ने कहा हां एक घंटे। शालू ने कहा हां ठीक है। फिर दोनों बात करते हुए ख़ाना खाने लगे।
फिर दूसरे दिन सुबह शालू का क्लास शुरू हो गया समीर ही उसे छोड़ कर आता और फिर वापस लेने जाता था। इसी तरह एक महीने बीत गए थे शालू को अब पोजीटिव बातें अच्छी लगती थी और इन सब पर वो काफी चर्चा भी करती रहती थी। फिर डाक्टर नीरजा के पास रुटिन चेकिंग के लिए गए। और इस बार शालू का बीपी भी नार्मल था। डाक्टर भी बहुत खुश थी। इसी तरह शालू का छः महीने पुरे हो चुके थे।
एक रात को करीब एक बजे शालू का स्वीट माउथ होने लगा और वो सोमू को उठाने लगी सोमू उठो ना। समीर ने कहा अब क्या हुआ यार अभी तो बहुत टाइम है। शालू ने कहा मुझे चाकलेट बाऊनी आईसक्रीम चाहिए। समीर ने कहा अरे मर गए। शालू ने कहा नहीं ना मुझे चाहिए बस। समीर आंखें मलते हुए उठा और फिर बोला कि रात के दो बजे तुमको आइसक्रीम खाना है। शालू ने कहा हां बाबा। समीर ने कहा अच्छा ठीक है देखता हूं फ्रीज़र में होगा। शालू ने कहा नहीं है बाबा। मैंने वो दोपहर में खा लिया । समीर ने कहा ओह मरवाओगी तुम।
शालू ने कहा मुझे चाहिए तो चाहिए ही। समीर ने कहा ओके बाबा जाता हूं। फिर समीर गाड़ी लेकर निकल गया और फिर काफी देर तक ढुढने के बाद उसे एक आइसक्रीम पार्लर खुला हुआ नजर आ गया। और फिर जल्दी जल्दी बहुत सारे आइसक्रीम लेकर घर पहुंच गए चाकलेट ब्राउनी का डिब्बा लेकर बाकी सारे आइसक्रीम को फ्रीजर में रख कर ऊपर बेडरूम में पहुंचा। शालू ने कहा मिला क्या जल्दी दो। समीर ने डिब्बा आगे बढ़ाया और फिर जो नज़ारा देखने लायक था शालू एक मासूम सी बच्ची की तरह आइसक्रीम बड़े चाव से खा रहीं थी जैसे आइसक्रीम पहली बार का रही हो समीर ये सब सोच रहा था और फिर चुपके से उसने विडियो बनाना शुरू कर दिया।
शालू बिना रुके खाएं जा रही थी। समीर ने कहा अरे मुझे नहीं खिलाओगी क्या? शालू ने एक स्पून देते हुए कहा हां सोमू लो ना। समीर भी मुस्करा कर खाने लगे। फिर शालू पुरा आइसक्रीम खा कर सो गई। समीर उसे निहारने लगा और फिर सोचा कि कितना सुन्दर एक मां और बच्चे का एहसास।वो अनकही बातें।। फिर खुद भी सो गया।

अब धीरे धीरे शालू का वजन बढ़ने लगा था। शालू ने कहा ओह माई गॉड मैं मोटी हो रही हुं क्या?

समीर ने कहा हां वो तो होगी ही। शालू ने कहा याद है मुझे कालेज में कहा करते थे कि जिससे मेरी शादी होगी वो अगर शादी के बाद मोटी हो गई तो उसे मैं छोड़ दुंगा। समीर ने कहा हां याद है पर वो मेरा बचपना था यार। मैं तुम्हें कभी छोड़ सकता हूं क्या?चाहे मोटी कितनी भी हो जाओ पर मैं तुम्हें नहीं छोड़ सकता हूं। शालू ने गले से लगा लिया और फिर बोली थैंक्यू जान। समीर ने कहा देखो ज्यादा सोचो मत सब ठीक है। चलो मैं निकलता हूं। शालू ने कहा ओके। फिर शालू धीरे धीरे टहलने लगीं।
अस्पताल में बैठ कर समीर ने अपनी पुरानी डायरी निकाल लिया और फिर देख कर बोला सातवें महीने में एक गोद भराई की रस्म पूरी करनी होगी। फिर समीर ने विकास को फोन किया और बहुत देर तक बात चीत करने लगे।
शाम को समीर घर आ कर बैठ गया और फिर बोला विनय काका नाश्ता कराओ।
विनय काका ने जल्दी से नाश्ता दिया।
फिर समीर ऊपर बेडरूम में पहुंचा तो देखा कि शालू मेडिटेशन कर रही है। समीर धीरे धीरे बाथरूम में घुस गया। कुछ देर बाद बाहर निकल आया और फिर बोला और कैसा रहा? शालू ने कहा हां ठीक था। समीर ने कहा हां अगले महीने तुम्हारा गोद भराई की रस्म है। शालू बहुत खुश हो गई और बोली अरे सोमू तुमको सब कुछ याद है। समीर ने कहा हां बाबा। मुझे बहुत सारा शापिंग भी करना है। आज कल बेबी शावर बहुत ही टेंडर है। शालू ने कहा हां ठीक है।सारी लेडिज को बुलाया जाता है ना? शालू ने कहा हां।नायरा को बोलती हुं। शालू ने नायरा को फोन पर बताया।नायरा बहुत खुश हो गई। फिर इसी तरह समीर धीरे धीरे बहुत सारी शापिंग करने लगे। और फिर गोद भराई की रस्म का दिन भी आ गया।

चारों तरफ फुलों से सज रहा था। शालू बहुत ही खुश थी। तरह-तरह के पकवान बनाए जा रहे थे। कहते हैं कि होने वाली मां को सबकुछ खिलाया जाता है।
समीर भी सुबह से सब काम करवा रहे थे। विकास भी आ गया था।

कार्यक्रम दोपहर को था। फिर धीरे धीरे सारी औरतें आने लगी थी नायरा भी अपनी बहुत सारे दोस्तों के साथ आ गई थी।
शालू को पार्लर वाली आ कर सजा रही थी। शालू एक दम एक महारानी लग रही थी उसने एक लाल रंग की साड़ी पहनी थी जो कि सोमू लाए थे।
गाना बजाना सब हो रहा था लग नहीं रहा था कि शालू के घर कोई बड़े बुजुर्ग नहीं थे।
काफी शोर गुल हो रहा था। शालू की सहेली सब नाच रही थी।
फिर शालू को एक सुंदर से सजे कुर्सी पर बैठने को कहा गया। सबसे पहले समीर ने जाकर शालू को आशीर्वाद दिया और कान में कुछ कहा। रस्मों के अनुसार। और फिर एक गिफ्ट दें कर अभिवादन किया। शालू ने कहा थैंक यू डियर। फिर एक एक करके पड़ोसी आंटियों ने शालू को कान में कुछ कहा और गिफ्ट्स देकर अभिवादन किया।
नायरा और उसकी कुछ सहेलियों ने भी वही रस्म किया।
शालू मुस्कुराई जा रही थी।
फिर काफी देर तक ये रस्में हुआं और फिर महेमानो को खाना खाने के लिए बोला गया।सारी तैयारी गार्डन में हुआ था। पुरा गार्डन टेन्ट से सजा था। सभी मेहमान वहां जाकर बैठ गए। समीर ने कहा शालू को बैठ कर खाना खाना और खिलाना पसंद है तो इसलिए ये सब।
सब देखें रहे थे। फिर सभी बहुत ही चाव से खाते हुए बात करने लगे। उधर शालू भी थक गई थी तो विनय काका ने उसे खाना दे दिया। शालू भी खाने लगीं। उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था। फिर धीरे धीरे खाना खाने के बाद निकलते गए। समीर और विकास की फैमिली भी खाना खाने बैठ गए।
समीर ने कहा थैंक गॉड सब कुछ ठीक से हो गया। विकास ने कहा हां बहुत ही अच्छे से हो गया। समीर ने कहा यार खाना बहुत बच गए और फिर विकास तू भी लेकर जा।
विकास ने कहा ओह, ओके।
फिर खाना खा कर सभी सो गए।

इसी तरह शालू का सातवां महीने भी पुरे हो चुके थे। समीर ने कहा शालू अब तुम्हें बहुत ही केयरफुल रहना होगा क्योंकि इस समय सबसे ज्यादा फिलिंग होता है बेबी के मुवमेनट का किक का । मैंने जो विडियो सीडी लाया था वो देखा । शालू ने कहा हां कल देखा था और मुझे हर एक पल अहसास होता है जैसे तुम्हारे साथ बिताए हर पल का एहसास है वैसे ही मेरे बेबी का भी है जान। तुमने जो मुझे दिया है वो शायद बड़ी शिद्दत से मिलता है। समीर ने कहा हां ठीक है जान अब थोड़ा टहल लो और इस महीने के लस्ट में एक सोनोग्राफी है तुम्हारी। शालू ने कहा हां ठीक है। मुझे बहुत घबराहट होती है कि सब नार्मल होगा। समीर ने कहा हां बाबा सब ठीक हो जाएगा।
अच्छा मैं चलता हूं कोई जरूरत हो तो फोन करना। शालू ने कहा अरे गोद भराई वाली गिफ्ट देखा नहीं। समीर ने कहा हां शाम को देखते हैं। शालू ने कहा ओके। फिर विनय काका ने आलू का पराठा और सब्जी देकर गए। शालू वो विडियो देखते हुए आलू का पराठा खाने लगी।
समीर ने ज्यादा ऊपर नीचे करने से मना किया है इस लिए विनय काका शालू का लंच ऊपर बेडरूम में लेकर आ गए। शालू ने कहा काका आप कितना कर रहे हैं मेरे लिए जैसे कि आप मेरे मां हो।शायद किसी जन्म का रिश्ता है। विनय काका बोले बिटिया तू और समीर बाबा मेरे सन्तान तूलय हो।लो जल्दी से खा कर सो जाओ। शालू ने कहा हां ठीक है। फिर कुछ देर बाद शालू खाना खाने लगीं। फिर रोज की तरह सोमू का फोन आया। कुछ देर तक बात चीत हो गई फिर शालू को नींद आने लगी और फिर वो सो‌ गई।
शाम को समीर आ गया और फिर चाय नाश्ता करने के बाद सारा गिफ्ट लेकर बेडरूम में पहुंचा ‌। शालू ने कहा सोमू आ गए मैं बोर हो रही थी। समीर ने कहा हां ठीक है कोई बात नहीं। चलो एक एक करके गिफ्ट खोलो। शालू ने कहा हां चलो फिर शालू ने एक एक करके गिफ्ट खोलने लगी। सब ने बहुत ही खूबसूरत सामान दिया था सब काम की चीजें। जैसे नाईटी, बच्चों का सारा सामान, कुछ डेकोरेटिव आइटम्स भी थे कुछ बच्चों के फोटो भी थे। समीर ने सब डेकोरेटिव आइटम्स को सजा दिया। बाकी अलमारी में रख दिया। शालू बहुत खुश हो गई।
फिर दोनों ने मिलकर डिनर किया। और फिर शालू और सोने लगे। शालू ने कहा, समीर आजकल मुझे तुम प्यार नहीं करते हो कैसे दूर होते जा रहे हो। समीर ने कहा अरे बाबा ऐसा नहीं है अभी हमारे बीच दूरी ही सही है क्योंकि बेबी आने वाली है ना। शालू ने कहा हां ठीक है समझती हुं। समीर ने कहा अच्छा कोई नाम सोचा है क्या? शालू ने कहा नहीं तो। समीर ने कहा मैंने सोचा है अगर लड़की हुई तो समीरा। और अगर लड़का हुआ तो सुहेल।कहो कैसा लगा। अरे सो गई क्या। समीर ने कहा अच्छा हुआ सो गई वरना अभी पीछे पड़ जाती और फिर पता नहीं मैं खुद को कैसे सम्हालता। कहते हुए समीर भी सो गया। फिर इसी तरह से महीने का आखिरी दिन भी आ गया और फिर शालू जल्दी से तैयार हो गई और फिर दोनों सारे रिपोर्ट के साथ डाक्टर नीरजा के चेंबर पहुंच गए। सबसे पहले शालू का सोनोग्राफी करवाने के लिए भेजा गया।
समीर भी अन्दर पहुंच गए थे और सब डाक्टर से परामर्श करने लगे। समीर ने अपने अंश को देखा और उसकी आंखें भर आईं। फिर डाक्टर नीरजा के चेंबर पहुंच गए। कुछ देर बाद डाक्टर नीरजा आ गई।
नीरजा ने कहा और शालू अब बस दो महीने ही है मैं जो जो बात बोल रही हुं उसे ही फोलो करना। शालू ने कहा हां ठीक है। नीरजा ने कहा कि आपरेशन ही होगा ओके। बेबी काफी हेल्दी है इसलिए। शालू ने कहा ओके डाक्टर। समीर ने कहा और सब कुछ ठीक है ना। नीरजा ने कहा हां जिसे तुम्हारे जैसा पति मिलेगा उसे भला क्या होगा। शालू ने कहा थैंक गॉड। समीर ने कहा और मेडीसीन। नीरजा ने कहा नहीं अब और दवा नहीं खानी है ओके।जब भी कोई दर्द हो तो तुरंत आ जाओगी। शालू ने कहा हां ठीक है।
फिर दोनों खुश हो गए और फिर बाहर निकल आए। शालू ने कहा आज मंदिर चलें। समीर ने कहा हां ज़रूर महादेव की पूजा करें। फिर दोनों एक मंदिर में जाकर कुछ देर बैठ कर पुजा अर्चना किया और फिर घर वापस आ गए। समीर ने कहा अब मैं चलता हूं अपना ख्याल रखना। शालू ने कहा हां ठीक है। फिर शालू कुछ देर तक मेडिटेशन किया और फिर जूस पीने लगीं और फिर आराम करने लगी।
इसी तरह शालू का नौ महीना भी शुरू हो गया। समीर ने कहा अब कभी भी आ सकती है। ओके मैं कुछ दिनों तक घर में ही रह जाता हूं। शालू ने कहा हां सोमू मुझे तुम्हारी जरूरत है जान। समीर ने कहा हां इसीलिए जान हाजिर है।
फिर समीर अब पुरी तरह से शालू का ख्याल रखने लगा।
हर एक चीज उसे मुंह तक पहुंचा देता था। शालू ने कहा सोमू तुम मेरी आदत बिगाड़ रहे हो। समीर ने कहा हां ठीक है जब तक बेबी नहीं आ जाता मै ये सब कर रहा हूं। चलो अब जल्दी से खाना खा लो। मुझे तुम्हारा वज़न चेक करना होगा। शालू ने कहा ओह माई गॉड सोमू। फिर दोनों खाना खाने लगे और फिर समीर ने थोड़ा सा शालू को टहलने को कहा। और फिर उसके बाद शालू का वजन चेक किया।सब कुछ ठीक था। शालू थोड़ा सा डर गई थी। दोपहर होते-होते शालू की तबीयत ठीक नहीं लग रही थी। समीर ने कहा कि चलो डाक्टर नीरजा के नर्सिंग होम में चले। फिर समीर ने शालू का बैग रेडी कर लिया था। फिर दोनों एक साथ निकल गए। कुछ देर बाद ही नर्सिंग होम पहुंच गए। समीर ने पहले काउंटर पर फार्म भर दिया और फिर शालू को तुरंत एडमिड कर लिया। कुछ देर बाद ही डाक्टर नीरजा आ गई और वो शालू का चेकअप किया और फिर बोली कि अब जल्दी से आपरेशन करना होगा। डाक्टर समीर आप एक दम सही समय पर लेकर आ गए। शालू एक दम से चौंक गई और फिर बोली सोमू तुम भी चलो। समीर ने कहा ओके तुम शान्त हो जाओ।

फिर नीरजा ने ओ पी डी रेडी करने को कहा।


कमश: